प्रदूषण में पहले स्थान पर दिल्ली, सिंगरौली-गाजियाबाद सहित 14 अन्य शहरों में स्थिति बेहद खराब

विश्लेषण से पता चला है कि 21 दिसंबर 2025 को देश में दिल्ली की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित रही, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई 377 रिकॉर्ड किया गया
Children using nebulisers in a government hospital in Delhi. Photo: Vivek Mishra / CSE
Children using nebulisers in a government hospital in Delhi. Photo: Vivek Mishra / CSE
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सारांश
  • आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि 21 दिसंबर 2025 को देश में दिल्ली की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित रही, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई 377 रिकॉर्ड किया गया।

  • दिल्ली से स्थिति किस कदर खराब है, इसी बात से समझा जा सकता है कि वहां प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित सुरक्षित सीमा से 2,300 फीसदी अधिक है।

  • दूसरी तरफ देश में शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 11 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर दिल्ली की तुलना शिलांग से करें तो वहां स्थिति 33 गुणा खराब है।

  • 21 दिसंबर, 2025 को 233 शहरों के लिए जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि इनमें से जहां महज तीन फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं 22.3 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ 74.7 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं।

  • फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक 235 रिकॉर्ड किया गया है।  

  • आंकड़ों से पता चला है कि प्रदूषण के मामले में गाजियाबाद (364) दूसरे जबकि सिंगरौली (341) तीसरे स्थान पर है। इसी तरह 339 अंकों के साथ पंचकुला चौथे स्थान पर है।

  • रोहतक-बद्दी में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 337 और 334 अंकों के साथ पांचवें और छठे पायदान पर हैं।

  • बालासोर (333) सातवें स्थान पर हैं। इसी तरह दस सबसे प्रदूषित शहरों में ग्रेटर नोएडा (329), गुरुग्राम (328) और नोएडा (327) भी शामिल हैं।

  • आज देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में उत्तर प्रदेश के तीन (नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद) और हरियाणा के तीन शहर (पंचकुला, रोहतक, गुरुग्राम) शामिल हैं।

विश्लेषण से पता चला है कि 21 दिसंबर 2025 को देश में दिल्ली की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित रही, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई 377 रिकॉर्ड किया गया। गौरतलब है कि 20 दिसंबर को दिल्ली में एक्यूआई 398 दर्ज किया गया था। मतलब कि कल से वहां प्रदूषण में 21 अंकों का सुधार आया है। इसके बावजूद दिल्ली में आज भी स्थिति 'बेहद खराब' बनी हुई है।   

रुझानों में सामने आया है कि दिल्ली की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) पूरी तरह हावी हैं। देखा जाए तो वहां फिजाओं में घुला जहर इतना ज्यादा है कि वो लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है।

दिल्ली से स्थिति किस कदर खराब है, इसी बात से समझा जा सकता है कि वहां प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित सुरक्षित सीमा से 2,300 फीसदी अधिक है।

दूसरी तरफ देश में शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 11 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर दिल्ली की तुलना शिलांग से करें तो वहां स्थिति 33 गुणा खराब है।

गौरतलब है कि इससे पहले 14 नवंबर को दिल्ली में साल का सबसे प्रदूषित दिन दर्ज किया गया था, जब एक्यूआई बढ़कर 461 तक पहुंच गया।

कल देश में नोएडा की हवा खराब थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 401 रिकॉर्ड किया गया था। हालांकि आज नोएडा में प्रदूषण के स्तर में 74 अंकों का भारी सुधार आया है। इसके साथ ही नोएडा में स्थिति गंभीर से 'बेहद खराब' हो गई है।     

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 21 दिसंबर, 2025 को 233 शहरों के लिए जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि इनमें से जहां महज तीन फीसदी शहरों में हवा साफ है।

वहीं 22.3 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ 74.7 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं। मतलब की देश के ज्यादातर शहरों में आज भी हवा चिंताजनक है।

बता दें कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 75 फीसदी का इजाफा हुआ है। दूसरी तरफ संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में 20 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की बात करें तो इनकी संख्या में मामूली इजाफा हुआ है।

इसी तरह खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो उनकी गिनती में कल से करीब तीन फीसदी का इजाफा दर्ज किया गया। बेहद खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में कल से कोई बदलाव नहीं हुआ है।

फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक 235 रिकॉर्ड किया गया है।  

आंकड़ों से पता चला है कि प्रदूषण के मामले में गाजियाबाद (364) दूसरे जबकि सिंगरौली (341) तीसरे स्थान पर है। इसी तरह 339 अंकों के साथ पंचकुला चौथे स्थान पर है। रोहतक-बद्दी में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 337 और 334 अंकों के साथ पांचवें और छठे पायदान पर हैं।

बालासोर (333) सातवें स्थान पर हैं। इसी तरह दस सबसे प्रदूषित शहरों में ग्रेटर नोएडा (329), गुरुग्राम (328) और नोएडा (327) भी शामिल हैं। गौरतलब है कि आज देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में उत्तर प्रदेश के तीन (नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद) और हरियाणा के तीन शहर (पंचकुला, रोहतक, गुरुग्राम) शामिल हैं।

विश्लेषण से यह भी पता चला है कि दिल्ली, गाजियाबाद, सिंगरौली, पंचकुला, बद्दी, बालासोर, ग्रेटर नोएडा, गुरुग्राम, नोएडा, धारूहेड़ा, जींद, अंगुल, गुम्मिडीपूंडी, करनाल, सोनीपत, मुजफ्फरनगर, हल्दिया, ब्यासनगर, मेरठ, तिरुमाला, भिवाड़ी, विशाखापत्तनम, कटक, बागपत, कुरुक्षेत्र, बुलंदशहर, बल्लभगढ़, अनंतपुर, हावड़ा, पंचगांव, तालचेर, भुवनेश्वर, फरीदाबाद, हापुड़, टोंक, तुमकुरु, कोटा, खुर्जा, राजमहेंद्रवरम, चंडीगढ़, नारनौल, कोलकाता, पुडुचेरी, यमुना नगर, बैरकपुर, बारबिल, फतेहाबाद, चरखी दादरी, कुड्डालोर, मानेसर, चेन्नई, श्रीनगर, बूंदी, धनबाद, करूर, देहरादून, बिहार शरीफ, कोयंबटूर, लखनऊ, भिवानी, रूपनगर, आगरा, खन्ना, पुणे आदि शहरों की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) हावी हैं।

वहीं रोहतक, मंडीदीप, पानीपत, चुरू, सीकर, झुंझुनू, हनुमानगढ़, नागौर, जैसलमेर, बिलीपाड़ा, औरंगाबाद (बिहार), बीकानेर, बेगूसराय, पटियाला, सासाराम, जालंधर, जालौर, चंद्रपुर, ब्रजराजनगर, चित्तौड़गढ़, मालेगांव, किशनगंज, सवाई माधोपुर, भिवंडी, श्री गंगानगर, लुधियाना, महाद, रायरंगपुर, अलवर, पिंपरी-चिंचवाड़, रतलाम, अजमेर, बोइसर, विरार, उल्हासनगर, बारां, टेन्सा, बाड़मेर, छपरा, नांदेड़, नवी मुंबई, अमृतसर, बिलासपुर, जलगांव, थूथुकुडी, सुआकती, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), क्योंझर, गांधीनगर आदि शहरों में पीएम10 से स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। इसी तरह कुछ शहरों में कार्बन और ओजोन से स्थिति खराब है।

इन शहरों के विपरीत देश के तीन फीसदी यानी महज सात शहरों में हवा साफ है। इन साफ हवा वाले शहरों में आइजोल, चामराजनगर, दमोह, झांसी, कलबुर्गी, शिलांग आदि शामिल हैं। 

आज देश के जिन 52 शहरों में वायु गुणवत्ता सन्तोषजनक है, उनमें बरेली, बेलापुर, बेतिया, भिलाई, बक्सर, चिक्कमगलुरु, दावनगेरे, देवास, धौलपुर, फिरोजाबाद, गोरखपुर, हुबली, इंदौर, जबलपुर, जलना, कन्नूर, करौली, कटिहार, कोहिमा, कोल्हापुर, कोप्पल, कोरबा, लातूर, मदिकेरी, मंगलौर, मीरा-भायंदर, मुंबई, मैसूर, नासिक, पलवल, परभनी, प्रतापगढ़, रायपुर, ऋषिकेश, सहरसा, सतना, शिवमोगा, सिलचर आदि शामिल हैं।

इन शहरों के उलट आज देश के 121 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है।

इन शहरों में आगरा, अहमदाबाद, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अंबाला, अमृतसर, अररिया, आरा, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद महाराष्ट्र), बदलापुर, बारां, बाड़मेर, बेगूसराय, बेंगलुरु, भागलपुर, भरतपुर, भीलवाड़ा, भिवंडी, भिवानी, भोपाल, बिहार शरीफ, बीकानेर, बिलासपुर, बिलीपाड़ा, बोइसर, ब्रजराजनगर, बूंदी, बर्नीहाट, चंद्रपुर, चेन्नई, छाल, छपरा, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, कोयंबटूर, दौसा, देहरादून, धनबाद, धुले, डूंगरपुर, दुर्गापुर, गांधीनगर, गया, गुवाहाटी, ग्वालियर, हाजीपुर, हनुमानगढ़, हैदराबाद, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जालौर, झालावाड़, झुंझुनू, जोधपुर, कडप्पा, कैथल, कल्याण, कानपुर, करूर, कटनी, क्योंझर, खन्ना, किशनगंज, लखनऊ, लुधियाना, महाद, मैहर, मालेगांव, मंडीखेड़ा, मानेसर, मंगुराहा, मिलुपारा, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नागांव, नागौर, नागपुर, नाहरलागुन, नांदेड़, नवी मुंबई, पाली, पटियाला, पटना, पेरुंदुरई, पिंपरी-चिंचवाड़, पीथमपुर, प्रयागराज, पुणे, रायरंगपुर, राजगीर, राजसमंद, रतलाम, राउरकेला, रूपनगर, सागर, समस्तीपुर, सांगली, सासाराम, सवाई माधोपुर, सीकर, सिवान, श्री गंगानगर, श्रीनगर, सुआकती, टेन्सा, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुपति, उदयपुर, उल्हासनगर, विजयवाड़ा, विरार शामिल हैं।

आंकड़ों में यह भी सामने आया है कि आज देश के 38 शहरों में वायु गुणवत्ता खराब है। इन शहरों में अनंतपुर, बागपत, बल्लभगढ़, बारबिल, बैरकपुर, भिवाड़ी, भुवनेश्वर, बुलंदशहर, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चरखी दादरी, चुरू, कुड्डालोर, कटक, फरीदाबाद, फतेहाबाद, हल्दिया, हापुड़, हावड़ा, खुर्जा, कोलकाता, कोटा, कुरुक्षेत्र, मंडीदीप, मेरठ, मुजफ्फरनगर, नारनौल, पंचगांव, पानीपत, पुडुचेरी, राजमहेंद्रवरम, सोनीपत, तालचेर, तिरुमाला, टोंक, तुमकुरु, विशाखापत्तनम, यमुना नगर शामिल हैं।

इसी तरह आज देश के 15 शहरों में वायु गुणवत्ता बेहद खराब है। इन शहरों में अंगुल, बद्दी, बालासोर, दिल्ली, धारूहेड़ा, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडीपूंडी, गुरुग्राम, जींद, करनाल, नोएडा, पंचकुला, रोहतक, सिंगरौली शामिल हैं।

क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 233 में से महज सात शहरों में हवा 'बेहतर' है। 52 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 20 दिसंबर 2025 को यह आंकड़ा 65 दर्ज किया गया था।

121 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में आज दिल्ली (377) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 380 के करीब पहुंच गया। बता दें कि कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 21 अंकों का सुधार आया है। हालांकि दिल्ली में आज भी वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ श्रेणी में बनी हुई है।  

गौरतलब है कि कल देश में नोएडा की हवा खराब थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 401 रिकॉर्ड किया गया था। हालांकि आज नोएडा में प्रदूषण के स्तर में 74 अंकों का भारी सुधार आया है। इसके साथ ही नोएडा में स्थिति गंभीर से 'बेहद खराब' हो गई है।     

दूसरी तरफ कल से फरीदाबाद की स्थिति में कोई बदलाव नहीं हुआ है और स्थिति जस की तस बनी हुई है। फरीदाबाद में एक्यूआई 235 रिकॉर्ड किया गया। मतलब की फरीदाबाद में आज भी वायु गुणवत्ता खराब बनी हुई है।   

गौरतलब है कि पिछले दो-तीन महीनों में जून, जुलाई और अगस्त के दौरान दिल्ली की वायु गुणवत्ता ज्यादातर दिन संतोषजनक रही। वहीं जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।

प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में 21 दिसंबर को पंचकुला चौथे स्थान पर है, वहीं गाजियाबाद (364) दूसरे, जबकि सिंगरौली (341) तीसरे स्थान पर है। अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 152, गाजियाबाद में 364, गुवाहाटी में 130, गुरूग्राम में 328, नोएडा में 327, ग्रेटर नोएडा में 329 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 91 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 178, चेन्नई में 196, चंडीगढ़ में 217, हैदराबाद में 102, जयपुर में 162 और पटना में 115 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन सात शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, चामराजनगर, दमोह, झांसी, कलबुर्गी, शिलांग, श्री विजयनगर पुरम शामिल हैं।

वहीं अहमदनगर, अमरावती (महाराष्ट्र), अंकलेश्वर, बांसवाड़ा, बरेली, बेलापुर, बेतिया, भिलाई, बक्सर, चिक्कमगलुरु, दावनगेरे, देवास, धौलपुर, फिरोजाबाद, गोरखपुर, हुबली, इंदौर, जबलपुर, जलना, कन्नूर, करौली, कटिहार, कोहिमा, कोल्हापुर, कोप्पल, कोरबा, लातूर, मदिकेरी, मंगलौर, मीरा-भायंदर, मुंबई, मैसूर, नासिक, पलवल, परभनी, प्रतापगढ़, रायपुर, ऋषिकेश, सहरसा, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, सिरसा, शिवसागर, सोलापुर, त्रिशूर, वापी, वाराणसी, वृंदावन, यादगीर आदि 52 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

कल देश में वायु गुणवत्ता की स्थिति कैसी थी इसकी जानकारी आप डाउन टू अर्थ के एयर क्वालिटी ट्रैकर के पिछले अंक से प्राप्त कर सकते हैं:

प्रदूषण का कहर: प्रदूषण में अव्वल नोएडा, दिल्ली में बढ़कर 398 पर पहुंचा एक्यूआई

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