

आंकड़ों के अनुसार, देश के 46.3 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता चिंताजनक है।
फतेहाबाद में प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों से 2,090 फीसदी अधिक है।
वहीं, शिलांग की हवा सबसे साफ है। दिल्ली में प्रदूषण बढ़कर 292 एक्यूआई पर पहुंच गया है, जो मानकों से 1,847 फीसदी अधिक है।
फरीदाबाद में कल से प्रदूषण में कोई बदलाव नहीं हुआ है, और स्थिति जस की तस बनी हुई है।
आंकड़ों से पता चला है कि आज प्रदूषण के मामले में बहादुरगढ़ (324) दूसरे जबकि नोएडा (324) तीसरे स्थान पर है। इसी तरह 307 अंकों के साथ धारूहेड़ा चौथे स्थान पर है।
आज देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में हरियाणा के सात शहर (फतेहाबाद, बहादुरगढ़, धारूहेड़ा, पानीपत, जींद, चरखी दादरी, मानेसर) शामिल हैं।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 25 अक्टूबर 2025 को जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि देश के जहां महज 19.6 फीसदी शहरों में हवा साफ है।
वहीं करीब 34.1 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ 46.3 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं। मतलब की देश के ज्यादातर शहरों में आज हवा चिंताजनक है। राहत की खबर यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में इजाफा हुआ है।
रुझानों से पता चला है कि आज जहां देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 11.1 फीसदी का इजाफा हुआ है। वहीं सन्तोषजनक हवा वाले शहरों में भी करीब 15 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। दूसरी तरफ मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में करीब 16.5 फीसदी की गिरावट आई है।
चिंता की बात यह है कि आज देश में खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 3.2 फीसदी का इजाफा हुआ है। बेहद खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में भी कल से करीब 67 फीसदी का इजाफा हुआ है।
देश में आज प्रदूषण के मामले में फतेहाबाद पहले स्थान पर है, जहां प्रदूषण पूरी तरह हावी है। कल से तुलना करे तो वहां प्रदूषण में 20 अंकों का इजाफा हुआ है, मतलब की वहां आज भी वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' बनी हुई है।
इस दौरान वहां हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) हावी रहे। देखा जाए तो वहां फिजाओं में घुला जहर इतना अधिक है कि वो लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है।
फतेहाबाद में प्रदूषण से स्थिति किस कदर खराब है, इसी बात से समझा जा सकता है कि वहां प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित सुरक्षित सीमा से 2,090 फीसदी अधिक है। गौरतलब है कि कल फतेहाबाद में वायु गुणवत्ता का स्तर 309 दर्ज किया गया था। मतलब कि कल से वहां प्रदूषण में 20 अंकों का इजाफा हुआ है।
दूसरी तरफ आज देश में शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 15 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर फतेहाबाद की तुलना शिलांग से करें तो वहां स्थिति 21 गुणा खराब है।
राजधानी दिल्ली की बात करें तो वहां कल से प्रदूषण में इजाफा हुआ है। इसके साथ ही वहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 292 पर पहुंच गया। दिल्ली में हालात इस कदर खराब है कि वहां वायु गुणवत्ता डब्ल्यूएचओ मानकों से 1,847 फीसदी अधिक प्रदूषित है।
वहीं दूसरी तरफ फरीदाबाद में कल से प्रदूषण में कोई बदलाव नहीं हुआ है, और स्थिति जस की तस बनी हुई है।
आंकड़ों से पता चला है कि आज प्रदूषण के मामले में बहादुरगढ़ (324) दूसरे जबकि नोएडा (324) तीसरे स्थान पर है। इसी तरह 307 अंकों के साथ धारूहेड़ा चौथे स्थान पर है। पानीपत-गाजियाबाद में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 306 और 298 से अधिक अंकों के साथ पांचवें और छठे पायदान पर हैं।
देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में आज जींद (293) सातवें स्थान पर हैं। इसी तरह दस सबसे प्रदूषित शहरों में आज चरखी दादरी (292), दिल्ली (292), मानेसर (291) भी शामिल हैं। गौरतलब है कि आज देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में हरियाणा के सात शहर (फतेहाबाद, बहादुरगढ़, धारूहेड़ा, पानीपत, जींद, चरखी दादरी, मानेसर) शामिल हैं।
विश्लेषण से यह भी पता चला है कि आज जहां फतेहाबाद, नोएडा, धारूहेड़ा, पानीपत, गाजियाबाद, जींद, चरखी दादरी, दिल्ली, मानेसर, कैथल, ग्रेटर नोएडा, कोटा, मेरठ, बागपत, नंदेसरी, बल्लभगढ़, हनुमानगढ़, बुलन्दशहर, गुरूग्राम, प्रतापगढ़, चित्तौड़गढ़, बठिंडा, सागर, हापुड, यमुनानगर, सोनीपत, झालावाड़, भरतपुर, लुधियाना, मंडीदीप, मुजफ्फरनगर, पीथमपुर, बारबिल आदि शहरों की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) हावी है।
बहादुरगढ़, श्री गंगानगर, भिवाड़ी, बीकानेर, खुर्जा, सिरसा, सीकर, ग्वालियर, गोरखपुर, दौसा, चुरू, क्योंझर, नागौर, कटनी, धनबाद, जैसलमेर, वृंदावन, किशनगंज, पाली, तुमिडीह, बांसवाड़ा, पटियाला, बाड़मेर, मैहर, उदयपुर, जोधपुर, जालौर, रायरंगपुर, बिलीपाड़ा, सासाराम, अलवर आदि शहरों में पीएम10 से स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।
इसी तरह कुछ शहरों में कार्बन और ओजोन से स्थिति खराब है। इन शहरों के विपरीत आज देश के 19.6 फीसदी यानी 50 शहरों में हवा साफ है।
इन साफ हवा वाले शहरों में कोयंबटूर, कुड्डालोर, दावनगेरे, डिंडीगुल, गंगटोक, हुबली, जलगांव, जलना, कल्याण, कांचीपुरम, करूर, कोल्हापुर, लातूर, मदिकेरी, मीरा-भायंदर, मैसूर, नागपट्टिनम, नागपुर, नाहरलगुन, नमक्कल, नांदेड़, नासिक, ऊटी, परभनी, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, रामनाथपुरम, सलेम, सांगली, शिलांग, सिलचर, शिवसागर आदि शामिल हैं।
कल से तुलना करें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 11.1 फीसदी का इजाफा हुआ है। इसी तरह संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में भी 14.5 फीसदी का इजाफा हुआ है।
आज देश के जिन शहरों में वायु गुणवत्ता सन्तोषजनक है, उनमें बक्सर, चेन्नई, छाल, छपरा, दमोह, देहरादून, धारवाड़, धुले, दुर्गापुर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गुवाहाटी, हसन, हावेरी, होसुर, हैदराबाद, इंदौर, झांसी, जोरापोखर, कलबुर्गी, कन्नूर, काशीपुर, कटिहार, कोहिमा, कोरबा, कुंजेमुरा, मदुरै, मालेगांव, मांडीखेड़ा, मंगलौर, मंगुराहा, मिलुपारा, मोतिहारी, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नलबाड़ी, नारनौल, नवी मुंबई, नयागढ़, पंचगांव, पेरुंदुरई, पिंपरी-चिंचवाड, पुणे, पूर्णिया, रायपुर, राजगीर, राजसमंद आदि शामिल हैं।
इन शहरों के उलट आज देश के 81 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है।
इन शहरों में आगरा, अहमदाबाद, अलवर, अम्बाला, अमृतसर, अंगुल, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), बद्दी, बांसवाड़ा, बारां, बारीपदा, बाड़मेर, बेगूसराय, बेतिया, भीलवाड़ा, भिवानी, भोपाल, बिहार शरीफ, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बूंदी, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चेंगलपट्टू, चुरू, दौसा, देवास, धनबाद, धौलपुर, डूंगरपुर, फरीदाबाद, गया, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, ग्वालियर, हाजीपुर, हल्दिया, हिसार, हावड़ा, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जालौर, झुंझुनूं, जोधपुर, कानपुर, करौली, करनाल, कटनी, क्योंझर, खन्ना, खुर्जा, किशनगंज, कोलकाता, लखनऊ, महाड, मैहर, मंडी गोबिंदगढ़, मुरादाबाद, नागौर, पाली, पलवल, पंचकुला, पटियाला, पटना, प्रयागराज, रायरंगपुर, रतलाम, रूपनगर, सासाराम, सवाई माधोपुर, सीकर, सिरोही, सिरसा, तालचेर, टोंक, तुमिडीह, उदयपुर, वृंदावन शामिल हैं।
कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में करीब 17 फीसदी की गिरावट आई है। दूसरी तरफ देश में खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 3.2 फीसदी का इजाफा हुआ है, जोकि चिंता का विषय है।
आज देश के जिन 32 शहरों में वायु गुणवत्ता खराब है, उनमें बागपत, बल्लभगढ़, बारबिल, बठिंडा, भरतपुर, भिवाड़ी, बुलन्दशहर, चरखी दादरी, चित्तौड़गढ़, दिल्ली, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, हनुमानगढ़, हापुड, झालावाड़, जींद, कैथल, कोटा, लुधियाना, मंडीदीप, मानेसर, मेरठ, मुजफ्फरनगर, नंदेसरी, पीथमपुर, प्रतापगढ़, सागर, सिंगरौली, सोनीपत, श्री गंगानगर, यमुनानगर शामिल हैं।
आंकड़ों में यह भी सामने आया है कि आज देश के पांच शहरों में वायु गुणवत्ता बेहद खराब है। इन शहरों में बहादुरगढ़, धारूहेड़ा, फतेहाबाद, नोएडा, पानीपत शामिल हैं। कल से तुलना करें तो देश में बेहद खराब हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 67 फीसदी का इजाफा हुआ है।
क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 255 में से 50 शहरों (11.1 फीसदी) में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) है। 87 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 24 अक्टूबर 2025 को यह आंकड़ा 76 दर्ज किया गया था।
81 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में फतेहाबाद (329) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 330 के करीब पहुंच गया। कल बहादुरगढ़ में वायु गुणवत्ता सूचकांक 318 रिकॉर्ड किया गया था।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में इजाफा हुआ है। दिल्ली में 17 अंकों के उछाल के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 292 पर पहुंच गया है। मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता आज भी ‘खराब’ बनी हुई है। वहीं आज फरीदाबाद में प्रदूषण के स्तर में कोई बदलाव नहीं हुआ है और स्थिति जस की तस है।
गौरतलब है कि पिछले दो-तीन महीनों में जून, जुलाई और अगस्त के दौरान दिल्ली की वायु गुणवत्ता ज्यादातर दिन संतोषजनक रही। वहीं जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।
प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज धारूहेड़ा चौथे स्थान पर है, वहीं बहादुरगढ़ (324) दूसरे, जबकि नोएडा (324) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 178, गाजियाबाद में 298, गुवाहाटी में 75, गुरूग्राम में 234, नोएडा में 324, ग्रेटर नोएडा में 270 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 54 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 172, चेन्नई में 71, चंडीगढ़ में 117, हैदराबाद में 69, जयपुर में 151 और पटना में 168 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 50 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, अकोला, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अमरावती (महाराष्ट्र), अरियालूर, चामराजनगर, चंद्रपुर, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दावनगेरे, डिंडीगुल, गंगटोक, हुबली, जलगांव, जलना, कल्याण, कांचीपुरम, करूर, कोल्हापुर, लातूर, मदिकेरी, मीरा-भायंदर, मैसूर, नागपट्टिनम, नागपुर, नाहरलगुन, नमक्कल, नांदेड़, नासिक, ऊटी, परभनी, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, रामनाथपुरम, सलेम, सांगली, शिलांग, सिलचर, शिवसागर, सोलापुर, ठाणे, तंजावुर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, तिरुपुर, विजयपुरा, विरुधुनगर, यादगीर शामिल हैं।
वहीं अजमेर, अनंतपुर, अंकलेश्वर, अररिया, आरा, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बरेली, बैरकपुर, बेलापुर, बेंगलुरु, भागलपुर, भिलाई, भिवंडी, भुवनेश्वर, बिलासपुर, बोईसर, ब्रजराजनगर, बक्सर, चेन्नई, छाल, छपरा, दमोह, देहरादून, धारवाड़, धुले, दुर्गापुर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गुवाहाटी, हसन, हावेरी, होसुर, हैदराबाद, इंदौर, झांसी, जोरापोखर, कलबुर्गी, कन्नूर, काशीपुर, कटिहार, कोहिमा, कोरबा, कुंजेमुरा, मदुरै, मालेगांव, मांडीखेड़ा, मंगलौर, मंगुराहा, मिलुपारा, मोतिहारी, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नलबाड़ी, नारनौल, नवी मुंबई, नयागढ़, पंचगांव, पेरुंदुरई, पिंपरी-चिंचवाड, पुणे, पूर्णिया, रायपुर, राजगीर, राजसमंद, रामनगर, रानीपेट, ऋषिकेश, राउरकेला, सहरसा, समस्तीपुर, सतना, शिवमोगा, सूरत, टेन्सा, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, उल्हासनगर, वापी, वाराणसी, वातवा, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विरार, विशाखापत्तनम आदि 87 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।