

रोहतक में वायु प्रदूषण की स्थिति बेहद गंभीर हो गई है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 348 तक पहुंच गया है। यह डब्ल्यूएचओ के मानकों से 2,220 फीसदी अधिक है।
प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) हवा में हावी हैं, जिससे लोगों की सेहत पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है। देश के अन्य शहरों में भी प्रदूषण की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।
दूसरी तरफ आज देश में शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 12 रिकॉर्ड किया गया।
राजधानी दिल्ली की बात करें तो वहां कल से प्रदूषण में इजाफा हुआ है। इसके साथ ही वहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 311 पर पहुंच गया। इसके साथ ही दिल्ली में हालात ‘खराब’ से बेहद खराब हो गए हैं।
देखा जाए तो दिल्ली में वायु गुणवत्ता डब्ल्यूएचओ मानकों से 1970 फीसदी अधिक प्रदूषित है।
आज फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक 218 रिकॉर्ड किया गया है।
प्रदूषण के मामले में चरखी दादरी (337) दूसरे जबकि जींद (324) तीसरे स्थान पर है। इसी तरह 311 अंकों के साथ दिल्ली चौथे स्थान पर है।
बागपत-पंचकुला में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 276 और 275 अंकों के साथ पांचवें और छठे पायदान पर हैं।
आज देश के चार शहरों में वायु गुणवत्ता बेहद खराब है। इन शहरों में चरखी दादरी, दिल्ली, जींद, रोहतक शामिल हैं।
विश्लेषण से पता चला है कि आज देश में रोहतक की हवा सबसे ज्यादा जहरीले है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई 348 दर्ज किया गया है। मतलब कि वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' रिकॉर्ड की गई है। वहीं कल रोहतक में वायु गुणवत्ता सूचकांक 244 दर्ज किया गया था। मतलब कि कल से प्रदूषण में 104 अंकों का उछाल आया है।
रुझानों में सामने आया है कि आज वहां हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) पूरी तरह हावी हैं। देखा जाए तो वहां फिजाओं में घुला जहर इतना ज्यादा है कि वो लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है।
रोहतक में प्रदूषण से स्थिति किस कदर खराब है, इसी बात से समझा जा सकता है कि वहां प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित सुरक्षित सीमा से 2,220 फीसदी अधिक है। दूसरी तरफ आज देश में शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 12 रिकॉर्ड किया गया।
ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर रोहतक की तुलना शिलांग से करें तो वहां स्थिति 28 गुणा खराब है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 06 नवंबर, 2025 को 254 शहरों के लिए जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि इनमें से जहां 13 फीसदी शहरों में हवा साफ है।
वहीं करीब 34.2 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ 52.8 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं। मतलब की देश के ज्यादातर शहरों में आज हवा चिंताजनक है। चिंता की बात यह है कि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में 25.6 फीसदी की गिरावट आई है।
वहीं दूसरी तरफ साफ हवा वाले शहरों में तीन फीसदी का इजाफा हुआ है। इसी तरह देश में कल से मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में करीब 36.5 फीसदी का इजाफा हुआ है। आज देश में खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की बात करें तो उनकी गिनती में करीब 12 फीसदी का इजाफा हुआ है। इसी तरह बेहद खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 33 फीसदी से अधिक का इजाफा हुआ है, जोकि चिंता की खबर है।
राजधानी दिल्ली की बात करें तो वहां कल से प्रदूषण में इजाफा हुआ है। इसके साथ ही वहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 311 पर पहुंच गया। इसके साथ ही दिल्ली में हालात ‘खराब’ से बेहद खराब हो गए हैं। देखा जाए तो दिल्ली में वायु गुणवत्ता डब्ल्यूएचओ मानकों से 1970 फीसदी अधिक प्रदूषित है।
आज फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक 218 रिकॉर्ड किया गया है।
आंकड़ों से पता चला है कि आज प्रदूषण के मामले में चरखी दादरी (337) दूसरे जबकि जींद (324) तीसरे स्थान पर है। इसी तरह 311 अंकों के साथ दिल्ली चौथे स्थान पर है। बागपत-पंचकुला में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 276 और 275 अंकों के साथ पांचवें और छठे पायदान पर हैं।
देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में आज मानेसर (269) सातवें स्थान पर हैं। इसी तरह दस सबसे प्रदूषित शहरों में आज गाजियाबाद (266), श्री गंगानगर (263) और हनुमानगढ़ (259) भी शामिल हैं। गौरतलब है कि आज देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में हरियाणा के पांच शहर (रोहतक, चरखी दादरी, जींद, पंचकुला, मानेसर) शामिल हैं।
विश्लेषण से यह भी पता चला है कि आज जहां रोहतक, चरखी दादरी, जींद, दिल्ली, बागपत, पंचकुला, मानेसर, गाजियाबाद, श्री गंगानगर, हनुमानगढ़, गुरूग्राम, नोएडा, भिवानी, सोनीपत, हापुड, बद्दी, भिवाड़ी, धारूहेड़ा, सिरसा, ग्रेटर नोएडा, हल्दिया, किशनगंज, नारनौल, पानीपत, कटक, भुवनेश्वर, चुरू, अम्बाला, जालंधर, पलवल, मेरठ, बुलन्दशहर, कैथल, यमुनानगर आदि शहरों की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) हावी हैं।
वहीं खुर्जा, मंडी गोबिंदगढ़, जालौर, बीकानेर, फरीदाबाद, मंडीदीप, सीकर, बाड़मेर, हिसार, टोंक, गांधीनगर, सवाई माधोपुर, बोईसर, धौलपुर, नागौर, चित्तौड़गढ़, दौसा, सिरोही, करौली, भीलवाड़ा, अहमदाबाद, चंद्रपुर, पीथमपुर, दुर्गापुर, जैसलमेर, वृंदावन, अजमेर, पटियाला, रतलाम, भागलपुर, देवास, क्योंझर, भरतपुर, उदयपुर, विशाखापत्तनम, सूरत, जलगांव, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़, कोटा, डूंगरपुर, कटनी, अलवर, सासाराम, भिवंडी, बेलापुर आदि शहरों में पीएम10 से स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।
इसी तरह कुछ शहरों में कार्बन और ओजोन से स्थिति खराब है। इन शहरों के विपरीत आज देश के 13 फीसदी यानी 33 शहरों में हवा साफ है।
इन साफ हवा वाले शहरों में गुवाहाटी, हावेरी, कलबुर्गी, करूर, मदिकेरी, मदुरै, मैहर, नागपट्टिनम, नमक्कल, ऊटी, पालकालाइपेरुर, पेरुंदुरई, पुदुचेरी, रामनाथपुरम, सलेम, शिलांग, शिवमोगा, सिलचर, शिवसागर, तंजावुर, थूथुकुडी, तिरुनेलवेली आदि शामिल हैं।
कल से तुलना करें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में तीन फीसदी से अधिक का इजाफा हुआ है। दूसरी तरह संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 26 फीसदी की गिरावट आई है।
आज देश के जिन शहरों में वायु गुणवत्ता सन्तोषजनक है, उनमें गंगटोक, गोरखपुर, होसुर, हुबली, हैदराबाद, इंदौर, झांसी, कडपा, कल्याण, कन्नूर, कटिहार, कोहिमा, कोल्हापुर, कोल्लम, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, महाड, मालेगांव, मांडीखेड़ा, मंगलौर, मिलुपारा, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नगांव, नागपुर, नाहरलगुन, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पंचगांव, परभनी आदि शामिल हैं।
इन शहरों के उलट आज देश के 101 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है।
इन शहरों में आगरा, अहमदाबाद, अजमेर, अलवर, अमृतसर, अंगुल, अंकलेश्वर, अररिया, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), बालासोर, बल्लभगढ़, बांसवाड़ा, बारां, बारबिल, बारीपदा, बाड़मेर, बैरकपुर, बठिंडा, बेगूसराय, बेलापुर, भागलपुर, भरतपुर, भीलवाड़ा, भिवंडी, भोपाल, बिहार शरीफ, बोईसर, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, बूंदी, ब्यासनगर, बर्नीहाट, चंडीगढ़, चंद्रपुर, छाल, चित्तौड़गढ़, दौसा, देहरादून, देवास, धनबाद, धौलपुर, डूंगरपुर, दुर्गापुर, गांधीनगर, गया, गुम्मिडिपूंडी, ग्वालियर, हाजीपुर, हिसार, हावड़ा, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, झालावाड़, झुंझुनूं, जोधपुर, कैथल, कानपुर, करौली, करनाल, काशीपुर, कटनी, क्योंझर, खन्ना, कोलकाता, कोटा, कुरूक्षेत्र, लखनऊ, लुधियाना, मंडीदीप, मेरठ, मुजफ्फरनगर, नागौर, नलबाड़ी, पाली, पलवल, पटियाला, पटना, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, रतलाम, सासाराम, सवाई माधोपुर, सीकर, सिंगरौली, सिरोही, सूरत, तालचेर, टोंक, उदयपुर, उल्हासनगर, वापी, वाराणसी, वातवा, विशाखापत्तनम, वृंदावन, यमुनानगर शामिल हैं।
कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में करीब 37 फीसदी का इजाफा हुआ है।
आंकड़ों में यह भी सामने आया है कि आज देश के 29 शहरों में वायु गुणवत्ता खराब है। इन शहरों में अम्बाला, बद्दी, बागपत, भिवाड़ी, भिवानी, भुवनेश्वर, बीकानेर, चुरू, कटक, धारूहेड़ा, फरीदाबाद, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, हल्दिया, हनुमानगढ़, हापुड, जालौर, खुर्जा, किशनगंज, मंडी गोबिंदगढ़, मानेसर, नारनौल, नोएडा, पंचकुला, पानीपत, सिरसा, सोनीपत, श्री गंगानगर शामिल हैं।
इसी तरह आज देश के चार शहरों में वायु गुणवत्ता बेहद खराब है। इन शहरों में चरखी दादरी, दिल्ली, जींद, रोहतक शामिल हैं।
क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 254 में से 33 शहरों (+3.1) में हवा 'बेहतर' है। 87 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 05 नवंबर 2025 को यह आंकड़ा 117 दर्ज किया गया था।
101 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में आज रोहतक (348) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 350 के करीब पहुंच गया। बता दें कि कल रोहतक में वायु गुणवत्ता सूचकांक 244 दर्ज किया गया था। मतलब कि कल से प्रदूषण में 104 अंकों का इजाफा हुआ है।
कल सोनीपत में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब सूचकांक 313 दर्ज किया गया था। वहीं आज सोनीपत में एक्यूआई 253 रिकॉर्ड किया गया है। मतलब हरियाणा के इस शहर की वायु गुणवत्ता में 60 अंकों का सुधार आया है।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में इजाफा हुआ है। दिल्ली में 109 अंकों के उछाल के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 311 पर पहुंच गया है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता ‘खराब’ से बेहद खराब श्रेणी में पहुंच गई है। आज फरीदाबाद में भी प्रदूषण के स्तर में इजाफा हुआ है, जहां 47 अंकों की वृद्धि के साथ एक्यूआई 218 दर्ज किया गया है।
गौरतलब है कि पिछले दो-तीन महीनों में जून, जुलाई और अगस्त के दौरान दिल्ली की वायु गुणवत्ता ज्यादातर दिन संतोषजनक रही। वहीं जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।
प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज दिल्ली चौथे स्थान पर है, वहीं चरखी दादरी (337) दूसरे, जबकि जींद (324) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 154, गाजियाबाद में 266, गुवाहाटी में 48, गुरूग्राम में 257, नोएडा में 257, ग्रेटर नोएडा में 228 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 96 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 156, चेन्नई में 78, चंडीगढ़ में 156, हैदराबाद में 89, जयपुर में 160 और पटना में 183 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 33 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, अरियालूर, चामराजनगर, चेंगलपट्टू, छपरा, दावनगेरे, गडग, गुवाहाटी, हावेरी, कलबुर्गी, करूर, मदिकेरी, मदुरै, मैहर, नागपट्टिनम, नमक्कल, ऊटी, पालकालाइपेरुर, पेरुंदुरई, पुदुचेरी, रामनाथपुरम, सलेम, शिलांग, शिवमोगा, सिलचर, शिवसागर, तंजावुर, थूथुकुडी, तिरुनेलवेली, तिरुपुर, उडुपी, वेल्लोर, यादगीर शामिल हैं।
वहीं अहमदनगर, अकोला, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अमरावती (महाराष्ट्र), अनंतपुर, आरा, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बरेली, बेलगाम, बेंगलुरु, बेतिया, भिलाई, बिलासपुर, बक्सर, चेन्नई, चित्तूर, कोयंबटूर, कुड्डालोर, धारवाड़, धुले, एलूर, फिरोजाबाद, गंगटोक, गोरखपुर, होसुर, हुबली, हैदराबाद, इंदौर, झांसी, कडपा, कल्याण, कन्नूर, कटिहार, कोहिमा, कोल्हापुर, कोल्लम, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, महाड, मालेगांव, मांडीखेड़ा, मंगलौर, मिलुपारा, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नगांव, नागपुर, नाहरलगुन, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पंचगांव, परभनी, पिंपरी-चिंचवाड, पुडुकोट्टई, पुणे, पूर्णिया, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, राजसमंद, ऋषिकेश, राउरकेला, सागर, सहरसा, सांगली, सतना, सिलीगुड़ी, सिवान, सोलापुर, टेन्सा, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुमाला, तुमिडीह, विजयवाड़ा, विरार, विरुधुनगर आदि 87 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।