राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने लोकसभा में बताया कि उत्तराखंड सरकार ने केंद्र सरकार के साथ मिलकर केदारनाथ, हेमकुंड साहिब, यमुनोत्री और गोमुख तीर्थस्थलों के तीर्थ वाले रास्तों पर पर्यावरण से जुड़े मुद्दों पर जरूरी कदम उठाए हैं।
राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने लोकसभा में बताया कि उत्तराखंड सरकार ने केंद्र सरकार के साथ मिलकर केदारनाथ, हेमकुंड साहिब, यमुनोत्री और गोमुख तीर्थस्थलों के तीर्थ वाले रास्तों पर पर्यावरण से जुड़े मुद्दों पर जरूरी कदम उठाए हैं।

सरकार ने केदारनाथ यात्रा के पर्यावरणीय मुद्दों पर उठाए गए कदमों की संसद में दी जानकारी

पर्यावरण से संबंधित एक और सवाल के जवाब में बताया गया कि मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल के त्वरित चरणबद्ध कार्यक्रम के अनुसार भारत ने लक्ष्य पहले ही पूरे कर लिए हैं
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संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण जारी है, इसी बीच सदन में केदारनाथ में यात्रा से पर्यावरण पर पड़ने वाले असर को लेकर सवाल उठाया गया। इसके लिखित जवाब में केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने लोकसभा में बताया कि उत्तराखंड सरकार ने केंद्र सरकार के साथ मिलकर केदारनाथ, हेमकुंड साहिब, यमुनोत्री और गोमुख तीर्थस्थलों के तीर्थ वाले रास्तों पर पर्यावरण से जुड़े मुद्दों पर जरूरी कदम उठाए हैं।

पर्यटकों, घोड़ों, वाहनों, कानून और व्यवस्था, स्वच्छता, स्वास्थ्य और अन्य सामान्य प्रशासन के पंजीकरण के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) विकसित की गई है।

राज्य सरकार ने वाहनों की संख्या सीमित करने, विशेष रूप से पीक सीजन के दौरान पर्यटकों की संख्या सीमित करने, वहन क्षमता अध्ययन के आधार पर खच्चरों और घोड़ों की संख्या सीमित करने, कचरा प्रबंधन के लिए बुनियादी ढांचे की योजना बनाने, उन क्षेत्रों का सीमांकन करने के लिए भी कदम उठाए हैं, जहां पर्यावरण के साथ असंगत गतिविधियों को प्रतिबंधित या विनियमित किया जाता है।

प्लास्टिक में पैक किए गए खाद्य और उत्पादों के उपयोग को कम करना, निर्दिष्ट स्थानों पर कचरे को जमा करने को प्रोत्साहित करना, निगरानी किया जाना आदि शामिल है।

देश में घरेलू कचरे का संचय

आज सदन में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में, आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय में राज्य मंत्री तोखन साहू ने राज्यसभा में स्वच्छतम पोर्टल का हवाला दिया। जिसमें उन्होंने कहा कि राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, शहरी क्षेत्रों में कुल 2424 डंपसाइट (1000 टन से अधिक कचरे के साथ) 23.57 करोड़ मीट्रिक टन कचरे की पहचान की गई है। 12 मार्च, 2025 तक, 701 डंपसाइट का पूरी तरह से उपचार किया जा चुका है और 1179 साइटों पर काम चल रहा है।

मंत्री ने कहा, पारदर्शिता और परियोजना निगरानी के लिए एक सार्वजनिक डैशबोर्ड पर भी लाइव डेटा अंकित किए जाते हैं। एसबीएम-यू 2.0 के तहत, 3697.90 करोड़ रुपये की स्वीकार्य केंद्रीय हिस्सेदारी वाले 9197.35 करोड़ रुपये के उपचार प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है।

महाराष्ट्र में आवासीय सोसाइटियों में बारिश के पानी का संचयन करना अनिवार्य

महाराष्ट्र में बारिश के पानी को जमा करने को लेकर सदन में उठाए गए एक और सवाल के लिखित जवाब में आज, आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय में राज्य मंत्री तोखन साहू ने राज्यसभा में बताया कि महाराष्ट्र ने जानकारी दी है कि एकीकृत विकास नियंत्रण और संवर्धन विनियम (यूडीसीपीआर) कुछ अपवादों के साथ महाराष्ट्र में सभी योजना प्राधिकरणों और क्षेत्रीय योजना क्षेत्रों पर लागू हैं।

प्रावधानों के अनुसार, 500 वर्ग मीटर से कम क्षेत्रफल वाले भूखंडों पर किसी भी इमारत के लिए बारिश के पानी का संचयन प्रणाली अनिवार्य है। इसके अलावा, योजना प्राधिकरण द्वारा स्वीकृत किसी भी भवन अनुमति योजना में भवन योजना पर दर्शाए जाने वाले बारिश के पानी के संचयन संरचना शामिल होनी चाहिए। कार्यान्वयन और प्रवर्तन संबंधित योजना प्राधिकरण द्वारा पूर्णता प्रमाण पत्र जारी करने के समय किया जाता है।

राज्य ने यह भी जानकारी दी है कि विनियमन के अनुसार, बारिश के पानी की संचयन संरचना के प्रावधान का पालन न करने पर दंड का प्रावधान है, बारिश के पानी की संचयन संरचना प्रदान करने में विफलता के लिए निर्मित क्षेत्र के प्रत्येक 100 वर्ग मीटर के लिए प्रति वर्ष 1000 रुपये का जुर्माने का प्रावधान है।

ओजोन परत को नुकसान पहुंचाने वाली गैसों के उत्पादन पर नियंत्रण

सदन में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में आज, केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने लोकसभा में बताया कि भारत अब मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल के त्वरित चरणबद्ध समाप्ति कार्यक्रम के अनुसार, नियंत्रित एयर-कंडीशनिंग और प्रशीतन उद्योग में उपयोग के लिए हाइड्रोक्लोरोफ्लोरोकार्बन-22 (एचएफसी-22) के उत्पादन को चरणबद्ध तरीके से समाप्त कर रहा है।

एक जनवरी, 2015 तक 10 फीसदी की कमी, एक जनवरी, 2020 तक 35 फीसदी की कमी, एक जनवरी, 2025 तक 67.5 फीसदी की कमी और 2030 तक एचएफसी-22 के उत्पादन को पूरी तरह से समाप्त करना है। उसके बाद मौजूदा प्रशीतन और एयर-कंडीशनिंग उपकरणों की सर्विसिंग के लिए 2030-2040 की अवधि के दौरान बेसलाइन उत्पादन (2009-2010 का औसत) का 2.5 प्रतिशत उत्पादन की अनुमति दी जाएगी। मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल के त्वरित चरणबद्ध कार्यक्रम के अनुसार, भारत ने एचसीएफसी-22 के उत्पादन के लिए 2015, 2020 और 2025 के चरणबद्ध लक्ष्य पहले ही पूरे कर लिए हैं।

देश में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का उपयोग

सदन में उठे एक सवाल के जवाब में आज, श्रम और रोजगार राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे ने लोकसभा में अगस्त 2024 में प्रकाशित नैसकॉम की रिपोर्ट “एडवांसिंग इंडियाज एआई स्किल्स” का हवाला दिया। उन्होंने इसके आधार पर कहा कि भारत में एआई प्रतिभा 15 प्रतिशत चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) के साथ साल 2027 तक छह लाख - 6.5 लाख पेशेवरों से बढ़कर 12.50 लाख से अधिक पेशेवरों तक पहुंचने की उम्मीद है।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के परिणामस्वरूप डेटा साइंस, डेटा क्यूरेशन आदि जैसे विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार सृजन हो सकता है। अब तक, 8.65 लाख उम्मीदवारों ने विभिन्न पाठ्यक्रमों में नामांकन व प्रशिक्षण लिया है, जिनमें 3.20 लाख उम्मीदवार एआई या बिग डेटा एनालिटिक्स तकनीकों में शामिल हैं।

देश में बाघ अभयारण्य

देश में बाघ अभयारण्यों को लेकर सदन में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में आज, केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने लोकसभा में बताया कि देश में 58 बाघ अभयारण्य हैं। 2022 में किए गए अखिल भारतीय बाघ अनुमान के अनुसार बाघों की संख्या में वृद्धि हुई है, जिसकी अनुमानित संख्या 3682 (रेंज 3167-3925) है, जबकि 2018 में यह 2967 (रेंज 2603-3346) और 2014 में 2226 (रेंज 1945-2491) थी।

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