समाप्ति की ओर बढ़ रहे कॉप29 में अब विकसित देशों द्वारा जलवायु वित्त के तौर पर 200-300 बिलियन डॉलर देने के प्रस्ताव की चर्चा को विकासशील देशों ने खारित कर दिया
कॉप29 में समृद्ध देशों ने जलवायु वित्त पोषण के रूप में कमजोर देशों को सालाना 300 अरब डॉलर देने का वादा किया है, लेकिन तस्वीर अब तक पूरी तरह स्पष्ट नहीं है
सीएसई ने अपने पोजिशन पेपर में न केवल जलवायु वित्त से जुड़े प्रमुख मुद्दों पर प्रकाश डाला है, साथ ही ऐसे सिद्धांत भी प्रस्तुत किए हैं जो कॉप-29 में निष्पक्ष और महत्वाकांक्षी परिणाम सुनिश्चित कर सकते हैं
हाल ही में ग्लासगो में सम्पन्न हुआ संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन फ्रेमवर्क (यूएनएफसीसीसी) के पार्टियों के सम्मेलन (कॉप26) का 26वां सत्र भारत के दृष्टिकोण से सफल रहा।