बढ़ते तापमान के कारण 63 फीसदी कम हुई पक्षियों के जीवित रहने की क्षमता: अध्ययन

शोध के मुताबिक, शुष्क मौसम से प्रभावित क्षेत्रों में 29 में से 24 पक्षी प्रजातियों के जीवित रहने की क्षमता कम हो गई इै
सदियों से जैसे-जैसे मनुष्य की आबादी बढ़ी है, ज्यादातर दूसरे जानवरों की आबादी कम होती गई है, यह खास तौर पर पक्षियों के मामले में बहुत स्पष्ट देखा जा रहा है।
सदियों से जैसे-जैसे मनुष्य की आबादी बढ़ी है, ज्यादातर दूसरे जानवरों की आबादी कम होती गई है, यह खास तौर पर पक्षियों के मामले में बहुत स्पष्ट देखा जा रहा है। टो साभार: विकिमीडिया कॉमन्स
Published on

पर्यावरण से जुड़े अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों की एक टीम ने दुनिया भर में बढ़ते तापमान की वजह से दूरदराज के इलाकों में पक्षियों की आबादी में गिरावट के बीच एक संबंध का खुलासा किया है।

अध्ययन में टीम ने बेहद दूरदराज के जंगली इलाकों में रहने वाले पक्षियों पर नजर रखी और अपने निष्कर्षों की तुलना जलवायु के आंकड़ों से की। यह अध्ययन इंस्टीट्यूटो नेशनल डी पेस्क्विसस दा अमेज़ोनिया, मिशिगन टेक्नोलॉजिक यूनिवर्सिटी और यूनिवर्सिटी ऑफ ओरेगन के वैज्ञानिकों ने किया है।

सदियों से जैसे-जैसे मनुष्य की आबादी बढ़ी है, ज्यादातर दूसरे जानवरों की आबादी कम होती गई है, यह खास तौर पर पक्षियों के मामले में बहुत स्पष्ट देखा जा रहा है। पिछले शोधों से पता चला है कि पक्षियों की आबादी लगभग हर जगह कम हुई है, यहां तक कि दूरदराज के इलाकों में भी जो लोगों के अतिक्रमण से अभी तक अछूते हैं

शोध में उदाहरण देते हुए कहा है कि पिछले दो दशकों में, अमेजन के दूरदराज के इलाकों में काम करने वाले शोधकर्ताओं ने पाया है कि पक्षियों की आबादी लगातार घट रही है, यहां तक कि कुछ तो विलुप्त भी हो रहे हैं। कई सालों से, वैज्ञानिक स्पष्ट कारण की कमी से हैरान हैं। इस नए प्रयास में, मुख्य रूप से ब्राजील में काम करने वाली शोध टीम ने दुनिया भर में बढ़ते तापमान और पक्षियों की आबादी में गिरावट के बीच संबंध देखा गया है।

इस शोध में ब्राजील के कई दशकों से जंगलों की जैविक गतिशीलता परियोजना पर काम कर रहे अन्य शोधकर्ताओं द्वारा एकत्रित की गई पक्षियों की आबादी के आंकड़ों का पता लगाना तथा उसी समयावधि में उस क्षेत्र के लिए एकत्रित जलवायु आंकड़ों के साथ उन आंकड़ों की तुलना करना शामिल था।

शोधकर्ताओं ने पाया कि जैसे-जैसे क्षेत्र में तापमान बढ़ता गया, विभिन्न पौधों और जानवरों में बदलाव आए, जिसके कारण पक्षियों के लिए कम अनुकूल वातावरण बन गया। उन्होंने पाया कि नए शुष्क मौसमों ने प्रभावित क्षेत्रों में 29 में से 24 पक्षी प्रजातियों की जीवित रहने की क्षमता को कम कर दिया है। उन्होंने यह भी पाया कि दुनिया भर में औसत तापमान में मात्र एक डिग्री सेल्सियस के बदलाव से इलाकों में पक्षियों की औसत जीवित रहने की क्षमता 63 फीसदी कम हो गई।

साइंस एडवांसेज पत्रिका में प्रकाशित शोध में कहा गया कि पक्षी अपने पर्यावरण में होने वाले बदलावों के प्रति विशेष रूप से संवेदनशील होते हैं क्योंकि वे घोंसले बनाते हैं, अंडे देते हैं और अपने बच्चों के लिए भोजन की तलाश करते हैं।

तापमान में मामूली बदलाव से भी पक्षियों के लिए समय संबंधी समस्याएं पैदा हो सकती हैं, उदाहरण के लिए, अगर वे अपने बच्चों के लिए जो भोजन चाहते हैं, वह उनके बच्चे के अंडे सेने तक आ चुका है और चला गया है, तो घोंसले में रहने वाले बच्चे भूख से मर जाएंगे, जिससे समय के साथ उनकी आबादी में लगातार गिरावट आएगी।

Related Stories

No stories found.
Down to Earth- Hindi
hindi.downtoearth.org.in