
उत्तर प्रदेश में प्रदूषण की स्थिति गंभीर बनी हुई है, विशेषकर गाजियाबाद में जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 324 तक पहुंच गया है।
दूसरी तरफ आज देश में शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 14 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर गाजियाबाद की तुलना शिलांग से करें तो वहां स्थिति 22 गुणा खराब है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, देश के 51.4 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता चिंताजनक है।
हालांकि, साफ हवा वाले शहरों की संख्या में 18 फीसदी की वृद्धि हुई है, जो एक सकारात्मक संकेत है।
आंकड़ों से पता चला है कि आज प्रदूषण के मामले में बेलापुर (300) दूसरे जबकि नोएडा (293) तीसरे स्थान पर है। इसी तरह 288 अंकों के साथ बागपत चौथे स्थान पर है।
राजधानी दिल्ली की बात करें तो वहां कल से प्रदूषण में इजाफा हुआ है। इसके साथ ही वहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 268 पर पहुंच गया।
फरीदाबाद में भी कल से प्रदूषण में इजाफा हुआ है, जिसके साथ ही वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 190 पर पहुंच गया है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 18 अक्टूबर 2025 को जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि देश के जहां महज 13.3 फीसदी शहरों में हवा साफ है।
वहीं करीब 35.3 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ 51.4 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं। मतलब की देश के ज्यादातर शहरों में आज हवा चिंताजनक है। राहत की खबर यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में इजाफा हुआ है।
रुझानों से पता चला है कि आज जहां देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 18 फीसदी का इजाफा हुआ है। वहीं दूसरी तरफ सन्तोषजनक हवा वाले शहरों में भी संख्या में सात फीसदी से अधिक की गिरावट दर्ज की गई। दूसरी तरह मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 14.6 फीसदी से अधिक का इजाफा हुआ है।
हालांकि आज देश में जिन शहरों की हवा खराब है उनकी गिनती में कल से कोई बदलाव नहीं हुआ है और स्थिति जस की तस बनी हुई है।
आज एक बार फिर प्रदूषण के मामले में गाजियाबाद की स्थिति सबसे खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 324 दर्ज किया गया। मतलब की वहां वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ श्रेणी में है। इस दौरान वहां की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम10) हावी रहे। देखा जाए तो वहां फिजाओं में घुला जहर इतना अधिक है कि वो लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है।
गाजियाबाद में प्रदूषण से स्थिति किस कदर खराब है, इसी बात से समझा जा सकता है कि वहां प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित सुरक्षित सीमा से 620 फीसदी अधिक है। गौरतलब है कि कल गाजियाबाद में वायु गुणवत्ता का स्तर 306 दर्ज किया गया था। मतलब कि कल से वहां प्रदूषण में 18 अंकों का उछाल आया है।
दूसरी तरफ आज देश में शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 14 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर गाजियाबाद की तुलना शिलांग से करें तो वहां स्थिति 22 गुणा खराब है।
राजधानी दिल्ली की बात करें तो वहां कल से प्रदूषण में इजाफा हुआ है। इसके साथ ही वहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 268 पर पहुंच गया। वहीं फरीदाबाद में भी कल से प्रदूषण में इजाफा हुआ है, जिसके साथ ही वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 190 पर पहुंच गया है।
आंकड़ों से पता चला है कि आज प्रदूषण के मामले में बेलापुर (300) दूसरे जबकि नोएडा (293) तीसरे स्थान पर है। इसी तरह 288 अंकों के साथ बागपत चौथे स्थान पर है। हापुड- मेरठ में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 284 और 277 अंकों के साथ पांचवें और छठे पायदान पर हैं।
देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में आज मुजफ्फरनगर (276) सातवें स्थान पर हैं। इसी तरह दस सबसे प्रदूषित शहरों में आज दिल्ली (268), गुरूग्राम (258) और ग्रेटर नोएडा (248) भी शामिल हैं। गौरतलब है कि आज देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में उत्तर प्रदेश के सात शहर (गाजियाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, बागपत, हापुड, मेरठ, मुजफ्फरनगर) शामिल हैं।
विश्लेषण से यह भी पता चला है कि आज जहां बागपत, हापुड, मेरठ, मुजफ्फरनगर, नंदेसरी, मंडीदीप, मंडी गोबिंदगढ़, वापी, धौलपुर, नारनौल, फतेहाबाद, बुलन्दशहर, अंगुल, कानपुर, हनुमानगढ़, पीथमपुर, मानेसर, नागपुर, हाजीपुर, अंकलेश्वर, धारूहेड़ा, हावड़ा, भोपाल, जींद, कुरूक्षेत्र, अमरावती (महाराष्ट्र), पंचकुला, हल्दिया, कटक, जालंधर, सागर, आसनसोल, भुवनेश्वर, करनाल, तालचेर, अहमदाबाद, बालासोर, चंडीगढ़, धुले, नांदेड़, गोरखपुर, कल्याण, चित्तौड़गढ़, गुम्मिडिपूंडी, बारीपदा, कांचीपुरम, मुंबई, मालेगांव, यमुनानगर, कोटा, खन्ना, देवास, सांगली, डूंगरपुर, दमोह, वातवा, पूर्णिया आदि शहरों की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) हावी है।
वहीं गाजियाबाद, नोएडा, दिल्ली, गुरूग्राम, ग्रेटर नोएडा, बीकानेर, भिवाड़ी, खुर्जा, बहादुरगढ़, फरीदाबाद, आगरा, ग्वालियर, जालौर, कोलकाता, सिंगरौली, सीकर, चुरू, टोंक, झुंझुनूं, मुरादाबाद, लखनऊ, श्री गंगानगर, नागौर, बिलीपाड़ा, चंद्रपुर, बाड़मेर, दौसा, जयपुर, जोधपुर, पिंपरी-चिंचवाड, वृंदावन, फिरोजाबाद, पाली, बोईसर, क्योंझर, परभनी, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), सिवान, जलना, पटना, रायरंगपुर, वाराणसी, बारबिल, अमरावती (आंध्रप्रदेश) , बैरकपुर, मीरा-भायंदर, उदयपुर, लुधियाना, पुणे, मोतिहारी, गया, रतलाम, नवी मुंबई, टेन्सा, जलगांव, प्रयागराज, पटियाला, सासाराम, दुर्गापुर, भीलवाड़ा आदि शहरों में पीएम10 से स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।
इसी तरह कुछ शहरों में कार्बन और ओजोन से स्थिति खराब है। इन शहरों के विपरीत आज देश के 13.3 फीसदी यानी 33 शहरों में हवा साफ है।
इन साफ हवा वाले शहरों में करूर, कोल्लम, कोरबा, मदिकेरी, मदुरै, नागपट्टिनम, पालकालाइपेरुर, पेरुंदुरई, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, रामनगर, रानीपेट, शिलांग, शिवमोगा, सिलचर, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुमाला, वेल्लोर, विजयपुरा आदि शामिल हैं।
कल से तुलना करें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 18 फीसदी की इजाफा हुआ है। दूसरी तरह संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में सात फीसदी से अधिक की गिरावट दर्ज की गई।
आज देश के जिन शहरों में वायु गुणवत्ता सन्तोषजनक है, उनमें भिलाई, भिवंडी, बिहार शरीफ, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, बक्सर, चेन्नई, छपरा, चित्तूर, कोयंबटूर, दावनगेरे, देहरादून, धारवाड़, गांधीनगर, गुवाहाटी, हसन, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जैसलमेर, झांसी, कडपा, कन्नूर, करौली, काशीपुर, कटिहार, कोहिमा, कोल्हापुर, कुंजेमुरा, लातूर, महाड, मैहर, मांडीखेड़ा, मंगुराहा, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नगांव, नाहरलगुन, नलबाड़ी, नमक्कल, नासिक, नयागढ़, ऊटी, पलवल, प्रतापगढ़, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, राजसमंद, ऋषिकेश, राउरकेला आदि शामिल हैं।
इन शहरों के उलट आज देश के 89 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है।
इन शहरों में आगरा, अहमदाबाद, अमरावती (आंध्रप्रदेश) , अमरावती (महाराष्ट्र), अंकलेश्वर, आसनसोल, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बद्दी, बालासोर, बारां, बारबिल, बारीपदा, बाड़मेर, बैरकपुर, भरतपुर, भीलवाड़ा, भोपाल, भुवनेश्वर, बिलीपाड़ा, बोईसर, बूंदी, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चित्तौड़गढ़, चुरू, कटक, दमोह, दौसा, देवास, धनबाद, धारूहेड़ा, धुले, डूंगरपुर, दुर्गापुर, फरीदाबाद, फिरोजाबाद, गया, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, ग्वालियर, हाजीपुर, हल्दिया, हावड़ा, जयपुर, जालंधर, जलगांव, जलना, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, जींद, जोधपुर, कल्याण, कांचीपुरम, करनाल, कटनी, क्योंझर, खन्ना, कोलकाता, कोटा, कुरूक्षेत्र, लखनऊ, लुधियाना, मालेगांव, मानेसर, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, नागौर, नागपुर, नांदेड़, नवी मुंबई, पाली, पंचगांव, पंचकुला, परभनी, पटियाला, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, प्रयागराज, पुणे, पूर्णिया, रायरंगपुर, रतलाम, सागर, सांगली, सासाराम, सवाई माधोपुर, सीकर, सिंगरौली, सिवान, श्री गंगानगर, तालचेर, टेन्सा, टोंक, उदयपुर, वाराणसी, वातवा, वृंदावन, यमुनानगर शामिल हैं।
कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 14.5 फीसदी से अधिक का इजाफा हुआ है। आज देश में खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में कोई बदलाव नहीं हुआ है और स्थिति पहले जैसी ही है।
आज देश के जिन 25 शहरों में वायु गुणवत्ता खराब है, उनमें अंगुल, बागपत, बहादुरगढ़, बेलापुर, भिवाड़ी, बीकानेर, बुलन्दशहर, दिल्ली, धौलपुर, फतेहाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, हनुमानगढ़, हापुड, कानपुर, खुर्जा, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मेरठ, मुजफ्फरनगर, नंदेसरी, नारनौल, नोएडा, पीथमपुर, वापी शामिल हैं।
क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 249 में से 33 शहरों (-33.3 फीसदी) में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) है। 88 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 17 अक्टूबर 2025 को यह आंकड़ा 95 दर्ज किया गया था।
102 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में गाजियाबाद (324) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 310 के करीब पहुंच गया। कल गाजियाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक 306 रिकॉर्ड किया गया था।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में इजाफा हुआ है। दिल्ली में 14 अंकों के उछाल के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 268 पर पहुंच गया है। हालांकि दिल्ली में आज भी वायु गुणवत्ता ‘खराब’ श्रेणी में बनी हुई है। वहीं आज फरीदाबाद में प्रदूषण के स्तर में उछाल दर्ज किया गया है, जिसके बाद एक्यूआई बढ़कर 190 पर पहुंच गया है।
गौरतलब है कि पिछले दो-तीन महीनों में जून, जुलाई और अगस्त के दौरान दिल्ली की वायु गुणवत्ता ज्यादातर दिन संतोषजनक रही। वहीं जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।
प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज बागपत चौथे स्थान पर है, वहीं बेलापुर (300) दूसरे, जबकि नोएडा (293) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 169, गाजियाबाद में 324, गुवाहाटी में 77, गुरूग्राम में 258, नोएडा में 293, ग्रेटर नोएडा में 248 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 122 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 149, चेन्नई में 78, चंडीगढ़ में 135, हैदराबाद में 99, जयपुर में 134 और पटना में 120 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 33 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, बागलकोट, भिवानी, चामराजनगर, चिक्कामगलुरु, कुड्डालोर, डिंडीगुल, गंगटोक, होसुर, हुबली, कलबुर्गी, करूर, कोल्लम, कोरबा, मदिकेरी, मदुरै, नागपट्टिनम, पालकालाइपेरुर, पेरुंदुरई, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, रामनगर, रानीपेट, शिलांग, शिवमोगा, सिलचर, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुमाला, वेल्लोर, विजयपुरा, विरुधुनगर शामिल हैं।
वहीं अहमदनगर, अजमेर, अकोला, अलवर, अम्बाला, अमृतसर, अनंतपुर, अररिया, अरियालूर, आरा, औरंगाबाद (बिहार), बदलापुर, बांसवाड़ा, बरेली, बठिंडा, बेगूसराय, बेंगलुरु, बेतिया, भागलपुर, भिलाई, भिवंडी, बिहार शरीफ, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, बक्सर, चेन्नई, छपरा, चित्तूर, कोयंबटूर, दावनगेरे, देहरादून, धारवाड़, गांधीनगर, गुवाहाटी, हसन, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जैसलमेर, झांसी, कडपा, कन्नूर, करौली, काशीपुर, कटिहार, कोहिमा, कोल्हापुर, कुंजेमुरा, लातूर, महाड, मैहर, मांडीखेड़ा, मंगुराहा, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नगांव, नाहरलगुन, नलबाड़ी, नमक्कल, नासिक, नयागढ़, ऊटी, पलवल, प्रतापगढ़, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, राजसमंद, ऋषिकेश, राउरकेला, रूपनगर, सहरसा, सतना, सिलीगुड़ी, सिरोही, सिरसा, शिवसागर, सोलापुर, सूरत, ठाणे, तिरुचिरापल्ली, तिरुपुर, तुमिडीह, उल्हासनगर, विजयवाड़ा, विरार, यादगीर आदि 88 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।