दिल्ली-फरीदाबाद में प्रदूषण में आई गिरावट, बिहार के राजगीर में 'बेहद खराब' हैं हालात

दिल्ली में जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 58 अंकों की गिरावट के साथ 199 रिकॉर्ड किया गया। वहीं फरीदाबाद की वायु गुणवत्ता में 43 अंकों का सुधार आया है
फोटो: सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट
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दिल्ली-फरीदाबाद में कल यानी 23 जनवरी 2025 से प्रदूषण में भारी गिरावट आई है। दिल्ली में जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 58 अंकों की गिरावट के साथ 199 रिकॉर्ड किया गया। इसी तरह फरीदाबाद की वायु गुणवत्ता में 43 अंकों का सुधार आया है, जहां एक्यूआई 105 पर पहुंच गया।

आज 24 जनवरी को देश में बिहार के राजगीर की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 313 दर्ज किया गया। प्रदूषण के मामले में आज राउरकेला दूसरे स्थान पर रहा, जहां एक्यूआई 291 रिकॉर्ड किया है।

वहीं दुर्गापुर (284) तीसरे, जबकि हल्दिया चौथे स्थान पर रहा, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 278 दर्ज किया गया है। कुछ ऐसी ही स्थिति अंगुल और हाजीपुर में भी है, जहां सूचकांक 275 दर्ज किया गया है। इसी तरह देश के छोटे-बड़े  कुल 27 शहरों में वायु गुणवत्ता 'खराब' बनी हुई है। हालांकि राहत की बात यह रही कि देश में कल से खराब हवा वाले शहरों की संख्या में करीब चार फीसदी की गिरावट आई है।

कुल मिलाकर देखें तो देश के सात फीसदी से अधिक शहरों में हवा साफ है। वहीं करीब 54 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए है। इसी तरह अगरतला सहित देश के करीब 39 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है।

आंकड़ों के मुताबिक देश में मदिकेरी की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 22 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर राजगीर की तुलना मदिकेरी से करें तो वहां स्थिति 14 गुणा खराब है। बता दें कि मदिकेरी की तरह ही देश के 18 शहरों में वायु गुणवत्ता 'बेहतर' बनी हुई है।

इन शहरों में नंदेसरी, पालकलाईपेरुर, रामनाथपुरम, शिवमोगा, थूथुकुडी, तिरुचिरापल्ली, तिरुनेलवेली, वाराणसी शामिल हैं। अच्छी बात यह रही कि कल से साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 39 फीसदी का इजाफा हुआ है।

इसी तरह देश में छोटे बड़े 95 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है। इन शहरों में हापुड, हसन, हैदराबाद, इंदौर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, झांसी, जोधपुर, कडपा, कलबुर्गी, कांचीपुरम, कन्नूर, कानपुर, करौली, करूर, क्योंझर, खन्ना, कोलार, कोल्हापुर, कोल्लम, कोप्पल, लुधियाना, मदुरै, मैहर, मेरठ, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, मैसूर, नोएडा, पटियाला, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, राजसमंद, रामनगर, रानीपेट, ऋषिकेश आदि शामिल हैं। कल से देखें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या में करीब 12 फीसदी का इजाफा हुआ है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी रिपोर्ट के मुताबिक देश में दिल्ली सहित 104 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में बनी हुई है।

इनमें अहमदनगर, अकोला, अमरावती, अररिया, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बद्दी, बदलापुर, बागपत, बारीपदा, बेलापुर, बेतिया, भागलपुर, भिलाई, भिवाड़ी, भिवंडी, भोपाल, भुवनेश्वर, बीकानेर, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, बक्सर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चरखी दादरी, छपरा, चित्तौड़गढ़, चुरू, कटक, दिल्ली, देवास, धौलपुर, धुले, फरीदाबाद, गंगटोक, गया, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, ग्वालियर, हनुमानगढ़, इंफाल, जबलपुर, जलगांव, जलना, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, जोरापोखर, कल्याण, काशीपुर, कटिहार, कटनी, खुर्जा, किशनगंज, कोहिमा, कोलकाता, कोरबा, कोटा, कुंजेमुरा, लातूर, लखनऊ, महाड, मालेगांव, मंडीदीप, मंगलौर, मंगुराहा, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मोतिहारी, मुंबई, नागौर, नाहरलगुन, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पाली, पंचकुला, परभनी, पिंपरी-चिंचवाड, पुणे, पूर्णिया, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, रतलाम, रोहतक, सागर, सहरसा, समस्तीपुर, सांगली, सीकर, सिंगरौली, सिवान, टेन्सा, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, तिरुपुर, तुमकुरु, तुमिडीह, उल्हासनगर, वापी, विरार, वृंदावन शामिल हैं।

हालांकि कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में करीब नौ फीसदी की गिरावट आई है। कुल मिलाकर कहें तो कल से देश की वायु गुणवत्ता में सुधार आया है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 24 जनवरी 2025 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 245 में से महज 18 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 95 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 23 जनवरी 2025 को यह आंकड़ा 85 दर्ज किया गया।

104 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में एक बार फिर राजगीर (313) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 320 के करीब पहुंच गया। वहीं कल तालचेर में हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 317 दर्ज किया गया।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 58 अंकों की गिरावट आई है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर आज 199 पर पहुंच गया, मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता सुधार के बाद खराब से मध्यम स्तर पर पहुंच गई है।

गौरतलब है कि दिसंबर 2024 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा जहरीली न हो। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था।

देखा जाए तो देश में प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। प्रदूषण के मामले में आज हल्दिया चौथे स्थान पर है, वहीं राउरकेला (291) दूसरे, जबकि दुर्गापुर (284) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 105, गाजियाबाद में 92, गुरुग्राम में 154, नोएडा में 82, ग्रेटर नोएडा में 100 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 126 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 163, चेन्नई में 62, चंडीगढ़ में 134, हैदराबाद में 86, जयपुर में 99 और पटना में 252 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 18 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अरियालूर, बागलकोट, बरेली, बठिंडा, चामराजनगर, चिक्कामगलुरु, हुबली, मदिकेरी, नागपट्टिनम, नंदेसरी, पालकलाईपेरुर, रामनाथपुरम, शिवमोगा, थूथुकुडी, तिरुचिरापल्ली, तिरुनेलवेली, वाराणसी, विजयपुरा शामिल हैं।

वहीं अगरतला, आगरा, अहमदाबाद, आइजोल, अजमेर, अलवर, अमरावती, अमृतसर, अनंतपुर, अंकलेश्वर, बांसवाड़ा, बारां, बाड़मेर, बेंगलुरु, भरतपुर, भीलवाड़ा, बिलासपुर, बोईसर, बूंदी, चेन्नई, छाल, चिकबलपुर, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दौसा, दावनगेरे, देहरादून, धारवाड़, डिंडीगुल, डूंगरपुर, एलूर, फिरोजाबाद, गडग, गांधीनगर, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, हापुड, हसन, हैदराबाद, इंदौर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, झांसी, जोधपुर, कडपा, कलबुर्गी, कांचीपुरम, कन्नूर, कानपुर, करौली, करूर, क्योंझर, खन्ना, कोलार, कोल्हापुर, कोल्लम, कोप्पल, लुधियाना, मदुरै, मैहर, मेरठ, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, मैसूर, नोएडा, पटियाला, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, राजसमंद, रामनगर, रानीपेट, ऋषिकेश, सलेम, सासाराम, सवाई माधोपुर, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, सोलापुर, श्री गंगानगर, सूरत, त्रिशूर, तिरुमाला, टोंक, उदयपुर, उडुपी, उज्जैन, वातवा, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विरुधुनगर आदि 95 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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