शोधकर्ताओं की एक टीम ने अमेरिका के पुगेट साउंड में दो अलग-अलग शार्क की प्रजातियों का पता लगाया है, जिनमें से एक गंभीर रूप से लुप्तप्राय मानी गई है। इस बात का खुलासा अमेरिका की ओरेगन स्टेट यूनिवर्सिटी (ओएसयू) के शोधकर्ताओं ने किया है।
शोध के मुताबिक, साउंड, सैलिश सागर के दक्षिणी हिस्से में ब्रॉडनोज सेवेनगिल शार्क और लुप्तप्राय सूपफिन शार्क की मौजूदगी आर्थिक, सांस्कृतिक और पारिस्थितिक रूप से अहम, इन इलाकों में बदलावों की ओर इशारा करती है।
सैलिश सागर उत्तर-पश्चिमी वाशिंगटन को ब्रिटिश कोलंबिया के वैंकूवर द्वीप से अलग करता है। यह 6,500 वर्ग मील में फैला पानी वाला इलाका वाशिंगटन में पुगेट साउंड के रूप में जाना जाता है। शोध में कहा गया है कि शार्क को साउंड के सबसे दक्षिणी हिस्से के पास ओलंपिया में पकड़ा गया था।
शोधकर्ताओं ने नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फियरिक एडमिनिस्ट्रेशन (नोआ) की राष्ट्रीय समुद्री मत्स्य सेवा के साथ मिलकर इस बात की पुष्टि की कि ब्रॉडनोज सेवेनगिल, एक अहम शिकारी है जो लगभग 10 फीट तक बढ़ सकता है, अब यह साउथ पुगेट साउंड में रह रहा है।
शोधकर्ता ने शोध के हवाले से कहा, इस नए आवास में सेवेनगिल की उपस्थिति को समझना सैलिश सागर के खाद्य जाल को समझने के लिए महत्वपूर्ण है। यह निरंतर निगरानी और शोध की जरूरतों को सामने लाता है, जिसमें संरक्षण संबंधी अन्य प्रजातियों, जैसे सैल्मन के साथ उनका संबंध भी शामिल है।
फ्रंटियर्स इन मरीन साइंस नामक पत्रिका में प्रकाशित शोध में कहा गया कि ब्रॉडनोज सेवनगिल शार्क-इसका नाम इसलिए रखा गया क्योंकि इनमें ज्यादातर शार्क प्रजातियों की तुलना में दो ज्यादा गिल अधिक दरार वाले होते हैं। ये कई तरह के शिकार करते हैं जिनमें मछलियां, यहां तक कि रे और दूसरी शार्क भी शामिल हैं। वे दुनिया भर में समशीतोष्ण जल में रहते हैं और उत्तरी अमेरिका के पश्चिमी तट से दूर वे दक्षिणी अलास्का से लेकर बाजा कैलिफोर्निया तक फैले हुए हैं।
शोध के अनुसार, साल 2021 से पहले, कनाडा की सीमा के पास, वाशिंगटन के पॉइंट रॉबर्ट्स में, सैलिश सागर में मात्र एक सेवनगिल शार्क की पुष्टि हुई थी।
शोध के मुताबिक, 2022 और 2023 में 10 दिनों के फील्ड वर्क के दौरान, वैज्ञानिकों ने नौ सेवनगिल पकड़े, जो उनकी पहले से दर्ज की गई सीमा से 190 मील से भी अधिक दूरी पर थे। उनमें से आठ नर थे, सबसे बड़ा सात फीट से थोड़ा कम था और मादा लगभग चार फीट, छह इंच की थी।
शोधकर्ता ने शोध में कहा, ओरेगन और वाशिंगटन के पानी में इस प्रजाति पर हमारा निरंतर शोध हमें हमारे अहम समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र में इसकी भूमिका को बेहतर ढंग से समझने में मदद करेगा।
शोध के अनुसार, 1930 से 1940 के दशक में सूपफिन शार्क का लगातार शोषण किया गया, जिसमें उनके लीवर भी शामिल हैं, जो विटामिन ए से भरपूर होते हैं। मछली पकड़ने के कम दबाव के बावजूद यह प्रजाति की आबादी में सुधार नहीं आ पाया और वर्तमान में लुप्तप्राय प्रजाति अधिनियम के तहत संघीय संरक्षण के लिए विचाराधीन है।
ब्रॉडनोज सेवनगिल शार्क की तरह, सूपफिन शार्क दुनिया भर के समशीतोष्ण पानी में पाई जाती है और यह किसी भी पारिस्थितिकी तंत्र में एक शीर्ष शिकारी है, जो सेफेलोपोड्स के साथ-साथ कई तरह की मछलियों को भी खाती है। सूपफिन शार्क को शक्तिशाली तैराक के रूप में जाना जाता है, जिनका प्रवास 1,000 मील से ज्यादा हो सकता है।
शोधकर्ता ने शोध के हवाले से कहा, सैलीश सागर में औद्योगिकीकरण और महत्वपूर्ण आवासों के नष्ट होने के साथ-साथ प्रजातियों की बहुतायत और संरचना में व्यापक बदलाव हुए हैं। सूपफिन शार्क का दिखना जलवायु परिवर्तन और शिकार की उपलब्धता में बदलाव का परिणाम हो सकता है।
उन्होंने बताया कि 2014-15 में "द ब्लॉब" के नाम से जानी जाने वाली भीषण समुद्री लू की घटना के बाद, सैलिश सागर में एन्कोवीज एक प्रमुख चारा मछली प्रजाति के रूप में उभरी, जो ऐतिहासिक रूप से वहां दुर्लभ थी। सूपफिन शार्क एन्कोवीज की एक जानी-पहचानी शिकारी है।