नई सरकार, पुरानी उम्मीदें, क्या सुधरेगी दिल्ली की हवा, 152 दर्ज किया गया एक्यूआई

दिल्ली में सत्ता के गलियारों में आते बदलावों के साथ जनता की उम्मीदें बढ़ गई हैं। उम्मीद है कि इससे दिल्ली वालों को साफ हवा, पानी और वातावरण का सुख नसीब होगा
हवा में घुलता जहर; फोटो: आईस्टॉक
हवा में घुलता जहर; फोटो: आईस्टॉक
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दिल्ली की जनता लम्बे समय से इसी आस में जी रही है कि एक दिन उसे साफ हवा, पानी और वातावरण नसीब होगा। साल बीते सरकारें बदली लेकिन एक चीज  जो नहीं बदली वो थी दिल्ली की हवा। लम्बे समय से दिल्ली साफ हवा और पानी के लिए तरस रही है।

ऐसे में एक बार फिर सत्ता के गलियारों में आते बदलावों के साथ दिल्ली वालों की उम्मीदें बढ़ गई हैं। दिल्ली में नई सरकार का बनना करीब-करीब तय माना जा रहा है, तो क्या इस बदलाव का फायदा दिल्ली की हवा में भी देखने को मिलेगा यह एक बड़ा सवाल है? इसकी पुष्टि तो आने वाला समय करेगा, फिलहाल तो यह उम्मीदें ही जताई जा सकती हैं आने वाले समय में दिल्ली की जनता ने जिस सरकार पर भरोसा जताया है वो दिल्ली के भरोसे पर भी खरी उतरती है।

हालांकि आंकड़ों पर नजर डालें तो आज यानी आठ फरवरी 2025 को दिल्ली में वायु गुणवत्ता मध्यम स्तर पर बनी हुई है। राहत की बात यह रही कि कल से दिल्ली की वायु गुणवत्ता में चार अंकों का मामूली सुधार आया है। इसके साथ ही वायु गुणवत्ता सूचकांक 152 पर पहुंच गया।

यह दिन इसलिए भी बेहद खास है क्योंकि 2025 में पहली बार वायु गुणवत्ता में इतना सुधार देखा गया, वहीं 90 फीसदी दिनों में तो वायु गुणवत्ता खराब ही बनी हुई थी।

ताजा रुझानों पर नजर डालें तो देश में एक बार फिर बर्नीहाट की हवा सबसे खराब थी, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 304 दर्ज किया गया। पिछले कई दिनों से बर्नीहाट में वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' बना हुआ है। वहीं प्रदूषण के मामले में आज मंडी गोबिंदगढ़ दूसरे स्थान पर रहा, जहां एक्यूआई 261 रिकॉर्ड किया गया है।

वहीं 252 अंकों के साथ कुंजेमुरा तीसरे, जबकि सिलीगुड़ी (244) चौथे पायदान पर है। कटक पांचवें पायदान पर बना हुआ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 232 दर्ज किया गया है। गुवाहाटी और वापी में भी स्थिति 'खराब' बनी हुई है, जहां एक्यूआई 231 रिकॉर्ड किया गया है। 222 अंकों के साथ हावड़ा आठवें, जबकि गुम्मिडिपूंडी (219) नौवें स्थान पर रहा। इसी तरह किशनगंज (215) प्रदूषण के मामले में दसवें स्थान पर बना हुआ है।

ताजा रिपोर्ट के मुताबिक देश के 13 शहरों में हवा 'खराब' बनी हुई है। इन शहरों में अहमदनगर, बेगूसराय, तालचेर, ब्यासनगर भी शामिल हैं। चिंता की बात तो यह है कि कल से देश में 'खराब' हवा वाले शहरों की गिनती में 30 फीसदी का इजाफा हुआ है।

वहीं दूसरी तरफ देश में तिरुनेलवेली की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 29 दर्ज किया गया है। ऐसे में देश के सबसे प्रदूषित शहर बर्नीहाट की तुलना तिरुनेलवेली से करें तो वहां स्थिति 10 गुणा ज्यादा खराब है।

तिरुनेलवेली की तरह ही देश के 13 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता साफ बनी हुई है। इन शहरों में फिरोजाबाद, झांसी, कोलार, मदिकेरी, मैहर, प्रयागराज, पुदुकोट्टई, तिरुनेलवेली, वाराणसी आदि शामिल हैं। राहत की बात यह रही कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब आठ फीसदी का इजाफा हुआ है।

रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि अलवर सहित देश के 92 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक स्तर पर बनी हुई है। इन शहरों में मेरठ, मिलुपारा, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, मैसूर, ऊटी, पालकलाईपेरुर, पटियाला, प्रतापगढ़, रायपुर, राजगीर, रामनगर, रामनाथपुरम, रतलाम, ऋषिकेश, राउरकेला, सागर, सहरसा, सलेम, समस्तीपुर, शिवमोगा, सिरोही, शिवसागर, सूरत आदि शामिल हैं।

चिंता की बात यह है कि देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में 19 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

दिल्ली फरीदाबाद की बात करें तो कल से वायु गुणवत्ता में सुधार दर्ज किया गया है। हालांकि इन दोनों शहरों में वायु गुणवत्ता अभी भी मध्यम स्तर पर बनी हुई है। इसी तरह देश के छोटे बड़े 110 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम स्तर पर बनी हुई है।

इन शहरों में अहमदाबाद, अकोला, अमरावती, अंगुल, अररिया, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), बद्दी, बदलापुर, बागपत, बालासोर, बारबिल, बैरकपुर, बेलापुर, बेतिया, भागलपुर, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, भिवंडी, भोपाल, भुवनेश्वर, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बोईसर, बुलन्दशहर, बूंदी, बक्सर, चंडीगढ़, चरखी दादरी, चेन्नई, चित्तौड़गढ़, चुरू, दौसा, दिल्ली, धनबाद, डिंडीगुल, दुर्गापुर, फरीदाबाद, गोरखपुर, गुरूग्राम, ग्वालियर, हाजीपुर, हल्दिया, हनुमानगढ़, इंफाल, जयपुर, जालंधर, जलगांव, जलना, झुंझुनूं, जोधपुर, कडपा, कल्याण, काशीपुर, कटनी, क्योंझर, खुर्जा, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोटा, लातूर, लखनऊ, लुधियाना, महाड, मालेगांव, मंडीदीप, मीरा-भायंदर, मोतिहारी, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागौर, नागपुर, नलबाड़ी, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नोएडा, पाली, परभनी, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, पुदुचेरी, पुणे, पूर्णिया, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रूपनगर, सांगली, सासाराम, सवाई माधोपुर, सीकर, सिंगरौली, सोलापुर, श्रीगंगानगर, सुआकाती, ठाणे, तिरुमाला, तिरुपुर, टोंक, तुमकुरु, उदयपुर, उल्हासनगर, वातवा, वेल्लोर, विरार शामिल हैं।

कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 17 फीसदी का इजाफा हुआ है।

रुझानों पर नजर डालें तो देश के छह फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता साफ बनी हुई है। वहीं दूसरी तरफ करीब 54 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं। इसी तरह 40 फीसदी शहरों में हवा संतोषजनक दर्ज की गई है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 08 फरवरी 2025 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 230 में से महज 14 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 92 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 07 फरवरी 2025 को यह आंकड़ा 114 दर्ज किया गया।

110 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में बर्नीहाट (304) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 310 के करीब पहुंच गया। वहीं कल भी बर्नीहाट में हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 325 दर्ज किया गया था।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में चार अंकों की गिरावट आई है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर आज गिरकर 152 पर पहुंच गया, मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता ‘मध्यम’ स्तर पर पहुंच गई है।

गौरतलब है कि जनवरी 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा जहरीली न हो। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था।

देखा जाए तो देश में प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। प्रदूषण के मामले में आज सिलीगुड़ी चौथे स्थान पर है, वहीं मंडी गोबिंदगढ़ (261) दूसरे, जबकि कुंजेमुरा (252) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 139, गाजियाबाद में 92, गुरुग्राम में 106, नोएडा में 96, ग्रेटर नोएडा में 98 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 121 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 115, चेन्नई में 128, चंडीगढ़ में 102, हैदराबाद में 98, जयपुर में 164 और पटना में 130 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 14 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें बरेली, बठिंडा, चामराजनगर, छाल, चिक्कामगलुरु, फिरोजाबाद, झांसी, कोलार, मदिकेरी, मैहर, प्रयागराज, पुदुकोट्टई, तिरुनेलवेली, वाराणसी शामिल हैं।

वहीं आगरा, आइजोल, अजमेर, अलवर, अमरावती, अमृतसर, अनंतपुर, अंकलेश्वर, आरा, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बांसवाड़ा, बारां, बारीपदा, बाड़मेर, बेंगलुरु, भरतपुर, भिलाई, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, चंद्रपुर, छपरा, चिकबलपुर, चित्तूर, कोयंबटूर, दमोह, दावनगेरे, देहरादून, देवास, धारवाड़, धौलपुर, धुले, डूंगरपुर, एलूर, गडग, गांधीनगर, गया, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, हापुड, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जैसलमेर, जालौर, झालावाड़, कलबुर्गी, कन्नूर, कानपुर, करूर, कटिहार, खन्ना, कोरबा, मदुरै, मंगलौर, मंगुराहा, मेरठ, मिलुपारा, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, मैसूर, ऊटी, पालकलाईपेरुर, पटियाला, प्रतापगढ़, रायपुर, राजगीर, रामनगर, रामनाथपुरम, रतलाम, ऋषिकेश, राउरकेला, सागर, सहरसा, सलेम, समस्तीपुर, शिवमोगा, सिरोही, शिवसागर, सूरत, टेन्सा, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तुमिडीह, उडुपी, उज्जैन, विजयवाड़ा, विरुधुनगर, विशाखापत्तनम, वृंदावन, यादगीर आदि 92 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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