
देश में आज ग्रेटर नोएडा की हवा सबसे ज्यादा खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 188 दर्ज किया गया। इस दौरान के ग्रेटर नोएडा की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम10) हावी रहे। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा मानकों के लिहाज से देखें तो ग्रेटर नोएडा में प्रदूषण का स्तर 318 फीसदी अधिक है।
मतलब की वहां हवा में घुला जहर लोगों की बीमार बना देने के लिए काफी है। गौरतलब है कि कल प्रदूषण से बिहार के औरंगाबाद की स्थिति सबसे खराब थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 217 तक पहुंच गया था। हालांकि आज 48 अंकों के सुधार के साथ वहां प्रदूषण का स्तर घटकर मध्यम श्रेणी में पहुंच गया है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 13 अगस्त को जारी आंकड़ों से पता चला है कि देश के जहां 44 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं करीब 46 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ 10 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं।
राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल से प्रदूषण में इजाफा हुआ है, जहां 26 अंकों के उछाल के साथ एक्यूआई बढ़कर 120 पर पहुंच गया है। वहीं दूसरी तरफ आज देश में शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 12 दर्ज किया गया। ऐसे में दिल्ली की तुलना यदि शिलांग से करें तो वहां स्थिति नौ गुणा खराब है।
प्रदूषण से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो आज देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में लुधियाना (171) दूसरे जबकि बिहार का औरंगाबाद (169) तीसरे स्थान पर है। इसी तरह धौलपुर में भी स्थिति चिंताजनक बनी हुई है, जहां एक्यूआई 151 दर्ज किया गया। बुलन्दशहर (149) और कोरबा (143) में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही बनी हुई है, जो प्रदूषण के मामले में आज पांचवें और छठे स्थान पर हैं।
इसी तरह आज देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में नोएडा (141), श्रीगंगानगर (139), गाजियाबाद (136) और दिल्ली (120) भी शामिल हैं।
विश्लेषण से पता चला है कि जहां लुधियाना, धौलपुर, श्रीगंगानगर, सुआकाती, गुम्मिडिपूंडी आदि शहरों में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) हावी है। वहीं ग्रेटर नोएडा, औरंगाबाद (बिहार), बुलन्दशहर, कोरबा, नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ, विशाखापत्तनम, बद्दी, बागपत, भिवाड़ी, पाली, हापुड आदि में पीएम10 से स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। इसी तरह दिल्ली, राजसमंद की हवा में ओजोन हावी है।
दूसरी तरफ आज देश में रामनगर सहित 98 शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में भिलाई, भिवंडी, बिलासपुर, बोईसर, चामराजनगर, चंद्रपुर, छाल, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, कुड्डालोर, देहरादून, धुले, डिंडीगुल, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गुवाहाटी, हावेरी, होसुर, हावड़ा, हुबली, इंदौर, कलबुर्गी, कल्याण, करूर, काशीपुर, कटनी, कोल्हापुर, कोल्लम आदि शामिल हैं।
अच्छी खबर यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब नौ फीसदी का इजाफा हुआ है।
इसी तरह देश में छोटे-बड़े 100 से अधिक शहरों में स्थिति संतोषजनक है। इन शहरों में जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जलना, जालौर, झालावाड़, झांसी, झुंझुनूं, जोधपुर, जोरापोखर, कडपा, कानपुर, क्योंझर, खन्ना, खुर्जा, कोहिमा, कोलकाता, कोटा, लखनऊ, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागौर, पालकालाइपेरुर, पंचगांव, पटियाला, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज आदि शामिल हैं।
हालांकि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 17 फीसदी की गिरावट आई है।
आंकड़ों में यह भी सामने आया है कि आज देश के 22 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में दिल्ली सहित औरंगाबाद (बिहार), बद्दी, बागपत, बरेली, भिवाड़ी, बुलन्दशहर, छपरा, धौलपुर, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, हापुड, कोरबा, लुधियाना, मेरठ, नोएडा, पाली, राजसमंद, श्रीगंगानगर, सुआकाती, विशाखापत्तनम शामिल हैं।
चिंता की बात यह है कि कल से देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 83 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।
क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 224 में से 98 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) है। 104 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 12 अगस्त 2025 को यह आंकड़ा 125 दर्ज किया गया था।
22 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में ग्रेटर नोएडा (188) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 200 के करीब पहुंच गया। कल औरंगाबाद (बिहार) में वायु गुणवत्ता सूचकांक 217 रिकॉर्ड किया गया।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में इजाफा हुआ है। इसके साथ ही 26 अंकों के उछाल के साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 120 पर पहुंच गया। मलतब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता एक बार फिर संतोषजनक से मध्यम श्रेणी में पहुंच गई है। वहीं आज फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।
गौरतलब है कि पिछले चार महीनों जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।
प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज धौलपुर चौथे स्थान पर है, वहीं लुधियाना (171) दूसरे, जबकि औरंगाबाद (बिहार) (169) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 70, गाजियाबाद में 136, गुवाहाटी में 43, गुरूग्राम में 92, नोएडा में 141, ग्रेटर नोएडा में 188 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 47 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘बेहतर‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 74, चेन्नई में 69, चंडीगढ़ में 68, हैदराबाद में 63, जयपुर में 81 और पटना में 65 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 98 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, अहमदाबाद, अहमदनगर, अकोला, अलवर, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अरियालूर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बागलकोट, बालासोर, बारबिल, बैरकपुर, बठिंडा, बेलापुर, बेलगाम, बेंगलुरु, बेतिया, भरतपुर, भिलाई, भिवंडी, बिलासपुर, बोईसर, चामराजनगर, चंद्रपुर, छाल, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, कुड्डालोर, देहरादून, धुले, डिंडीगुल, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गुवाहाटी, हावेरी, होसुर, हावड़ा, हुबली, इंदौर, कलबुर्गी, कल्याण, करूर, काशीपुर, कटनी, कोल्हापुर, कोल्लम, कोप्पल, कुंजेमुरा, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मंगलौर, मंगुराहा, मीरा-भायंदर, मुंबई, मैसूर, नागपट्टिनम, नागपुर, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, ऊटी, पेरुंदुरई, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, रामनाथपुरम, सागर, सहरसा, सांगली, शिलांग, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, सिवान, सोलापुर, सूरत, तालचेर, ठाणे, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, तिरुपुर, वाराणसी, वेल्लोर, विजयपुरा, विरार, यादगीर शामिल हैं।
वहीं आगरा, अजमेर, अमरावती (महाराष्ट्र), अमृतसर, अनंतपुर, अंगुल, अंकलेश्वर, अररिया, आसनसोल, बांसवाड़ा, बारां, बारीपदा, बाड़मेर, बेगूसराय, भागलपुर, भीलवाड़ा, भोपाल, भुवनेश्वर, बीकानेर, ब्रजराजनगर, बूंदी, बक्सर, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चेंगलपट्टू, चेन्नई, चित्तूर, चुरू, कटक, देवास, धारवाड़, डूंगरपुर, दुर्गापुर, एलूर, गंगटोक, गया, गुरूग्राम, ग्वालियर, हाजीपुर, हल्दिया, हनुमानगढ़, हैदराबाद, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जलना, जालौर, झालावाड़, झांसी, झुंझुनूं, जोधपुर, जोरापोखर, कडपा, कानपुर, क्योंझर, खन्ना, खुर्जा, कोहिमा, कोलकाता, कोटा, लखनऊ, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागौर, पालकालाइपेरुर, पंचगांव, पटियाला, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुणे, पूर्णिया, राजगीर, रानीपेट, रतलाम, ऋषिकेश, राउरकेला, रूपनगर, सासाराम, सवाई माधोपुर, सीकर, सिंगरौली, टेन्सा, थूथुकुडी, तिरुचिरापल्ली, टोंक, तुमिडीह, उदयपुर, उल्हासनगर, वापी, वातवा, विजयवाड़ा, वृंदावन आदि 104 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।