अन्य राज्यों से हाथियों को केरल में ट्रांसफर करने पर केरल उच्च न्यायालय ने लगाई रोक

उच्च न्यायालय को जानकारी मिली है कि 2018 से 2024 के बीच 154 हाथियों की कैद में मौत हो गई है
प्रतीकात्मक तस्वीर; फोटो: आईस्टॉक
प्रतीकात्मक तस्वीर; फोटो: आईस्टॉक
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केरल उच्च न्यायालय ने छह सितंबर, 2024 को कहा है कि राज्य में बंदी हाथियों की स्थिति बहुत खराब है और उसे "दयनीय" कहा जा सकता है।

उच्च न्यायालय को जानकारी मिली है कि 2018 से 2024 के बीच 154 हाथियों की कैद में मौत हो गई है। उनकी मौत के लिए दुर्व्यवहार, खराब इलाज और उचित देखभाल की कमी को जिम्मेदार ठहराया गया है।

ऐसे में उच्च न्यायालय ने केरल और उसके मुख्य वन्यजीव वार्डन को निर्देश दिया है कि वे बंदी हाथी (स्थानांतरण या परिवहन) नियम, 2024 के तहत या किसी अन्य तरीके से राज्य के बाहर से किसी भी हाथी को केरल में ट्रांसफर की अनुमति न दें।

प्रयागराज में यमुना के जलस्तर में आती कमी से पंपों का कामकाज हो रहा प्रभावित, सीपीसीबी कोर्ट को सौंपेगा रिपोर्ट

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने यमुना नदी में गर्मी के चलते जल स्तर में आती गिरावट और उसके कारण पानी के पंपों में आई समस्याओं की जांच के लिए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) से और समय मांगा है। मामला उत्तर प्रदेश के प्रयागराज का है।

छह सितंबर, 2024 को सीपीसीबी ने कहा है कि वो उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट की समीक्षा करने के साथ इस मामले में एक विस्तृत रिपोर्ट पेश करेगा। इस मामले में 23 दिसंबर, 2024 को सुनवाई होगी।

गौरतलब है कि ट्रिब्यूनल प्रयागराज में गर्मी और अनियंत्रित रेत खनन के कारण जलस्तर में आती कमी के मुद्दे की जांच कर रहा था। गौरतबल है कि गर्मी और अनियंत्रित खनन के चलते यमुना का जलस्तर घट रहा है। खबर में आशंका जताई गई है कि नदी के घटते जलस्तर के कारण पानी की आपूर्ति करने वाले पंप स्टेशन काम करना बंद कर सकते हैं।

इस मामले में 31 अगस्त 2024 की अपनी रिपोर्ट में यूपीपीसीबी ने कहा कि यमुना नदी पर करेलाबाग में चार कच्चे पानी के कुएं हैं। ये कुएं प्रयागराज नगर निगम द्वारा करेलाबाग, शाहगंज, जोनसेनगंज और अन्य क्षेत्रों में साफ पानी की आवश्यकता को पूरा करते हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि नदी का जलस्तर गिर रहा है, जिससे पंपों में दिक्कत आ रही है। इसमें बताया गया है कि खुसरोबाग ट्रीटमेंट प्लांट को पानी भेजने वाले तीन पंपों में से एक ने 19 जून, 2024 को काम करना बंद कर दिया, क्योंकि कुआं नंबर एक और दो में पानी का स्तर बहुत घट गया था।

यूपीपीसीबी की रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि गर्मियों के दौरान यमुना का जलस्तर गिर गया। रिपोर्ट में 2023 की तुलना 2024 से की गई है। इसके मुताबिक 2023 में जलस्तर सिर्फ कुआं नंबर तीन में सक्शन पाइप से नीचे गिरा था, वहीं 2024 में गिरावट उससे कहीं ज्यादा थी।

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