
प्रदूषण के मामले में बिहार के सिवान की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 25 मार्च 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक सिवान में वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई बढ़कर 292 तक पहुंच गया है। मतलब कि वहां हवा में घुला जहर लोगों के बहुत ज्यादा बीमार बना देने के लिए काफी है।
दूसरी तरफ गाजियाबाद जो कल प्रदूषण के मामले में पहले स्थान पर था आज दूसरे स्थान पर आ गया है। गाजियाबाद में एक्यूआई 289 दर्ज किया गया है।
असम के नलबाड़ी में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जहां एक्यूआई 274 रिकॉर्ड किया गया। बता दें कि नलबाड़ी आज प्रदूषित शहरों की लिस्ट में तीसरे स्थान पर है। इसी तरह हाजीपुर (259) चौथे, जबकि समस्तीपुर (250) पांचवें स्थान पर बना हुआ है। गुवाहाटी में भी स्थिति कोई खास अच्छी नहीं है, जो 238 अंकों के साथ आज छठे स्थान पर रहा।
वहीं प्रदूषण में इजाफे के साथ राजधानी दिल्ली सातवें स्थान पर पहुंच गई, जहां एक्यूआई 234 रिकॉर्ड किया गया। इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में मुजफ्फरनगर (234), बुलन्दशहर (229) और चरखी दादरी (226) भी शामिल थे।
आंकड़ों पर नजर डालें तो देश के 18 शहरों में वायु गुणवत्ता 'खराब' बनी हुई है। इन शहरों में अगरतला, अहमदनगर, ग्रेटर नोएडा, मेरठ, पटना, अहमदाबाद, गुरूग्राम और काशीपुर भी शामिल हैं। चिंता की बात यह है कि कल से देश में खराब हवा वाले शहरों की गिनती में 125 फीसदी का इजाफा हुआ है।
वहीं दूसरी तरफ देश में दमोह की हवा सबसे साफ रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 29 रिकॉर्ड किया गया है। दमोह की तरह ही देश के 20 अन्य शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में कडपा, कलबुर्गी, कांचीपुरम, करूर, कारवार, कोल्हापुर, कोप्पल, मैहर, नागपट्टिनम, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, शिवसागर, तंजावुर, थूथुकुडी, तिरुचिरापल्ली आदि शामिल हैं। चिंता की बात यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 32 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।
ऐसे में यदि सिवान की तुलना देश में सबसे साफ हवा वाले शहर दमोह से करें तो वहां स्थिति नौ गुणा खराब है।
राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो कल से प्रदूषण में इजाफा हुआ है, जिसके साथ ही वहां एक्यूआई बढ़कर 234 पर पहुंच गया। फरीदाबाद में भी प्रदूषण के स्तर में मामूली इजाफा हुआ है। हालांकि फरीदाबाद में अभी भी वायु गुणवत्ता संतोषजनक है।
फरीदाबाद की तरह ही देश के 85 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है। इन शहरों में फिरोजाबाद, गंगटोक, गुम्मिडिपूंडी, हल्दिया, होसुर, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जलना, झालावाड़, झांसी, कन्नूर, कटिहार, कोहिमा, कोल्लम, लातूर, लुधियाना, मदुरै, मंडी गोबिंदगढ़, मुंबई, मैसूर, नगांव, पुदुकोट्टई, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनाथपुरम, रानीपेट, सागर, सलेम, सतना, शिलांग, शिवमोगा, सिलचर, सिरोही, श्री विजया पुरम, सुआकाती, सूरत, ठाणे आदि शामिल हैं।
गौरतलब है कि फरवरी और जनवरी 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा जहरीली न हो। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था।
प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। प्रदूषण के मामले में आज हाजीपुर चौथे स्थान पर है, वहीं गाजियाबाद (289) दूसरे, जबकि नलबाड़ी (274) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 77, गाजियाबाद में 289, गुरुग्राम में 206, नोएडा में 169, ग्रेटर नोएडा में 214 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 96 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 188, चेन्नई में 66, चंडीगढ़ में 163, हैदराबाद में 86, जयपुर में 130 और पटना में 211 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 21 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अमरावती, बेलगाम, चामराजनगर, दमोह, गडग, कडपा, कलबुर्गी, कांचीपुरम, करूर, कारवार, कोल्हापुर, कोप्पल, मैहर, नागपट्टिनम, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, शिवसागर, तंजावुर, थूथुकुडी, तिरुचिरापल्ली, तिरुनेलवेली शामिल हैं।
वहीं आगरा, आइजोल, अकोला, अलवर, अमरावती, अनंतपुर, बदलापुर, बालासोर, बरेली, बाड़मेर, बठिंडा, बेंगलुरु, भागलपुर, भिलाई, भुवनेश्वर, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, बक्सर, ब्यासनगर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, छपरा, चिकबलपुर, चित्तूर, चुरू, कोयंबटूर, कटक, दौसा, दावनगेरे, देवास, धारवाड़, धौलपुर, डिंडीगुल, एलूर, फरीदाबाद, फिरोजाबाद, गंगटोक, गुम्मिडिपूंडी, हल्दिया, होसुर, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जलना, झालावाड़, झांसी, कन्नूर, कटिहार, कोहिमा, कोल्लम, लातूर, लुधियाना, मदुरै, मंडी गोबिंदगढ़, मुंबई, मैसूर, नगांव, पुदुकोट्टई, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनाथपुरम, रानीपेट, सागर, सलेम, सतना, शिलांग, शिवमोगा, सिलचर, सिरोही, श्री विजया पुरम, सुआकाती, सूरत, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुमाला, तिरुपुर, उदयपुर, उज्जैन, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विरार, विशाखापत्तनम, वृंदावन, यादगीर आदि 86 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।
प्रदूषण के मामले में बिहार के सिवान की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 25 मार्च 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक सिवान में वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई बढ़कर 292 तक पहुंच गया है। मतलब कि वहां हवा में घुला जहर लोगों के बहुत ज्यादा बीमार बना देने के लिए काफी है।
दूसरी तरफ गाजियाबाद जो कल प्रदूषण के मामले में पहले स्थान पर था आज दूसरे स्थान पर आ गया है। गाजियाबाद में एक्यूआई 289 दर्ज किया गया है।
असम के नलबाड़ी में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जहां एक्यूआई 274 रिकॉर्ड किया गया। बता दें कि नलबाड़ी आज प्रदूषित शहरों की लिस्ट में तीसरे स्थान पर है। इसी तरह हाजीपुर (259) चौथे, जबकि समस्तीपुर (250) पांचवें स्थान पर बना हुआ है। गुवाहाटी में भी स्थिति कोई खास अच्छी नहीं है, जो 238 अंकों के साथ आज छठे स्थान पर रहा।
वहीं प्रदूषण में इजाफे के साथ राजधानी दिल्ली सातवें स्थान पर पहुंच गई, जहां एक्यूआई 234 रिकॉर्ड किया गया। इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में मुजफ्फरनगर (234), बुलन्दशहर (229) और चरखी दादरी (226) भी शामिल थे।
आंकड़ों पर नजर डालें तो देश के 18 शहरों में वायु गुणवत्ता 'खराब' बनी हुई है। इन शहरों में अगरतला, अहमदनगर, ग्रेटर नोएडा, मेरठ, पटना, अहमदाबाद, गुरूग्राम और काशीपुर भी शामिल हैं। चिंता की बात यह है कि कल से देश में खराब हवा वाले शहरों की गिनती में 125 फीसदी का इजाफा हुआ है।
वहीं दूसरी तरफ देश में दमोह की हवा सबसे साफ रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 29 रिकॉर्ड किया गया है। दमोह की तरह ही देश के 20 अन्य शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में कडपा, कलबुर्गी, कांचीपुरम, करूर, कारवार, कोल्हापुर, कोप्पल, मैहर, नागपट्टिनम, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, शिवसागर, तंजावुर, थूथुकुडी, तिरुचिरापल्ली आदि शामिल हैं। चिंता की बात यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 32 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।
ऐसे में यदि सिवान की तुलना देश में सबसे साफ हवा वाले शहर दमोह से करें तो वहां स्थिति नौ गुणा खराब है।
राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो कल से प्रदूषण में इजाफा हुआ है, जिसके साथ ही वहां एक्यूआई बढ़कर 234 पर पहुंच गया। फरीदाबाद में भी प्रदूषण के स्तर में मामूली इजाफा हुआ है। हालांकि फरीदाबाद में अभी भी वायु गुणवत्ता संतोषजनक है।
फरीदाबाद की तरह ही देश के 85 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है। इन शहरों में फिरोजाबाद, गंगटोक, गुम्मिडिपूंडी, हल्दिया, होसुर, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जलना, झालावाड़, झांसी, कन्नूर, कटिहार, कोहिमा, कोल्लम, लातूर, लुधियाना, मदुरै, मंडी गोबिंदगढ़, मुंबई, मैसूर, नगांव, पुदुकोट्टई, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनाथपुरम, रानीपेट, सागर, सलेम, सतना, शिलांग, शिवमोगा, सिलचर, सिरोही, श्री विजया पुरम, सुआकाती, सूरत, ठाणे आदि शामिल हैं।
चिंता की बात यह है कि साफ हवा वाले शहरों की तरह ही देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में भी करीब 20 फीसदी की गिरावट आई है।
रुझानों में यह भी सामने आया है कि देश में छोटे बड़े 100 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है।
इन शहरों में भोपाल, बिहारशरीफ, बीकानेर, बिलीपाड़ा, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चित्तौड़गढ़, देहरादून, धनबाद, धुले, डूंगरपुर, दुर्गापुर, गया, गोरखपुर, ग्वालियर, हापुड, हावड़ा, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जालौर, झुंझुनूं, जोधपुर, कल्याण, कानपुर, करौली, कटनी, खन्ना, खुर्जा, किशनगंज, कोलकाता, कोरबा, कोटा, लखनऊ, मदिकेरी, महाड, मालेगांव, मंडीदीप, मंगुराहा, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नागौर, नागपुर, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई आदि शामिल हैं। कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में करीब 32 फीसदी का इजाफा हुआ है।
कुल मिलाकर देखें तो देश में जहां साफ हवा वाले शहरों की गिनती घटकर दस फीसदी से भी कम रह गई है। वहीं 38 फीसदी शहरों में स्थिति संतोषजनक है। दूसरी तरफ देश के 52 फीसदी से ज्यादा शहरों में हालात चिंताजनक हैं।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 225 में से महज 21 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 86 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 24 मार्च 2025 को यह आंकड़ा 107 दर्ज किया गया।
100 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में सिवान (292) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 300 के करीब पहुंच गया। कल गाजियाबाद में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब एक्यूआई 297 रिकॉर्ड किया गया था।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में इजाफा हुआ है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 28 अंकों के इजाफे के साथ 234 पर पहुंच गया। मतलब की दिल्ली में कल से वायु गुणवत्ता खराब बनी हुई है। यह छठा दिन है जब इस महीने दिल्ली की वायु गुणवत्ता खराब दर्ज की गई है।
गौरतलब है कि फरवरी और जनवरी 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा जहरीली न हो। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था।
प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। प्रदूषण के मामले में आज हाजीपुर चौथे स्थान पर है, वहीं गाजियाबाद (289) दूसरे, जबकि नलबाड़ी (274) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 77, गाजियाबाद में 289, गुरुग्राम में 206, नोएडा में 169, ग्रेटर नोएडा में 214 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 96 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 188, चेन्नई में 66, चंडीगढ़ में 163, हैदराबाद में 86, जयपुर में 130 और पटना में 211 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 21 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अमरावती, बेलगाम, चामराजनगर, दमोह, गडग, कडपा, कलबुर्गी, कांचीपुरम, करूर, कारवार, कोल्हापुर, कोप्पल, मैहर, नागपट्टिनम, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, शिवसागर, तंजावुर, थूथुकुडी, तिरुचिरापल्ली, तिरुनेलवेली शामिल हैं।
वहीं आगरा, आइजोल, अकोला, अलवर, अमरावती, अनंतपुर, बदलापुर, बालासोर, बरेली, बाड़मेर, बठिंडा, बेंगलुरु, भागलपुर, भिलाई, भुवनेश्वर, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, बक्सर, ब्यासनगर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, छपरा, चिकबलपुर, चित्तूर, चुरू, कोयंबटूर, कटक, दौसा, दावनगेरे, देवास, धारवाड़, धौलपुर, डिंडीगुल, एलूर, फरीदाबाद, फिरोजाबाद, गंगटोक, गुम्मिडिपूंडी, हल्दिया, होसुर, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जलना, झालावाड़, झांसी, कन्नूर, कटिहार, कोहिमा, कोल्लम, लातूर, लुधियाना, मदुरै, मंडी गोबिंदगढ़, मुंबई, मैसूर, नगांव, पुदुकोट्टई, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनाथपुरम, रानीपेट, सागर, सलेम, सतना, शिलांग, शिवमोगा, सिलचर, सिरोही, श्री विजया पुरम, सुआकाती, सूरत, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुमाला, तिरुपुर, उदयपुर, उज्जैन, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विरार, विशाखापत्तनम, वृंदावन, यादगीर आदि 86 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।