प्रदूषण से हुआ 2025 का आगाज, मात्र 5 फीसदी से भी कम शहरों में हवा साफ, 57 फीसदी में चिंताजनक हालात

देश में बर्नीहाट की हवा सबसे ज्यादा खराब रही। वहीं दूसरी तरफ दिल्ली में भी स्थिति बेहद खराब है, जहां एक्यूआई 318 रिकॉर्ड किया गया
देश के पांच फीसदी से भी कम शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर दर्ज किया गया। वहीं दूसरी तरफ 57 फीसदी से अधिक शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं; फोटो: आईस्टॉक
देश के पांच फीसदी से भी कम शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर दर्ज किया गया। वहीं दूसरी तरफ 57 फीसदी से अधिक शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं; फोटो: आईस्टॉक
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वायु प्रदूषण के मामले में 2025 की शुरूआत अच्छी नहीं रही। हालात यह हैं कि पिछले 24 घंटों में पांच फीसदी से भी कम शहरों में हवा साफ रही। वहीं दूसरी तरफ 57 फीसदी से ज्यादा शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं।

आंकड़ों पर नजर डालें तो बर्नीहाट की हवा सबसे ज्यादा खराब रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 364 रिकॉर्ड किया गया। दिल्ली में भी स्थिति बेहद खराब रही, जहां आज एक्यूआई 318 रिकॉर्ड किया गया। इन दोनों ही शहरों में प्रदूषण जानलेवा स्तर तक पहुंच गया।

देखा जाए तो प्रदूषण का जहर केवल इन दो शहरों तक ही सीमित नहीं है। इसी तरह देश के छोटे बड़े 24 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर खराब बना हुआ है।

इन शहरों में अंगुल, बैरकपुर, बुलन्दशहर, चंडीगढ़, चुरू, देहरादून, धनबाद, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, गुवाहाटी, हावड़ा, जयपुर, कोटा, कुंजेमुरा, लखनऊ, मंडीदीप, मेरठ, नगांव, नोएडा, पटना, श्रीगंगानगर, तालचेर शामिल हैं।

बता दें कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का सर्वर बुधवार को बंद होने की वजह से उस दिन प्रदूषण के स्तर का पता नहीं चल सका है। हालांकि 31 दिसंबर 2024 को जारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 17 शहरों में वायु गुणवत्ता खराब थी। तब से तुलना करें तो देश में खराब हवा वाले शहरों की संख्या में इजाफा दर्ज किया गया है।

वहीं दूसरी तरफ देश में आइजोल की हवा सबसे साफ रही, जहां एक्यूआई 28 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि दिल्ली की तुलना आइजोल से करें तो वहां स्थिति 11 गुणा ज्यादा खराब है।

आइजोल की तरह ही देश के छोटे बड़े 10 अन्य शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में बरेली, बिलासपुर, चामराजनगर, छाल, धौलपुर, कोप्पल, मैहर, वाराणसी, विजयपुरा आदि शहर शामिल हैं।

देश में अजमेर सहित 86 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक दर्ज की गई है। इनमें कल्याण, कन्नूर, करौली, कारवार, कटिहार, क्योंझर, खन्ना, कोहिमा, कोल्लम, कोरबा, लुधियाना, मदिकेरी, मदुरै, मंगलौर, मिलुपारा, मोतिहारी, मुंगेर, मैसूर, नागपुर, नंदेसरी, नयागढ़, परभनी, प्रतापगढ़, प्रयागराज आदि शहर शामिल हैं।

रुझानों के मुताबिक फरीदाबाद सहित देश के 105 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम स्तर पर बनी हुई है।

इन शहरों में अगरतला, आगरा, अहमदनगर, अलवर, अमरावती, अंकलेश्वर, अररिया, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), बद्दी, बदलापुर, बागपत, बालासोर, बारबिल, बारीपदा, बठिंडा, बेलापुर, बेतिया, भागलपुर, भरतपुर, भिवाड़ी, भिवंडी, भोपाल, भुवनेश्वर, बिहार शरीफ, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बोईसर, बक्सर, ब्यासनगर, चंद्रपुर, चरखी दादरी, चेन्नई, छपरा, कटक, दौसा, देवास, डूंगरपुर, दुर्गापुर, फरीदाबाद, गया, गोरखपुर, ग्वालियर, हाजीपुर, हल्दिया, हनुमानगढ़, हापुड, इंफाल, जैसलमेर, जलगांव, जालौर, झुंझुनूं, जोधपुर, कानपुर, काशीपुर, कटनी, खुर्जा, कोल्हापुर, कोलकाता, लातूर, महाड, मंडी गोबिंदगढ़, मंगुराहा, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नागौर, नलबाड़ी, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, पाली, पंचकुला, पटियाला, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, पुणे, पूर्णिया, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, राजसमंद, ऋषिकेश, रोहतक, राउरकेला, रूपनगर, सागर, सांगली, सासाराम, सीकर, सिलीगुड़ी, सिंगरौली, सोलापुर, सूरत, तिरुपति, तुमकुरु, उदयपुर, उल्हासनगर, वापी, विरुधुनगर, विशाखापत्तनम, वृंदावन, यादगीर शामिल हैं।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 02 जनवरी 2025 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 228 में से महज 11 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 86 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 31 दिसंबर को यह आंकड़ा 104 दर्ज किया गया था।

105 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में बर्नीहाट (364) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 400 के करीब पहुंच गया।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में भारी उछाल आया है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर आज 318 यानी ‘बेहद खराब’ स्तर पर पहुंच गया।

गौरतलब है कि नवंबर में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा जहरीली न हो। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था। इसी तरह नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। दिसंबर में भी ज्यादातर दिन स्थिति खराब रही।

देखा जाए तो देश में प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। प्रदूषण के मामले में आज चंडीगढ़ चौथे स्थान पर है, वहीं दिल्ली (318) दूसरे, जबकि चुरू (265) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 188, गाजियाबाद में 220, गुरुग्राम में 208, नोएडा में 211, ग्रेटर नोएडा में 232 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 119 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 204, चेन्नई में 113, चंडीगढ़ में 255, हैदराबाद में 98, जयपुर में 224 और पटना में 237 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 11 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, बागलकोट, बरेली, बिलासपुर, चामराजनगर, छाल, धौलपुर, कोप्पल, मैहर, वाराणसी, विजयपुरा शामिल हैं।

वहीं अहमदाबाद, अजमेर, अकोला, अमरावती, अमृतसर, आरा, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बांसवाड़ा, बारां, बाड़मेर, बेलगाम, बेंगलुरु, भिलाई, भीलवाड़ा, बीदर, ब्रजराजनगर, बूंदी, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तौड़गढ़, कोयंबटूर, दमोह, दावनगेरे, धारवाड़, धुले, एलूर, फिरोजाबाद, गडग, गांधीनगर, गंगटोक, हसन, हुबली, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, जलना, झालावाड़, झांसी, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, कन्नूर, करौली, कारवार, कटिहार, क्योंझर, खन्ना, कोहिमा, कोल्लम, कोरबा, लुधियाना, मदिकेरी, मदुरै, मंगलौर, मिलुपारा, मोतिहारी, मुंगेर, मैसूर, नागपुर,नंदेसरी, नयागढ़, परभनी, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, रायपुर, रतलाम, सहरसा, सतना, सवाई माधोपुर, शिवमोगा, सिलचर, सिरोही, शिवसागर, सिवान, सुआकाती, टेन्सा, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, टोंक, उडुपी, उज्जैन, वातवा, विजयवाड़ा, विरारआदि 86 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

वायु प्रदूषण के मामले में 2025 की शुरूआत अच्छी नहीं रही। हालात यह हैं कि पिछले 24 घंटों में पांच फीसदी से भी कम शहरों में हवा साफ रही। वहीं दूसरी तरफ 57 फीसदी से ज्यादा शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं।

आंकड़ों पर नजर डालें तो बर्नीहाट की हवा सबसे ज्यादा खराब रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 364 रिकॉर्ड किया गया। दिल्ली में भी स्थिति बेहद खराब रही, जहां आज एक्यूआई 318 रिकॉर्ड किया गया। इन दोनों ही शहरों में प्रदूषण जानलेवा स्तर तक पहुंच गया।

देखा जाए तो प्रदूषण का जहर केवल इन दो शहरों तक ही सीमित नहीं है। इसी तरह देश के छोटे बड़े 24 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर खराब बना हुआ है।

इन शहरों में अंगुल, बैरकपुर, बुलन्दशहर, चंडीगढ़, चुरू, देहरादून, धनबाद, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, गुवाहाटी, हावड़ा, जयपुर, कोटा, कुंजेमुरा, लखनऊ, मंडीदीप, मेरठ, नगांव, नोएडा, पटना, श्रीगंगानगर, तालचेर शामिल हैं।

बता दें कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का सर्वर बुधवार को बंद होने की वजह से उस दिन प्रदूषण के स्तर का पता नहीं चल सका है। हालांकि 31 दिसंबर 2024 को जारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 17 शहरों में वायु गुणवत्ता खराब थी। तब से तुलना करें तो देश में खराब हवा वाले शहरों की संख्या में इजाफा दर्ज किया गया है।

वहीं दूसरी तरफ देश में आइजोल की हवा सबसे साफ रही, जहां एक्यूआई 28 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि दिल्ली की तुलना आइजोल से करें तो वहां स्थिति 11 गुणा ज्यादा खराब है।

आइजोल की तरह ही देश के छोटे बड़े 10 अन्य शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में बरेली, बिलासपुर, चामराजनगर, छाल, धौलपुर, कोप्पल, मैहर, वाराणसी, विजयपुरा आदि शहर शामिल हैं।

देश में अजमेर सहित 86 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक दर्ज की गई है। इनमें कल्याण, कन्नूर, करौली, कारवार, कटिहार, क्योंझर, खन्ना, कोहिमा, कोल्लम, कोरबा, लुधियाना, मदिकेरी, मदुरै, मंगलौर, मिलुपारा, मोतिहारी, मुंगेर, मैसूर, नागपुर, नंदेसरी, नयागढ़, परभनी, प्रतापगढ़, प्रयागराज आदि शहर शामिल हैं।

रुझानों के मुताबिक फरीदाबाद सहित देश के 105 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम स्तर पर बनी हुई है।

इन शहरों में अगरतला, आगरा, अहमदनगर, अलवर, अमरावती, अंकलेश्वर, अररिया, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), बद्दी, बदलापुर, बागपत, बालासोर, बारबिल, बारीपदा, बठिंडा, बेलापुर, बेतिया, भागलपुर, भरतपुर, भिवाड़ी, भिवंडी, भोपाल, भुवनेश्वर, बिहार शरीफ, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बोईसर, बक्सर, ब्यासनगर, चंद्रपुर, चरखी दादरी, चेन्नई, छपरा, कटक, दौसा, देवास, डूंगरपुर, दुर्गापुर, फरीदाबाद, गया, गोरखपुर, ग्वालियर, हाजीपुर, हल्दिया, हनुमानगढ़, हापुड, इंफाल, जैसलमेर, जलगांव, जालौर, झुंझुनूं, जोधपुर, कानपुर, काशीपुर, कटनी, खुर्जा, कोल्हापुर, कोलकाता, लातूर, महाड, मंडी गोबिंदगढ़, मंगुराहा, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नागौर, नलबाड़ी, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, पाली, पंचकुला, पटियाला, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, पुणे, पूर्णिया, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, राजसमंद, ऋषिकेश, रोहतक, राउरकेला, रूपनगर, सागर, सांगली, सासाराम, सीकर, सिलीगुड़ी, सिंगरौली, सोलापुर, सूरत, तिरुपति, तुमकुरु, उदयपुर, उल्हासनगर, वापी, विरुधुनगर, विशाखापत्तनम, वृंदावन, यादगीर शामिल हैं।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 02 जनवरी 2025 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 228 में से महज 11 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 86 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 31 दिसंबर को यह आंकड़ा 104 दर्ज किया गया था।

105 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में बर्नीहाट (364) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 400 के करीब पहुंच गया।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में भारी उछाल आया है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर आज 318 यानी ‘बेहद खराब’ स्तर पर पहुंच गया।

गौरतलब है कि नवंबर में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा जहरीली न हो। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था। इसी तरह नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। दिसंबर में भी ज्यादातर दिन स्थिति खराब रही।

देखा जाए तो देश में प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। प्रदूषण के मामले में आज चंडीगढ़ चौथे स्थान पर है, वहीं दिल्ली (318) दूसरे, जबकि चुरू (265) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 188, गाजियाबाद में 220, गुरुग्राम में 208, नोएडा में 211, ग्रेटर नोएडा में 232 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 119 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 204, चेन्नई में 113, चंडीगढ़ में 255, हैदराबाद में 98, जयपुर में 224 और पटना में 237 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 11 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, बागलकोट, बरेली, बिलासपुर, चामराजनगर, छाल, धौलपुर, कोप्पल, मैहर, वाराणसी, विजयपुरा शामिल हैं।

वहीं अहमदाबाद, अजमेर, अकोला, अमरावती, अमृतसर, आरा, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बांसवाड़ा, बारां, बाड़मेर, बेलगाम, बेंगलुरु, भिलाई, भीलवाड़ा, बीदर, ब्रजराजनगर, बूंदी, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तौड़गढ़, कोयंबटूर, दमोह, दावनगेरे, धारवाड़, धुले, एलूर, फिरोजाबाद, गडग, गांधीनगर, गंगटोक, हसन, हुबली, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, जलना, झालावाड़, झांसी, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, कन्नूर, करौली, कारवार, कटिहार, क्योंझर, खन्ना, कोहिमा, कोल्लम, कोरबा, लुधियाना, मदिकेरी, मदुरै, मंगलौर, मिलुपारा, मोतिहारी, मुंगेर, मैसूर, नागपुर,नंदेसरी, नयागढ़, परभनी, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, रायपुर, रतलाम, सहरसा, सतना, सवाई माधोपुर, शिवमोगा, सिलचर, सिरोही, शिवसागर, सिवान, सुआकाती, टेन्सा, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, टोंक, उडुपी, उज्जैन, वातवा, विजयवाड़ा, विरारआदि 86 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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