विश्व प्रवासी पक्षी दिवस: आठ में से एक प्रजाति विलुप्त होने के कगार पर

इस साल का अभियान पक्षियों की आबादी में भारी गिरावट के बीच शहरी वातावरण में और उसके आसपास प्रवासी पक्षियों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए सामूहिक प्रयासों का आग्रह करता है।
कृत्रिम प्रकाश रात में प्रवास करने वाले पक्षियों को भ्रमित करता है, जिससे टकराव का खतरा बढ़ जाता है।अध्ययनों
कृत्रिम प्रकाश रात में प्रवास करने वाले पक्षियों को भ्रमित करता है, जिससे टकराव का खतरा बढ़ जाता है।अध्ययनों फोटो साभार: आईस्टॉक
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पक्षियों और लोगों दोनों के लिए आरामदायक शहरी वातावरण का निर्माण करना इस साल के विश्व प्रवासी पक्षी दिवस का संदेश है। यह संयुक्त राष्ट्र और अंतर्राष्ट्रीय सहभागियों के द्वारा आयोजित एक वैश्विक अभियान है। विश्व प्रवासी पक्षी दिवस हर साल 10 मई और 11 अक्टूबर को मनाया जाता है।

विश्व प्रवासी पक्षी दिवस 2025 की थीम "साझा स्थान: पक्षियों के अनुकूल शहर और समुदाय बनाना" है। यह अभियान पक्षियों की आबादी में भारी गिरावट के बीच शहरी वातावरण में और उसके आसपास प्रवासी पक्षियों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए सामूहिक प्रयासों का आग्रह करता है।

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पक्षियों के टकराव, प्रकाश प्रदूषण और मुक्त घूमने वाले पालतू जानवरों के कारण पक्षियों की मृत्यु सहित आवास के नुकसान व खतरों जैसी चुनौतियों का समाधान किया जाना चाहिए। पक्षियों के संरक्षण प्रयासों में निवासियों को शामिल करके सहयोग की भावना को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।

साल में दो बार मनाया जाने वाला विश्व प्रवासी पक्षी दिवस शिक्षा, सार्वजनिक कार्यक्रमों और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के माध्यम से प्रवासी पक्षियों और उनके आवासों को संरक्षित करने की आवश्यकता पर जोर देता है। साल 2025 की थीम टिकाऊ शहरी नियोजन, पक्षी-अनुकूल कार्य, पक्षियों और लोगों दोनों का समर्थन करने वाले वातावरण बनाने के लिए सामुदायिक प्रयासों पर आधारित है।

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तत्काल कार्रवाई की जरूरत

दुनिया भर में सभी पक्षी प्रजातियों में से 49 फीसदी घट रही रही हैं और लगभग आठ में से एक प्रजाति विलुप्त होने के कगार पर है। प्रवासी पक्षियों की आबादी, विशेष रूप से, लगातार घट रही है।

2024 में ग्लोबल इकोलॉजी एंड बायोजियोग्राफी में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक, दुनिया की अधिकांश पक्षी प्रजातियां (पांच में से चार) मानव-प्रधान वातावरण में पूरी तरह से पनपने में असमर्थ हैं। शहरी और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में, खिड़कियों से टकराना, प्रकाश प्रदूषण, आवासों का नुकसान और विखंडन, घरेलू कीटनाशक, आक्रामक प्रजातियां और बाहरी बिल्लियां पक्षियों के लिए प्रमुख खतरे हैं।

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कृत्रिम प्रकाश रात में प्रवास करने वाले पक्षियों को भ्रमित करता है, जिससे टकराव का खतरा बढ़ जाता है।अध्ययनों

कृत्रिम प्रकाश रात में प्रवास करने वाले पक्षियों को भ्रमित करता है, जिससे टकराव का खतरा बढ़ जाता है।अध्ययनों में पाया गया है कि प्रवासी पक्षी विशेष रूप से प्रवास के दौरान प्रकाश प्रदूषण के प्रभावों के अधीन हो सकते हैं, जो उनके वार्षिक चक्र का सबसे महत्वपूर्ण चरण है।

ध्वनि प्रदूषण पक्षियों के गीतों में बाधा डाल सकता है, जो साथी को आकर्षित करने, क्षेत्र स्थापित करने और दूसरों को खतरे से आगाह करने के लिए जरूरी हैं। यह पक्षियों के प्रजनन कार्यक्रम और सफलता दर को भी प्रभावित कर सकता है।

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जर्मनी के म्यूनिख में, वैज्ञानिकों ने पाया कि लगातार यातायात के शोर वाले स्थानों पर पैदा हुए जेबरा फिंच के बच्चे उन माता-पिता के बच्चों की तुलना में छोटे थे, जिन्होंने शांत स्थानों पर प्रजनन और घोंसले बनाए थे।

आजादी से घूमने वाली बिल्लियां भी पक्षी प्रजातियों के लिए एक गंभीर खतरा हैं। एक अनुमान के अनुसार, कनाडा में बिल्लियां हर साल एक 10 से 35 करोड़ पक्षियों को मार देती हैं, जबकि ऑस्ट्रेलिया में बिल्लियां प्रतिदिन दस लाख से अधिक पक्षियों की मौत के लिए जिम्मेदार हैं। एडिलेड शहर में, बिल्लियों को कम से कम एक पक्षी प्रजाति, फेयरी मार्टिन (पेट्रोचेलिडॉन एरियल) के लुप्त होने में शामिल पाया गया है।

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