

रोहतक में वायु प्रदूषण चरम पर है, जहां एक्यूआई 340 तक पहुंच गया है, जो विश्व स्वास्थ्य संगठन की सुरक्षित सीमा से 2,100 फीसदी अधिक है।
दूसरी ओर, दिल्ली और नोएडा में वायु गुणवत्ता में सुधार देखा गया है। कल देश में नोएडा की हवा सबसे खराब थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 426 दर्ज किया गया था। हालांकि आज 153 अंकों के भारी सुधार के साथ नोएडा में वायु गुणवत्ता सूचकांक 273 पर पहुंच गया है। मतलब कि वहां वायु गुणवत्ता गंभीर से खराब श्रेणी में पहुंच गई है।
दिल्ली की भी कुछ ऐसी ही कहानी है, जहां कल से प्रदूषण में 141 अंकों का भारी सुधार आया है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता गंभीर से सीधे 'खराब' श्रेणी में पहुंच गई। कल दिल्ली में एक्यूआई 412 दर्ज किया गया था, जो आज घटकर 271 पर पहुंच गया है
शिलांग देश का सबसे साफ शहर है, जहां एक्यूआई महज 11 दर्ज किया गया है।
विश्लेषण से पता चला है कि 24 दिसंबर 2025 को देश में रोहतक की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित रही, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई 340 रिकॉर्ड किया गया। मतलब की रोहतक में वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' है। हालांकि कल सरकारी आंकड़ों में रोहतक का जिक्र नहीं था। रुझानों में सामने आया है कि रोहतक की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) पूरी तरह हावी हैं।
देखा जाए तो वहां फिजाओं में घुला जहर इतना ज्यादा है कि वो लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है। रोहतक से स्थिति किस कदर खराब है, इसी बात से समझा जा सकता है कि वहां प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित सुरक्षित सीमा से 2,100 फीसदी अधिक है।
दूसरी तरफ देश में शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 11 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर रोहतक की तुलना शिलांग से करें तो वहां स्थिति 30 गुणा खराब है।
कल देश में नोएडा की हवा सबसे खराब थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 426 दर्ज किया गया था। हालांकि आज 153 अंकों के भारी सुधार के साथ नोएडा में वायु गुणवत्ता सूचकांक 273 पर पहुंच गया है। मतलब कि वहां वायु गुणवत्ता गंभीर से खराब श्रेणी में पहुंच गई है।
राजधानी दिल्ली की भी कुछ ऐसी ही कहानी है, जहां कल से प्रदूषण में 141 अंकों का भारी सुधार आया है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता गंभीर से सीधे 'खराब' श्रेणी में पहुंच गई। बता दें कि कल दिल्ली में एक्यूआई 412 दर्ज किया गया था, जो आज घटकर 271 पर पहुंच गया है। गौरतलब है कि इससे पहले 14 नवंबर को दिल्ली में साल का सबसे प्रदूषित दिन दर्ज किया गया था, जब एक्यूआई बढ़कर 461 तक पहुंच गया।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 24 दिसंबर, 2025 को 236 शहरों के लिए जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि इनमें से जहां महज 4.7 फीसदी शहरों में हवा साफ है।
वहीं 25.8 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ 69.5 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं। मतलब की देश के ज्यादातर शहरों में आज भी हवा चिंताजनक है।
बता दें कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 22.2 फीसदी का इजाफा हुआ है। इसी तरफ संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में भी करीब 20 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई। मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की बात करें तो इनकी संख्या में छह फीसदी से अधिक का इजाफा दर्ज किया गया।
दूसरी तरफ खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो उनकी गिनती में कल से 9.1 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। बेहद खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों का भी हाल ऐसा ही है, जिनकी गिनती में कल से 58 फीसदी से अधिक की गिरावट आई है, जोकि राहत की खबर है।
फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक 216 रिकॉर्ड किया गया है।
आंकड़ों से पता चला है कि प्रदूषण के मामले में तालचेर (339) दूसरे जबकि विशाखापत्तनम (319) तीसरे स्थान पर है। इसी तरह 305 अंकों के साथ पंचकुला चौथे स्थान पर है। अंगुल-नारनौल में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 303 और 295 अंकों के साथ पांचवें और छठे पायदान पर हैं।
गुम्मिडीपूंडी (292) सातवें स्थान पर हैं। इसी तरह दस सबसे प्रदूषित शहरों में हल्दिया (292), सोनीपत (277) और बालासोर (274) भी शामिल हैं। गौरतलब है कि आज देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में ओडिशा के तीन (तालचेर, अंगुल, बालासोर) और हरियाणा के चार शहर (रोहतक, पंचकुला, नारनौल, सोनीपत) शामिल हैं।
विश्लेषण से यह भी पता चला है कि रोहतक, तालचेर, विशाखापत्तनम, पंचकुला, अंगुल, नारनौल, गुम्मिडीपूंडी, हल्दिया, सोनीपत, बालासोर, नोएडा, दिल्ली, धनबाद, हावड़ा, मोतिहारी, तिरुमाला, आसनसोल, ग्रेटर नोएडा, सीकर, धारूहेड़ा, बद्दी, बारबिल, कटक, नागौर, बारीपदा, गाजियाबाद, राजमहेंद्रवरम, बल्लभगढ़, गुरुग्राम, मेरठ, मुजफ्फरनगर, भिवाड़ी, भुवनेश्वर, बैरकपुर, फरीदाबाद, समस्तीपुर, टोंक, कोटा, पाली, जालोर, कडप्पा, हाजीपुर, चरखी दादरी, कोलकाता, राउरकेला, हापुड़, कटिहार, आरा, बागपत, बेतिया, लखनऊ, मंडीखेड़ा, मानेसर, नाहरलागुन, बूंदी, बिहार शरीफ, दुर्गापुर, मुंगेर, ग्वालियर, खुर्जा, चित्तौड़गढ़, पानीपत, देहरादून, चित्तूर, अररिया, भीलवाड़ा, ब्रजराजनगर, पुणे, भिवानी, जींद, काशीपुर आदि शहरों की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) हावी हैं।
वहीं रूपनगर, मंडीदीप, बिलीपाड़ा, झुंझुनू, किशनगंज, बुलंदशहर, अमरावती (आंध्रप्रदेश), गया, कटनी, कुरुक्षेत्र, औरंगाबाद (बिहार), टेन्सा, उल्हासनगर, फतेहाबाद, महाड, क्योंझर, तुमडीह, बदलापुर, मंगुराहा, सहरसा, जैसलमेर, सासाराम, सवाई माधोपुर, अंकलेश्वर, लुधियाना, रतलाम, सिरोही, भिवंडी, चंद्रपुर, बारां, मंडी गोबिंदगढ़, दौसा, नयागढ़, गांधीनगर, तुमकुरु, बरेली, सोलापुर, भरतपुर, जालंधर, अजमेर, खन्ना, सांगली, कैथल, अलवर आदि शहरों में पीएम10 से स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।
इसी तरह कुछ शहरों में कार्बन और ओजोन से स्थिति खराब है।
इन शहरों के विपरीत देश के 4.7 फीसदी यानी महज 11 शहरों में हवा साफ है। इन साफ हवा वाले शहरों में आइजोल, चामराजनगर, चिक्कमगलुरु, दमोह, झांसी, मदिकेरी, पंपोर, शिलांग, श्री विजयनगर पुरम, श्रीनगर आदि शामिल हैं।
आज देश के जिन 61 शहरों में वायु गुणवत्ता सन्तोषजनक है, उनमें अंबाला, अमरावती (महाराष्ट्र), अमृतसर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बागलकोट, बांसवाड़ा, बाड़मेर, बेलगाम, भिलाई, बिलासपुर, बोइसर, कोयंबटूर, देवास, धुले, डूंगरपुर, एलूर, फिरोजाबाद, गोरखपुर, गुवाहाटी, हनुमानगढ़, हुबली, हैदराबाद, जबलपुर, जलना, कलबुर्गी, कन्नूर, कोहिमा, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, मालेगांव, मंगलौर, मीरा-भायंदर, मुंबई, मैसूर आदि शामिल हैं।
इन शहरों के उलट आज देश के 119 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है।
इन शहरों में आगरा, अहमदाबाद, अजमेर, अलवर, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अनंतपुर, अंकलेश्वर, अररिया, आरा, औरंगाबाद (बिहार), बदलापुर, बागपत, बारां, बरेली, बेगूसराय, बेलापुर, बेंगलुरु, बेतिया, भागलपुर, भरतपुर, भीलवाड़ा, भिवंडी, भिवानी, भोपाल, बिहार शरीफ, बीकानेर, बिलीपाड़ा, ब्रजराजनगर, बुलंदशहर, बूंदी, बक्सर, बर्नीहाट, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चरखी दादरी, चेन्नई, छाल, छपरा, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, चूरू, दौसा, देहरादून, धौलपुर, दुर्गापुर, फतेहाबाद, गांधीनगर, गया, ग्वालियर, हाजीपुर, हापुड़, इंदौर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, झालावाड़, झुंझुनू, जींद, जोधपुर, कैथल, कल्याण, कानपुर, करौली, करनाल, काशीपुर, कटिहार, कटनी, क्योंझर, खन्ना, खुर्जा, किशनगंज, कोल्हापुर, कोलकाता, कुरुक्षेत्र, लखनऊ, लुधियाना, महाड, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीखेड़ा, मानेसर, मंगुराहा, मिलुपारा, मुरादाबाद, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नागांव, नाहरलागुन, नलबाड़ी, नयागढ़, पानीपत, पटियाला, पटना, पिंपरी-चिंचवाड़, प्रयागराज, पुडुचेरी, पुणे, पूर्णिया, राजगीर, राजसमंद, रतलाम, राउरकेला, सहरसा, सांगली, सासाराम, सवाई माधोपुर, सिरोही, सिवान, सोलापुर, सुआकाती, टेन्सा, तिरुवनंतपुरम, तिरुपति, तुमकुरु, तुमडीह, उदयपुर, उल्हासनगर, वाराणसी, वातवा शामिल हैं।
आंकड़ों में यह भी सामने आया है कि आज देश के 40 शहरों में वायु गुणवत्ता खराब है। इन शहरों में आसनसोल, बद्दी, बालासोर, बल्लभगढ़, बारबिल, बारीपदा, बैरकपुर, भिवाड़ी, भुवनेश्वर, ब्यासनगर, कटक, दिल्ली, धनबाद, धारूहेड़ा, फरीदाबाद, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडीपूंडी, गुरुग्राम, हल्दिया, हावड़ा, जालोर, कडप्पा, कोटा, मंडीदीप, मेरठ, मोतिहारी, मुजफ्फरनगर, नागौर, नारनौल, नोएडा, पाली, पंचगांव, राजमहेंद्रवरम, रूपनगर, समस्तीपुर, सीकर, सोनीपत, तिरुमाला, टोंक शामिल हैं।
इसी तरह आज देश के पांच शहरों में वायु गुणवत्ता बेहद खराब है। इन शहरों में अंगुल, पंचकुला, रोहतक, तालचेर, विशाखापत्तनम शामिल हैं।
क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 236 में से महज 11 शहरों में हवा 'बेहतर' है। 61 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 23 दिसंबर 2025 को यह आंकड़ा 51 दर्ज किया गया था।
119 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में आज रोहतक (340) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 350 के करीब पहुंच गया। इसके साथ ही रोहतक में आज वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ श्रेणी में पहुंच गई है।
गौरतलब है कि कल देश में नोएडा की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित थी। जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 426 तक पहुंच गया था। हालांकि आज 153 अंकों के भारी सुधार के साथ नॉएडा में वायु गुणवत्ता गंभीर से 'खराब' श्रेणी में पहुंच गई है।
राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल से वहां भी प्रदूषण में भारी सुधार आया है। दिल्ली में 141 अंकों के सुधार के साथ एक्यूआई घटकर 271 रह गया है। मतलब की वायु गुणवत्ता गंभीर से सीधे 'खराब' श्रेणी में पहुंच गई है। इसी तरह फरीदाबाद में भी कल से प्रदूषण में गिरावट आई है। आज फरीदाबाद में एक्यूआई 216 रिकॉर्ड किया गया। मतलब की फरीदाबाद में आज भी वायु गुणवत्ता ‘खराब’ बनी हुई है।
गौरतलब है कि पिछले दो-तीन महीनों में जून, जुलाई और अगस्त के दौरान दिल्ली की वायु गुणवत्ता ज्यादातर दिन संतोषजनक रही। वहीं जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।
प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में 24 दिसंबर को पंचकुला चौथे स्थान पर है, वहीं तालचेर (339) दूसरे, जबकि विशाखापत्तनम (319) तीसरे स्थान पर है। अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 169, गाजियाबाद में 244, गुवाहाटी में 63, गुरूग्राम में 236, नोएडा में 273, ग्रेटर नोएडा में 259 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 86 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 185, चेन्नई में 146, चंडीगढ़ में 101, हैदराबाद में 96, जयपुर में 134 और पटना में 137 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 11 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, आइजोल, चामराजनगर, चिक्कमगलुरु, दमोह, झांसी, मदिकेरी, पंपोर, शिलांग, श्री विजयनगर पुरम, श्रीनगर शामिल हैं।
वहीं अहमदनगर, अकोला, अंबाला, अमरावती (महाराष्ट्र), अमृतसर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बागलकोट, बांसवाड़ा, बाड़मेर, बेलगाम, भिलाई, बिलासपुर, बोइसर, कोयंबटूर, देवास, धुले, डूंगरपुर, एलूर, फिरोजाबाद, गोरखपुर, गुवाहाटी, हनुमानगढ़, हुबली, हैदराबाद, जबलपुर, जलना, कलबुर्गी, कन्नूर, कोहिमा, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, मालेगांव, मंगलौर, मीरा-भायंदर, मुंबई, मैसूर, नागपुर, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, पलवल, परभनी, पेरुंदुरई, प्रतापगढ़, रायपुर, सागर, सतना, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरसा, शिवसागर, श्री गंगानगर, सूरत, ठाणे, थूथुकुडी, वापी, विजयवाड़ा, विरार, वृंदावन, यादगीर आदि 61 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।
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हवा में जहर: नोएडा में बढ़कर 426 पर पहुंचा एक्यूआई, दिल्ली में भी गंभीर हुई वायु गुणवत्ता