आसमानी बिजली ने बनाया नया विश्व रिकॉर्ड, दर्ज की गई 829 किलोमीटर लम्बी चमक

विश्व मौसम संगठन (डब्ल्यूएमओ) की रिकॉर्ड बुक में एक नया अध्याय जोड़ा
‘मेगाफ्लैश’ एक बेहद लंबी दूरी तक फैलने वाली बिजली की चमक होती है, जो सामान्य चमक से कहीं अधिक समय और क्षेत्र को कवर करती है; प्रतीकात्मक तस्वीर: आईस्टॉक
‘मेगाफ्लैश’ एक बेहद लंबी दूरी तक फैलने वाली बिजली की चमक होती है, जो सामान्य चमक से कहीं अधिक समय और क्षेत्र को कवर करती है; प्रतीकात्मक तस्वीर: आईस्टॉक
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आकाश में कौंधती बिजली सिर्फ डर या रोमांच का विषय नहीं, बल्कि विज्ञान के लिए भी रहस्य और शोध का विषय रही है। क्या आपने कभी कल्पना की है कि बिजली की एक चमक कितनी दूर तक फैल सकती है या कितनी देर तक आसमान में दिख सकती है?

हाल के कुछ वर्षों में दर्ज आसमानी बिजली की ऐसी ही एक अद्भुत और रोमांचक घटना ने विश्व मौसम संगठन (डब्ल्यूएमओ) की रिकॉर्ड बुक में एक नया अध्याय जोड़ दिया है।

विश्व मौसम संगठन ने पुष्टि की है कि अक्टूबर 2017 में उत्तरी अमेरिका की ग्रेट प्लेन्स क्षेत्र में आकाशीय बिजली की एक अभूतपूर्व घटना दर्ज की गई, जिस दौरान बिजली की चमक 829 किमी लंबी थी। रिकॉर्ड के मुताबिक यह अब तक की सबसे लंबी मापी गई बिजली की चमक है। बता दें जहां यह घटना सामने आई है उस क्षेत्र को विशाल तूफानी बादलों का घर माना जाता है।

यह अकेली चमक ‘मेगाफ्लैश’ अमेरिका के टेक्सास से लेकर कंसास सिटी तक पसरी थी। इसकी पूरी दूरी करीब 829 ±8 किलोमीटर थी, जो यूरोप में पेरिस से वेनिस के बीच की दूरी के बराबर है।

यह दूरी कितनी ज्यादा है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है यह यूरोप में पेरिस से वेनिस के बीच की दूरी के बराबर है। यदि इस दूरी को किसी कार से तय किया जाए तो इसमें आठ से नौ घंटों का समय लगेगा। वहीं हवाई जहाज भी इसे तय करने में कम से कम 90 मिनट का समय लेगा।

इसके साथ ही 'मेगाफ्लैश’ की इस घटना ने पिछले रिकॉर्ड को भी 61 किलोमीटर से तोड़ दिया है। बता दें कि इससे पहले अब तक की सबसे लम्बी चमक का रिकॉर्ड 768 ± 8 किलोमीटर का था। आकाशीय बिजली की वो चमक 29 अप्रैल 2020 को दक्षिण अमेरिका में दर्ज की गई थी। इस रिकॉर्ड की पुष्टि डब्ल्यूएमओ की वेदर एंड क्लाइमेट एक्सट्रीम कमेटी ने की है, जिसमें उन्नत सैटेलाइट तकनीक की मदद से बिजली की सही दूरी और अवधि मापी गई।

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इस रिकॉर्ड के बारे में अधिक जानकारी अमेरिकन मेट्रोलॉजिकल सोसाइटी के बुलेटिन में प्रकाशित हुई है।

जानकारी के लिए बता दें कि ‘मेगाफ्लैश’ एक बेहद लंबी दूरी तक फैलने वाली बिजली की चमक होती है, जो सामान्य चमक से कहीं अधिक समय और क्षेत्र को कवर करती है। सैकड़ों किलोमीटर लम्बी इन आकाशीय बिजली की चमक को ‘हॉरिजॉन्टल मेसोस्केल लाइटनिंग डिस्चार्जेस’ के रूप में परिभाषित किया गया है।

विश्व मौसम संगठन की महासचिव सेलेस्टे साउलो का इस बारे में कहना है, "आकाशीय बिजली प्रकृति की हैरान कर देने वाली एक अद्भुत घटना है। हालांकि यह हर साल दुनियाभर में सैकड़ों जिंदगियां भी लील रही है।

पहले भी दर्ज की गई हैं ऐसी अद्भुत घटनाएं

यही कारण है कि इसे अंतरराष्ट्रीय 'अर्ली वार्निंग्स फॉर ऑल' पहल की प्राथमिकताओं में शामिल किया गया है। ये नए निष्कर्ष इस बात की ओर ध्यान दिलाते हैं कि बिजली से भरे बादल कितनी लंबी दूरी तक चमक पैदा कर सकते हैं। यह विमानन क्षेत्र को प्रभावित कर सकते हैं, साथ ही जंगलों में भीषण आग की वजह भी बन सकते हैं।"

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‘मेगाफ्लैश’ एक बेहद लंबी दूरी तक फैलने वाली बिजली की चमक होती है, जो सामान्य चमक से कहीं अधिक समय और क्षेत्र को कवर करती है; प्रतीकात्मक तस्वीर: आईस्टॉक

ऐसा ही एक रिकॉर्ड 18 जून 2020 को उरुग्वे और उत्तरी अर्जेंटीना में दर्ज किया गया था, जब गरज के साथ बिजली की चमक लगातार 17.1 सेकंड तक आकाश में दर्ज की गई थी। यह अब तक सबसे देर तक दिखने वाली बिजली की अकेली चमक है।

आकाशीय बिजली से जुड़ा एक रिकॉर्ड 1975 में जिम्बाब्वे से जुड़ा है, जहां बिजली गिरने की एक ऐसी ही घटना में सीधे तौर पर 21 लोग मारे गए थे। वहीं 1994 में मिस्र में बिजली गिरने की सामने आई एक घटना में अप्रत्यक्ष रूप से 469 लोग मारे गए थे। इस घटना के दौरान ऑयल टैंक में विस्फोट हो गया था।

देखा जाए तो ‘मेगाफ्लैश’ सिर्फ एक वैज्ञानिक रिकॉर्ड नहीं, बल्कि एक चेतावनी भी है। यह दर्शाती हैं कि आसमान में चमकती बिजली की एक रेखा हजारों जिंदगियों को प्रभावित कर सकती है। ऐसे में हमें इसके रहस्यों को जानने और सुरक्षा उपायों को मजबूत करने की दिशा में और आगे बढ़ना होगा।

बिजली गिरने की यह घटनाएं मनाव जीवन के साथ-साथ पर्यावरण के लिए कितनी हानिकारक हैं यह एक अध्ययन से समझा जा सकता है, जिनके मुताबिक हर साल करीब 32 करोड़ पेड़ केवल बिजली गिरने से मर रहे हैं। यह दुनिया में वनस्पति को होने वाले कुल नुकसान का करीब 2.9 फीसदी है। 

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