

देश में 01 दिसंबर 2025 को सोनीपत सबसे प्रदूषित शहर रहा, जहां एक्यूआई 329 दर्ज हुआ और स्थिति ‘बेहद खराब’ बनी रही। दिल्ली में भी प्रदूषण बढ़कर एक्यूआई 304 तक पहुंच गया।
आंकड़ों के अनुसार 217 में से महज 21 शहरों में हवा साफ है, जबकि 65.9 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं।
दूसरी तरफ देश में शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 15 रिकॉर्ड किया गया
राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल से प्रदूषण में इजाफा हुआ है, जहां एक्यूआई एक बार फिर बढ़कर 304 दर्ज किया गया। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता खराब से ‘बेहद खराब’ श्रेणी में पहुंच गई है
आंकड़ों से पता चला है कि प्रदूषण के मामले में हापुड़ (324) दूसरे जबकि मानेसर (323) तीसरे स्थान पर है। इसी तरह 322 अंकों के साथ बहादुरगढ़ चौथे स्थान पर है।
गाजियाबाद-नोएडा में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 322 और 321 अंकों के साथ पांचवें और छठे पायदान पर हैं।
दिल्ली (304) सातवें स्थान पर हैं। इसी तरह दस सबसे प्रदूषित शहरों में भिवाड़ी (302), धारूहेड़ा (299) और ग्रेटर नोएडा (296) भी शामिल हैं।
आज देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में उत्तर प्रदेश के चार (हापुड़, गाजियाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा) और हरियाणा के पांच शहर (सोनीपत, मानेसर, बहादुरगढ़, भिवाड़ी, धारूहेड़ा) शामिल हैं।
फरीदाबाद में भी कल से प्रदूषण में इजाफा हुआ है, जहां 45 अंकों के उछाल के साथ एक्यूआई बढ़कर 221 रिकॉर्ड किया गया। मतलब की वहां वायु गुणवत्ता आज एक बार फिर मध्यम से 'खराब' श्रेणी में पहुंच गई है।
विश्लेषण से पता चला है कि 01 दिसंबर 2025 को देश में सोनीपत की हवा सबसे ज्यादा खराब है, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई 329 रिकॉर्ड किया गया। गौरतलब है कि 30 नवंबर को भी सोनीपत में एक्यूआई 329 दर्ज किया गया था। मतलब कि कल से वहां प्रदूषण में कोई बदलाव नहीं हुआ है और स्थिति जस की तस बनी हुई है।
हालांकि सोनीपत में वायु गुणवत्ता मध्यम अभी भी ‘बेहद खराब’ बनी हुई है। रुझानों में सामने आया है कि सोनीपत की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) पूरी तरह हावी हैं। देखा जाए तो वहां फिजाओं में घुला जहर इतना ज्यादा है कि वो लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है।
सोनीपत से स्थिति किस कदर खराब है, इसी बात से समझा जा सकता है कि वहां प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित सुरक्षित सीमा से 2,000 फीसदी अधिक है।
दूसरी तरफ देश में शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 15 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर सोनीपत की तुलना शिलांग से करें तो वहां स्थिति 21 गुणा खराब है।
बता दें कि 30 नवंबर को देश में कोयंबटूर की स्थिति सबसे खराब थी, जब एक्यूआई 347 दर्ज किया गया था। हालांकि 01 दिसंबर को कोयंबटूर की वायु गुणवत्ता में 123 अंकों का भारी सुधार आया है, जिसके बाद वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ से ‘खराब’ श्रेणी में पहुंच गई है।
राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल से प्रदूषण में इजाफा हुआ है, जहां एक्यूआई एक बार फिर बढ़कर 304 दर्ज किया गया। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता खराब से ‘बेहद खराब’ श्रेणी में पहुंच गई है, जहां प्रदूषण का स्तर डब्ल्यूएचओ मानकों से 570 फीसदी अधिक है। गौरतलब है कि 11 नवंबर को दिल्ली में साल का सबसे प्रदूषित शहर दिन दर्ज किया गया था, जब एक्यूआई बढ़कर 428 तक पहुंच गया था।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 01 दिसंबर, 2025 को 217 शहरों के लिए जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि इनमें से जहां महज 9.7 फीसदी शहरों में हवा साफ है।
वहीं 24.4 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ 65.9 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं। मतलब की देश के ज्यादातर शहरों में आज भी हवा चिंताजनक है। चिंता की बात यह है कि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में 29.3 फीसदी की गिरावट आई है।
दूसरी तरह आज साफ हवा वाले शहरों की गिनती में कल से करीब 31 फीसदी का इजाफा हुआ है। मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की बात करें तो इन शहरों की संख्या में कल से करीब दस फीसदी की गिरावट आई है। खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो उनकी गिनती में करीब 11.1 फीसदी की गिरावट रिकॉर्ड की गई।
दूसरी तरह देश में बेहद खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में करीब 100 फीसदी का इजाफा हुआ है, जोकि चिंता का विषय है। फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक 221 रिकॉर्ड किया गया है।
आंकड़ों से पता चला है कि प्रदूषण के मामले में हापुड़ (324) दूसरे जबकि मानेसर (323) तीसरे स्थान पर है। इसी तरह 322 अंकों के साथ बहादुरगढ़ चौथे स्थान पर है। गाजियाबाद-नोएडा में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 322 और 321 अंकों के साथ पांचवें और छठे पायदान पर हैं।
दिल्ली (304) सातवें स्थान पर हैं। इसी तरह दस सबसे प्रदूषित शहरों में भिवाड़ी (302), धारूहेड़ा (299) और ग्रेटर नोएडा (296) भी शामिल हैं। गौरतलब है कि आज देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में उत्तर प्रदेश के चार (हापुड़, गाजियाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा) और हरियाणा के पांच शहर (सोनीपत, मानेसर, बहादुरगढ़, भिवाड़ी, धारूहेड़ा) शामिल हैं।
विश्लेषण से यह भी पता चला है कि सोनीपत, हापुड़, मानेसर, बहादुरगढ़, नोएडा, भिवाड़ी, धारूहेड़ा, ग्रेटर नोएडा, भिवानी, हल्दिया, कोटा, गुरुग्राम, बुलंदशहर, मुजफ्फरनगर, कोल्लम, हावड़ा, बूंदी, टोंक, तालचेर, हाजीपुर, चरखी दादरी, कोयंबटूर, जींद, ग्वालियर, फरीदाबाद, जयपुर, कोलकाता, सांगली, परभनी, बल्लभगढ़, अररिया, पिंपरी-चिंचवाड़, भीलवाड़ा, बारां, करनाल, सिंगरौली, बद्दी, नांदेड़, नारनौल, खुर्जा, हनुमानगढ़, आसनसोल, अहमदाबाद, मंडीदीप, अगरतला, जालंधर, झालावाड़, मंगुराहा, जलगांव, नंदेसरी, नलबाड़ी, महाड, यमुना नगर, फतेहाबाद, धौलपुर, मुंगेर, चंडीगढ़, काशीपुर, मंडी गोबिंदगढ़, देहरादून, कटनी, वातवा, चित्तौड़गढ़, पाली, मंडीखेड़ा, जैसलमेर, मुजफ्फरपुर, बक्सर, सहरसा आदि शहरों की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) हावी हैं।
वहीं गाजियाबाद, दिल्ली, पानीपत, श्री गंगानगर, मेरठ, पुणे, सीकर, बीकानेर, चूरू, चंद्रपुर, झुंझुनू, धनबाद, दुर्गापुर, आगरा, कल्याण, सवाई माधोपुर, कोल्हापुर, सासाराम, नागौर, नवी मुंबई, लखनऊ, पटना, भरतपुर, तुमडीह, जोधपुर, मुरादाबाद, किशनगंज, सोलापुर, क्योंझर, गया, अजमेर, बाड़मेर, बदलापुर, दौसा, नागपुर, पटियाला, खन्ना, लुधियाना, रतलाम, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), भागलपुर, सिलीगुड़ी, बांसवाड़ा, नासिक, वृंदावन, कानपुर, अमृतसर, उदयपुर, गोरखपुर, सागर, अहमदनगर, मुंबई, वाराणसी, सिरसा, अमरावती (महाराष्ट्र), अंकलेश्वर, कैथल, गुवाहाटी, हैदराबाद आदि शहरों में पीएम10 से स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।
इसी तरह कुछ शहरों में कार्बन और ओजोन से स्थिति खराब है। इन शहरों के विपरीत देश के 9.7 फीसदी यानी महज 21 शहरों में हवा साफ है। इन साफ हवा वाले शहरों में कुड्डालोर, दमोह, दावनगेरे, डिंडीगुल, गंगटोक, झांसी, मदिकेरी, मदुरै, ऊटी, पलकलाईपेरूर, पुडुचेरी, रामनाथपुरम, शिलांग, शिवमोगा, तंजावुर, तिरुमाला आदि शामिल हैं।
आज देश के जिन 53 शहरों में वायु गुणवत्ता सन्तोषजनक है, उनमें अनंतपुर, बागलकोट, बरेली, बठिंडा, बेगूसराय, बेंगलुरु, भिलाई, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, बर्नीहाट, छाल, देवास, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गुम्मिडीपूंडी, हिसार, हुबली, कडप्पा, कलबुर्गी, कन्नूर, करूर, कोहिमा, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, मिलुपारा, मैसूर, नयागढ़, पलवल, पंचकुला, पीथमपुर, प्रतापगढ़, पूर्णिया, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, राजसमंद, ऋषिकेश आदि शामिल हैं।
इन शहरों के उलट आज देश के 103 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है।
इन शहरों में अगरतला, आगरा, अहमदाबाद, अहमदनगर, अजमेर, अंबाला, अमरावती (महाराष्ट्र), अमृतसर, अंकलेश्वर, आसनसोल, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बद्दी, बदलापुर, बांसवाड़ा, बारां, बाड़मेर, भागलपुर, भरतपुर, भीलवाड़ा, भोपाल, बिहार शरीफ, बक्सर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चित्तौड़गढ़, चूरू, दौसा, देहरादून, धनबाद, धौलपुर, दुर्गापुर, फतेहाबाद, गया, गोरखपुर, गुवाहाटी, हनुमानगढ़, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, झालावाड़, झुंझुनू, जोधपुर, कैथल, कल्याण, कानपुर, करौली, करनाल, काशीपुर, कटिहार, कटनी, क्योंझर, खन्ना, खुर्जा, किशनगंज, कोल्हापुर, लातूर, लखनऊ, लुधियाना, महाड, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मंडीखेड़ा, मंगलौर, मंगुराहा, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नागौर, नागपुर, नाहरलागुन, नलबाड़ी, नांदेड़, नंदेसरी, नारनौल, नासिक, नवी मुंबई, पाली, पटियाला, पटना, प्रयागराज, रतलाम, राउरकेला, सागर, सहरसा, सासाराम, सवाई माधोपुर, सिलीगुड़ी, सिंगरौली, सिरोही, सिरसा, सोलापुर, तुमडीह, उदयपुर, वाराणसी, वातवा, विशाखापत्तनम, वृंदावन, यमुना नगर शामिल हैं।
आंकड़ों में यह भी सामने आया है कि आज देश के 32 शहरों में वायु गुणवत्ता खराब है। इन शहरों में अररिया, बल्लभगढ़, भिवानी, बीकानेर, बुलंदशहर, बूंदी, चरखी दादरी, कोयंबटूर, धारूहेड़ा, फरीदाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरुग्राम, ग्वालियर, हाजीपुर, हल्दिया, हावड़ा, जयपुर, जींद, कोलकाता, कोल्लम, कोटा, मेरठ, मुजफ्फरनगर, पानीपत, परभनी, पिंपरी-चिंचवाड़, पुणे, सांगली, सीकर, श्री गंगानगर, तालचेर, टोंक शामिल हैं।
इसी तरह आज देश के आठ शहरों में वायु गुणवत्ता बेहद खराब है। इन शहरों में बहादुरगढ़, भिवाड़ी, दिल्ली, गाजियाबाद, हापुड़, मानेसर, नोएडा, सोनीपत शामिल हैं।
क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 217 में से महज 21 शहरों में हवा 'बेहतर' है। 53 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 30 नवंबर 2025 को यह आंकड़ा 75 दर्ज किया गया था।
103 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में आज सोनीपत (329) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 330 के करीब पहुंच गया। बता दें कि कल से सोनीपत के प्रदूषण में कोई बदलाव नहीं हुआ है और स्थिति जस की तस बनी हुई है। इसके साथ ही सोनीपत में वायु गुणवत्ता सूचकांक अभी भी 'बेहद खराब' बना हुआ है।
गौरतलब है कि 30 नवंबर देश में कोयंबटूर की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 347 दर्ज किया गया था। वहीं आज कोयंबटूर में प्रदूषण के स्तर में 123 अंकों का सुधार आया है, जिसके बाद वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' से खराब श्रेणी में पहुंच गई है।
राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल से प्रदूषण में इजाफा हुआ है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर एक बार फिर 300 के पार पहुंच गया। इसी तरफ फरीदाबाद में भी कल से प्रदूषण में इजाफा हुआ है, जहां 45 अंकों के उछाल के साथ एक्यूआई बढ़कर 221 रिकॉर्ड किया गया। मतलब की फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता आज एक बार फिर मध्यम से 'खराब' श्रेणी में पहुंच गई है।
गौरतलब है कि पिछले दो-तीन महीनों में जून, जुलाई और अगस्त के दौरान दिल्ली की वायु गुणवत्ता ज्यादातर दिन संतोषजनक रही। वहीं जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।
प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में 01 दिसंबर को बहादुरगढ़ चौथे स्थान पर है, वहीं हापुड़ (324) दूसरे, जबकि मानेसर (323) तीसरे स्थान पर है। अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 222, गाजियाबाद में 322, गुवाहाटी में 101, गुरूग्राम में 275, नोएडा में 321, ग्रेटर नोएडा में 296 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 105 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 139, चेन्नई में 32, चंडीगढ़ में 156, हैदराबाद में 101, जयपुर में 218 और पटना में 139 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 21 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अरियालुर, चामराजनगर, चेन्नई, चिक्कमगलुरु, कुड्डालोर, दमोह, दावनगेरे, डिंडीगुल, गंगटोक, झांसी, मदिकेरी, मदुरै, ऊटी, पलकलाईपेरूर, पुडुचेरी, रामनाथपुरम, शिलांग, शिवमोगा, तंजावुर, तिरुमाला, वेल्लोर शामिल हैं।
वहीं अकोला, अलवर, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अनंतपुर, बागलकोट, बरेली, बठिंडा, बेगूसराय, बेंगलुरु, भिलाई, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, बर्नीहाट, छाल, देवास, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गुम्मिडीपूंडी, हिसार, हुबली, कडप्पा, कलबुर्गी, कन्नूर, करूर, कोहिमा, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, मिलुपारा, मैसूर, नयागढ़, पलवल, पंचकुला, पीथमपुर, प्रतापगढ़, पूर्णिया, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, राजसमंद, ऋषिकेश, रूपनगर, सलेम, सतना, सिलचर, सूरत, टेन्सा, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुपति, वापी, यादगीर आदि 53 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।
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उत्तर से दक्षिण तक प्रदूषण की मार, कोयंबटूर में 347 पर पहुंचा एक्यूआई