वैज्ञानिकों के मुताबिक प्लास्टिक में मौजूद केमिकलों से बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक कोई सुरक्षित नहीं। यह हानिकारक केमिकल प्लास्टिक के निर्माण से निपटान तक हर चरण में लोगों के स्वास्थ्य पर असर डालते है ...
भारत के 19 सिंगल-यूज प्लास्टिक वस्तुओं पर लगाए गए मानदंड-आधारित प्रतिबंध ने एक ऐसा विज्ञान-आधारित मॉडल प्रस्तुत किया है, जो वैश्विक नीति निर्माण के लिए आदर्श बन सकता है
यह आदेश 27 नवंबर और 17 दिसंबर 2019 को राज्य सरकार द्वारा जारी किए गए उन आदेशों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आया, जिनमें सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया गया था
वैज्ञानिकों के मुताबिक यह मैटेरियल न केवल प्लास्टिक कचरे की समस्या को हल कर सकता है, साथ ही ऑटोमोबाइल उद्योग में पर्यावरण अनुकूल विकल्पों की बढ़ती वैश्विक मांग का भी हल पेश करता है
प्लास्टिक में उपयोग होने वाले केमिकल डीईएचपी से जुड़े हृदय रोग से भारत में 1,03,587, यानी सबसे अधिक मौतें हुईं, उसके बाद चीन और इंडोनेशिया का स्थान रहा।
अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (आईयूसीएन) ने हॉक्सबिल, ग्रीन और लेदरबैक कछुओं सहित कई समुद्री कछुओं की प्रजातियां या तो "लुप्तप्राय" या "गंभीर रूप से लुप्तप्राय" के रूप में सूचीबद्ध किया है।
यूरोपीय संघ से प्लास्टिक कचरे का निर्यात 2024 में 2022 की तुलना में 36 फीसदी बढ़ गया, जो यह दर्शाता है कि क्षेत्रीय रीसाइक्लिंग प्रयासों से ध्यान हट रहा है