हवा में जहर: नोएडा में बढ़कर 426 पर पहुंचा एक्यूआई, दिल्ली में भी गंभीर हुई वायु गुणवत्ता

23 दिसंबर 2025 को जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि देश में नोएडा (426) की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित है। इसी तरह दिल्ली (412) में भी वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में पहुंच गई है।
मुंबई, कोलकाता और चेन्नई जैसे अपेक्षाकृत बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों में भी मृत्यु दर काफी ज्यादा है।
मुंबई, कोलकाता और चेन्नई जैसे अपेक्षाकृत बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों में भी मृत्यु दर काफी ज्यादा है। फोटो साभार: विकास चौधरी, सीएसई
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सारांश
  • नोएडा में वायु गुणवत्ता सूचकांक 426 तक पहुंच गया है, जो गंभीर स्थिति को दर्शाता है। दिल्ली में भी एक्यूआई 412 पर है, जिससे वायु गुणवत्ता गंभीर हो गई है।

  • दूसरी तरफ देश में शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 8 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर नोएडा की तुलना शिलांग से करें तो वहां स्थिति 52 गुणा खराब है।

  • आज दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 39 अंकों की बढ़ोतरी के साथ 412 पर पहुंच गया है। मतलब कि नॉएडा की तरह ही दिल्ली में भी वायु गुणवत्ता गंभीर हो चुकी है।

  • 23 दिसंबर, 2025 को 233 शहरों के लिए जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि इनमें से जहां महज 3.9 फीसदी शहरों में हवा साफ है।

  • वहीं 22.2 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ 73.9 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं। मतलब की देश के ज्यादातर शहरों में आज भी हवा चिंताजनक है।

  • फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक 239 रिकॉर्ड किया गया है।  

  • आंकड़ों से पता चला है कि प्रदूषण के मामले में दिल्ली (412) दूसरे जबकि गाजियाबाद (392) तीसरे स्थान पर है। इसी तरह 388 अंकों के साथ ग्रेटर नोएडा चौथे स्थान पर है।

  • गुरुग्राम-पंचकुला में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 364 और 345 अंकों के साथ पांचवें और छठे पायदान पर हैं।

  • मानेसर (343) सातवें स्थान पर हैं। इसी तरह दस सबसे प्रदूषित शहरों में बल्लभगढ़ (338), भिवाड़ी (336) और तालचेर (331) भी शामिल हैं।

  • आज देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में उत्तर प्रदेश के तीन (नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद) और हरियाणा के चार शहर (गुरुग्राम, पंचकुला, मानेसर, बल्लभगढ़) शामिल हैं।

विश्लेषण से पता चला है कि 23 दिसंबर 2025 को देश में नोएडा की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित रही, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई 426 रिकॉर्ड किया गया। गौरतलब है कि 22 दिसंबर को नोएडा में एक्यूआई 366 दर्ज किया गया था। मतलब कि कल से वहां प्रदूषण में 60 अंकों का भारी उछाल आया है। इसके साथ ही नोएडा में आज स्थिति 'बेहद खराब' से गंभीर हो गई है।   

रुझानों में सामने आया है कि नोएडा की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) पूरी तरह हावी हैं। देखा जाए तो वहां फिजाओं में घुला जहर इतना ज्यादा है कि वो लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है।

नोएडा से स्थिति किस कदर खराब है, इसी बात से समझा जा सकता है कि वहां प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित सुरक्षित सीमा से 2,600 फीसदी अधिक है।

दूसरी तरफ देश में शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 8 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर नोएडा की तुलना शिलांग से करें तो वहां स्थिति 52 गुणा खराब है।

कल देश में दिल्ली की हवा सबसे खराब थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 373 दर्ज किया गया था। आज दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 39 अंकों की बढ़ोतरी के साथ 412 पर पहुंच गया है। मतलब कि नॉएडा की तरह ही दिल्ली में भी वायु गुणवत्ता गंभीर हो चुकी है। गौरतलब है कि इससे पहले 14 नवंबर को दिल्ली में साल का सबसे प्रदूषित दिन दर्ज किया गया था, जब एक्यूआई बढ़कर 461 तक पहुंच गया।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 23 दिसंबर, 2025 को 233 शहरों के लिए जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि इनमें से जहां महज 3.9 फीसदी शहरों में हवा साफ है।

वहीं 22.2 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ 73.9 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं। मतलब की देश के ज्यादातर शहरों में आज भी हवा चिंताजनक है।

बता दें कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 50 फीसदी का इजाफा हुआ है। इसी तरफ संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में भी करीब नौ फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई। मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की बात करें तो इनकी संख्या में करीब सात फीसदी की कमी आई है।

खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो उनकी गिनती में भी कल से छह फीसदी से अधिक की गिरावट दर्ज की गई। बेहद खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों का भी हाल ऐसा ही है, जिनकी गिनती में कल से करीब आठ फीसदी की गिरावट आई है, जोकि राहत की खबर है।

फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक 239 रिकॉर्ड किया गया है।  

आंकड़ों से पता चला है कि प्रदूषण के मामले में दिल्ली (412) दूसरे जबकि गाजियाबाद (392) तीसरे स्थान पर है। इसी तरह 388 अंकों के साथ ग्रेटर नोएडा चौथे स्थान पर है। गुरुग्राम-पंचकुला में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 364 और 345 अंकों के साथ पांचवें और छठे पायदान पर हैं।

मानेसर (343) सातवें स्थान पर हैं। इसी तरह दस सबसे प्रदूषित शहरों में बल्लभगढ़ (338), भिवाड़ी (336) और तालचेर (331) भी शामिल हैं। गौरतलब है कि आज देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में उत्तर प्रदेश के तीन (नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद) और हरियाणा के चार शहर (गुरुग्राम, पंचकुला, मानेसर, बल्लभगढ़) शामिल हैं।

विश्लेषण से यह भी पता चला है कि नोएडा, दिल्ली, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरुग्राम, पंचकुला, मानेसर, बल्लभगढ़, भिवाड़ी, तालचेर, मेरठ, चरखी दादरी, अंगुल, जैसलमेर, बद्दी, बीकानेर, हल्दिया, विशाखापत्तनम, कोल्लम, हापुड़, सोनीपत, बहादुरगढ़, नागौर, बाड़मेर, गुम्मिडीपूंडी, चुरू, जालोर, बुलंदशहर, बालासोर, कुरुक्षेत्र, हाजीपुर, भुवनेश्वर, पटियाला, मंडीखेड़ा, बागपत, फरीदाबाद, कोटा, पानीपत, राजमहेंद्रवरम, नारनौल, कटक, हावड़ा, करनाल, खुर्जा, आरा, काशीपुर, तिरुपुर, मंडीदीप, बिहार शरीफ, फतेहाबाद, मिलुपारा, जोधपुर, रूपनगर, बूंदी, मुजफ्फरनगर, पटना, ग्वालियर, चंडीगढ़ आदि शहरों की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) हावी हैं।

वहीं सिंगरौली, झुंझुनू, श्री गंगानगर, अमरावती (आंध्रप्रदेश), हनुमानगढ़, हिसार, सहरसा, बिलीपाड़ा, बेगूसराय, ब्रजराजनगर, कैथल, महाड, अंकलेश्वर, कल्याण, भिवंडी, लुधियाना, सासाराम, उल्हासनगर, नांदेड़, मंडी गोबिंदगढ़, चंद्रपुर, रतलाम, मालेगांव, सूरत, ठाणे, अमृतसर, अजमेर, देवास, अलवर, बोइसर, जालंधर, सवाई माधोपुर, बिलासपुर, गांधीनगर, सिरोही आदि शहरों में पीएम10 से स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।

इसी तरह कुछ शहरों में कार्बन और ओजोन से स्थिति खराब है।

इन शहरों के विपरीत देश के 3.9 फीसदी यानी महज 9 शहरों में हवा साफ है। इन साफ हवा वाले शहरों में आइजोल, चामराजनगर, चिक्कमगलुरु, दमोह, मदिकेरी, पंपोर, शिलांग, शिवमोगा, श्रीनगर आदि शामिल हैं। 

आज देश के जिन 51 शहरों में वायु गुणवत्ता सन्तोषजनक है, उनमें बांसवाड़ा, बारां, बेलापुर, बेलगाम, बेंगलुरु, भरतपुर, भिलाई, कुड्डालोर, धौलपुर, धुले, फिरोजाबाद, गोरखपुर, गुवाहाटी, हुबली, जलना, झांसी, कडप्पा, कलबुर्गी, कन्नूर, करौली, करूर, क्योंझर, कोहिमा, कोप्पल, मैहर, मंगलौर, मीरा-भायंदर, मैसूर, नासिक, नयागढ़, पलवल, पेरुंदुरई, प्रतापगढ़, पुडुचेरी, पूर्णिया, रायरंगपुर, ऋषिकेश, सतना आदि शामिल हैं।

इन शहरों के उलट आज देश के 112 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है।

इन शहरों में आगरा, अहमदाबाद, अजमेर, अलवर, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अंबाला, अमृतसर, अनंतपुर, अंकलेश्वर, अररिया, आसनसोल, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बारबिल, बरेली, बैरकपुर, बठिंडा, बेगूसराय, बेतिया, भागलपुर, भीलवाड़ा, भिवंडी, भिवानी, भोपाल, बिलासपुर, बिलीपाड़ा, बोइसर, ब्रजराजनगर, बक्सर, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चेन्नई, छाल, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, कोयंबटूर, दौसा, देहरादून, देवास, धनबाद, डूंगरपुर, दुर्गापुर, गांधीनगर, गया, हनुमानगढ़, हिसार, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जयपुर, जालंधर, झुंझुनू, कैथल, कल्याण, कानपुर, कटिहार, कटनी, खन्ना, कोल्हापुर, कोलकाता, कोरबा, लातूर, लखनऊ, लुधियाना, महाड, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मंगुराहा, मुरादाबाद, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नागांव, नागपुर, नाहरलागुन, नलबाड़ी, नांदेड़, नवी मुंबई, पाली, परभनी, पिंपरी-चिंचवाड़, पीथमपुर, प्रयागराज, पुणे, रायपुर, राजगीर, राजसमंद, रतलाम, राउरकेला, सागर, सहरसा, सासाराम, सवाई माधोपुर, सीकर, सिरोही, सिवान, सोलापुर, श्री गंगानगर, सूरत, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, तिरुमाला, टोंक, तुमकुरु, तुमडीह, उदयपुर, उल्हासनगर, वापी, वाराणसी, वातवा, यादगीर शामिल हैं।

आंकड़ों में यह भी सामने आया है कि आज देश के 44 शहरों में वायु गुणवत्ता खराब है। इन शहरों में आरा, बद्दी, बागपत, बहादुरगढ़, बालासोर, बाड़मेर, भुवनेश्वर, बिहार शरीफ, बीकानेर, बुलंदशहर, बूंदी, चुरू, कटक, फरीदाबाद, फतेहाबाद, गुम्मिडीपूंडी, ग्वालियर, हाजीपुर, हल्दिया, हापुड़, हावड़ा, जालोर, जोधपुर, करनाल, काशीपुर, खुर्जा, कोल्लम, कोटा, कुरुक्षेत्र, मंडीदीप, मंडीखेड़ा, मिलुपारा, मुजफ्फरनगर, नागौर, नारनौल, पानीपत, पटियाला, पटना, राजमहेंद्रवरम, रूपनगर, सिंगरौली, सोनीपत, तिरुपुर, विशाखापत्तनम शामिल हैं।

इसी तरह आज देश के 12 शहरों में वायु गुणवत्ता बेहद खराब है। इन शहरों में अंगुल, बल्लभगढ़, भिवाड़ी, चरखी दादरी, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरुग्राम, जैसलमेर, मानेसर, मेरठ, पंचकुला, तालचेर शामिल हैं। इसी तरह आज देश के दो शहरों नोएडा (426) और दिल्ली (412) में वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में है।

क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 230 में से महज 9 शहरों में हवा 'बेहतर' है। 51 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 22 दिसंबर 2025 को यह आंकड़ा 47 दर्ज किया गया था।

112 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में आज नोएडा (426) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 430 के करीब पहुंच गया। बता दें कि कल से नोएडा में प्रदूषण के स्तर में 60 अंकों का भारी उछाल आया है। इसके साथ ही नोएडा में आज वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ से गंभीर श्रेणी में पहुंच गई है।  

गौरतलब है कि कल देश में दिल्ली की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित थी। आज दिल्ली में 39 अंकों के उछाल के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 412 पर पहुंच गया। मतलब की दिल्ली में भी वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में पहुंच गई है। 

इसी तरह फरीदाबाद में भी कल से प्रदूषण में इजाफा हुआ है। आज फरीदाबाद में एक्यूआई 239 रिकॉर्ड किया गया। मतलब की फरीदाबाद में आज भी वायु गुणवत्ता खराब बनी हुई है।   

गौरतलब है कि पिछले दो-तीन महीनों में जून, जुलाई और अगस्त के दौरान दिल्ली की वायु गुणवत्ता ज्यादातर दिन संतोषजनक रही। वहीं जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।

प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में 23 दिसंबर को ग्रेटर नोएडा चौथे स्थान पर है, वहीं दिल्ली (412) दूसरे, जबकि गाजियाबाद (392) तीसरे स्थान पर है। अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 201, गाजियाबाद में 392, गुवाहाटी में 67, गुरूग्राम में 364, नोएडा में 426, ग्रेटर नोएडा में 388 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 106 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 157, चेन्नई में 155, चंडीगढ़ में 198, हैदराबाद में 132, जयपुर में 160 और पटना में 202 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 9 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, चामराजनगर, चिक्कमगलुरु, दमोह, मदिकेरी, पंपोर, शिलांग, शिवमोगा, श्रीनगर शामिल हैं।

वहीं अगरतला, अहमदनगर, अकोला, अमरावती (महाराष्ट्र), बांसवाड़ा, बारां, बेलापुर, बेलगाम, बेंगलुरु, भरतपुर, भिलाई, कुड्डालोर, धौलपुर, धुले, फिरोजाबाद, गोरखपुर, गुवाहाटी, हुबली, जलना, झांसी, कडप्पा, कलबुर्गी, कन्नूर, करौली, करूर, क्योंझर, कोहिमा, कोप्पल, मैहर, मंगलौर, मीरा-भायंदर, मैसूर, नासिक, नयागढ़, पलवल, पेरुंदुरई, प्रतापगढ़, पुडुचेरी, पूर्णिया, रायरंगपुर, ऋषिकेश, सतना, सिलचर, सिलीगुड़ी, शिवसागर, सुआकाती, टेन्सा, थूथुकुडी, विजयवाड़ा, विरार, वृंदावन आदि 51 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

कल देश में वायु गुणवत्ता की स्थिति कैसी थी इसकी जानकारी आप डाउन टू अर्थ के एयर क्वालिटी ट्रैकर के पिछले अंक से प्राप्त कर सकते हैं:

प्रदूषित शहरों में टॉप पर दिल्ली, 373 एक्यूआई, दमोह की हवा सबसे साफ

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