
मेघालय का बर्नीहाट आज फिर देश में सबसे प्रदूषित शहरों की लिस्ट में पहले पायदान पर रहा। स्थिति यह रही कि प्रदूषण के मामले में बर्नीहाट ने दिल्ली को भी पीछे छोड़ दिया है।
ताजा रुझानों के मुताबिक बर्नीहाट में वायु गुणवत्ता सूचकांक 402 रिकॉर्ड किया गया है, जो स्पष्ट तौर पर दर्शाता है कि बर्नीहाट में प्रदूषण आपात स्थिति में पहुंच गया है।
हालांकि दिल्ली में भी हालात कोई खास अच्छे नहीं है और वहां भी वायु गुणवत्ता का स्तर 'बेहद खराब' बना हुआ है। राजधानी दिल्ली में आज सूचकांक 351 दर्ज किया गया है, जो कल के मुकाबले दिल्ली की वायु गुणवत्ता में आए सुधार को दर्शाता है। हालांकि इस सुधार के बावजूद दिल्ली में वायु गुणवत्ता अभी भी बेहद खराब बनी हुई है।
प्रदूषण के मामले में आज 308 अंकों के साथ कुंजेमुरा तीसरे स्थान पर रहा। इसी तरह गुवाहाटी और जैसलमेर में भी एक्यूआई 300 के पार है। बता दें कि प्रदूषण के मामले में यह दोनों शहर चौथे और पांचवें स्थान पर रहे।
इन सभी शहरों में वायु गुणवत्ता बेहद खराब बनी हुई है। हालांकि राहत की बात यह रही की कल से देश में बेहद खराब हवा वाले शहरों की गिनती में 50 फीसदी की गिरावट आई है।
देश में प्रदूषण सिर्फ इन्हीं शहरों तक सीमित नहीं है आंकड़ों के मुताबिक चुरू सहित देश के 38 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता 'खराब' बनी हुई है।
इन शहरों में अररिया, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), बागपत, बेगूसराय, भागलपुर, बीकानेर, चरखी दादरी, चुरू, दौसा, दुर्गापुर, फरीदाबाद, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, ग्वालियर, हाजीपुर, हापुड, झुंझुनूं, कानपुर, कटिहार, कोल्लम, लखनऊ, मेरठ, मुजफ्फरपुर, गांव, नागौर, नलबाड़ी, नोएडा, पटना, पूर्णिया, राउरकेला, सहरसा, सासाराम, सीकर, सिलीगुड़ी, श्रीगंगानगर, सुआकाती, तालचेर, तुमिडीह शामिल हैं। कल से देखें तो देश में खराब हवा वाले शहरों की गिनती में आठ फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।
वहीं दूसरी तरफ आज देश में एक बार फिर कांचीपुरम की हवा सबसे ज्यादा साफ रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 37 रिकॉर्ड किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर बर्नीहाट की तुलना कांचीपुरम से करें तो वहां स्थिति 10 गुणा ज्यादा खराब है।
गौरतलब है कि कांचीपुरम की तरह ही देश के 12 शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में करूर, मदिकेरी, नागपट्टिनम, नंदेसरी, पालकलाईपेरुर, रामनाथपुरम, शिवमोगा आदि शामिल हैं। वहीं कल से देखें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 71 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।
इसी तरह देश में अगरतला सहित 60 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है। इन शहरों में देहरादून, धारवाड़, धुले, डिंडीगुल, एलूर, फिरोजाबाद, गडग, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जलगांव, झालावाड़, झांसी, कडपा, कन्नूर, कारवार, क्योंझर, खन्ना, कोल्हापुर, कोलकाता, मदुरै, मंडी गोबिंदगढ़, मैसूर, नासिक, प्रतापगढ़ आदि शामिल हैं। हालांकि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में करीब दो फीसदी की गिरावट आई है।
रुझानों के मुताबिक देश में आगरा सहित 114 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम श्रेणी में है।
इन शहरों में आगरा, अहमदाबाद, अहमदनगर, आइजोल, अजमेर, अकोला, अमरावती, अमृतसर, अंगुल, अंकलेश्वर, आरा, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बद्दी, बदलापुर, बालासोर, बांसवाड़ा, बारबिल, बारीपदा, बाड़मेर, बैरकपुर, बेलापुर, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, भिवंडी, भुवनेश्वर, बिहार शरीफ, बिलीपाड़ा, बोईसर, बुलन्दशहर, बूंदी, बक्सर, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, छाल, छपरा, चित्तौड़गढ़, कटक, दावनगेरे, देवास, धनबाद, धौलपुर, डूंगरपुर, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, हल्दिया, हनुमानगढ़, हावड़ा, इंफाल, जयपुर, जालंधर, जलना, जालौर, जोधपुर, कलबुर्गी, कल्याण, करौली, काशीपुर, कटनी, खुर्जा, किशनगंज, कोहिमा, कोरबा, कोटा, लातूर, लुधियाना, महाड, मंडीदीप, मंगुराहा, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, नागपुर, नांदेड़, नवी मुंबई, नयागढ़, पाली, परभनी, पटियाला, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रयागराज, पुणे, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, राजसमंद, रतलाम, रूपनगर, समस्तीपुर, सांगली, सवाई माधोपुर, सिंगरौली, सिरोही, सोलापुर, टेन्सा, ठाणे, तिरुपति, तिरुपुर, टोंक, तुमकुरु, उदयपुर, उल्हासनगर, वापी, विरार, वृंदावन शामिल हैं।
वहीं कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में तीन फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।
कुल मिलाकर देखें तो देश के जहां पांच फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं दूसरी तरफ करीब 69 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं। इसी तरह देश के 26 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक दर्ज किया गया है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 31 जनवरी 2025 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 230 में से महज 12 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 60 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 30 जनवरी 2025 को यह आंकड़ा 61 दर्ज किया गया।
114 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में बर्नीहाट (402) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 410 के करीब पहुंच गया। वहीं कल भी बर्नीहाट में हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 370 दर्ज किया गया।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 12 अंकों की गिरावट आई है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर आज गिरकर 351 पर पहुंच गया, मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ स्तर पर बनी हुई है।
गौरतलब है कि दिसंबर 2024 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा जहरीली न हो। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था।
देखा जाए तो देश में प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। प्रदूषण के मामले में आज गुवाहाटी चौथे स्थान पर है, वहीं दिल्ली (351) दूसरे, जबकि कुंजेमुरा (308) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 248, गाजियाबाद में 247, गुरुग्राम में 188, नोएडा में 215, ग्रेटर नोएडा में 202 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 109 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 247, चेन्नई में 69, चंडीगढ़ में 155, हैदराबाद में 90, जयपुर में 169 और पटना में 271 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 12 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें बागलकोट, चामराजनगर, हुबली, कांचीपुरम, करूर, मदिकेरी, नागपट्टिनम, नंदेसरी, पालकलाईपेरुर, रामनाथपुरम, शिवमोगा, तिरुनेलवेली शामिल हैं।
वहीं अगरतला, अलवर, अमरावती, बारां, बरेली, बठिंडा, बेंगलुरु, भोपाल, बिलासपुर, चेन्नई, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दमोह, देहरादून, धारवाड़, धुले, डिंडीगुल, एलूर, फिरोजाबाद, गडग, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जलगांव, झालावाड़, झांसी, कडपा, कन्नूर, कारवार, क्योंझर, खन्ना, कोल्हापुर, कोलकाता, मदुरै, मंडी गोबिंदगढ़, मैसूर, नासिक, प्रतापगढ़, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, रायपुर, रामनगर, ऋषिकेश, सागर, सलेम, सतना, सिलचर, शिवसागर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, उज्जैन, वाराणसी, वेल्लोर, विजयवाड़ा, यादगीर आदि 60 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।
मेघालय का बर्नीहाट आज फिर देश में सबसे प्रदूषित शहरों की लिस्ट में पहले पायदान पर रहा। स्थिति यह रही कि प्रदूषण के मामले में बर्नीहाट ने दिल्ली को भी पीछे छोड़ दिया है।
ताजा रुझानों के मुताबिक बर्नीहाट में वायु गुणवत्ता सूचकांक 402 रिकॉर्ड किया गया है, जो स्पष्ट तौर पर दर्शाता है कि बर्नीहाट में प्रदूषण आपात स्थिति में पहुंच गया है।
हालांकि दिल्ली में भी हालात कोई खास अच्छे नहीं है और वहां भी वायु गुणवत्ता का स्तर 'बेहद खराब' बना हुआ है। राजधानी दिल्ली में आज सूचकांक 351 दर्ज किया गया है, जो कल के मुकाबले दिल्ली की वायु गुणवत्ता में आए सुधार को दर्शाता है। हालांकि इस सुधार के बावजूद दिल्ली में वायु गुणवत्ता अभी भी बेहद खराब बनी हुई है।
प्रदूषण के मामले में आज 308 अंकों के साथ कुंजेमुरा तीसरे स्थान पर रहा। इसी तरह गुवाहाटी और जैसलमेर में भी एक्यूआई 300 के पार है। बता दें कि प्रदूषण के मामले में यह दोनों शहर चौथे और पांचवें स्थान पर रहे।
इन सभी शहरों में वायु गुणवत्ता बेहद खराब बनी हुई है। हालांकि राहत की बात यह रही की कल से देश में बेहद खराब हवा वाले शहरों की गिनती में 50 फीसदी की गिरावट आई है।
देश में प्रदूषण सिर्फ इन्हीं शहरों तक सीमित नहीं है आंकड़ों के मुताबिक चुरू सहित देश के 38 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता 'खराब' बनी हुई है।
इन शहरों में अररिया, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), बागपत, बेगूसराय, भागलपुर, बीकानेर, चरखी दादरी, चुरू, दौसा, दुर्गापुर, फरीदाबाद, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, ग्वालियर, हाजीपुर, हापुड, झुंझुनूं, कानपुर, कटिहार, कोल्लम, लखनऊ, मेरठ, मुजफ्फरपुर, गांव, नागौर, नलबाड़ी, नोएडा, पटना, पूर्णिया, राउरकेला, सहरसा, सासाराम, सीकर, सिलीगुड़ी, श्रीगंगानगर, सुआकाती, तालचेर, तुमिडीह शामिल हैं। कल से देखें तो देश में खराब हवा वाले शहरों की गिनती में आठ फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।
वहीं दूसरी तरफ आज देश में एक बार फिर कांचीपुरम की हवा सबसे ज्यादा साफ रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 37 रिकॉर्ड किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर बर्नीहाट की तुलना कांचीपुरम से करें तो वहां स्थिति 10 गुणा ज्यादा खराब है।
गौरतलब है कि कांचीपुरम की तरह ही देश के 12 शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में करूर, मदिकेरी, नागपट्टिनम, नंदेसरी, पालकलाईपेरुर, रामनाथपुरम, शिवमोगा आदि शामिल हैं। वहीं कल से देखें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 71 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।
इसी तरह देश में अगरतला सहित 60 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है। इन शहरों में देहरादून, धारवाड़, धुले, डिंडीगुल, एलूर, फिरोजाबाद, गडग, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जलगांव, झालावाड़, झांसी, कडपा, कन्नूर, कारवार, क्योंझर, खन्ना, कोल्हापुर, कोलकाता, मदुरै, मंडी गोबिंदगढ़, मैसूर, नासिक, प्रतापगढ़ आदि शामिल हैं। हालांकि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में करीब दो फीसदी की गिरावट आई है।
रुझानों के मुताबिक देश में आगरा सहित 114 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम श्रेणी में है।
इन शहरों में आगरा, अहमदाबाद, अहमदनगर, आइजोल, अजमेर, अकोला, अमरावती, अमृतसर, अंगुल, अंकलेश्वर, आरा, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बद्दी, बदलापुर, बालासोर, बांसवाड़ा, बारबिल, बारीपदा, बाड़मेर, बैरकपुर, बेलापुर, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, भिवंडी, भुवनेश्वर, बिहार शरीफ, बिलीपाड़ा, बोईसर, बुलन्दशहर, बूंदी, बक्सर, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, छाल, छपरा, चित्तौड़गढ़, कटक, दावनगेरे, देवास, धनबाद, धौलपुर, डूंगरपुर, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, हल्दिया, हनुमानगढ़, हावड़ा, इंफाल, जयपुर, जालंधर, जलना, जालौर, जोधपुर, कलबुर्गी, कल्याण, करौली, काशीपुर, कटनी, खुर्जा, किशनगंज, कोहिमा, कोरबा, कोटा, लातूर, लुधियाना, महाड, मंडीदीप, मंगुराहा, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, नागपुर, नांदेड़, नवी मुंबई, नयागढ़, पाली, परभनी, पटियाला, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रयागराज, पुणे, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, राजसमंद, रतलाम, रूपनगर, समस्तीपुर, सांगली, सवाई माधोपुर, सिंगरौली, सिरोही, सोलापुर, टेन्सा, ठाणे, तिरुपति, तिरुपुर, टोंक, तुमकुरु, उदयपुर, उल्हासनगर, वापी, विरार, वृंदावन शामिल हैं।
वहीं कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में तीन फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।
कुल मिलाकर देखें तो देश के जहां पांच फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं दूसरी तरफ करीब 69 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं। इसी तरह देश के 26 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक दर्ज किया गया है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 31 जनवरी 2025 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 230 में से महज 12 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 60 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 30 जनवरी 2025 को यह आंकड़ा 61 दर्ज किया गया।
114 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में बर्नीहाट (402) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 410 के करीब पहुंच गया। वहीं कल भी बर्नीहाट में हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 370 दर्ज किया गया।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 12 अंकों की गिरावट आई है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर आज गिरकर 351 पर पहुंच गया, मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ स्तर पर बनी हुई है।
गौरतलब है कि दिसंबर 2024 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा जहरीली न हो। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था।
देखा जाए तो देश में प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। प्रदूषण के मामले में आज गुवाहाटी चौथे स्थान पर है, वहीं दिल्ली (351) दूसरे, जबकि कुंजेमुरा (308) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 248, गाजियाबाद में 247, गुरुग्राम में 188, नोएडा में 215, ग्रेटर नोएडा में 202 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 109 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 247, चेन्नई में 69, चंडीगढ़ में 155, हैदराबाद में 90, जयपुर में 169 और पटना में 271 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 12 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें बागलकोट, चामराजनगर, हुबली, कांचीपुरम, करूर, मदिकेरी, नागपट्टिनम, नंदेसरी, पालकलाईपेरुर, रामनाथपुरम, शिवमोगा, तिरुनेलवेली शामिल हैं।
वहीं अगरतला, अलवर, अमरावती, बारां, बरेली, बठिंडा, बेंगलुरु, भोपाल, बिलासपुर, चेन्नई, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दमोह, देहरादून, धारवाड़, धुले, डिंडीगुल, एलूर, फिरोजाबाद, गडग, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जलगांव, झालावाड़, झांसी, कडपा, कन्नूर, कारवार, क्योंझर, खन्ना, कोल्हापुर, कोलकाता, मदुरै, मंडी गोबिंदगढ़, मैसूर, नासिक, प्रतापगढ़, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, रायपुर, रामनगर, ऋषिकेश, सागर, सलेम, सतना, सिलचर, शिवसागर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, उज्जैन, वाराणसी, वेल्लोर, विजयवाड़ा, यादगीर आदि 60 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।