
डायबिटीज यानी मधुमेह को अक्सर केवल “शुगर की बीमारी” समझ लिया जाता है, लेकिन हकीकत इससे कहीं गहरी है। खासतौर पर टाइप-2 डायबिटीज केवल खून में शर्करा के बढ़े स्तर तक सीमित नहीं रहती, बल्कि यह शरीर के लगभग हर अंग को प्रभावित कर सकती है। अगर इसे नियंत्रण में न रखा जाए, तो यह दिल की बीमारी, स्ट्रोक, किडनी फेल होना, आंखों की रोशनी कम होना, नसों में नुकसान और यहां तक कि कैंसर जैसी कई गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती है।
कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी की एक बड़ी रिसर्च के अनुसार, डायबिटीज का सीधा संबंध लगभग 57 लंबे समय तक चलने वाली बीमारियों से है और ये दिक्कतें अक्सर समय से पहले ही दिखाई देने लगती हैं। यही वजह है कि डायबिटीज को समझना और संभालना बेहद जरूरी है।
1. हृदय रोग
डायबिटीज के रोगियों में हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। खून में लगातार बढ़ी शर्करा रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाती है, जिससे उनमें फैट जमा होकर ब्लॉकेज बन जाता है। यही वजह है कि हृदय रोग डायबिटीज रोगियों की मौत का सबसे बड़ा कारण माना जाता है।
2. आंखों की समस्या
अधिक शुगर आंखों की नाज़ुक रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाती है। धीरे-धीरे धुंधला दिखाई देना, मोतियाबिंद, ग्लूकोमा जैसी समस्याएं शुरू हो जाती हैं। गंभीर स्थिति में रोगी की दृष्टि पूरी तरह से जा सकती है।
3. किडनी को नुकसान
डायबिटीज किडनी फेल होने का सबसे बड़ा कारण है। लंबे समय तक हाई ब्लड शुगर और हाई ब्लड प्रेशर किडनी की क्षमता को कम कर देते हैं। कई मरीजों को डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट तक की जरूरत पड़ सकती है।
4. नसों को नुकसान और पैर की समस्या
डायबिटीज से होने वाली नसों की बीमारी को न्यूरोपैथी कहा जाता है। इसमें हाथ-पैरों में झुनझुनी, सुन्नपन या दर्द महसूस होता है। पैरों में चोट लगने पर रोगी को पता भी नहीं चलता, जिससे घाव, अल्सर और संक्रमण हो जाते हैं। इलाज न मिलने पर पैर काटने की नौबत भी आ सकती है।
5. कैंसर और दूसरी बीमारियों का खतरा
डायबिटीज का संबंध कई तरह के कैंसर से जोड़ा गया है, जैसे लीवर कैंसर, पैंक्रियाज कैंसर और कोलोन कैंसर। इसके अलावा उम्र से पहले ही मैक्युलर डिजनरेशन (आंख की बीमारी) और किडनी की दिक्कतें भी शुरू हो सकती हैं।
6. रोग-प्रतिरोधक क्षमता कम होना
उच्च शुगर स्तर शरीर की इम्यूनिटी को कमजोर कर देता है। इससे मरीजों को बार-बार त्वचा का संक्रमण, यूरिन इंफेक्शन और निमोनिया जैसी बीमारियां हो सकती हैं। घाव भी देर से भरते हैं।
7. सुनने और याददाश्त पर असर
डायबिटीज से छोटे-छोटे रक्त वाहिकाओं और नसों को नुकसान होता है, जिससे सुनने की क्षमता घट सकती है। इसके साथ ही भूलने की बीमारी, डिमेंशिया और अल्जाइमर का खतरा भी बढ़ जाता है।
8. मानसिक स्वास्थ्य की समस्या
डायबिटीज को नियंत्रित करने का लगातार दबाव, दवाओं का सेवन और जीवनशैली में बदलाव रोगियों को तनाव, चिंता और डिप्रेशन की ओर धकेल सकता है। इसे “डायबिटीज डिस्टेस” भी कहा जाता है, जो जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित करता है।
9. मसूड़ों की बीमारी
डायबिटीज रोगियों में मसूड़ों का संक्रमण अधिक देखा जाता है। इससे दांत गिरना तक हो सकता है। मसूड़ों की बीमारी न केवल मुंह की सेहत बिगाड़ती है, बल्कि यह ब्लड शुगर कंट्रोल को भी और खराब कर सकती है और हृदय रोग का खतरा बढ़ा सकती है।
डायबिटीज कोई साधारण बीमारी नहीं है, बल्कि यह शरीर में कई गंभीर बीमारियों का दरवाजा खोल देती है। दिल की बीमारी, किडनी फेल होना, आंखों की रोशनी जाना, संक्रमण और कैंसर तक इसके खतरे व्यापक हैं।
लेकिन अच्छी बात यह है कि इन खतरों को काफी हद तक काबू में रखा जा सकता है। अगर कोई रोगी नियमित रूप से ब्लड शुगर की जांच करता है, संतुलित आहार लेता है, नियमित व्यायाम करता है और धूम्रपान से बचता है, तो उसका जीवन स्वस्थ और लंबा हो सकता है। यह याद रखना जरूरी है कि डायबिटीज को समय पर समझना और संभालना ही सबसे बड़ी सुरक्षा है।