

नोएडा में 18 दिसंबर 2025 को वायु गुणवत्ता सूचकांक 397 तक पहुंच गया, जो उसे देश का सबसे अधिक प्रदूषित शहर बनाता है।
दिल्ली और फरीदाबाद में भी प्रदूषण में वृद्धि देखी गई।
नोएडा की हवा में पीएम2.5 कणों की अधिकता है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
नागपट्टिनम की हवा सबसे साफ रही, जहां एक्यूआई 28 दर्ज किया गया।
आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि 18 दिसंबर 2025 को देश में नोएडा की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित रही, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई 397 तक पहुंच गया। गौरतलब है कि 17 दिसंबर को नोएडा में एक्यूआई 331 दर्ज किया गया था। मतलब कि कल से वहां प्रदूषण में 66 अंकों का उछाल आया है। हालांकि नॉएडा में आज भी स्थिति 'बेहद खराब' बनी हुई है।
रुझानों में सामने आया है कि नोएडा की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) पूरी तरह हावी हैं। देखा जाए तो वहां फिजाओं में घुला जहर इतना ज्यादा है कि वो लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है।
नोएडा से स्थिति किस कदर खराब है, इसी बात से समझा जा सकता है कि वहां प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित सुरक्षित सीमा से 2,400 फीसदी अधिक है।
दूसरी तरफ देश में नागपट्टिनम की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 28 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर नोएडा की तुलना नागपट्टिनम से करें तो वहां स्थिति 13 गुणा खराब है।
बता दें कि कल देश देश में रोहतक की हवा सबसे खराब थी, जब एक्यूआई 385 दर्ज किया गया था। हालांकि आज सरकारी आंकड़ों में रोहतक का जिक्र नहीं है।
राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल से प्रदूषण में इजाफा हुआ है, जहां 39 अंकों के उछाल के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 373 पर पहुंच गया। हालांकि इसके बावजूद दिल्ली में आज भी वायु गुणवत्ता बेहद खराब बनी हुई है। चिंता की बात यह है कि दिल्ली में अभी भी प्रदूषण का स्तर डब्ल्यूएचओ मानकों से 2,300 फीसदी अधिक है।
गौरतलब है कि इससे पहले 14 नवंबर को दिल्ली में साल का सबसे प्रदूषित दिन दर्ज किया गया था, जब एक्यूआई बढ़कर 461 तक पहुंच गया।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 18 दिसंबर, 2025 को 233 शहरों के लिए जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि इनमें से जहां महज 5.6 फीसदी शहरों में हवा साफ है।
वहीं 22.7 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ 71.7 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं। मतलब की देश के ज्यादातर शहरों में आज भी हवा चिंताजनक है।
बता दें कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में कोई बदलाव नहीं हुआ है और स्थिति जस की तस है। वहीं संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में 10 फीसदी से अधिक का इजाफा दर्ज किया गया। मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की बात करें तो इनकी संख्या में करीब सात फीसदी की गिरावट आई है।
इसी तरह खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो उनकी गिनती में भी कल से 17 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई, जोकि राहत की खबर है। दूसरी तरह बेहद खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में कल से 20 फीसदी का इजाफा हुआ है।
फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक 239 रिकॉर्ड किया गया है।
आंकड़ों से पता चला है कि प्रदूषण के मामले में दिल्ली (373) दूसरे जबकि पंचकुला (346) तीसरे स्थान पर है। इसी तरह 345 अंकों के साथ बद्दी चौथे स्थान पर है। ग्रेटर नोएडा-गाजियाबाद में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 344 और 339 अंकों के साथ पांचवें और छठे पायदान पर हैं।
ब्यासनगर (314) सातवें स्थान पर हैं। इसी तरह दस सबसे प्रदूषित शहरों में विशाखापत्तनम (312), अंगुल (305), मानेसर (304) भी शामिल हैं। गौरतलब है कि आज देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में उत्तर प्रदेश के तीन (नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद) और हरियाणा के दो शहर (पंचकुला, मानेसर) शामिल हैं।
विश्लेषण से यह भी पता चला है कि नोएडा, दिल्ली, पंचकुला, बद्दी, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, ब्यासनगर, विशाखापत्तनम, अंगुल, मानेसर, बल्लभगढ़, बहादुरगढ़, भुवनेश्वर, हल्दिया, सोनीपत, कटक, बारबिल, भिवाड़ी, बिलीपाड़ा, सिंगरौली, गुरुग्राम, तालचेर, चंडीगढ़, गुम्मिडीपूंडी, कुरुक्षेत्र, राजमहेंद्रवरम, बिहार शरीफ, मेरठ, देहरादून, फरीदाबाद, पिंपरी-चिंचवाड़, आसनसोल, मुंगेर, पुणे, मुजफ्फरनगर, नारनौल, हावड़ा, बारीपदा, रूपनगर, खुर्जा, बुलंदशहर, खन्ना, कोटा, हापुड़, मंडी गोबिंदगढ़, जयपुर, जींद, अंकलेश्वर, लखनऊ, ग्वालियर, गया, धनबाद, कोलकाता, राजगीर, भीलवाड़ा, तिरुमाला, फतेहाबाद, चरखी दादरी, बैरकपुर, कल्याण, चित्तूर, पंचगांव, भागलपुर, बर्नीहाट, मंगुराहा, पीथमपुर, पटना, परभनी, हाजीपुर, जालंधर, करनाल, आगरा, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अमृतसर, अररिया, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), डूंगरपुर, दुर्गापुर, नलबाड़ी, मुजफ्फरपुर, सहरसा, अंबाला, बेगूसराय, गुवाहाटी आदि शहरों की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) हावी हैं।
वहीं मंडीदीप, चूरू, बीकानेर, श्री गंगानगर, नागौर, झुंझुनू, सीकर, टोंक, औरंगाबाद (बिहार), किशनगंज, जैसलमेर, जालोर, सवाई माधोपुर, उल्हासनगर, बालासोर, सासाराम, भिवंडी, हनुमानगढ़, कटनी, मालेगांव, पानीपत, रतलाम, महाड, सांगली, दौसा, बदलापुर, रायरंगपुर, लुधियाना, नांदेड़, कैथल, चित्तौड़गढ़, ठाणे, बाड़मेर, पटियाला, अजमेर, तुमडीह, पाली, बारां, कुंजेमुरा, ब्रजराजनगर, मीरा-भायंदर, टेन्सा, उदयपुर, सिवान, अमरावती (महाराष्ट्र), बांसवाड़ा, चंद्रपुर, जलना, अहमदनगर, वातवा आदि शहरों में पीएम10 से स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। इसी तरह कुछ शहरों में कार्बन और ओजोन से स्थिति खराब है।
इन शहरों के विपरीत देश के 5.6 फीसदी यानी महज 13 शहरों में हवा साफ है। इन साफ हवा वाले शहरों में आइजोल, चामराजनगर, चिक्कमगलुरु, कोयंबटूर, दमोह, झांसी, कोप्पल, मदिकेरी, मंगलौर, नागपट्टिनम आदि शामिल हैं।
आज देश के जिन 53 शहरों में वायु गुणवत्ता सन्तोषजनक है, उनमें अलवर, अनंतपुर, आरा, बरेली, बेलापुर, बेलगाम, बेंगलुरु, भिलाई, बिलासपुर, छाल, छपरा, कुड्डालोर, दावनगेरे, देवास, धारवाड़, फिरोजाबाद, गोरखपुर, हुबली, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, कडप्पा, कलबुर्गी, कन्नूर, करौली, क्योंझर, कोहिमा, कोल्हापुर, कोरबा, मैहर, मोतिहारी, मैसूर, प्रतापगढ़, पुडुचेरी, रायपुर, राजसमंद, ऋषिकेश, सागर आदि शामिल हैं।
इन शहरों के उलट आज देश के 115 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है।
इन शहरों में आगरा, अहमदाबाद, अहमदनगर, अजमेर, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अंबाला, अमरावती (महाराष्ट्र), अमृतसर, अंकलेश्वर, अररिया, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बालासोर, बांसवाड़ा, बारां, बाड़मेर, बैरकपुर, बठिंडा, बेगूसराय, बेतिया, भागलपुर, भरतपुर, भीलवाड़ा, भिवंडी, भिवानी, भोपाल, ब्रजराजनगर, बूंदी, बर्नीहाट, चंद्रपुर, चरखी दादरी, चेन्नई, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, दौसा, धनबाद, धुले, डूंगरपुर, दुर्गापुर, फतेहाबाद, गांधीनगर, गया, गुवाहाटी, ग्वालियर, हाजीपुर, हनुमानगढ़, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जलना, जालोर, झालावाड़, जींद, जोधपुर, कैथल, कल्याण, कानपुर, करनाल, कटिहार, कटनी, किशनगंज, कोलकाता, कुंजेमुरा, लातूर, लखनऊ, लुधियाना, महाड, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीखेड़ा, मंगुराहा, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मुजफ्फरपुर, नागांव, नागपुर, नलबाड़ी, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, पाली, पलवल, पंचगांव, पानीपत, परभनी, पटियाला, पटना, पीथमपुर, प्रयागराज, पूर्णिया, रायरंगपुर, राजगीर, रतलाम, राउरकेला, सहरसा, सांगली, सासाराम, सवाई माधोपुर, सिवान, सोलापुर, टेन्सा, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, तिरुमाला, तुमकुरु, तुमडीह, उदयपुर, उल्हासनगर, वाराणसी, वातवा, विरार, यादगीर शामिल हैं।
आंकड़ों में यह भी सामने आया है कि आज देश के 40 शहरों में वायु गुणवत्ता खराब है। इन शहरों में आसनसोल, बारबिल, बारीपदा, भिवाड़ी, भुवनेश्वर, बिहार शरीफ, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बुलंदशहर, चंडीगढ़, चूरू, कटक, देहरादून, फरीदाबाद, गुम्मिडीपूंडी, गुरुग्राम, हल्दिया, हापुड़, हावड़ा, झुंझुनू, खन्ना, खुर्जा, कोटा, कुरुक्षेत्र, मंडीदीप, मेरठ, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, नागौर, नारनौल, पिंपरी-चिंचवाड़, पुणे, राजमहेंद्रवरम, रूपनगर, सीकर, सिंगरौली, सोनीपत, श्री गंगानगर, तालचेर, टोंक शामिल हैं।
इसी तरह आज देश के 12 शहरों में वायु गुणवत्ता बेहद खराब है। इन शहरों में अंगुल, बद्दी, बहादुरगढ़, बल्लभगढ़, ब्यासनगर, दिल्ली, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, मानेसर, नोएडा, पंचकुला, विशाखापत्तनम शामिल हैं।
क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 233 में से महज 13 शहरों में हवा 'बेहतर' है। 53 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 17 दिसंबर 2025 को यह आंकड़ा 48 दर्ज किया गया था।
115 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में आज नोएडा (397) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 400 के करीब पहुंच गया। बता दें कि कल से नोएडा में प्रदूषण के स्तर में 66 अंकों का उछाल आया है। हालांकि नोएडा में आज भी वायु गुणवत्ता बेहद खराब श्रेणी में बनी हुई है।
गौरतलब है कि कल देश में रोहतक की हवा सबसे खराब थी, जब एक्यूआई 385 दर्ज किया गया था। हालांकि आज सरकारी आंकड़ों में रोहतक का जिक्र नहीं है।
राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल से प्रदूषण में इजाफा हुआ है। इसके बावजूद वायु गुणवत्ता सूचकांक बेहद खराब श्रेणी में बना हुआ है। दिल्ली में 39 अंकों के उछाल के साथ आज वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 373 पर पहुंच गया।
फरीदाबाद में भी कल से प्रदूषण में इजाफा हुआ है, जहां 42 अंकों के उछाल के साथ एक्यूआई बढ़कर 239 रिकॉर्ड किया गया। मतलब की फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता आज एक बार फिर मध्यम से खराब श्रेणी में पहुंच गई है।
गौरतलब है कि पिछले दो-तीन महीनों में जून, जुलाई और अगस्त के दौरान दिल्ली की वायु गुणवत्ता ज्यादातर दिन संतोषजनक रही। वहीं जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।
प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में 18 दिसंबर को बद्दी चौथे स्थान पर है, वहीं दिल्ली (373) दूसरे, जबकि पंचकुला (346) तीसरे स्थान पर है। अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 185, गाजियाबाद में 339, गुवाहाटी में 147, गुरूग्राम में 276, नोएडा में 397, ग्रेटर नोएडा में 344 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 138 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 195, चेन्नई में 106, चंडीगढ़ में 266, हैदराबाद में 97, जयपुर में 198 और पटना में 160 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 13 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, चामराजनगर, चिक्कमगलुरु, कोयंबटूर, दमोह, झांसी, कोप्पल, मदिकेरी, मंगलौर, नागपट्टिनम, पेरुंदुरई, शिवमोगा, थूथुकुडी शामिल हैं।
वहीं अगरतला, अकोला, अलवर, अनंतपुर, आरा, बरेली, बेलापुर, बेलगाम, बेंगलुरु, भिलाई, बिलासपुर, छाल, छपरा, कुड्डालोर, दावनगेरे, देवास, धारवाड़, फिरोजाबाद, गोरखपुर, हुबली, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, कडप्पा, कलबुर्गी, कन्नूर, करौली, क्योंझर, कोहिमा, कोल्हापुर, कोरबा, मैहर, मोतिहारी, मैसूर, प्रतापगढ़, पुडुचेरी, रायपुर, राजसमंद, ऋषिकेश, सागर, समस्तीपुर, सतना, शिलांग, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, सिरसा, शिवसागर, त्रिशूर, तिरुपति, वापी, विजयवाड़ा, वृंदावन आदि 53 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।
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प्रदूषण का रिपोर्ट कार्ड: रोहतक आज भी देश का सबसे प्रदूषित शहर, दिल्ली में सुधरी वायु गुणवत्ता