रिपोर्ट के मुताबिक जालंधर में प्लास्टिक निर्माण से जुड़ी सभी औद्योगिक इकाइयों की पहचान कर उनकी सूची तैयार की गई है और नियमों का उल्लंघन करने वाली फैक्ट्रियों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की गई है
भारतीय शोधकर्ताओं द्वारा किए अध्ययन से पता चला है कि सिंगल-यूज पीईटी बोतलों से पैदा नैनोप्लास्टिक सीधे तौर पर उन शरीर के उन जरूरी बायोलॉजिकल सिस्टम को खराब कर सकते हैं जो इंसानी सेहत के लिए बेहद जरूरी ...
स्टडी रिपोर्ट में इस बात का भी अंदेशा जताया गया है कि 2050 तक प्लास्टिक, सीमेंट, स्टील, रबर, एल्यूमिनियम और कॉपर जैसी सामग्रियों का वाटर फुटप्रिंट 2021 के मुकाबले 179 फीसदी तक बढ़ सकता है
केरल राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने अपनी रिपोर्ट में जानकारी दी है कि प्लास्टिक और जैविक कचरा मुख्य रूप से नदियों के मुहानों से समुद्र में पहुंच रहा है
वैज्ञानिकों के मुताबिक प्लास्टिक में मौजूद केमिकलों से बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक कोई सुरक्षित नहीं। यह हानिकारक केमिकल प्लास्टिक के निर्माण से निपटान तक हर चरण में लोगों के स्वास्थ्य पर असर डालते है ...
भारत के 19 सिंगल-यूज प्लास्टिक वस्तुओं पर लगाए गए मानदंड-आधारित प्रतिबंध ने एक ऐसा विज्ञान-आधारित मॉडल प्रस्तुत किया है, जो वैश्विक नीति निर्माण के लिए आदर्श बन सकता है
यह आदेश 27 नवंबर और 17 दिसंबर 2019 को राज्य सरकार द्वारा जारी किए गए उन आदेशों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आया, जिनमें सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया गया था