साल के अंत में : वायु प्रदूषण के खिलाफ 1996 से शुरु हुई जंग 2025 में रही जारी

सिर्फ राजधानी दिल्ली ही नहीं, बल्कि ग्रामीण भारत भी वायु प्रदूषण की चपेट में है। गंगा के मैदानी भाग इसके सबसे बड़ा भुक्तभोगी है। यहां सालभर वायु प्रदूषण संबंधी प्रमुख रिपोर्ट्स का संकलन है...
दुनिया भर में स्ट्रोक या आघात लगने से और उससे संबंधित मौतों की घटनाएं काफी बढ़ रही हैं, जिसके लिए वायु प्रदूषण, अधिक तापमान और उच्च रक्तचाप तथा शारीरिक निष्क्रियता जैसे चयापचय संबंधी खतरे जिम्मेवार हैं।
दुनिया भर में स्ट्रोक या आघात लगने से और उससे संबंधित मौतों की घटनाएं काफी बढ़ रही हैं, जिसके लिए वायु प्रदूषण, अधिक तापमान और उच्च रक्तचाप तथा शारीरिक निष्क्रियता जैसे चयापचय संबंधी खतरे जिम्मेवार हैं।फोटो साभार: आईस्टॉक
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भारत में वायु प्रदूषण अब सिर्फ शहरों की समस्या नहीं रह गया है, बल्कि यह ग्रामीण क्षेत्रों और बच्चों के स्वास्थ्य तक को गंभीर रूप से प्रभावित कर रहा है। दिल्ली और अन्य मेट्रो शहरों में प्रदूषण के स्तर लगातार बढ़ रहे हैं, जिससे सांस की बीमारियों, दिमागी विकास में बाधा और जीवन प्रत्याशा पर गंभीर असर पड़ रहा है।

1. 2025 की शुरुआत प्रदूषण के साथ: सिर्फ 5% शहरों की हवा स्वच्छ

सारांश: 2025 की शुरुआत में केवल 5% शहरों की हवा स्वच्छ रही। 57 शहरों में स्थिति गंभीर है। दिल्ली और उत्तरी भारत में प्रदूषण सबसे ज्यादा।

2. दिल्ली में लगातार दूसरे साल बढ़ा पीएम2.5 स्तर

सारांश: दिल्ली में PM2.5 का स्तर लगातार दूसरे साल बढ़ा। यह स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा है। वाहनों और औद्योगिक उत्सर्जन ने इसे बढ़ाया।

3. बर्निहट में एक्यूआई फिर 400 पार, 69 शहरों में स्थिति चिंताजनक

सारांश: बर्निहट और 69 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 400 पार कर गया। यह खतरनाक स्तर माना जाता है। दिल्ली सहित कई शहरों में स्वास्थ्य पर गंभीर असर।

4. नई सरकार, पुराने आशा: क्या दिल्ली की हवा सुधरेगी?

सारांश: नई सरकार के बावजूद दिल्ली में सुधार सीमित रहा। एक्यूआई 152 रिकॉर्ड किया गया। नागरिकों और नीतियों को मिलकर काम करना होगा।

5. एनजीटी ने दिल्ली में भारी धातुओं की उपस्थिति पर रिपोर्ट मांगी

सारांश: दिल्ली की हवा में भारी धातुओं की जांच की मांग। ये धातुएं स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हैं। प्रदूषण स्रोतों की पहचान जरूरी।

6. वायु प्रदूषण दिमाग पर बुरा असर डाल रहा है

सारांश: प्रदूषण मस्तिष्क पर नकारात्मक प्रभाव डाल रहा है। रोज़मर्रा के काम कठिन हो रहे हैं। लंबे समय तक मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर पड़ता है।

7. शीतकाल में 73% शहरों में पीएम 2.5 मानक से ऊपर

सारांश: शीतकाल में अधिकांश शहरों में प्रदूषण स्तर उच्च रहा। स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा। जलाने और औद्योगिक धुएँ इसके मुख्य कारण।

8. सर्दियों में भारतीय मेट्रो शहर प्रदूषण से घिरे

सारांश: दिल्ली सहित मेट्रो शहरों में हवा लगातार प्रदूषित रही। एक भी दिन स्वच्छ हवा नहीं रही। इससे सांस की बीमारियाँ बढ़ रही हैं।

9. एनजीटी ने देश में ओजोन प्रदूषण पर ध्यान दिया

सारांश: एनजीटी ने ओजोन प्रदूषण की गंभीरता देखी। CSE ने पहले ही चेतावनी दी थी। यह स्वास्थ्य और कृषि दोनों के लिए नुकसानदायक है।

10. प्रदूषण और गर्मी का मिश्रण जानलेवा

सारांश: वायु प्रदूषण और अत्यधिक गर्मी जीवन के लिए खतरा। हृदय और फेफड़ों पर दबाव बढ़ रहा है। कमजोर और बुजुर्ग सबसे ज्यादा प्रभावित।

11. बचपन में प्रदूषण मस्तिष्क विकास को कमजोर करता है

सारांश: बचपन में प्रदूषण मस्तिष्क कनेक्टिविटी को कमजोर करता है। सीखने और सोचने की क्षमता प्रभावित होती है। लंबे समय तक स्वास्थ्य जोखिम बढ़ते हैं।

12. भारत के 71% कोयला पावर प्लांट उत्सर्जन मानकों को नहीं मानते

सारांश: भारत के अधिकांश कोयला बिजली संयंत्र नियमों का पालन नहीं करते। ये दस गुना अधिक प्रदूषण उत्सर्जित कर रहे हैं। इससे वायु गुणवत्ता और स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ता है।

13. 90% भारतीय शहरों ने 2025 में प्रदूषण सीमा पार कर ली

सारांश: अधिकांश भारतीय शहर पूरे साल की प्रदूषण सीमा पार कर चुके हैं। यह गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या है। प्रदूषण नियंत्रण में और तेज़ कार्रवाई की जरूरत है।

14. भारत में लोग कैसे चलते हैं: 23% पैदल काम पर जाते हैं

सारांश: 23% लोग रोज़ काम पर पैदल जाते हैं। यह प्रदूषण कम करने में मदद करता है। हालाँकि, सुरक्षा और सड़क बुनियादी ढांचे में सुधार की जरूरत है।

15. भारत में लोग पैदल, बस या साइकिल से कैसे चलते हैं

सारांश: हर राज्य में लोगों की आवाजाही के तरीके अलग हैं। सार्वजनिक परिवहन और साइकिल उपयोग बढ़ाने से प्रदूषण कम हो सकता है।

16. वायु प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई: CSE ने शहरों में उठाए कदमों का रिव्यू किया

सारांश: CSE ने शहरों में प्रदूषण नियंत्रण के उपायों की समीक्षा की। कुछ प्रयास सफल रहे, पर कई में कमी रही। और प्रभावी रणनीतियों की जरूरत है।

18. भारत में इलेक्ट्रिक वाहन: निजी वाहन बढ़ाने के बजाय क्या करें?

सारांश: निजी इलेक्ट्रिक वाहन बढ़ाने से प्रदूषण कम हो सकता है। लेकिन सार्वजनिक परिवहन और साझा ई-वाहनों को प्राथमिकता देना ज्यादा प्रभावी होगा।

19. अध्ययन: वायु प्रदूषण और खराब जन्म परिणामों के बीच मजबूत संबंध

सारांश: वायु प्रदूषण गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। जन्म के समय कम वजन और स्वास्थ्य जोखिम बढ़ जाते हैं।

20. पराली जलाने पर काबू: किसान और पर्यावरण समाधान क्यों नजरअंदाज?

सारांश: पराली जलाने से भारी प्रदूषण होता है। पर्यावरण और किसान-मित्र समाधान मौजूद हैं लेकिन उन्हें अपनाया नहीं जा रहा। नीति सुधार की आवश्यकता है।

21. वायु प्रदूषण ने लाल किला की दीवारों को काला कर दिया

सारांश: प्रदूषण के कारण लाल किला की दीवारें काली पड़ रही हैं। ऐतिहासिक धरोहरों पर भी प्रदूषण का असर। संरक्षण और प्रदूषण नियंत्रण जरूरी।

22. सांसों का आपातकाल: वायु प्रदूषण गर्भ से शुरू

सारांश: प्रदूषण गर्भस्थ शिशु को भी प्रभावित करता है। प्रारंभिक जीवन में स्वास्थ्य जोखिम बढ़ते हैं। इससे शिशु विकास पर गंभीर असर पड़ता है।

23. सांसों का आपातकाल: पिछले 10 साल में 38 लाख भारतीयों की मौत

सारांश: पिछले 10 साल में वायु प्रदूषण के कारण 38 लाख मौतें हुईं। यह स्वास्थ्य और जीवन प्रत्याशा के लिए गंभीर समस्या है।

24. ग्रामीण भारत में वायु प्रदूषण जीवन प्रत्याशा घटा रहा है

सारांश: ग्रामीण क्षेत्रों में भी वायु प्रदूषण बढ़ रहा है। जीवन प्रत्याशा घट रही है। स्वास्थ्य सेवाओं और नीतियों की सुधार जरूरी।

25. गंगा नदी बेसिन में काला कार्बन और प्रदूषण बढ़ रहा

सारांश: गंगा बेसिन में काला कार्बन और गर्मी बढ़ रहे हैं। प्रदूषण जलवायु और स्थानीय स्वास्थ्य दोनों पर असर डाल रहा है। नियंत्रण जरूरी।

26. गंगा के किनारे रहने वाले बच्चों में श्वसन रोग बढ़ रहे

सारांश: गंगा के किनारे रहने वाले बच्चे श्वसन रोगों से पीड़ित हैं। प्रदूषण उनके स्वास्थ्य को गंभीर रूप से प्रभावित कर रहा है।

27. पर्यावरण प्रभाव आकलन कानून वायु प्रदूषण के खिलाफ न्याय दिला सकते हैं

सारांश: पर्यावरण प्रभाव आकलन (EIA) कानून प्रदूषण के खिलाफ कार्रवाई में मदद कर सकता है। इससे न्याय और संरक्षण सुनिश्चित होगा।

28. 1996 में दिल्ली का वायु प्रदूषण: CSE की रिपोर्ट

सारांश: 1996 में CSE ने दिल्ली के प्रदूषण का खुलासा किया। रिपोर्ट ने सरकार की धीमी प्रतिक्रिया उजागर की।

30. सुप्रीम कोर्ट का आदेश जिसने दिल्ली की हवा बदल दी

सारांश: सुप्रीम कोर्ट के आदेश ने दिल्ली में प्रदूषण नियंत्रण में मदद की। वाहन और उद्योगों पर कड़े नियम लागू हुए।

31. संसद में सरकार के पास वायु प्रदूषण से होने वाली मौतों का डेटा नहीं

सारांश: संसद में खुलासा हुआ कि सरकार के पास प्रदूषण से मौतों का डेटा नहीं है। स्वास्थ्य नीति बनाने में यह बड़ी बाधा है।

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