
कोलन कैंसर (कोलोरेक्टल कैंसर) आज दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली बीमारियों में से एक है। यह बड़ी आंत (कोलन) और मलाशय (रेक्टम) में होता है। शुरुआत में यह छोटे-छोटे गांठों से शुरू होता है, जो धीरे-धीरे कैंसर में बदल सकता है।
पहले इसे बुजुर्गों की बीमारी माना जाता था, लेकिन अब यह युवाओं में भी तेजी से बढ़ रहा है। मोटापा, शराब का सेवन और खराब जीवनशैली इसके बड़े कारण हैं। खासकर 50 साल से कम उम्र के लोगों में यह बीमारी तेजी से बढ़ रही है, जो एक बड़ा चिंता का विषय है।
लेकिन हाल ही में हुए एक शोध ने उम्मीद जगाई है। वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर हम रोजाना केवल 40 से 60 ग्राम क्रूसीफेरस सब्जियां (जैसे ब्रोकोली, फूलगोभी, पत्ता गोभी और ब्रसेल्स स्प्राउट्स) खाने से कोलन कैंसर का खतरा लगभग 20 से 26 फीसदी तक कम हो सकता है।
क्या पाया गया शोध में?
यह अध्ययन बीएमसी गैस्ट्रोएंटरोलॉजी नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ। इसमें करीब 6.4 लाख लोगों की जीवनशैली और खाने की आदतों का विश्लेषण किया गया। इन लोगों में से 97,595 लोगों को कोलन कैंसर था। नतीजों से पता चला कि जो लोग सबसे ज्यादा क्रूसीफेरस सब्जियां खाते थे, उनमें कैंसर का खतरा सबसे कम था।
रोजाना 40 से 60 ग्राम (लगभग आधा कप) इन सब्जियों का सेवन करने वालों में खतरा 20 से 26 फीसदी तक कम था। शोध में यह भी पाया गया कि 60 ग्राम से ज्यादा खाने पर अतिरिक्त फायदा नहीं मिला। यानी जरूरत से ज्यादा खाना बेहतर परिणाम नहीं देता है।
🥦 क्यों फायदेमंद हैं ये सब्जियां?
इन सब्जियों में कई पोषक तत्व होते हैं, जिनमें फाइबर, विटामिन सी, फ्लेवोनॉयड्स, कैरोटीनॉयड आदि। लेकिन सबसे खास यौगिक है सल्फोराफेन होता है। जब इन सब्जियों को काटा या चबाया जाता है तो इनमें मौजूद ग्लूकोसिनोलेट्स टूटकर सल्फोराफेन में बदल जाते हैं।
यह यौगिक शरीर की डिटॉक्स प्रक्रिया को मजबूत करता है, सूजन घटाता है और कोशिकाओं की मरम्मत करता है। यही वजह है कि इसे कैंसर रोकने वाला तत्व माना जाता है।
एक अन्य अध्ययन के अनुसार, पौधों पर आधारित आहार अपनाने से कोलन कैंसर का खतरा 46 फीसदी और रेक्टल कैंसर का खतरा 73 फीसदी तक कम पाया गया। अमेरिकी कैंसर रिसर्च संस्थान (एआईसीआर) के मुताबिक, साबुत अनाज खाने से कोलन कैंसर का खतरा करीब 17 फीसदी तक कम हो सकता है।
🥦 अपने रोजाना खाने में कैसे शामिल करें?
रोजाना आधा कप जरूरी, केवल 40 से 60 ग्राम यानी आधा कप ब्रोकली, फूलगोभी या पत्ता गोभी पर्याप्त है। सही तरीके से पकाना, हल्की भाप में पकाने से पोषक तत्व सुरक्षित रहते हैं।
केवल ब्रोकली ही नहीं, बल्कि फूलगोभी, पत्ता गोभी और ब्रसेल्स स्प्राउट्स को भी शामिल किया जाना चाहिए। इन सब्जियों को साबुत अनाज, दाल और फलों के साथ खाना चाहिए। रेड मीट और प्रोसेस्ड मीट का सेवन कम किया जाना चाहिए।
🥦 आसान तरीके
नाश्ते में उबली ब्रोकली को ऑमलेट में डाला जा सकता है। दोपहर में सलाद या रोल में पत्ता गोभी मिलाया जा सकता है। रात में सब्जियों की स्टर-फ्राई या पास्ता में फूलगोभी का उपयोग किया जा सकता है। स्नैक्स के लिए भुने ब्रसेल्स स्प्राउट्स या केले के चिप्स का सेवन किया जा सकता है।
इस बात का ध्यान दिया जाना चाहिए कि कोई भी एक भोजन कैंसर से पूरी तरह बचाव नहीं कर सकता है। नियमित स्वास्थ्य जांच, व्यायाम और संतुलित आहार के साथ ही असली फायदा मिलता है। रोजाना आधा कप क्रुसिफेरस सब्जियां खाने की आदत आपकी आंत को स्वस्थ रख सकती है और कोलन कैंसर का खतरा काफी हद तक घटा सकती है।