विश्व अग्नाशय कैंसर दिवस: जानें कौन सी आदतें बढ़ाती हैं खतरा

अग्नाशय को सुरक्षित रखने के लिए जागरूकता, सही जीवनशैली और हानिकारक आदतों से बचाव पर केंद्रित विश्व अग्नाशय कैंसर दिवस 2025।
डब्ल्यूएचओ के अनुसार,अग्नाशय का कैंसर दुनिया में कैंसर से होने वाली मौतों का छठा प्रमुख कारण है।
डब्ल्यूएचओ के अनुसार,अग्नाशय का कैंसर दुनिया में कैंसर से होने वाली मौतों का छठा प्रमुख कारण है।फोटो साभार: आईस्टॉक
Published on
सारांश
  • अग्नाशय का महत्व: यह अंग पाचन और रक्त में शुगर नियंत्रण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

  • डब्ल्यूएचओ के अनुसार, अग्नाशय का कैंसर दुनिया में कैंसर से होने वाली मौतों का छठा प्रमुख कारण है।

  • रोजमर्रा की आदतों का असर: उच्च कोलेस्ट्रॉल आहार, धूम्रपान, शराब, क्रैश डाइट और दवाओं का अत्यधिक उपयोग अग्नाशय को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

  • जागरूकता और रोकथाम: विश्व अग्नाशय कैंसर दिवस लोगों को इस बीमारी से बचाव और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करता है।

हर साल दुनिया भर में बढ़ते अग्नाशय (पैंक्रियाटिक) कैंसर के मामलों को देखते हुए नवंबर के तीसरे गुरुवार को विश्व अग्नाशय कैंसर दिवस मनाया जाता है। इस साल, 2025 में यह दिन 20 नवंबर को पड़ रहा है। इस दिन का उद्देश्य दुनिया भर के लोगों को इस घातक बीमारी के बारे में जागरूक करना, शोध को बढ़ावा देना और मरीजों के लिए बेहतर स्वास्थ्य की मांग करना है।

अग्नाशय क्यों है इतना महत्वपूर्ण?

अग्नाशय (पैंक्रियास) हमारे शरीर का एक छोटा लेकिन बेहद महत्वपूर्ण अंग है, जो पेट के पीछे की तरफ स्थित होता है। इसे पाचन तंत्र का अहम हिस्सा माना जाता है, क्योंकि यह दो बड़े काम करता है :

यह भी पढ़ें
अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड धूम्रपान जितना खतरनाक: बढ़ा रहे हैं हृदय रोग व कैंसर का खतरा
डब्ल्यूएचओ के अनुसार,अग्नाशय का कैंसर दुनिया में कैंसर से होने वाली मौतों का छठा प्रमुख कारण है।

पाचन में सहायता: अग्नाशय एंजाइम नामक विशेष प्रोटीन बनाता है जो भोजन को छोटे-छोटे हिस्सों में तोड़ने में मदद करते हैं, ताकि शरीर उन पोषक तत्वों को आसानी से अवशोषित कर सके।

शुगर नियंत्रण: यह इंसुलिन जैसे हार्मोन बनाता है जो खून में शुगर के स्तर को नियंत्रित करते हैं।

अग्नाशय का सही ढंग से काम करना आपके पाचन, ऊर्जा स्तर और समग्र स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है।

यह भी पढ़ें
प्रोस्टेट कैंसर: मॉलिक्यूलर प्रोफाइलिंग से मिलेगा मरीजों को सही कीमोथेरेपी का फायदा
डब्ल्यूएचओ के अनुसार,अग्नाशय का कैंसर दुनिया में कैंसर से होने वाली मौतों का छठा प्रमुख कारण है।

अग्नाशय का कैंसर: एक वैश्विक चुनौती

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, साल 2022 में लगभग 4.7 लाख लोगों की मौत अग्नाशय (पैंक्रियाटिक) कैंसर के कारण हुई। यह दुनिया में कैंसर मृत्यु के छठे सबसे बड़े कारण के रूप में दर्ज किया गया। विशेषज्ञों के मुताबिक, यह ऐसा कैंसर है जिसकी पहचान आमतौर पर बहुत देर से होती है, इसलिए इसकी उपचार सफलता दर भी कम होती है।

इसी स्थिति को देखते हुए साल 2015 में वर्ल्ड पैंक्रियाटिक कैंसर कोएलिशन ने मिलकर वर्ल्ड पैंक्रियाटिक कैंसर डे की शुरुआत की। 60 से अधिक संगठनों का यह समूह दुनिया भर में जागरूकता बढ़ाने, शोध को प्रोत्साहित करने और सही जानकारी साझा करने का काम करता है।

यह भी पढ़ें
रोजाना एक कटोरी सब्जी से घट सकता है 26 फीसदी तक कोलन कैंसर का खतरा
डब्ल्यूएचओ के अनुसार,अग्नाशय का कैंसर दुनिया में कैंसर से होने वाली मौतों का छठा प्रमुख कारण है।

2025 का थीम “कार्रवाई का एक दिन, एक अलग दुनिया” है, जिसका उद्देश्य डॉक्टरों, वैज्ञानिकों, स्वास्थ्य संगठनों और आम लोगों को एकजुट होकर इस बीमारी के खिलाफ कदम उठाने के लिए प्रेरित करना है।

कैंसर के खतरों को बढ़ाने वाली पांच रोजमर्रा की आदतें

कई बार हमारी रोजमर्रा की छोटी-छोटी आदतें भी अग्न्याशय को नुकसान पहुंचा सकती हैं। यहां पांच ऐसी आदतें बताई गई हैं जो धीरे-धीरे पैंक्रियाज को खतरे में डाल सकती हैं:

यह भी पढ़ें
भारत में फेफड़े के कैंसर से पीड़ितों की संख्या 81,219 होने के आसार
डब्ल्यूएचओ के अनुसार,अग्नाशय का कैंसर दुनिया में कैंसर से होने वाली मौतों का छठा प्रमुख कारण है।

1. उच्च कोलेस्ट्रॉल वाले खाद्य पदार्थ खाना

अगर आप ऐसे खाद्य पदार्थ नियमित रूप से खाते हैं जिनमें कोलेस्ट्रॉल की मात्रा अधिक होती है, तो यह आपके अग्नाशय में सूजन का खतरा बढ़ा सकता है। तला-भुना खाना, फास्ट फूड, रेड मीट और अत्यधिक डेयरी उत्पादों का सेवन धीरे-धीरे पाचन तंत्र पर दबाव डालता है।

2. धूम्रपान

हम सभी जानते हैं कि धूम्रपान फेफड़ों के लिए हानिकारक है, लेकिन यह बात कम लोग जानते हैं कि सिगरेट पीने से अग्न्याशय को भी नुकसान पहुंच सकता है। शोधकर्ताओं का कहना है कि धूम्रपान की आदत पैंक्रियास में सूजन पैदा कर सकती है और लंबे समय में कैंसर के जोखिम को भी बढ़ा सकती है।

यह भी पढ़ें
स्तन कैंसर के कोशिकाओं को जगा सकते हैं कोरोना वायरस या फ्लू
डब्ल्यूएचओ के अनुसार,अग्नाशय का कैंसर दुनिया में कैंसर से होने वाली मौतों का छठा प्रमुख कारण है।

3. अत्यधिक शराब पीना

यदि आप नियमित रूप से शराब का सेवन करते हैं, तो यह आदत आपके पैंक्रियाज और लीवर दोनों को नुकसान पहुंचा सकती है। शराब की अधिक मात्रा पाचन ग्रंथियों की कार्यक्षमता को धीमा कर देती है, जिससे धीरे-धीरे लिवर फेलियर और पैंक्रियाटाइटिस जैसी गंभीर बीमारियां होने की आशंका बढ़ जाती है। डॉक्टरों का कहना है कि कभी-कभार पीना भी सुरक्षित नहीं है यदि मात्रा अनियंत्रित हो।

4. गलत तरीके से आहार छोड़ना या लेना (क्रैश डाइटिंग)

तेजी से वजन घटाने की चाह में बहुत से लोग क्रैश डाइट का सहारा लेते हैं, जिसमें अचानक भोजन की मात्रा बेहद कम कर दी जाती है। यह तरीका शरीर को पोषण से वंचित कर देता है और अग्नाशय व लिवर पर अतिरिक्त दबाव डालता है। विशेषज्ञों का कहना है कि संतुलित और धीरे-धीरे वजन घटाना ही सुरक्षित तरीका है।

5. दवाओं का अत्यधिक उपयोग

यदि आप मामूली दर्द होने पर भी बार-बार बिना डॉक्टर की सलाह के दवाएं लेते हैं, तो यह आदत अग्नाशय के लिए हानिकारक हो सकती है। दवाओं के अधिक सेवन से शरीर में विषैले तत्व जमा हो जाते हैं, जो पैंक्रियाज और लीवर को अपूरणीय क्षति पहुंचा सकते हैं। दवा हमेशा डॉक्टर की सलाह पर और सीमित मात्रा में ही लेनी चाहिए।

यह भी पढ़ें
82 फीसदी की सटीकता के साथ लिवर कैंसर का अनुमान लगाएगा यह एआई उपकरण
डब्ल्यूएचओ के अनुसार,अग्नाशय का कैंसर दुनिया में कैंसर से होने वाली मौतों का छठा प्रमुख कारण है।

कैसे करें खुद की सुरक्षा?

  • संतुलित आहार लें और तला-भुना खाना सीमित करें।

  • धूम्रपान और शराब दोनों से दूरी बनाएं।

  • अचानक वजन घटाने के बजाय नियमित व्यायाम और हेल्दी डाइट अपनाएं।

  • किसी भी दवा का उपयोग डॉक्टर की सलाह पर ही करें।

  • पेट या पाचन से जुड़े लगातार लक्षणों को नजरअंदाज न करें और समय पर जांच कराएं।

यह भी पढ़ें
वैज्ञानिकों ने कैंसर रोधी गुणों वाली चावल की किस्में खोजी
डब्ल्यूएचओ के अनुसार,अग्नाशय का कैंसर दुनिया में कैंसर से होने वाली मौतों का छठा प्रमुख कारण है।

वर्ल्ड पैंक्रियाटिक कैंसर डे 2025 हमें याद दिलाता है कि यह बीमारी गंभीर है, लेकिन सही जानकारी, जागरूकता और स्वस्थ आदतों के माध्यम से हम अपने अग्न्याशय को सुरक्षित रख सकते हैं। यह दिन न सिर्फ मरीजों और उनके परिवारों के लिए, बल्कि हम सभी के लिए एक अवसर है कि हम अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें और इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर जागरूकता फैलाएं।

Related Stories

No stories found.
Down to Earth- Hindi
hindi.downtoearth.org.in