प्रदूषण का रिपोर्ट कार्ड: रोहतक आज भी देश का सबसे प्रदूषित शहर, दिल्ली में सुधरी वायु गुणवत्ता

देश में आज एक बार फिर रोहतक की हवा सबसे ज्यादा खराब रही, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 385 तक पहुंच गया। दिल्ली में एक्यूआई 334 रिकॉर्ड किया गया, हालांकि कल से प्रदूषण में गिरावट आई है
देश के कई शहरों  में वायु गुणवत्ता न केवल इंसानों बल्कि दूसरे जीवों के लिए भी सुरक्षित नहीं है; फोटो: सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई)
देश के कई शहरों में वायु गुणवत्ता न केवल इंसानों बल्कि दूसरे जीवों के लिए भी सुरक्षित नहीं है; फोटो: सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई)
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सारांश
  • देश में आज एक बार फिर रोहतक की स्थिति सबसे खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 385 रिकॉर्ड किया गया।

  • रोहतक से स्थिति किस कदर खराब है, इसी बात से समझा जा सकता है कि वहां प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित सुरक्षित सीमा से 2,400 फीसदी अधिक है।

  • राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल से प्रदूषण में गिरावट आई है, जहां 20 अंकों के सुधार के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक घटकर 334 पर पहुंच गया। हालांकि इसके बावजूद दिल्ली में आज भी वायु गुणवत्ता बेहद खराब बनी हुई है।

  • देश के 242 शहरों में से महज 5.4 फीसदी में हवा साफ है, जबकि 74.8 शहरों में स्थिति चिंताजनक है। पुडुचेरी की हवा सबसे साफ है, जहां एक्यूआई 28 है।

  • फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक 197 रिकॉर्ड किया गया है।  

  • आंकड़ों से पता चला है कि प्रदूषण के मामले में मंडी गोबिंदगढ़ (361) दूसरे जबकि बागपत (336) तीसरे स्थान पर है।

  • 334 अंकों के साथ दिल्ली चौथे स्थान पर है। नोएडा-पंचकूला में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 331 और 330 अंकों के साथ पांचवें और छठे पायदान पर हैं।

  • ग्रेटर नोएडा (310) सातवें स्थान पर हैं। इसी तरह दस सबसे प्रदूषित शहरों में गाजियाबाद (308), तालचेर (305) और बहादुरगढ़ (303) भी शामिल हैं।

  • आज देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में उत्तर प्रदेश के चार (नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, बागपत) और हरियाणा के तीन शहर (रोहतक, बहादुरगढ़, पंचकुला) शामिल हैं।

आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि 17 दिसंबर 2025 को देश में एक बार फिर रोहतक की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित रही, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई 385 तक पहुंच गया। गौरतलब है कि 16 दिसंबर को रोहतक में एक्यूआई 421 दर्ज किया गया था। मतलब कि कल से वहां प्रदूषण में 36 अंकों की गिरावट आई है। इसके साथ ही वहां स्थिति गंभीर से बेहद खराब हो गई है।       

रुझानों में सामने आया है कि रोहतक की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) पूरी तरह हावी हैं। देखा जाए तो वहां फिजाओं में घुला जहर इतना ज्यादा है कि वो लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है।

रोहतक से स्थिति किस कदर खराब है, इसी बात से समझा जा सकता है कि वहां प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित सुरक्षित सीमा से 2,400 फीसदी अधिक है।

दूसरी तरफ देश में पुडुचेरी की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 28 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर रोहतक की तुलना पुडुचेरी से करें तो वहां स्थिति 13 गुणा खराब है।

राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल से प्रदूषण में गिरावट आई है, जहां 20 अंकों के सुधार के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक घटकर 334 पर पहुंच गया। हालांकि इसके बावजूद दिल्ली में आज भी वायु गुणवत्ता बेहद खराब बनी हुई है। चिंता की बात यह है कि दिल्ली में अभी भी प्रदूषण का स्तर डब्ल्यूएचओ मानकों से 2,000 फीसदी अधिक है।  

गौरतलब है कि इससे पहले 14 नवंबर को दिल्ली में साल का सबसे प्रदूषित दिन दर्ज किया गया था, जब एक्यूआई बढ़कर 461 तक पहुंच गया।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 17 दिसंबर, 2025 को 242 शहरों के लिए जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि इनमें से जहां महज 5.4 फीसदी शहरों में हवा साफ है।

वहीं 19.8 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ 74.8 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं। मतलब की देश के ज्यादातर शहरों में आज भी हवा चिंताजनक है।

बता दें कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 63 फीसदी का इजाफा हुआ है। वहीं दूसरी तरफ संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 13 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की बात करें तो इनकी संख्या में मामूली गिरावट आई है।

वहीं दूसरी तरफ खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो उनकी गिनती में 17 फीसदी से अधिक का इजाफा दर्ज किया गया, जोकि चिंता का विषय है। दूसरी तरह बेहद खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में कल से नौ फीसदी से अधिक की गिरावट आई है।

फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक 197 रिकॉर्ड किया गया है।  

आंकड़ों से पता चला है कि प्रदूषण के मामले में मंडी गोबिंदगढ़ (361) दूसरे जबकि बागपत (336) तीसरे स्थान पर है। इसी तरह 334 अंकों के साथ दिल्ली चौथे स्थान पर है। नोएडा-पंचकूला में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 331 और 330 अंकों के साथ पांचवें और छठे पायदान पर हैं।

ग्रेटर नोएडा (310) सातवें स्थान पर हैं। इसी तरह दस सबसे प्रदूषित शहरों में गाजियाबाद (308), तालचेर (305) और बहादुरगढ़ (303) भी शामिल हैं। गौरतलब है कि आज देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में उत्तर प्रदेश के चार (नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, बागपत) और हरियाणा के तीन शहर (रोहतक, बहादुरगढ़, पंचकुला) शामिल हैं।

विश्लेषण से यह भी पता चला है कि रोहतक, मंडी गोबिंदगढ़, बागपत, दिल्ली, नोएडा, पंचकूला, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, तालचेर, बहादुरगढ़, बल्लभगढ़, धारूहेड़ा, देहरादून, बद्दी, मेरठ, हल्दिया, सोनीपत, हापुड़, मुजफ्फरनगर, गुरुग्राम, चंडीगढ़, बुलंदशहर, बिलीपाड़ा, ब्यासनगर, हावड़ा, सीकर, अंबाला, बालासोर, खुर्जा, कटक, बिहार शरीफ, मानेसर, कुरुक्षेत्र, बीकानेर, बारबिल, हाजीपुर, आसनसोल, पुणे, यमुना नगर, धुले, विशाखापत्तनम, कोटा, बारीपदा, भिवाड़ी, जींद, करनाल, नारनौल, चूरू, कोल्लम, जलगांव, जयपुर, चित्तौड़गढ़, रूपनगर, राजमहेंद्रवरम, भीलवाड़ा, कोलकाता, फरीदाबाद आदि शहरों की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) हावी हैं।

वहीं किशनगंज, चंद्रपुर, झुंझुनू, टोंक, धनबाद, अमरावती (आंध्रप्रदेश), उल्हासनगर, सिंगरौली, कल्याण, सवाई माधोपुर, हनुमानगढ़, नागौर, औरंगाबाद (बिहार), जैसलमेर, पंचगांव, मालेगांव, बोइसर, नांदेड़, बदलापुर, लुधियाना, महाड, हिसार, श्री गंगानगर, पटियाला, आगरा, ब्रजराजनगर, भरतपुर, रायरंगपुर, ठाणे, अजमेर, रतलाम, दौसा, सांगली, कटनी, सोलापुर, जलना, पलवल, सुआकाती, देवास, मोतिहारी, वापी, वातवा, बांसवाड़ा, गोरखपुर, मीरा-भायंदर, सासाराम, आरा, मंडीखेड़ा आदि शहरों में पीएम10 से स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। इसी तरह कुछ शहरों में कार्बन और ओजोन से स्थिति खराब है।

इन शहरों के विपरीत देश के 5.4 फीसदी यानी महज 13 शहरों में हवा साफ है। इन साफ हवा वाले शहरों में झांसी, करूर, कोप्पल, मदिकेरी, मंगलौर, पेरुंदुरई, पुडुचेरी, शिवमोगा, थूथुकुडी आदि शामिल हैं। 

आज देश के जिन 48 शहरों में वायु गुणवत्ता सन्तोषजनक है, उनमें बेंगलुरु, भिलाई, चेन्नई, चिक्कमगलुरु, चित्तूर, कोयंबटूर, दावनगेरे, धारवाड़, धौलपुर, फिरोजाबाद, गुम्मिडीपूंडी, हुबली, कडप्पा, कलबुर्गी, कन्नूर, करौली, क्योंझर, कोहिमा, कोल्हापुर, कोरबा, कुंजेमुरा, मैहर, मंगुराहा, मैसूर, पूर्णिया, रायपुर, सतना, शिलांग, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, सिरसा, शिवसागर, श्री विजया पुरम, टेन्सा, तिरुवनंतपुरम आदि शामिल हैं।

इन शहरों के उलट आज देश के 123 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है।

इन शहरों में आगरा, अहमदाबाद, अजमेर, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अमरावती (महाराष्ट्र), अमृतसर, अनंतपुर, अंकलेश्वर, अररिया, आरा, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद महाराष्ट्र), बदलापुर, बांसवाड़ा, बारां, बरेली, बैरकपुर, बठिंडा, बेगूसराय, बेतिया, भागलपुर, भरतपुर, भीलवाड़ा, भिवंडी, भिवानी, बिलासपुर, बोइसर, ब्रजराजनगर, बूंदी, बक्सर, बर्नीहाट, चंद्रपुर, चरखी दादरी, छाल, दौसा, देवास, धनबाद, डूंगरपुर, दुर्गापुर, फरीदाबाद, फतेहाबाद, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, गुवाहाटी, ग्वालियर, हनुमानगढ़, हिसार, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलना, जालोर, झालावाड़, झुंझुनू, जोधपुर, कल्याण, कानपुर, कटिहार, कटनी, खन्ना, किशनगंज, कोलकाता, लातूर, लखनऊ, लुधियाना, महाड, मालेगांव, मंडीखेड़ा, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नागांव, नागौर, नागपुर, नाहरलागुन, नलबाड़ी, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, पाली, पलवल, पंचगांव, परभनी, पटियाला, पटना, पिंपरी-चिंचवाड़, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, रायरंगपुर, राजगीर, राजसमंद, रतलाम, ऋषिकेश, राउरकेला, सागर, सहरसा, सांगली, सासाराम, सवाई माधोपुर, सिंगरौली, सिवान, सोलापुर, श्री गंगानगर, सुआकाती, सूरत, ठाणे, टोंक, तुमडीह, उदयपुर, उल्हासनगर, वापी, वाराणसी, वातवा, विरार, यादगीर शामिल हैं।

आंकड़ों में यह भी सामने आया है कि आज देश के 48 शहरों में वायु गुणवत्ता खराब है। इन शहरों में अंबाला, अंगुल, आसनसोल, बद्दी, बालासोर, बल्लभगढ़, बारबिल, बारीपदा, भिवाड़ी, भोपाल, भुवनेश्वर, बिहार शरीफ, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बुलंदशहर, ब्यासनगर, चंडीगढ़, छपरा, चित्तौड़गढ़, चूरू, कटक, देहरादून, धारूहेड़ा, धुले, गुरुग्राम, हाजीपुर, हल्दिया, हापुड़, हावड़ा, जयपुर, जलगांव, जींद, करनाल, खुर्जा, कोल्लम, कोटा, कुरुक्षेत्र, मानेसर, मेरठ, मुजफ्फरनगर, नारनौल, पुणे, राजमहेंद्रवरम, रूपनगर, सीकर, सोनीपत, विशाखापत्तनम, यमुना नगर शामिल हैं।

इसी तरह आज देश के 10 शहरों में वायु गुणवत्ता बेहद खराब है। इन शहरों में बागपत, बहादुरगढ़, दिल्ली, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, मंडी गोबिंदगढ़, नोएडा, पंचकूला, रोहतक, तालचेर शामिल हैं।

क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 242 में से महज 13 शहरों में हवा 'बेहतर' है। 48 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 16 दिसंबर 2025 को यह आंकड़ा 55 दर्ज किया गया था।

123 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में आज भी रोहतक (385) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 400 के करीब पहुंच गया। बता दें कि कल से रोहतक में प्रदूषण के स्तर में 36 अंकों का सुधार आया है। इसके साथ ही रोहतक में वायु गुणवत्ता गंभीर से बेहद खराब श्रेणी में पहुंच गई है।

राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल से प्रदूषण में गिरावट आई है। इसके बावजूद वायु गुणवत्ता सूचकांक बेहद खराब श्रेणी में बना हुआ है। दिल्ली में 20 अंकों के सुधार के साथ आज वायु गुणवत्ता सूचकांक घटकर 334 पर पहुंच गया।

दूसरी तरफ फरीदाबाद में कल से प्रदूषण में इजाफा हुआ है, जहां 15 अंकों के उछाल के साथ एक्यूआई बढ़कर 197 रिकॉर्ड किया गया। मतलब की फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता आज भी मध्यम श्रेणी में बनी हुई है। 

गौरतलब है कि पिछले दो-तीन महीनों में जून, जुलाई और अगस्त के दौरान दिल्ली की वायु गुणवत्ता ज्यादातर दिन संतोषजनक रही। वहीं जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।

प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में 17 दिसंबर को दिल्ली चौथे स्थान पर है, वहीं मंडी गोबिंदगढ़ (361) दूसरे, जबकि बागपत (336) तीसरे स्थान पर है। अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 164, गाजियाबाद में 308, गुवाहाटी में 141, गुरूग्राम में 279, नोएडा में 331, ग्रेटर नोएडा में 310 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 137 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 171, चेन्नई में 62, चंडीगढ़ में 275, हैदराबाद में 107, जयपुर में 210 और पटना में 186 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 13 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, चामराजनगर, कुड्डालोर, दमोह, झांसी, करूर, कोप्पल, मदिकेरी, मंगलौर, पेरुंदुरई, पुडुचेरी, शिवमोगा, थूथुकुडी शामिल हैं।

वहीं अगरतला, अहमदनगर, अलवर, बाड़मेर, बेलापुर, बेलगाम, बेंगलुरु, भिलाई, चेन्नई, चिक्कमगलुरु, चित्तूर, कोयंबटूर, दावनगेरे, धारवाड़, धौलपुर, फिरोजाबाद, गुम्मिडीपूंडी, हुबली, कडप्पा, कलबुर्गी, कन्नूर, करौली, क्योंझर, कोहिमा, कोल्हापुर, कोरबा, कुंजेमुरा, मैहर, मंगुराहा, मैसूर, पूर्णिया, रायपुर, सतना, शिलांग, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, सिरसा, शिवसागर, श्री विजया पुरम, टेन्सा, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुमाला, तिरुपति, तिरुपुर, विजयवाड़ा, वृंदावन आदि 48 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

कल देश में वायु गुणवत्ता की स्थिति कैसी थी इसकी जानकारी आप डाउन टू अर्थ के एयर क्वालिटी ट्रैकर के पिछले अंक से प्राप्त कर सकते हैं:

सांसों पर संकट: रोहतक बना देश का सबसे प्रदूषित शहर, दिल्ली-नोएडा में घटा प्रदूषण

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