प्रतीकात्मक तस्वीर: आईस्टॉक
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क्रिकेट मैदानों पर कितना पानी हो रहा खर्च? एनजीटी के सवाल पर कई एसोसिएशन ने नहीं दिए जवाब

केंद्रीय भूजल प्राधिकरण ने एनजीटी को जानकारी दी है कि सभी क्रिकेट एसोसिएशनों ने अपने मैदानों में पानी की मासिक और वार्षिक खपत की जानकारी अब तक नहीं दी है
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सारांश
  • नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने क्रिकेट मैदानों में पानी की खपत पर जानकारी मांगी थी, लेकिन कई एसोसिएशनों ने अब तक जवाब नहीं दिया है।

  • केवल कुछ राज्यों के एसोसिएशनों ने ही अपनी रिपोर्ट सौंपी है।

  • एनजीटी ने सभी एसोसिएशनों को चार सप्ताह के भीतर रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया है। अगली सुनवाई 16 जनवरी 2026 को होगी।

  • 19 मार्च 2025 को एनजीटी ने सभी क्रिकेट एसोसिएशनों को निर्देश दिया था कि वे अपने मैदानों की सिंचाई के लिए पानी की मासिक और वार्षिक खपत की जानकारी साझा करें।

केंद्रीय भूजल प्राधिकरण (सीजीडब्ल्यूए) ने 13 अक्टूबर 2025 को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) को जानकारी दी है कि सभी क्रिकेट एसोसिएशनों ने अपने मैदानों में पानी की मासिक और वार्षिक खपत की जानकारी अब तक नहीं दी है।

सीजीडब्ल्यूए की ओर से पेश के वकील ने बताया है कि अब तक केवल तमिलनाडु, पंजाब, विदर्भ, बंगाल और मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन की ओर से ही जवाब प्राप्त हुए हैं।

वहीं हरियाणा राज्य क्रिकेट एसोसिएशन के वकील ने बताया कि उन्होंने अपना जवाब सीजीडब्ल्यूए के वकील को ईमेल के जरिए भेज दिया है। हालांकि, बाकी क्रिकेट एसोसिएशनों की ओर से अब तक कोई जवाब नहीं मिला है। इसलिए एनजीटी ने उन्हें चार सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट जमा करने और उसकी एक प्रति केंद्रीय भूजल प्राधिकरण के वकील को देने का निर्देश दिया है।

इस मामले में अगली सुनवाई 16 जनवरी 2026 को होगी।

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गौरतलब है कि इससे पहले 19 मार्च 2025 को एनजीटी ने सभी क्रिकेट एसोसिएशनों को निर्देश दिया था कि वे अपने मैदानों की सिंचाई के लिए पानी की मासिक और वार्षिक खपत की जानकारी साझा करें।

इसके साथ ही यह भी बताएं कि मैदानों में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) से मिले रीसायकल वाटर और नगर पालिका या अन्य स्रोतों से मिले ताजे पानी का कितना हिस्सा इस्तेमाल किया जा रहा है।

एनजीटी ने 17 जुलाई 2025 को दिए आदेश में कहा था कि सभी क्रिकेट एसोसिएशन अपनी पानी उपयोग से जुड़ी जानकारी केंद्रीय भूजल प्राधिकरण के वकील को सौंपें। प्राधिकरण के वकील को यह जानकारी एकत्र कर तालिका के रूप में एनजीटी के सामने प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए थे।

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क्या है पूरा मामला

यह मामला 15 अप्रैल 2021 को दिए एनजीटी के आदेश के पालन से जुड़ा है, जिसमें मैदानों के रखरखाव के लिए भूजल के उपयोग पर रोक लगाई गई थी और एसटीपी से साफ किए जल के प्रयोग को बढ़ावा देने की बात कही गई थी।

अप्रैल 2021 में एनजीटी ने क्रिकेट मैदानों के लिए भूजल के बढ़ते उपयोग को लेकर आदेश जारी किया था, जिसमें पानी बचाने के लिए हर संभव उपाय किए जाने के लिए कहा गया था। एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल और न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल और विशेषज्ञ सदस्य डॉ नागिन नंदा की पीठ ने अपने इस आदेश में कहा था कि पीने के पानी को बचाने के लिए हर संभव प्रयास किए जाने चाहिए।

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