पश्चिम बंगाल के हल्दिया में हवा सबसे प्रदूषित, बल्लभगढ़-बालासोर में भी स्थिति बेहद खराब

दिल्ली में लगातार दूसरे दिन प्रदूषण में गिरावट आई है। इसके साथ ही 23 अंकों के सुधार के साथ वहां वायु गुणवत्ता सूचकांक घटकर 259 पर पहुंच गया। हालांकि दिल्ली में अभी भी प्रदूषण डब्ल्यूएचओ मानकों से 1,500 फीसदी अधिक है
बढ़ते प्रदूषण के साथ हवा में घुला जहर लोगों को बहुत ज्यादा बीमार बना रहा है, बच्चे और बुजुर्ग इसका सबसे ज्यादा शिकार बन रहे हैं; फोटो: आईस्टॉक
बढ़ते प्रदूषण के साथ हवा में घुला जहर लोगों को बहुत ज्यादा बीमार बना रहा है, बच्चे और बुजुर्ग इसका सबसे ज्यादा शिकार बन रहे हैं; फोटो: आईस्टॉक
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सारांश
  • पश्चिम बंगाल के हल्दिया में वायु गुणवत्ता सूचकांक 327 तक पहुंच गया है, जो इसे देश का सबसे प्रदूषित शहर बनाता है। यहां प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन की सुरक्षित सीमा से 2000 फीसदी अधिक है।

  • बल्लभगढ़ और बालासोर में भी स्थिति गंभीर है, जबकि शिलांग की हवा सबसे साफ है।

  • कल देश में बालासोर की हवा सबसे ज्यादा खराब थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 314 तक पहुंच गया था। हालांकि आज सात अंकों के सुधार के साथ बालासोर में एक्यूआई घटकर 307 पर पहुंच गया है।

  • राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल से प्रदूषण में गिरावट आई है। इसके साथ ही 23 अंकों के सुधार के साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक घटकर 259 पर पहुंच गया। हालांकि दिल्ली में अभी भी वायु गुणवत्ता 'खराब' श्रेणी में बनी हुई है।

  • 10 दिसंबर, 2025 को 244 शहरों के लिए जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि इनमें से जहां महज 3.7 फीसदी शहरों में हवा साफ है।

  • वहीं 32.8 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ 63.5 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं।

  • फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक 195 रिकॉर्ड किया गया है।  

  • आंकड़ों से पता चला है कि प्रदूषण के मामले में बल्लभगढ़ (308) दूसरे जबकि बालासोर (307) तीसरे स्थान पर है। इसी तरह 287 अंकों के साथ सोनीपत चौथे स्थान पर है।

  • हावड़ा-भुवनेश्वर में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 280 और 277अंकों के साथ पांचवें और छठे पायदान पर हैं।

  • गुरुग्राम (276) सातवें स्थान पर हैं। इसी तरह दस सबसे प्रदूषित शहरों में कटक (275), ब्यासनगर (272) और जींद (270) भी शामिल हैं।

  • आज देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में ओडिशा के चार (बालासोर, भुवनेश्वर, कटक, ब्यासनगर) और हरियाणा के भी चार शहर (बल्लभगढ़, सोनीपत, गुरुग्राम, जींद) शामिल हैं।

विश्लेषण से पता चला है कि 10 दिसंबर 2025 को देश में हल्दिया की हवा सबसे ज्यादा खराब है, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई बढ़कर 327 तक पहुंच गया। गौरतलब है कि 09 दिसंबर को हल्दिया में एक्यूआई 308 दर्ज किया गया था। मतलब कि कल से वहां प्रदूषण में 19 अंकों का उछाल आया है। इसके साथ ही वहां आज भी स्थिति 'बेहद खराब' बनी हुई है।        

रुझानों में सामने आया है कि हल्दिया की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) पूरी तरह हावी हैं। देखा जाए तो वहां फिजाओं में घुला जहर इतना ज्यादा है कि वो लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है।

हल्दिया से स्थिति किस कदर खराब है, इसी बात से समझा जा सकता है कि वहां प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित सुरक्षित सीमा से 2,000 फीसदी अधिक है।

दूसरी तरफ देश में शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 13 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर हल्दिया की तुलना शिलांग से करें तो वहां स्थिति 24 गुणा खराब है।

गौरतलब है कि कल देश में बालासोर की हवा सबसे ज्यादा खराब थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 314 तक पहुंच गया था। हालांकि आज सात अंकों के सुधार के साथ बालासोर में एक्यूआई घटकर 307 पर पहुंच गया है।

राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल से प्रदूषण में गिरावट आई है। इसके साथ ही 23 अंकों के सुधार के साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक घटकर 259 पर पहुंच गया। हालांकि दिल्ली में अभी भी वायु गुणवत्ता 'खराब' श्रेणी में बनी हुई है। चिंता की बात यह है कि दिल्ली में अभी भी प्रदूषण का स्तर डब्ल्यूएचओ मानकों से 1,500 फीसदी अधिक है।

11 नवंबर को दिल्ली में साल का सबसे प्रदूषित शहर दिन दर्ज किया गया था, जब एक्यूआई बढ़कर 428 तक पहुंच गया था।   

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 10 दिसंबर, 2025 को 244 शहरों के लिए जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि इनमें से जहां महज 3.7 फीसदी शहरों में हवा साफ है।

वहीं 32.8 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ 63.5 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं। मतलब की देश के ज्यादातर शहरों में आज भी हवा चिंताजनक है। बता दें कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 28.6 फीसदी का इजाफा हुआ है।         

इसी तरह संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में भी कल से आठ फीसदी से अधिक का उछाल आया है। मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की बात करें तो इनकी संख्या में कल से करीब सात फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो उनकी गिनती में कल से करीब पांच फीसदी की गिरावट आई है, जोकि राहत की खबर है।

देश में बेहद खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में भी कल से 25 फीसदी की गिरावट आई है। फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक 195 रिकॉर्ड किया गया है।  

आंकड़ों से पता चला है कि प्रदूषण के मामले में बल्लभगढ़ (308) दूसरे जबकि बालासोर (307) तीसरे स्थान पर है। इसी तरह 287 अंकों के साथ सोनीपत चौथे स्थान पर है। हावड़ा-भुवनेश्वर में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 280 और 277अंकों के साथ पांचवें और छठे पायदान पर हैं।

गुरुग्राम (276) सातवें स्थान पर हैं। इसी तरह दस सबसे प्रदूषित शहरों में कटक (275), ब्यासनगर (272) और जींद (270) भी शामिल हैं। गौरतलब है कि आज देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में ओडिशा के चार (बालासोर, भुवनेश्वर, कटक, ब्यासनगर) और हरियाणा के भी चार शहर (बल्लभगढ़, सोनीपत, गुरुग्राम, जींद) शामिल हैं।

विश्लेषण से यह भी पता चला है कि हल्दिया, बल्लभगढ़, बालासोर, सोनीपत, हावड़ा, भुवनेश्वर, गुरुग्राम, कटक, ब्यासनगर, जींद, कोलकाता, बारीपदा, गाजियाबाद, गुम्मिडीपूंडी, बैरकपुर, दिल्ली, आसनसोल, बिलीपाड़ा, नोएडा, बहादुरगढ़, तालचेर, बागपत, कोल्हापुर, अमरावती (आंध्रप्रदेश), भिवानी, मुंगेर, बद्दी, भागलपुर, नारनौल, ग्रेटर नोएडा, मेरठ, मानेसर, भिवाड़ी, मंडी गोबिंदगढ़, समस्तीपुर, दुर्गापुर, मुजफ्फरनगर, विशाखापत्तनम, धनबाद, नंदेसरी, बिहार शरीफ, पटना, फरीदाबाद, कोल्लम, जयपुर, हाजीपुर, अररिया, टोंक, राजगीर, तिरुमाला, बारबिल, चंडीगढ़, बुलंदशहर, कुरुक्षेत्र, लखनऊ, सहरसा, चरखी दादरी, बक्सर, खुर्जा, फतेहाबाद, आरा, मैंगलोर, जालंधर, चेन्नई, नलबाड़ी आदि शहरों की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) हावी हैं।

वहीं सीकर, नागौर, श्री गंगानगर, चुरू, बीकानेर, झुंझुनू, सिंगरौली, जालौर, सवाई माधोपुर, भिवंडी, जैसलमेर, हनुमानगढ़, क्योंझर, किशनगंज, पटियाला, अहमदनगर, अंकलेश्वर, बदलापुर, चित्तौड़गढ़, मोतिहारी, रतलाम, नवी मुंबई, कैथल, राउरकेला, सासाराम, बारां, भरतपुर, हिसार, पाली, रायरंगपुर, ठाणे, लुधियाना, अजमेर, छपरा, तुमडीह, बरेली, बूंदी, बाड़मेर, बेलापुर, पलवल, रायपुर, धुले, पुडुकोट्टई आदि शहरों में पीएम10 से स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।

इसी तरह कुछ शहरों में कार्बन और ओजोन से स्थिति खराब है।

इन शहरों के विपरीत देश के 3.7 फीसदी यानी महज नौ शहरों में हवा साफ है। इन साफ हवा वाले शहरों में चामराजनगर, चिक्कमगलुरु, दमोह, कलबुर्गी, कोप्पल, मदिकेरी, ऊटी, शिलांग आदि शामिल हैं। 

आज देश के जिन 74 शहरों में वायु गुणवत्ता सन्तोषजनक है, उनमें फिरोजाबाद, गांधीनगर, गोरखपुर, हुबली, हैदराबाद, इंदौर, जलना, झांसी, कडप्पा, कन्नूर, कानपुर, करौली, करूर, काशीपुर, कोहिमा, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, मदुरै, महाद, मैहर, मालेगांव, मंगुराहा, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मैसूरु, नागपट्टिनम, नागपुर, नांदेड़, नासिक, नयागढ़, परभनी, पेरुंदुरई, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, राजसमंद, रामनाथपुरम, रोहतक, सागर, सतना आदि शामिल हैं।

इन शहरों के उलट आज देश के 111 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है।

इन शहरों में आगरा, अहमदाबाद, अहमदनगर, अजमेर, अमृतसर, अनंतपुर, अंगुल, अंकलेश्वर, अररिया, आरा, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बारां, बारबिल, बरेली, बाड़मेर, बेगूसराय, बेलापुर, बेतिया, भरतपुर, भीलवाड़ा, भिवंडी, भोपाल, बीकानेर, ब्रजराजनगर, बुलंदशहर, बूंदी, बक्सर, बर्नीहाट, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चरखी दादरी, चेन्नई, छपरा, चित्तौड़गढ़, चुरू, कोयंबटूर, कुड्डालोर, देहरादून, धुले, फरीदाबाद, फतेहाबाद, गया, गुवाहाटी, ग्वालियर, हाजीपुर, हनुमानगढ़, हापुड़, हिसार, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जालौर, झालावाड़, झुंझुनू, जोधपुर, कैथल, कल्याण, करनाल, कटिहार, कटनी, क्योंझर, खन्ना, खुर्जा, किशनगंज, कोल्लम, कोटा, कुरुक्षेत्र, लखनऊ, लुधियाना, मंडीखेड़ा, मैंगलोर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुजफ्फरपुर, नागांव, नाहरलागुन, नलबाड़ी, नवी मुंबई, पाली, पलवल, पंचकुला, पटियाला, पटना, पिंपरी-चिंचवाड़, पुडुचेरी, पुडुकोट्टई, पुणे, पूर्णिया, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, रतलाम, राउरकेला, सहरसा, सासाराम, सवाई माधोपुर, सिंगरौली, सिवान, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, तिरुमाला, टोंक, तुमडीह, उल्हासनगर, विजयवाड़ा शामिल हैं।

आंकड़ों में यह भी सामने आया है कि आज देश के 41 शहरों में वायु गुणवत्ता खराब है। इन शहरों में अमरावती (आंध्रप्रदेश), आसनसोल, बद्दी, बागपत, बहादुरगढ़, बारीपदा, बैरकपुर, भागलपुर, भिवाड़ी, भिवानी, भुवनेश्वर, बिहार शरीफ, बिलीपाड़ा, ब्यासनगर, कटक, दिल्ली, धनबाद, दुर्गापुर, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडीपूंडी, गुरुग्राम, हावड़ा, जींद, कोल्हापुर, कोलकाता, मंडी गोबिंदगढ़, मानेसर, मेरठ, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, नागौर, नंदेसरी, नारनौल, नोएडा, समस्तीपुर, सीकर, सोनीपत, श्री गंगानगर, तालचेर, विशाखापत्तनम शामिल हैं।

इसी तरह आज देश के तीन शहरों में वायु गुणवत्ता बेहद खराब है। इन शहरों में बालासोर, बल्लभगढ़, हल्दिया शामिल हैं।  

क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 244 में से महज 9 शहरों में हवा 'बेहतर' है। 80 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 09 दिसंबर 2025 को यह आंकड़ा 74 दर्ज किया गया था।

111 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में आज हल्दिया (327) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 330 के करीब पहुंच गया। बता दें कि कल से हल्दिया में प्रदूषण के स्तर में 19 अंकों का उछाल आया है। इसके साथ ही हल्दिया में वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' श्रेणी में पहुंच गई है।

गौरतलब है कि कल देश में बालासोर की हवा सबसे ज्यादा खराब थी, जब एक्यूआई बढ़कर 314 तक पहुंच गया था। हालांकि आज बालासोर की हवा में सात अंकों का सुधार आया है। राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल से प्रदूषण में गिरावट आई है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक घटकर 259 पर पहुंच गया।

फरीदाबाद में कल से प्रदूषण में इजाफा दर्ज किया गया है, जहां दो अंकों के उछाल के साथ एक्यूआई बढ़कर 195 रिकॉर्ड किया गया। मतलब की फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता आज भी मध्यम श्रेणी में बनी हुई है।

गौरतलब है कि पिछले दो-तीन महीनों में जून, जुलाई और अगस्त के दौरान दिल्ली की वायु गुणवत्ता ज्यादातर दिन संतोषजनक रही। वहीं जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।

प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में 10 दिसंबर को सोनीपत चौथे स्थान पर है, वहीं बल्लभगढ़ (308) दूसरे, जबकि बालासोर (307) तीसरे स्थान पर है। अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 129, गाजियाबाद में 262, गुवाहाटी में 143, गुरूग्राम में 276, नोएडा में 256, ग्रेटर नोएडा में 224 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 101 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 176, चेन्नई में 154, चंडीगढ़ में 182, हैदराबाद में 87, जयपुर में 193 और पटना में 198 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन नौ शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, चामराजनगर, चिक्कमगलुरु, दमोह, कलबुर्गी, कोप्पल, मदिकेरी, ऊटी, शिलांग शामिल हैं।

वहीं अगरतला, अकोला, अलवर, अंबाला, अमरावती (महाराष्ट्र), अरियालुर, बागलकोट, बेंगलुरु, भिलाई, बिलासपुर, बोइसर, छाल, दौसा, देवास, धारवाड़, धौलपुर, डिंडीगुल, डूंगरपुर, एलूर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गोरखपुर, हुबली, हैदराबाद, इंदौर, जलना, झांसी, कडप्पा, कन्नूर, कानपुर, करौली, करूर, काशीपुर, कोहिमा, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, मदुरै, महाद, मैहर, मालेगांव, मंगुराहा, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मैसूरु, नागपट्टिनम, नागपुर, नांदेड़, नासिक, नयागढ़, परभनी, पेरुंदुरई, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, राजसमंद, रामनाथपुरम, रोहतक, सागर, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, सिरसा, शिवसागर, सोलापुर, सुआकाती, सूरत, तंजावुर, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुपति, उदयपुर, वापी, वाराणसी, वातवा, विरार, वृंदावन, यादगीर आदि 80 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

कल देश में वायु गुणवत्ता की स्थिति कैसी थी इसकी जानकारी आप डाउन टू अर्थ के एयर क्वालिटी ट्रैकर के पिछले अंक से प्राप्त कर सकते हैं:

प्रदूषण का रिपोर्ट-कार्ड: दिल्ली-फरीदाबाद में घटा प्रदूषण, ओडिशा के बालासोर में बढ़कर 314 पर पहुंचा एक्यूआई

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