प्रदूषण का रिपोर्ट-कार्ड: दिल्ली-फरीदाबाद में घटा प्रदूषण, ओडिशा के बालासोर में बढ़कर 314 पर पहुंचा एक्यूआई

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 9 दिसंबर 2025 को शाम चार बजे जारी रिपोर्ट के मुताबिक ओडिशा के बालासोर से प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित सुरक्षित सीमा से 1,900 फीसदी अधिक है
प्रदूषण का रिपोर्ट-कार्ड: दिल्ली-फरीदाबाद में घटा प्रदूषण, ओडिशा के बालासोर में बढ़कर 314 पर पहुंचा एक्यूआई
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सारांश
  • देश में प्रदूषण की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। बालासोर में एक्यूआई 314 तक पहुंच गया है, जो 'बेहद खराब' श्रेणी में आता है।

  • बालासोर से स्थिति किस कदर खराब है, इसी बात से समझा जा सकता है कि वहां प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित सुरक्षित सीमा से 1,900 फीसदी अधिक है।

  • राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल से प्रदूषण में गिरावट आई है। इसके साथ ही 32 अंकों के सुधार के साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक घटकर 282 पर पहुंच गया।

  • केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 09 दिसंबर, 2025 को 247 शहरों के लिए जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि इनमें से जहां महज 2.8 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं 30 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ 67.2 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं।

  • फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक 193 रिकॉर्ड किया गया है।  

  • आंकड़ों से पता चला है कि प्रदूषण के मामले में बल्लभगढ़ (312) दूसरे जबकि धारूहेड़ा (309) तीसरे स्थान पर है। इसी तरह 308 अंकों के साथ हल्दिया चौथे स्थान पर है।

  • आसनसोल-बहादुरगढ़ में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 293 और 287अंकों के साथ पांचवें और छठे पायदान पर हैं।

  • सोनीपत (287) सातवें स्थान पर हैं। इसी तरह दस सबसे प्रदूषित शहरों में गाजियाबाद (286), नोएडा (285) और बैरकपुर (284) भी शामिल हैं।

  • आज देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में पश्चिम बंगाल के तीन (हल्दिया, आसनसोल, बैरकपुर) और हरियाणा के चार शहर (बल्लभगढ़, धारूहेड़ा, बहादुरगढ़, सोनीपत) शामिल हैं।

विश्लेषण से पता चला है कि 09 दिसंबर 2025 को देश में बालासोर की हवा सबसे ज्यादा खराब है, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई बढ़कर 314 तक पहुंच गया। गौरतलब है कि 08 दिसंबर को बालासोर में एक्यूआई 264 दर्ज किया गया था। मतलब कि कल से वहां प्रदूषण में 50 अंकों का उछाल आया है। इसके साथ ही वहां आज स्थिति खराब से 'बेहद खराब' हो गई है।    

रुझानों में सामने आया है कि बालासोर की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) पूरी तरह हावी हैं। देखा जाए तो वहां फिजाओं में घुला जहर इतना ज्यादा है कि वो लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है।

बालासोर से स्थिति किस कदर खराब है, इसी बात से समझा जा सकता है कि वहां प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित सुरक्षित सीमा से 1,900 फीसदी अधिक है।

दूसरी तरफ देश में दमोह की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 27 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर बालासोर की तुलना गंगटोक से करें तो वहां स्थिति 11 गुणा खराब है।

गौरतलब है कि कल देश में नोएडा की हवा सबसे ज्यादा खराब थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 330 तक पहुंच गया था। हालांकि आज 45 अंकों के सुधार के साथ नोएडा में एक्यूआई घटकर 285 पर पहुंच गया है।

राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल से प्रदूषण में गिरावट आई है। इसके साथ ही 32 अंकों के सुधार के साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक घटकर 282 पर पहुंच गया। दिल्ली में वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' से 'खराब' श्रेणी में पहुंच गई है। हालांकि चिंता की बात यह है कि दिल्ली में अभी भी प्रदूषण का स्तर डब्ल्यूएचओ मानकों से 1,700 फीसदी अधिक है।

11 नवंबर को दिल्ली में साल का सबसे प्रदूषित शहर दिन दर्ज किया गया था, जब एक्यूआई बढ़कर 428 तक पहुंच गया था।   

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 09 दिसंबर, 2025 को 247 शहरों के लिए जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि इनमें से जहां महज 2.8 फीसदी शहरों में हवा साफ है।

वहीं 30 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ 67.2 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं। मतलब की देश के ज्यादातर शहरों में आज भी हवा चिंताजनक है। बता दें कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 36 फीसदी से अधिक की गिरावट आई है।         

दूसरी तरह संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में कल से 10.4 फीसदी का उछाल आया है। मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की बात करें तो इनकी संख्या में कल से आठ फीसदी से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई। खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो उनकी गिनती में कल से 17 फीसदी से अधिक की गिरावट आई है, जोकि राहत की खबर है।

वहीं देश में बेहद खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में भी कल से 33 फीसदी की गिरावट आई है। फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक 193 रिकॉर्ड किया गया है।  

आंकड़ों से पता चला है कि प्रदूषण के मामले में बल्लभगढ़ (312) दूसरे जबकि धारूहेड़ा (309) तीसरे स्थान पर है। इसी तरह 308 अंकों के साथ हल्दिया चौथे स्थान पर है। आसनसोल-बहादुरगढ़ में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 293 और 287अंकों के साथ पांचवें और छठे पायदान पर हैं।

सोनीपत (287) सातवें स्थान पर हैं। इसी तरह दस सबसे प्रदूषित शहरों में गाजियाबाद (286), नोएडा (285) और बैरकपुर (284) भी शामिल हैं। गौरतलब है कि आज देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में पश्चिम बंगाल के तीन (हल्दिया, आसनसोल, बैरकपुर) और हरियाणा के चार शहर (बल्लभगढ़, धारूहेड़ा, बहादुरगढ़, सोनीपत) शामिल हैं।

विश्लेषण से यह भी पता चला है कि बालासोर, बल्लभगढ़, धारूहेड़ा, हल्दिया, आसनसोल, बहादुरगढ़, सोनीपत, गाजियाबाद, नोएडा, बैरकपुर, दिल्ली, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, आरा, कोलकाता, भागलपुर, जींद, बिहार शरीफ, हावड़ा, गुरुग्राम, राजगीर, छपरा, गुम्मिडीपूंडी, ग्रेटर नोएडा, भिवानी, बक्सर, भुवनेश्वर, मानेसर, पानीपत, चरखी दादरी, तालचेर, कटक, बारबिल, हाजीपुर, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अररिया, बागपत, नारनौल, पटना, ब्यासनगर, भिवाड़ी, दुर्गापुर, बारीपदा, कोल्हापुर, कोल्लम, वेल्लोर, सासाराम, फरीदाबाद, फतेहाबाद, कटिहार, सांगली, मेरठ, सहरसा, चंद्रपुर, खुर्जा, लखनऊ, बुलंदशहर, गया, जयपुर, पिंपरी-चिंचवाड़, तिरुमाला आदि शहरों की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) हावी हैं।

वहीं सीकर, बीकानेर, विशाखापत्तनम, टोंक, चूरू, श्री गंगानगर, धनबाद, नागौर, जैसलमेर, हनुमानगढ़, जालोर, झुंझुनू, मोतिहारी, क्योंझर, किशनगंज, भिवंडी, बारां, दौसा, अंकलेश्वर, उल्हासनगर, मालेगांव, चित्तौड़गढ़, हिसार, जालंधर, मीरा-भायंदर, कटनी, लुधियाना, मुरादाबाद, रतलाम, बूंदी, बेलापुर, भरतपुर, बदलापुर, पटियाला, पीथमपुर, ब्रजराजनगर, नासिक, पलवल, अहमदनगर, बेंगलुरु, अलवर, उदयपुर, प्रतापगढ़ आदि शहरों में पीएम10 से स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।

इसी तरह कुछ शहरों में कार्बन और ओजोन से स्थिति खराब है।

इन शहरों के विपरीत देश के 2.8 फीसदी यानी महज सात शहरों में हवा साफ है। इन साफ हवा वाले शहरों में आइजोल, चामराजनगर, चिक्कमगलुरु, दमोह, गंगटोक, काशीपुर, तिरुनेलवेली आदि शामिल हैं। 

आज देश के जिन 74 शहरों में वायु गुणवत्ता सन्तोषजनक है, उनमें गोरखपुर, हुबली, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जलना, झांसी, कडप्पा, कलबुर्गी, कन्नूर, कोहिमा, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, मदिकेरी, मदुरई, महाद, मैहर, मंडीखेड़ा, मंगुराहा, मिलुपारा, मैसूरु, नागपुर, नयागढ़, ऊटी, पाली, पंचकुला, परभनी, पेरुंदुरई, रायपुर, राजसमंद, रामनाथपुरम, रोहतक, सागर, समस्तीपुर, सतना, शिवमोगा आदि शामिल हैं।

इन शहरों के उलट आज देश के 119 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है।

इन शहरों में आगरा, अहमदाबाद, अहमदनगर, अलवर, अनंतपुर, अंगुल, अंकलेश्वर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बद्दी, बदलापुर, बारां, बरेली, बेगूसराय, बेलापुर, बेंगलुरु, बेतिया, भरतपुर, भिवंडी, भोपाल, ब्रजराजनगर, बुलंदशहर, बूंदी, बर्नीहाट, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चेन्नई, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, चूरू, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दौसा, देहरादून, धनबाद, धुले, फरीदाबाद, फतेहाबाद, फिरोजाबाद, गया, गुवाहाटी, ग्वालियर, हनुमानगढ़, हापुड़, हिसार, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जालोर, झालावाड़, झुंझुनू, जोधपुर, कैथल, कल्याण, कानपुर, करौली, करूर, कटिहार, कटनी, क्योंझर, खन्ना, खुर्जा, किशनगंज, कोल्लम, कोटा, कुरुक्षेत्र, लखनऊ, लुधियाना, मालेगांव, मैंगलोर, मेरठ, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुजफ्फरपुर, नागांव, नागपट्टिनम, नागौर, नाहरलागुन, नलबाड़ी, नांदेड़, नंदेसरी, नासिक, नवी मुंबई, पलवल, पंचगांव, पटियाला, पिंपरी-चिंचवाड़, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुडुचेरी, पुडुकोट्टई, पुणे, पूर्णिया, राजमहेंद्रवरम, रतलाम, राउरकेला, सहरसा, सांगली, सासाराम, सिंगरौली, सिवान, सोलापुर, श्री गंगानगर, श्री विजयनगर पुरम, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, तिरुमाला, तिरुपुर, टोंक, उदयपुर, उल्हासनगर, वाराणसी, वातवा, वेल्लोर, यादगीर, यमुना नगर शामिल हैं।

आंकड़ों में यह भी सामने आया है कि आज देश के 43 शहरों में वायु गुणवत्ता खराब है। इन शहरों में अमरावती (आंध्रप्रदेश), अररिया, आरा, आसनसोल, बागपत, बहादुरगढ़, बारबिल, बारीपदा, बैरकपुर, भागलपुर, भिवाड़ी, भिवानी, भुवनेश्वर, बिहार शरीफ, बीकानेर, बक्सर, ब्यासनगर, चरखी दादरी, छपरा, कटक, दिल्ली, दुर्गापुर, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडीपूंडी, गुरुग्राम, हाजीपुर, हावड़ा, जींद, कोल्हापुर, कोलकाता, मानेसर, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, नारनौल, नोएडा, पानीपत, पटना, राजगीर, सीकर, सोनीपत, तालचेर, विशाखापत्तनम शामिल हैं।

इसी तरह आज देश के चार शहरों में वायु गुणवत्ता बेहद खराब है। इन शहरों में बालासोर, बल्लभगढ़, धारूहेड़ा, हल्दिया शामिल हैं।  

क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 247 में से महज 7 शहरों में हवा 'बेहतर' है। 74 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 08 दिसंबर 2025 को यह आंकड़ा 67 दर्ज किया गया था।

119 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में आज बालासोर (314) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 320 के करीब पहुंच गया। बता दें कि कल से बालासोर में प्रदूषण के स्तर में 50 अंकों का उछाल आया है। इसके साथ ही बालासोर में वायु गुणवत्ता खराब से 'बेहद खराब' श्रेणी में पहुंच गई है।

गौरतलब है कि कल देश में नोएडा की हवा सबसे ज्यादा खराब थी, जब एक्यूआई बढ़कर 330 तक पहुंच गया था। हालांकि आज नोएडा की हवा में 45 अंकों का सुधार आया है।

राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल से प्रदूषण में गिरावट आई है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक घटकर 282 पर पहुंच गया। इसी तरफ फरीदाबाद में भी कल से प्रदूषण में गिरावट दर्ज की गई, जहां 10 अंकों के सुधार के साथ एक्यूआई घटकर 193 पर रिकॉर्ड किया गया। मतलब की फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता आज एक बार फिर 'खराब' से मध्यम श्रेणी में पहुंच गई।

प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में 09 दिसंबर को हल्दिया चौथे स्थान पर है, वहीं बल्लभगढ़ (312) दूसरे, जबकि धारूहेड़ा (309) तीसरे स्थान पर है। अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 150, गाजियाबाद में 286, गुवाहाटी में 124, गुरूग्राम में 260, नोएडा में 285, ग्रेटर नोएडा में 252 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 115 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 182, चेन्नई में 138, चंडीगढ़ में 135, हैदराबाद में 99, जयपुर में 166 और पटना में 215 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन सात शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, चामराजनगर, चिक्कमगलुरु, दमोह, गंगटोक, काशीपुर, तिरुनेलवेली शामिल हैं।

वहीं अजमेर, अकोला, अंबाला, अमरावती (महाराष्ट्र), अमृतसर, अरियालुर, बागलकोट, बांसवाड़ा, बाड़मेर, भिलाई, बिलासपुर, बोइसर, छाल, देवास, धारवाड़, धौलपुर, डिंडीगुल, डूंगरपुर, एलूर, गांधीनगर, गोरखपुर, हुबली, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जलना, झांसी, कडप्पा, कलबुर्गी, कन्नूर, कोहिमा, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, मदिकेरी, मदुरई, महाद, मैहर, मंडीखेड़ा, मंगुराहा, मिलुपारा, मैसूरु, नागपुर, नयागढ़, ऊटी, पाली, पंचकुला, परभनी, पेरुंदुरई, रायपुर, राजसमंद, रामनाथपुरम, रोहतक, सागर, समस्तीपुर, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, सिरसा, शिवसागर, सुआकाती, सूरत, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुपति, तुमडीह, वापी, विजयवाड़ा, विरार, विरुधुनगर, वृंदावन आदि 74 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

कल देश में वायु गुणवत्ता की स्थिति कैसी थी इसकी जानकारी आप डाउन टू अर्थ के एयर क्वालिटी ट्रैकर के पिछले अंक से प्राप्त कर सकते हैं:

प्रदूषण का हाल: नोएडा की हवा देश में सबसे जहरीली हवा, 330 एक्यूआई, गंगटोक सबसे साफ

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