हवा में जहर: ग्रेटर नोएडा में 434 पर पहुंचा एक्यूआई, नोएडा-गाजियाबाद में भी स्थिति गंभीर

दिल्ली में भी कल से प्रदूषण में इजाफा दर्ज किया गया है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 390 पर पहुंच गया। दिल्ली में प्रदूषण का स्तर डब्ल्यूएचओ द्वारा तय मानकों से 2,400 फीसदी अधिक है।
हवा में घुले जहर से बचाने के लिए अपने बच्चे को मास्क पहनने में मदद करती मां; फोटो: आईस्टॉक
हवा में घुले जहर से बचाने के लिए अपने बच्चे को मास्क पहनने में मदद करती मां; फोटो: आईस्टॉक
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विश्लेषण से पता चला है कि 28 दिसंबर 2025 को देश में ग्रेटर नोएडा की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित रही, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई 434 रिकॉर्ड किया गया। कल ग्रेटर नोएडा में वायु गुणवत्ता सूचकांक 395 दर्ज किया गया था। मतलब कि कल से वहां प्रदूषण के स्तर में 39 अंकों का उछाल आया है।

इसके साथ ही वहां वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' से ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गई है। रुझानों में सामने आया है कि ग्रेटर नोएडा की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) पूरी तरह हावी हैं। देखा जाए तो वहां फिजाओं में घुला जहर इतना ज्यादा है कि वो लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है।

ग्रेटर नोएडा से स्थिति किस कदर खराब है, इसी बात से समझा जा सकता है कि वहां प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित सुरक्षित सीमा से 2,700 फीसदी अधिक है।

दूसरी तरफ देश में दमोह की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 25 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर ग्रेटर नोएडा की तुलना दमोह से करें तो वहां स्थिति 16 गुणा खराब है।

कल देश में नोएडा की हवा सबसे खराब थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 409 दर्ज किया गया था। आज 10 अंकों के उछाल के साथ नोएडा में वायु गुणवत्ता सूचकांक 419 पर पहुंच गया है। मतलब कि वहां आज भी वायु गुणवत्ता गंभीर बनी हुई है।       

राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो कल से प्रदूषण में पांच अंकों का उछाल आया है। दिल्ली में आज भी वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' श्रेणी में बनी हुई है। बता दें कि कल दिल्ली में एक्यूआई 385 दर्ज किया गया था, जो आज बढ़कर 390 पर पहुंच गया। दिल्ली के कई हिस्सों में तो स्थिति गंभीर बनी हुई है और वायु गुणवत्ता सूचकांक 400 के ऊपर है।

गौरतलब है कि इससे पहले 14 नवंबर को दिल्ली में साल का सबसे प्रदूषित दिन दर्ज किया गया था, जब एक्यूआई बढ़कर 461 तक पहुंच गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 28 दिसंबर, 2025 को 230 शहरों के लिए जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि इनमें से जहां महज तीन फीसदी शहरों में हवा साफ है।

वहीं 25.2 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ 71.7 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं। मतलब की देश के ज्यादातर शहरों में आज भी हवा चिंताजनक है।

बता दें कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 17 फीसदी का इजाफा हुआ है। दूसरी तरफ संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में तीन फीसदी से अधिक की गिरावट दर्ज की गई। मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की बात करें तो इनकी संख्या में 4.2 फीसदी की गिरावट आई है।

दूसरी तरफ खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो उनकी गिनती में कल से 22.6 फीसदी का इजाफा हुआ है। वहीं बेहद खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की बात करें तो उनकी गिनती में कल से 18 फीसदी से अधिक की गिरावट आई है, जोकि राहत की खबर है।

फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक 255 रिकॉर्ड किया गया है।  

आंकड़ों से पता चला है कि प्रदूषण के मामले में नोएडा (419) दूसरे जबकि गाजियाबाद (414) तीसरे स्थान पर है। इसी तरह 390 अंकों के साथ दिल्ली चौथे स्थान पर है। धारूहेड़ा-रूपनगर में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 377 और 355 अंकों के साथ पांचवें और छठे पायदान पर हैं।

गुरुग्राम (353) सातवें स्थान पर हैं। इसी तरह दस सबसे प्रदूषित शहरों में बल्लभगढ़ (334), मानेसर (334) और भिवाड़ी (330) भी शामिल हैं। गौरतलब है कि आज देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में हरियाणा के चार शहर (धारूहेड़ा, गुरुग्राम, बल्लभगढ़, मानेसर) और उत्तर प्रदेश के तीन शहर (ग्रेटर नोएडा, नोएडा, गाजियाबाद) शामिल हैं।

विश्लेषण से यह भी पता चला है कि ग्रेटर नोएडा, नोएडा, दिल्ली, धारूहेड़ा, गुरुग्राम, बल्लभगढ़, मानेसर, भिवाड़ी, नारनौल, विशाखापत्तनम, कैथल, तालचेर, बुलंदशहर, मेरठ, चरखी दादरी, जींद, बद्दी, खुर्जा, गुम्मिडीपूंडी, भुवनेश्वर, ग्वालियर, हल्दिया, हापुड़, करनाल, बालासोर, फरीदाबाद, बागपत, रोहतक, हावड़ा, मुजफ्फरनगर, देहरादून, पुणे, राजमहेंद्रवरम, चित्तूर, भोपाल, कुरुक्षेत्र, चंडीगढ़, पिंपरी-चिंचवाड़, सीकर, आगरा, चित्तौड़गढ़, अररिया, बैरकपुर, कोटा, कोलकाता, बारीपदा, नागपुर, झालावाड़, जयपुर, मंडीखेड़ा, वातवा, तिरुमाला, बारबिल, मुरादाबाद, धौलपुर, सिरसा, भिवानी, लखनऊ, आसनसोल, भरतपुर, उल्हासनगर, राउरकेला, मुंगेर, जालोर, अंबाला, प्रयागराज, भिवंडी, नाहरलागुन, हाजीपुर, परभनी, कटनी, कानपुर आदि शहरों की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) हावी हैं।

वहीं गाजियाबाद, रूपनगर, मंडीदीप, बीकानेर, अमरावती (आंध्रप्रदेश), चुरू, झुंझुनू, जालंधर, फतेहाबाद, श्री गंगानगर, नागौर, धनबाद, कल्याण, औरंगाबाद (बिहार), बिलीपाड़ा, सवाई माधोपुर, हनुमानगढ़, अलवर, ठाणे, नांदेड़, मंगुराहा, मीरा-भायंदर, मालेगांव, बारां, पटियाला, विरार, नासिक, उदयपुर, पलवल, जलगांव, सूरत, सासाराम, बेलापुर, वृंदावन, अमरावती (महाराष्ट्र), ब्रजराजनगर, तुमडीह, मंडी गोबिंदगढ़, सिलीगुड़ी, बोइसर, चंद्रपुर, रतलाम, अजमेर, जैसलमेर, टेन्सा आदि शहरों में पीएम10 से स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।

इसी तरह कुछ शहरों में कार्बन और ओजोन से स्थिति खराब है।

इन शहरों के विपरीत देश के तीन फीसदी यानी महज सात शहरों में हवा साफ है। इन साफ हवा वाले शहरों में अगरतला, आइजोल, चामराजनगर, चिक्कमगलुरु, दमोह, कुंजेमुरा, मदिकेरी आदि शामिल हैं। 

आज देश के जिन 58 शहरों में वायु गुणवत्ता सन्तोषजनक है, उनमें भिलाई, बिहार शरीफ, बिलासपुर, बक्सर, कोयंबटूर, देवास, एलूर, गोरखपुर, गुवाहाटी, हुबली, इंदौर, जबलपुर, जलना, झांसी, कलबुर्गी, कन्नूर, करूर, कटिहार, क्योंझर, खन्ना, किशनगंज, कोहिमा, कोरबा, लातूर, मंगलौर, मोतिहारी, मुजफ्फरपुर, मैसूर, पंपोर, पंचगांव, पेरुंदुरई, प्रतापगढ़, पुडुचेरी, पूर्णिया, रायपुर, रायरंगपुर, ऋषिकेश आदि शामिल हैं।

इन शहरों के उलट आज देश के 115 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है।

इन शहरों में अहमदाबाद, अहमदनगर, अजमेर, अलवर, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अंबाला, अमरावती (महाराष्ट्र), अमृतसर, अंकलेश्वर, आरा, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), बांसवाड़ा, बारां, बारबिल, बारीपदा, बाड़मेर, बेलापुर, बेंगलुरु, भागलपुर, भरतपुर, भीलवाड़ा, भिवंडी, भिवानी, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बोइसर, ब्रजराजनगर, बूंदी, बर्नीहाट, चंद्रपुर, चेन्नई, चुरू, कुड्डालोर, दौसा, धनबाद, धौलपुर, धुले, डूंगरपुर, दुर्गापुर, फतेहाबाद, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गया, हाजीपुर, हनुमानगढ़, हैदराबाद, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जालोर, झालावाड़, झुंझुनू, जोधपुर, कडप्पा, कल्याण, कानपुर, करौली, कटनी, कोल्हापुर, लखनऊ, लुधियाना, महाड, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मंडीखेड़ा, मंगुराहा, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मुंगेर, नागांव, नागौर, नागपुर, नाहरलागुन, नलबाड़ी, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, पाली, पलवल, परभनी, पटियाला, पटना, पीथमपुर, प्रयागराज, राजगीर, राजसमंद, रतलाम, राउरकेला, सागर, सासाराम, सवाई माधोपुर, सिलीगुड़ी, सिरसा, सोलापुर, श्री गंगानगर, सूरत, टेन्सा, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, तिरुमाला, तिरुपति, तुमकुरु, तुमडीह, उदयपुर, उल्हासनगर, वापी, वाराणसी, वातवा, विरार, वृंदावन, यादगीर शामिल हैं।

आंकड़ों में यह भी सामने आया है कि आज देश के 38 शहरों में वायु गुणवत्ता खराब है। इन शहरों में आगरा, अंगुल, अररिया, बद्दी, बागपत, बालासोर, बैरकपुर, भोपाल, भुवनेश्वर, बुलंदशहर, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चरखी दादरी, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, कटक, देहरादून, फरीदाबाद, गुम्मिडीपूंडी, ग्वालियर, हल्दिया, हापुड़, हावड़ा, जींद, कैथल, करनाल, खुर्जा, कोलकाता, कोटा, कुरुक्षेत्र, मेरठ, मुजफ्फरनगर, पिंपरी-चिंचवाड़, पुणे, राजमहेंद्रवरम, रोहतक, सीकर, तालचेर शामिल हैं।

इसी तरह आज देश के 9 शहरों में वायु गुणवत्ता बेहद खराब है। इन शहरों में बल्लभगढ़, भिवाड़ी, दिल्ली, धारूहेड़ा, गुरुग्राम, मानेसर, नारनौल, रूपनगर, विशाखापत्तनम शामिल हैं। देश में आज गाजियाबाद (414), ग्रेटर नोएडा (434) और नोएडा (419) में स्थिति गंभीर बनी हुई है।

क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 230 में से महज सात शहरों में हवा 'बेहतर' है। 58 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 27 दिसंबर 2025 को यह आंकड़ा 60 दर्ज किया गया था।

115 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में आज ग्रेटर नोएडा (434) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 440 के करीब पहुंच गया। इसके साथ ही ग्रेटर नोएडा में आज वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ से 'गंभीर' श्रेणी में पहुंच गई है।  

कल देश में नोएडा की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित थी। जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 409 तक पहुंच गया था। हालांकि आज 10 अंकों के उछाल के साथ नोएडा में वायु गुणवत्ता सूचकांक 419 पर पहुंच गया। नोएडा में स्थिति आज भी गंभीर बनी हुई है।

राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल से प्रदूषण में इजाफा हुआ है। दिल्ली में पांच अंकों के उछाल के साथ एक्यूआई बढ़कर 390 पर पहुंच गया है। मतलब की वायु गुणवत्ता एक बार फिर बेहद खराब हो गई है। इसी तरह फरीदाबाद में भी कल से प्रदूषण में इजाफा दर्ज किया गया। आज फरीदाबाद में एक्यूआई 255 रिकॉर्ड किया गया। मतलब की फरीदाबाद में आज भी वायु गुणवत्ता ‘खराब’ बनी हुई है।   

गौरतलब है कि पिछले दो-तीन महीनों में जून, जुलाई और अगस्त के दौरान दिल्ली की वायु गुणवत्ता ज्यादातर दिन संतोषजनक रही। वहीं जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।

प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में 28 दिसंबर को दिल्ली चौथे स्थान पर है, वहीं नोएडा (419) दूसरे, जबकि गाजियाबाद (414) तीसरे स्थान पर है। अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 272, गाजियाबाद में 414, गुवाहाटी में 65, गुरूग्राम में 353, नोएडा में 419, ग्रेटर नोएडा में 434 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 132 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 156, चेन्नई में 130, चंडीगढ़ में 223, हैदराबाद में 102, जयपुर में 177 और पटना में 116 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देशकेजिन सात शहरों मेंवायुगुणवत्तासूचकांक 50 याउससेनीचेयानी 'बेहतर' रहा, उनमेंअगरतला, आइजोल, चामराजनगर, चिक्कमगलुरु, दमोह, कुंजेमुरा, मदिकेरी शामिलहैं।

वहीं अकोला, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बागलकोट, बरेली, बठिंडा, बेलगाम, बेतिया, भिलाई, बिहार शरीफ, बिलासपुर, बक्सर, कोयंबटूर, देवास, एलूर, गोरखपुर, गुवाहाटी, हुबली, इंदौर, जबलपुर, जलना, झांसी, कलबुर्गी, कन्नूर, करूर, कटिहार, क्योंझर, खन्ना, किशनगंज, कोहिमा, कोरबा, लातूर, मंगलौर, मोतिहारी, मुजफ्फरपुर, मैसूर, पंपोर, पंचगांव, पेरुंदुरई, प्रतापगढ़, पुडुचेरी, पूर्णिया, रायपुर, रायरंगपुर, ऋषिकेश, सहरसा, सलेम, समस्तीपुर, सतना, शिलांग, शिवमोगा, सिलचर, सिरोही, शिवसागर, श्रीनगर, सुआकाती, थूथुकुडी, त्रिशूर, विजयवाड़ा आदि 58 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

कल देश में वायु गुणवत्ता की स्थिति कैसी थी इसकी जानकारी आप डाउन टू अर्थ के एयर क्वालिटी ट्रैकर के पिछले अंक से प्राप्त कर सकते हैं:

दिल्ली-एनसीआर में सांस लेना हुआ जानलेवा, नोएडा में 409, दिल्ली में बढ़कर 385 हुआ एक्यूआई

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