गुजरात के इन दो शहरों प्रदूषण से बिगड़ी स्थिति, अमृतसर, काशीपुर में भी चिंताजनक हालत

विश्लेषण से पता चला है कि आज देश के करीब 39 फीसदी शहरों में हवा साफ है, जबकि दूसरी तरफ करीब आठ फीसदी में हालात चिंताजनक बने हुए हैं
देश में बढ़ता प्रदूषण; फोटो: सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई)
देश में बढ़ता प्रदूषण; फोटो: सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई)
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प्रदूषण के मामले में आज एक बार फिर गुजरात के नंदेसरी की स्थिति सबसे खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 270 तक पहुंच गया है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा जारी मानकों के लिहाज से देखें तो नंदेसरी में प्रदूषण का स्तर 1700 फीसदी अधिक है। रुझानों के विश्लेषण से पता चला है कि इस दौरान वहां की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) हावी थे।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा 13 जुलाई 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक आज सूरत देश का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर है, जहां एक्यूआई 263 दर्ज किया गया। इसी तरह 232 अंकों के साथ अमृतसर तीसरे पायदान पर है। बता दें कि इन तीनों शहरों में वायु गुणवत्ता 'खराब' बनी हुई है, जबकि कल देश के किसी भी शहर में वायु गुणवत्ता का स्तर खराब दर्ज नहीं किया गया था।

इसी तरह काशीपुर (188) चौथे जबकि किशनगंज (172) पांचवें स्थान पर है। बिलीपाड़ा (146) छठे, गुरूग्राम (138) सातवें जबकि गुम्मिडिपूंडी (130) आठवें स्थान पर है।

कमोबेश ऐसी ही स्थिति विशाखापत्तनम (128) और सहरसा (121) में भी बनी हुई है, जो आज देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों की लिस्ट में शामिल हैं।

विश्लेषण से पता चला है कि आज देश के जहां करीब 39 फीसदी शहरों में हवा साफ है। 53 फीसदी से अधिक शहरों में स्थिति संतोषजनक है, जबकि दूसरी तरफ करीब आठ फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं।

रुझानों पर नजर डालें तो आज नंदेसरी, सूरत, अमृतसर, किशनगंज, बिलीपाड़ा, गुम्मिडिपूंडी, श्रीगंगानगर, बर्नीहाट आदि शहरों की हवा में प्रदूषण के महीन कण हावी है। वहीं गुरूग्राम में ओजोन जबकि काशीपुर में कार्बन के कण हावी हैं। विशाखापत्तनम, सहरसा, ग्रेटर नोएडा, बद्दी, कोरबा, रायरंगपुर आदि की हवा में पीएम10 से स्थिति खराब बनी हुई है।

इन शहरों के उलट आज देश में करौली की हवा सबसे साफ है, जहां एक्यूआई 13 दर्ज किया गया है। यदि करौली की तुलना देश के सबसे प्रदूषित शहर नंदेसरी से करें तो वहां स्थिति 22 गुणा बेहतर है।

देश में आज अगरतला सहित 85 शहरों की हवा साफ है। इन शहरों में गंगटोक, ग्वालियर, हापुड, हुबली, जबलपुर, जलगांव, झालावाड़, झांसी, जोधपुर, कलबुर्गी, कल्याण, करौली, कटनी, कोल्हापुर, लातूर, मदिकेरी,मंगलौर, मंगुराहा, मीरा-भायंदर, मुंबई, मुजफ्फरनगर, मैसूर, नलबाड़ी, नवी मुंबई, पालकालाइपेरुर, पेरुंदुरई, प्रतापगढ़, पुदुचेरी आदि शामिल हैं।

अच्छी खबर यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में छह फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल से प्रदूषण में 26 अंकों का सुधार आया है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक घटकर 79 पर पहुंच गया।

दिल्ली की तरह ही देश के छोटे बड़े 116 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है। इन शहरों में ब्यासनगर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चेन्नई, चित्तूर, चुरू, दिल्ली, धनबाद, धारवाड़, धुले, डूंगरपुर, दुर्गापुर, एलूर, गांधीनगर, गया, गाजियाबाद, गोरखपुर, गुवाहाटी, हाजीपुर, हल्दिया, हनुमानगढ़, हसन, होसुर, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलना, जालौर आदि शामिल हैं।

चिंता की बात यह है कि कल से देश में सन्तोषजक हवा वाले शहरों की गिनती में करीब आठ फीसदी की गिरावट आई है।

आंकड़ों के मुताबिक आज देश के 14 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में बद्दी, बिलीपाड़ा, बर्नीहाट, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, इंफाल, काशीपुर, किशनगंज, कोरबा, रायरंगपुर, सहरसा, श्रीगंगानगर, विशाखापत्तनम शामिल हैं। कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में करीब आठ फीसदी का इजाफा हुआ है।

क्या कहते हैं आंकड़े

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 218 में से 85 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) है। 116 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 12 जुलाई 2025 को यह आंकड़ा 126 दर्ज किया गया था।

14 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में नंदेसरी (270) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 300 के करीब पहुंच गया। कल ग्रेटर नोएडा में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब सूचकांक 172 रिकॉर्ड किया गया।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 26 अंकों का सुधार आया है। इसके साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक गिरकर 79 पर पहुंच गया। मतलब की दिल्ली में आज वायु गुणवत्ता एक बार फिर मध्यम से संतोषजनक श्रेणी में पहुंच गई है। वहीं आज फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं। 

गौरतलब है कि पिछले चार महीनों जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।

आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज काशीपुर चौथे स्थान पर है, वहीं सूरत (263) दूसरे, जबकि अमृतसर (232) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 48, गाजियाबाद में 79, गुवाहाटी में 52, गुरूग्राम में 138, नोएडा में 74, ग्रेटर नोएडा में 120 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 48 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘बेहतर‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 60, चेन्नई में 76, चंडीगढ़ में 90, हैदराबाद में 66, जयपुर में 67 और पटना में 69 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 85 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, आगरा, आइजोल, अजमेर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बागलकोट, बागपत, बाड़मेर, बेलापुर, भागलपुर, भरतपुर, भीलवाड़ा, भोपाल, बीदर, बिलासपुर, बुलन्दशहर, बक्सर, चामराजनगर, चेंगलपट्टू, छाल, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तौड़गढ़, कोयंबटूर, कुड्डालोर, कटक, दमोह, दौसा, दावनगेरे, देहरादून, देवास, फिरोजाबाद, गंगटोक, ग्वालियर, हापुड, हुबली, जबलपुर, जलगांव, झालावाड़, झांसी, जोधपुर, कलबुर्गी, कल्याण, करौली, कटनी, कोल्हापुर, लातूर, मदिकेरी,मंगलौर, मंगुराहा, मीरा-भायंदर, मुंबई, मुजफ्फरनगर, मैसूर, नलबाड़ी, नवी मुंबई, पालकालाइपेरुर, पेरुंदुरई, प्रतापगढ़, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, रायपुर, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, शिवमोगा, सिलचर, सिंगरौली, सिरोही, शिवसागर, सोलापुर, ठाणे, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, तिरुपुर, तुमिडीह, उदयपुर, वाराणसी, वेल्लोर, विजयपुरा, विरार, विरुधुनगर, यादगीर शामिल हैं।

वहीं अहमदाबाद, अहमदनगर, अकोला, अलवर, अमरावती (महाराष्ट्र), अंगुल, अंकलेश्वर, अरियालूर, आसनसोल, बदलापुर, बालासोर, बारां, बारबिल, बरेली, बारीपदा, बठिंडा, बेंगलुरु, भिलाई, भिवाड़ी, भिवंडी, भुवनेश्वर, बीकानेर, बोईसर, ब्रजराजनगर, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चेन्नई, चित्तूर, चुरू, दिल्ली, धनबाद, धारवाड़, धुले, डूंगरपुर, दुर्गापुर, एलूर, गांधीनगर, गया, गाजियाबाद, गोरखपुर, गुवाहाटी, हाजीपुर, हल्दिया, हनुमानगढ़, हसन, होसुर, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलना, जालौर, झुंझुनूं, कडपा, कानपुर, कटिहार, क्योंझर, खन्ना, खुर्जा, कोहिमा, कोलकाता, कोल्लम, कोटा, कुंजेमुरा, लखनऊ, लुधियाना, मदुरै, महाड, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मेरठ, मिलुपारा, मुरादाबाद, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नागौर, नागपुर, नांदेड़, नासिक, नयागढ़, नोएडा, पाली, पटियाला, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रयागराज, पुणे, पूर्णिया, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, राजसमंद, रतलाम, राउरकेला, सागर, समस्तीपुर, सवाई माधोपुर, सीकर, सिलीगुड़ी, सिवान, सुआकाती, तालचेर, थूथुकुडी, तिरुचिरापल्ली, तिरुपति, टोंक, तुमकुरु, उल्हासनगर, वापी, वातवा, विजयवाड़ा, वृंदावन आदि 116 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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