
देश में प्रदूषण अब बड़े शहरों तक सीमित नहीं है। छोटे शहरों में भी इसका असर साफ तौर पर देखा जा सकता है। इसका स्पष्ट उदाहरण बर्नीहाट-बीकानेर जैसे शहर हैं, जो आज प्रदूषण के मामले में सबसे ऊपर हैं।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा 14 जून 2025 को जारी आंकड़ों के विश्लेषण में सामने आया है कि आज देश में मेघालय के बर्नीहाट की स्थिति सबसे खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 243 तक पहुंच गया। इस दौरान बर्नीहाट की हवा में प्रदूषण के महीन कण पीएम2.5 हावी थे।
वहीं कल देश में ग्रेटर नोएडा (211) की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित थी, जहां 69 अंकों के सुधार के बाद आज वायु गुणवत्ता सूचकांक 142 पर पहुंच गया है। बर्नीहाट की तरह ही आज देश में बीकानेर की हवा भी 'खराब' बनी हुई है, जो 210 अंकों के साथ आज देश का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर है।
रुझानों पर नजर डालें तो आज देश के दो शहरों में हवा खराब है। वहीं कल इन शहरों की गिनती तीन दर्ज की गई थी। इन शहरों के उलट देश में पालकालाइपेरुर की हवा सबसे साफ है, जहां एक्यूआई 16 दर्ज किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर बर्नीहाट की तुलना पालकालाइपेरुर से करें तो वहां स्थिति 14 गुणा खराब है।
इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में आज नोएडा (200) तीसरे जबकि बद्दी (196) चौथे पायदान पर है। हाजीपुर में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 180 अंकों के साथ पांचवा सबसे प्रदूषित शहर है। 176 अंकों के साथ भरतपुर इस लिस्ट में छठे, जबकि झुंझुनूं (170) सातवें पायदान पर है।
राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो कल से प्रदूषण में गिरावट आई है। हालांकि आज भी दिल्ली में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। 156 अंकों के साथ दिल्ली देश का आठवां सबसे प्रदूषित शहर है। इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में गुरूग्राम (154) और कोटा (151) शामिल हैं।
आंकड़ों के मुताबिक आज जहां सवाई माधोपुर में कार्बन से स्थिति खराब है। वहीं बद्दी, हाजीपुर, भरतपुर, दिल्ली, सवाई माधोपुर, चंडीगढ़, भोपाल, बारां, लखनऊ, झालावाड़, मंडी गोबिंदगढ़, पुणे आदि शहरों में ओजोन से हालात चिंताजनक बने हुए हैं।
आज आइजोल सहित देश के 60 शहरों में हवा साफ बनी हुई है।
इन शहरों में गंगटोक, गोरखपुर, हल्दिया, हसन, हुबली, करूर, काशीपुर, कोलकाता, कुंजेमुरा, मदिकेरी, मदुरै, मैहर, मुंगेर, मैसूर, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, पेरुंदुरई, पिंपरी-चिंचवाड, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, रायपुर, रायरंगपुर, रामनाथपुरम, सलेम, सांगली, शिवमोगा, सिलचर, शिवसागर, सूरत, टेन्सा, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम आदि शामिल हैं।
चिंता की बात यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 10 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।
आज देश में जहां गुरूग्राम, चुरू, दौसा, ग्रेटर नोएडा, श्रीगंगानगर, समस्तीपुर, खुर्जा, इंफाल, नागौर, आगरा, बठिंडा, उदयपुर, पाली, हनुमानगढ़, अलवर, सीकर, बुलन्दशहर, जालौर, तुमिडीह, भिवाड़ी, जैसलमेर, बाड़मेर, बांसवाड़ा, सहरसा आदि शहरों की हवा में प्रदूषण के महीन कण पीएम10 हावी हैं।
वहीं बर्नीहाट, अमृतसर, गाजियाबाद, लुधियाना, अहमदाबाद आदि में पीएम2.5 से स्थिति चिंताजनक है।
देश में दुर्गापुर सहित 119 शहरों में स्थिति संतोषजनक है। इन शहरों में गुवाहाटी, ग्वालियर, हापुड, होसुर, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, झांसी, जोधपुर, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, कांचीपुरम, कन्नूर, कानपुर, करौली, कटिहार, कटनी, क्योंझर, खन्ना, कोहिमा, कोप्पल, कोरबा, लातूर, महाड, मालेगांव, मंडीदीप, मंगलौर, मंगुराहा, मेरठ, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुजफ्फरपुर, नागपुर, नलबाड़ी, नमक्कल, नांदेड़, नासिक आदि शामिल हैं।
राहत की बात यह है कि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में 19 फीसदी का इजाफा हुआ है।
इसी तरह देश में आगरा सहित 45 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में बनी हुई है, जिनमें दिल्ली भी शामिल है। रुझानों से पता चला है कि आज बारां, बाड़मेर, बठिंडा, भरतपुर, भिवाड़ी, भोपाल, बुलन्दशहर, चंडीगढ़, छपरा, चुरू, दौसा, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, हाजीपुर, हनुमानगढ़, इंफाल, जयपुर, जैसलमेर, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, खुर्जा, कोटा, लखनऊ, लुधियाना आदि शामिल हैं।
कल से मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 18 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।
आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि देश के 27 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं 53 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है। दूसरी तरफ देश के करीब 21 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 226 में से 60 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। 119 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 13 जून 2025 को यह आंकड़ा 100 दर्ज किया गया था।
45 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में बर्नीहाट (243) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 250 के करीब पहुंच गया। कल ग्रेटर नोएडा में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब सूचकांक 211 रिकॉर्ड किया गया।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 31 अंकों की गिरावट आई है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक सुधरकर 156 पर पहुंच गया। मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता एक बार फिर खराब से मध्यम श्रेणी में पहुंच गई है। वहीं आज फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।
गौरतलब है कि पिछले चार महीनों जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।
आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज बद्दी चौथे स्थान पर है, वहीं बीकानेर (210) दूसरे, जबकि नोएडा (200) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 70, गाजियाबाद में 134, गुवाहाटी में 87, गुरूग्राम में 154, नोएडा में 200, ग्रेटर नोएडा में 142 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 54 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 105, चेन्नई में 51, चंडीगढ़ में 125, हैदराबाद में 69, जयपुर में 142 और पटना में 91 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 60 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), बागलकोट, बारीपदा, बेलापुर, भागलपुर, भिलाई, चामराजनगर, चेंगलपट्टू, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दावनगेरे, डिंडीगुल, गंगटोक, गोरखपुर, हल्दिया, हसन, हुबली, करूर, काशीपुर, कोलकाता, कुंजेमुरा, मदिकेरी, मदुरै, मैहर, मुंगेर, मैसूर, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, पेरुंदुरई, पिंपरी-चिंचवाड, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, रायपुर, रायरंगपुर, रामनाथपुरम, सलेम, सांगली, शिवमोगा, सिलचर, शिवसागर, सूरत, टेन्सा, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, तिरुपति, तिरुपुर, वेल्लोर, विजयपुरा, विरार, विरुधुनगर, यादगीर शामिल हैं।
वहीं अहमदनगर, अजमेर, अकोला, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अमरावती (महाराष्ट्र), अनंतपुर, अंगुल, अंकलेश्वर, अरियालूर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बागपत, बालासोर, बारबिल, बरेली, बैरकपुर, बेगूसराय, बेंगलुरु, भीलवाड़ा, भिवंडी, भुवनेश्वर, बिलासपुर, बिलीपाड़ा, बोईसर, ब्रजराजनगर, बूंदी, ब्यासनगर, चंद्रपुर, चेन्नई, छाल, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, कटक, दमोह, देहरादून, देवास, धनबाद, धारवाड़, धौलपुर, धुले, डूंगरपुर, दुर्गापुर, एलूर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गया, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, ग्वालियर, हापुड, होसुर, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, झांसी, जोधपुर, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, कांचीपुरम, कन्नूर, कानपुर, करौली, कटिहार, कटनी, क्योंझर, खन्ना, कोहिमा, कोप्पल, कोरबा, लातूर, महाड, मालेगांव, मंडीदीप, मंगलौर, मंगुराहा, मेरठ, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुजफ्फरपुर, नागपुर, नलबाड़ी, नमक्कल, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, पंचगांव, पटियाला, पटना, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पूर्णिया, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रानीपेट, राउरकेला, सागर, सासाराम, सतना, सिलीगुड़ी, सिंगरौली, सिरोही, सोलापुर, तालचेर, ठाणे, टोंक, तुमकुरु, उल्हासनगर, वाराणसी, वातवा, विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम, वृंदावन आदि 119 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।