बीते मानसून में आपदाओं ने हिमालयी राज्य उत्तराखंड में भारी तबाही मचाई है। इसके चलते पिछले सालों की तरह इस साल भी कई गांव रहने लायक नहीं रहे। पिछले दिनों डाउन टू अर्थ ऐसे कुछ गांवों तक पहुंचा, जहां लगा ...
पर्यावरण से संबंधित एक और सवाल के जवाब में बताया गया कि मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल के त्वरित चरणबद्ध कार्यक्रम के अनुसार भारत ने लक्ष्य पहले ही पूरे कर लिए हैं
आज, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ तथा पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गरज के साथ बारिश होने का पूर्वानुमान है, वहीं आज और कल उत्तराखंड के कई जिलों में बारिश व बर्फबारी होने के आसार हैं।
केदारनाथ में भारी बारिश के चलते सड़कें कई जगह पूरी तरह कट गईं। यहां एनडीआरएफ और एसडीआरएफ ने केदारनाथ में फंसे यात्रियों को सुरक्षित निकालते के लिए रेस्क्यू अभियान चलाया।
केदारनाथ वन्य जीव अभ्यारण्य में हिम तेंदुए से लेकर हिमालयन थार, कस्तूरी मृग, रेड फॉक्स, हिमालयन सेही, काला भालू, हिमालयन मर्मोट, मोनाल, ग्रिफॉन गिद्ध समेत कई वन्यजीव रहते हैं
हिमाचल के लोग उस अपराध की सजा पा रहे हैं, जो उन्होंने किया ही नहीं है। ऐसा सभी हिमालयी राज्यों के साथ रहा है, इसलिए अब एक नई हिमालयी राजनीति की जरूरत है