
5 अगस्त 2025 को जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) की प्रमुख इंगर एंडरसन ने कहा कि दुनिया प्लास्टिक प्रदूषण को खत्म करने के लिए एक ऐतिहासिक समझौते के बेहद करीब है। यह बयान प्लास्टिक प्रदूषण पर जिनेवा में चल रही अंतराष्ट्रीय वार्ता के दौरान आया है। गौरतलब है कि दुनिया भर के प्रतिनिधि जिनेवा में वैश्विक प्लास्टिक प्रदूषण संधि (आईएनसी-5.2) को अंतिम रूप देने के लिए चर्चा कर रहे हैं।
स्विस सरकार द्वारा आयोजित एक मंच पर एंडरसन ने कहा कि आने वाले 10 दिन बेहद महत्वपूर्ण होंगे और तय करेंगे कि क्या देश तीन साल से ज्यादा समय से चल रही इस संधि वार्ता पर सहमति बना पाएंगे।
"यह संधि वह है जिसकी दुनिया को जरूरत है। प्लास्टिक हमारे समुद्रों, प्रकृति और यहां तक कि हमारे शरीर में भी पहुंच चुका है, जहां उसका होना नहीं चाहिए। रास्ता कठिन हो सकता है, लेकिन समझौते की संभावना अब भी है।"
इंगर एंडरसन, संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) प्रमुख
गौरतलब है कि जिनेवा में चल रही इस वार्ता को आईएनसी-5.2 के नाम दिया गया है। यह प्लास्टिक प्रदूषण पर अंतरराष्ट्रीय समझौता तैयार करने के लिए बने अंतर-सरकारी वार्ता समूह (आईएनसी) के पांचवें सत्र का दूसरा हिस्सा है। यह बैठक 5 से 14 अगस्त 2025 के बीच संयुक्त राष्ट्र के जिनेवा स्थित मुख्यालय में चल रही है।
जिनेवा में हो रही यह वार्ता 2022 में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण असेंबली के प्रस्ताव 5/14 के सर्वसम्मत अनुमोदन से शुरू हुई प्रक्रिया का परिणाम है। इस प्रस्ताव के तहत एक कानूनी रूप से बाध्यकारी वैश्विक समझौते का मसौदा तैयार करने की दिशा में कदम उठाया गया था।
गौरतलब है कि जिनेवा में चल रही इस वार्ता को आईएनसी-5.2 के नाम दिया गया है। यह प्लास्टिक प्रदूषण पर अंतरराष्ट्रीय समझौता तैयार करने के लिए बने अंतर-सरकारी वार्ता समूह (आईएनसी) के पांचवें सत्र का दूसरा हिस्सा है। यह बैठक 5 से 14 अगस्त 2025 के बीच संयुक्त राष्ट्र के जिनेवा स्थित मुख्यालय में चल रही है।
जिनेवा में हो रही यह वार्ता 2022 में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण असेंबली के प्रस्ताव 5/14 के सर्वसम्मत अनुमोदन से शुरू हुई प्रक्रिया का परिणाम है। इस प्रस्ताव के तहत एक कानूनी रूप से बाध्यकारी वैश्विक समझौते का मसौदा तैयार करने की दिशा में कदम उठाया गया था।
पहले इस कड़ी में नवंबर 2024 में दक्षिण कोरिया के बुसान में पहली बैठक हुई थी, जिसमें “चेयर टेक्स्ट” और एक ड्राफ्ट रिपोर्ट तैयार की गई थी। इस दौरान कुछ मुद्दों पर सहमति दिखी, लेकिन कई अहम विषयों पर मतभेद भी सामने आए, जैसे प्लास्टिक उत्पादन की सीमा तय करना और विकासशील देशों को वित्तीय और तकनीकी मदद देना।
एंडरसन ने सदस्य देशों से “प्लास्टिक प्रदूषण से मुक्त भविष्य” पर ध्यान केंद्रित करने की अपील की है। उन्होंने वैज्ञानिकों, सामाजिक संगठनों, कचरा बीनने वालों और युवाओं जैसे सभी पक्षकारों को धन्यवाद दिया, जिन्होंने सरकारों पर दबाव बनाए रखा और प्लास्टिक से होने वाले स्वास्थ्य और पर्यावरणीय खतरों को उजागर किया।
एंडरसन ने कहा, "हमें यहां तक पहुंचाने में पूरे विश्व का योगदान रहा है।" उन्होंने बताया कि समुदायों की पहल और निजी क्षेत्र की शुरुआती नवाचारों ने पहले ही कई समाधान दिखा दिए हैं।
अगर इस महीने समझौता हो जाता है, तो यह संधि प्लास्टिक प्रदूषण के खिलाफ पहला व्यापक अंतरराष्ट्रीय कदम होगी, जो आने वाले दशकों तक उत्पादन, खपत और कचरा प्रबंधन की दिशा तय करेगी।