विश्व प्रवासी पक्षी दिवस 2025: पर्यावरण संरक्षण के लिए शहरों को पक्षी-अनुकूल बनाना अहम

पक्षियों के लिए सुरक्षित शहर बनाने, जैव विविधता बढ़ाने और लोगों में संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाना अहम।
शहरों में बढ़ती आबादी और निर्माण कार्यों के कारण पक्षियों के प्राकृतिक आवास कम हो रहे हैं।
शहरों में बढ़ती आबादी और निर्माण कार्यों के कारण पक्षियों के प्राकृतिक आवास कम हो रहे हैं। फोटो साभार: आईस्टॉक
Published on
सारांश
  • 2025 की थीम: “शहरों और समुदायों को पक्षी-अनुकूल बनाना” है

  • प्रवासी पक्षियों की सुरक्षा: रुफस हमिंगबर्ड, चिमनी स्विफ्ट जैसे प्रवासी पक्षियों की सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करना और उनके आवासों की रक्षा करना।

  • अंतरराष्ट्रीय नीतियों, समुदाय की भागीदारी और कन्वेंशन ऑन माइग्रेटरी स्पीशीज के माध्यम से संरक्षण प्रयासों को मजबूत करना।

  • अबू धाबी में आईयूसीएन वर्ल्ड कंजर्वेशन कांग्रेस में शहरों और समुदायों को पक्षी-अनुकूल बनाने के तरीकों पर चर्चा और मार्गदर्शन।

हर साल मई और अक्टूबर के दूसरे शनिवार को विश्व प्रवासी पक्षी दिवस मनाया जाता है। यह दिन पूरी दुनिया में प्रवासी पक्षियों के महत्व और उन्हें संरक्षित करने की आवश्यकता के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए समर्पित है। प्रवासी पक्षी हजारों किलोमीटर की यात्रा करते हैं और उनके जीवन और अस्तित्व के लिए सुरक्षित मार्ग और सुरक्षित आवास अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।

2025 की थीम “शहरों और समुदायों को पक्षी-अनुकूल बनाना” है। यह हमें यह सोचने का अवसर देता है कि हम अपने शहरों और आस-पास के वातावरण में पक्षियों के लिए कितनी जगह और सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं। आज के तेजी से बढ़ते शहरीकरण के दौर में, अगर हम सोच-समझकर और रचनात्मक तरीके अपनाएं, तो हमारे शहर केवल मानव जीवन के लिए ही नहीं बल्कि पक्षियों के लिए भी सुरक्षित और संरक्षित स्थान बन सकते हैं।

यह भी पढ़ें
पक्षियों को शहरों की ओर आकर्षित कर रहा है कृत्रिम प्रकाश, बन रहा है उनकी मौत का कारण
शहरों में बढ़ती आबादी और निर्माण कार्यों के कारण पक्षियों के प्राकृतिक आवास कम हो रहे हैं।

शहरों में पक्षियों के लिए सुरक्षित वातावरण

शहरों में बढ़ती आबादी और निर्माण कार्यों के कारण पक्षियों के प्राकृतिक आवास कम हो रहे हैं। इसके साथ ही, प्रकाश प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण उनके जीवन को और कठिन बना रहे हैं। लेकिन उचित योजना और उपायों के माध्यम से शहरों को पक्षियों के लिए सुरक्षित बनाया जा सकता है। इसके लिए कुछ प्रमुख कदम हैं:

हरित क्षेत्र और पार्कों का निर्माण

शहरों में अधिक से अधिक हरे-भरे पार्क, पेड़ और बाग बनाने से पक्षियों को भोजन, आश्रय और घोंसले बनाने के लिए सुरक्षित स्थान मिलते हैं।

यह भी पढ़ें
वैज्ञानिकों ने प्राचीन पक्षियों की बीट से विलुप्त होने का एक छिपा संकट खोजा निकाला
शहरों में बढ़ती आबादी और निर्माण कार्यों के कारण पक्षियों के प्राकृतिक आवास कम हो रहे हैं।

प्रकाश प्रदूषण में कमी

रात के समय अत्यधिक रोशनी से पक्षियों की उड़ान और प्रवास प्रभावित होता है। इसलिए सार्वजनिक स्थलों और इमारतों में अनावश्यक रोशनी कम करना जरूरी है।

जैव विविधता के अनुसार निर्माण

भवनों और सड़क परियोजनाओं में ऐसा डिजाइन अपनाना चाहिए जिससे पक्षियों और अन्य जीव-जंतुओं के जीवन पर बुरा प्रभाव न पड़े।

इन प्रयासों से शहर केवल रहने के लिए ही नहीं बल्कि पक्षियों के लिए भी एक सुरक्षित आश्रय बन सकते हैं। रुफस हमिंगबर्ड, चिमनी स्विफ्ट जैसे प्रवासी पक्षियों की यात्रा सुरक्षित रखना हम सभी की जिम्मेदारी है।

यह भी पढ़ें
जलवायु संकट: 500 से अधिक पक्षी प्रजातियां विलुप्ति के कगार पर
शहरों में बढ़ती आबादी और निर्माण कार्यों के कारण पक्षियों के प्राकृतिक आवास कम हो रहे हैं।

अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (आईयूसीएन) का मानना है कि लोगों और प्रकृति को जोड़ना स्थायी संरक्षण का मूल है। इसके लिए मजबूत नीतियां, समुदाय की भागीदारी और वैश्विक सहयोग जरूरी है। प्रवासी पक्षियों और उनके प्राकृतिक आवासों की रक्षा के लिए अंतरराष्ट्रीय समझौतों जैसे कन्वेंशन ऑन माइग्रेटरी स्पीशीज के तहत सहयोग बहुत जरूरी है।

आईयूसीएन अपने सदस्यों, आयोगों और आईयूसीएन अर्बन टूलबॉक्स के माध्यम से यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहा है कि हर शहर और समुदाय के पास प्राकृतिक संसाधनों और जैव विविधता को सुरक्षित रखने के लिए पर्याप्त उपकरण और मार्गदर्शन उपलब्ध हों।

यह भी पढ़ें
इंसानी भाषा की ओर पहला कदम: पक्षियों से मिली नई झलक
शहरों में बढ़ती आबादी और निर्माण कार्यों के कारण पक्षियों के प्राकृतिक आवास कम हो रहे हैं।

लोगों की भूमिका

पक्षियों की सुरक्षा केवल सरकारी नीतियों तक सीमित नहीं है। हर व्यक्ति और समुदाय की भूमिका भी बहुत अहम है। यदि हम अपने घरों, स्कूलों और आस-पड़ोस में पक्षियों के लिए सुरक्षित वातावरण बनाएं, उनके लिए घोंसले और भोजन के स्थान बनाएं, तो यह छोटे-छोटे प्रयास मिलकर बड़े परिणाम दे सकते हैं।

आशा और सहयोग के साथ भविष्य की दिशा

इस साल अक्टूबर में अबू धाबी में आयोजित होने वाले आईयूसीएन वर्ल्ड कंजर्वेशन कांग्रेस में इन विषयों पर चर्चा की जाएगी। उद्देश्य यह है कि शहरों और गांवों को इस तरह विकसित किया जाए कि वहां मनुष्य और पक्षी दोनों साथ-साथ सुरक्षित और खुशहाल जीवन जी सकें।

यह भी पढ़ें
बिजली के तारों पर बैठने से पक्षियों को करंट क्यों नहीं लगता?
शहरों में बढ़ती आबादी और निर्माण कार्यों के कारण पक्षियों के प्राकृतिक आवास कम हो रहे हैं।

विश्व प्रवासी पक्षी दिवस केवल एक दिन का उत्सव नहीं है। यह हमें याद दिलाता है कि हमारे शहरों, हमारे पार्कों और हमारे घरों में भी प्रकृति के लिए जगह बनानी चाहिए। यदि हम यह जिम्मेदारी निभाएं, तो हम न केवल पक्षियों को बचा सकते हैं बल्कि अपने जीवन को भी प्रकृति के साथ संतुलित और सुंदर बना सकते हैं।

विश्व प्रवासी पक्षी दिवस 2025 का संदेश सरल और स्पष्ट है – “शहरों और समुदायों को पक्षी-अनुकूल बनाना”। यह केवल पक्षियों की सुरक्षा का सवाल नहीं है, बल्कि हमारे अपने पर्यावरण, हमारी जैव विविधता और हमारी जीवनशैली का सवाल भी है। साथ मिलकर, नीति निर्माताओं, वैज्ञानिकों और आम जनता के प्रयासों से हम ऐसा भविष्य बना सकते हैं जहां पक्षी सुरक्षित उड़ान भरें और मनुष्य उनके साथ साझा वातावरण में समृद्ध जीवन जी सके।

Related Stories

No stories found.
Down to Earth- Hindi
hindi.downtoearth.org.in