दिल्ली में जल स्रोतों के बिगड़ते हालात पर एनजीटी ने अधिकारियों से मांगा जवाब

टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी एक खबर के आधार पर अदालत ने इस मामले में स्वतः संज्ञान लिया है
दिल्ली के डीडीए यमुना जैव विविधता पार्क में बहाल की गई एक आर्द्रभूमि। फोटो: फैयाज खुदसर
दिल्ली के डीडीए यमुना जैव विविधता पार्क में बहाल की गई एक आर्द्रभूमि। फोटो: फैयाज खुदसर
Published on

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने दिल्ली के जल स्रोतों की बिगड़ती स्थिति पर चिंता जताते हुए 4 अगस्त 2025 को संबंधित अधिकारियों से जवाब दाखिल करने को कहा है। गौरतलब है कि इस मामले में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी), दिल्ली राज्य वेटलैंड प्राधिकरण और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) ने नई प्रतिक्रिया देने के लिए अदालत से समय मांगा था।

अदालत इस मामले पर अगली सुनवाई 26 सितंबर 2025 को करेगी। इस दौरान जल निकायों के संरक्षण और बहाली से जुड़े एक अन्य मामले पर भी सुनवाई होगी।

यह मामला दिल्ली में जल स्रोतों पर अवैध अतिक्रमण और प्रदूषण से जुड़ा है। बता दें कि 12 मार्च 2025 को टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी एक खबर के आधार पर अदालत ने इस मामले को स्वतः संज्ञान में लिया है।

खबर के मुताबिक दिल्ली के कुल 142 छोटे जल स्रोतों में से 20 फीसदी पर पूरी तरह से कब्जा कर लिया गया है। इनमें से 9 फीसदी को पार्क बना दिया गया है, जबकि 12 फीसदी में दूषित पानी भर गया है।

यह भी पढ़ें
दिल्ली में 1,046 हुई जल निकायों की संख्या, इनमें से 256 का किया गया है पुनरुद्धार: वेटलैंड अथॉरिटी
दिल्ली के डीडीए यमुना जैव विविधता पार्क में बहाल की गई एक आर्द्रभूमि। फोटो: फैयाज खुदसर

एनजीटी का कहना है कि अधिकारियों द्वारा प्रस्तुत जवाब केवल असोला की 10 प्रमुख आर्द्रभूमियों तक ही सीमित था, जिनके लिए पहले ही कदम उठाए जाने की बात कही गई थी, लेकिन अन्य जलाशयों के संबंध में कोई प्रभावी जवाब नहीं मिला है।

गौरतलब है कि दिल्ली वेटलैंड अथॉरिटी द्वारा 7 अप्रैल, 2025 को अदालत में सौंपी रिपोर्ट से पता चला है कि मौजूदा समय में दिल्ली में कुल 1,046 जल निकाय हैं।   रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि दिल्ली वेटलैंड प्राधिकरण ने पहले चरण में 631 जल निकायों को पुनर्जीवित करने का निर्देश दिया है। इनमें से अब तक 256 जलाशयों के कायाकल्प का काम पूरा हो चुका है। 

यह भी पढ़ें
क्या दिल्ली में गायब होते जल निकायों और बाढ़ के बीच है कोई नाता, एनजीटी ने मंत्रालय से मांगी प्रतिक्रिया
दिल्ली के डीडीए यमुना जैव विविधता पार्क में बहाल की गई एक आर्द्रभूमि। फोटो: फैयाज खुदसर

गौरतलब है कि जीएसडीएल ने ऐसे 322 स्थानों की पहचान की थी, जहां जलाशय है। मगर राजस्व विभाग की जमीनी पड़ताल में इनमें से सिर्फ 43 की ही पहचान हो पाई थी। ऐसे में वेटलैंड अथॉरिटी ने राजस्व विभाग से इन 43 जल निकायों का मानचित्रण करने और उन्हें राजस्व रिकॉर्ड में जोड़ने को कहा था।

वहीं दिल्ली वेटलैंड्स अथॉरिटी ने दो दिसंबर, 2024 को जानकारी दी थी कि शहर में कुल 1,367 जल निकाय हैं। इनमें से 1,045 सूची में हैं, जबकि 322 का पता उपग्रहों से प्राप्त तस्वीरों से चला है। इनमें से 674 के लिए जमीनी सत्यापन का काम पूरा हो चुका है। यह वो जल निकाय हैं जिन्हें साफ तौर पर देखा जा सकता है।

Related Stories

No stories found.
Down to Earth- Hindi
hindi.downtoearth.org.in