

रोहतक में प्रदूषण का स्तर 421 एक्यूआई तक पहुंच गया है, जिससे यह देश का सबसे प्रदूषित शहर बन गया है।
दिल्ली और नोएडा में प्रदूषण में गिरावट दर्ज की गई है, लेकिन स्थिति अभी भी चिंताजनक है।
शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां एक्यूआई केवल 9 है। देश के अधिकांश शहरों में वायु गुणवत्ता चिंताजनक बनी हुई है।
दूसरी तरफ देश में शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 9 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर रोहतक की तुलना शिलांग से करें तो वहां स्थिति 45 गुणा खराब है।
राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल से प्रदूषण में गिरावट आई है, जहां 73 अंकों के सुधार के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक घटकर 354 पर पहुंच गया। इसके साथ ही दिल्ली में आज वायु गुणवत्ता गंभीर से बेहद खराब श्रेणी में पहुंच गई है
आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि 16 दिसंबर 2025 को देश में रोहतक की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित है, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई बढ़कर 421 तक पहुंच गया। गौरतलब है कि 15 दिसंबर को रोहतक में एक्यूआई 281 दर्ज किया गया था। मतलब कि कल से वहां प्रदूषण में 140 अंकों का उछाल आया है। इसके साथ ही वहां स्थिति गंभीर हो गई है।
रुझानों में सामने आया है कि रोहतक की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) पूरी तरह हावी हैं। देखा जाए तो वहां फिजाओं में घुला जहर इतना ज्यादा है कि वो लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है।
रोहतक से स्थिति किस कदर खराब है, इसी बात से समझा जा सकता है कि वहां प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित सुरक्षित सीमा से 2,600 फीसदी अधिक है।
दूसरी तरफ देश में शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 9 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर रोहतक की तुलना शिलांग से करें तो वहां स्थिति 45 गुणा खराब है।
बता दें कि कल देश में ग्रेटर नोएडा की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित थी, जब एक्यूआई बढ़कर 447 तक पहुंच गयाथा। हालांकि आज 121 अंकों के साथ नोएडा में एक्यूआई 326 रिकॉर्ड किया गया। इसके साथ ही वहां वायु गुणवत्ता गंभीर से बेहद खराब हो गई है।
राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल से प्रदूषण में गिरावट आई है, जहां 73 अंकों के सुधार के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक घटकर 354 पर पहुंच गया। इसके साथ ही दिल्ली में आज वायु गुणवत्ता गंभीर से बेहद खराब श्रेणी में पहुंच गई है। चिंता की बात यह है कि दिल्ली में अभी भी प्रदूषण का स्तर डब्ल्यूएचओ मानकों से 2,200 फीसदी अधिक है।
गौरतलब है कि इससे पहले 14 नवंबर को दिल्ली में साल का सबसे प्रदूषित दिन दर्ज किया गया था, जब एक्यूआई बढ़कर 461 तक पहुंच गया।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 16 दिसंबर, 2025 को 240 शहरों के लिए जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि इनमें से जहां महज 3.3 फीसदी शहरों में हवा साफ है।
वहीं 22.9 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ 73.8 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं। मतलब की देश के ज्यादातर शहरों में आज भी हवा चिंताजनक है। बता दें कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में कोई बदलाव नहीं हुआ है और स्थिति जस की तस है। दूसरी तरफ संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में 14 फीसदी से अधिक की गिरावट दर्ज की गई। मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की बात करें तो इनकी संख्या में कल से करीब 11 फीसदी का इजाफा हुआ है। वहीं दूसरी तरफ खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो उनकी गिनती में नौ फीसदी की गिरावट दर्ज की गई, जोकि राहत की खबर है। बेहद खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में कल से 57 फीसदी से अधिक का इजाफा हुआ है। दूसरी तरह गंभीर वायु गुणवत्ता वाले शहरों की बात करें तो उनकी गिनती में 75 फीसदी की गिरावट आई है।
फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक 182 रिकॉर्ड किया गया है।
आंकड़ों से पता चला है कि प्रदूषण के मामले में दिल्ली (354) दूसरे जबकि नोएडा (352) तीसरे स्थान पर है। इसी तरह 343 अंकों के साथ धारूहेड़ा चौथे स्थान पर है। बागपत-गाजियाबाद में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 337 और 332 अंकों के साथ पांचवें और छठे पायदान पर हैं।
बल्लभगढ़ (330) सातवें स्थान पर हैं। इसी तरह दस सबसे प्रदूषित शहरों में ग्रेटर नोएडा (326), गुरुग्राम (320) और बहादुरगढ़ (311) भी शामिल हैं। गौरतलब है कि आज देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में उत्तर प्रदेश के चार (नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, बागपत) और हरियाणा के पांच शहर (रोहतक, धारूहेड़ा, बल्लभगढ़, गुरुग्राम, बहादुरगढ़) शामिल हैं।
विश्लेषण से यह भी पता चला है कि रोहतक, दिल्ली, नोएडा, धारूहेड़ा, बागपत, गाजियाबाद, बल्लभगढ़, ग्रेटर नोएडा, गुरुग्राम, बहादुरगढ़, अंबाला, जींद, बुलंदशहर, मंडी गोबिंदगढ़, मुजफ्फरनगर, सोनीपत, गुम्मिडीपूंडी, मानेसर, खुर्जा, राजमहेंद्रवरम, सिंगरौली, हापुड़, तिरुमाला, कोटा, फतेहाबाद, कटक, चित्तूर, कटनी, बारबिल, सीकर, कोल्लम, नारनौल, बद्दी, नागपुर, टोंक, पंचकुला, हाजीपुर, पीथमपुर, बालासोर, बीकानेर, देहरादून, चरखी दादरी, ग्वालियर, हल्दिया, ब्यासनगर, जबलपुर, अमरावती (आंध्रप्रदेश), मुरादाबाद, पंचगांव, पुणे, सागर, तिरुपुर, कुरुक्षेत्र, विशाखापत्तनम आदि शहरों की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) हावी हैं।
वहीं मेरठ, भिवाड़ी, चुरू, मंडीदीप, हावड़ा, हनुमानगढ़, झुंझुनू, जयपुर, फरीदाबाद, आगरा, किशनगंज, पटना, हिसार, चंद्रपुर, बेगूसराय, लखनऊ, नागौर, सवाई माधोपुर, गुवाहाटी, पिंपरी-चिंचवाड़, इंदौर, रतलाम, अंकलेश्वर, महाद, पानीपत, प्रयागराज, गया, देवास, उल्हासनगर, औरंगाबाद (बिहार), वाराणसी, भिवंडी, जालंधर, धनबाद, जालौर, कैथल, अमरावती (महाराष्ट्र), सांगली, अहमदाबाद, दौसा, ब्रजराजनगर, खन्ना, कल्याण, दुर्गापुर, पटियाला, मैहर, बदलापुर, बारीपदा, बोइसर, बांसवाड़ा, कोयंबटूर, मालेगांव, नांदेड़, अकोला, रायरंगपुर, अजमेर, गांधीनगर, मोतिहारी, ठाणे, सासाराम, बेंगलुरु, रायपुर, बाड़मेर, राउरकेला, विरार, मीरा-भायंदर, सिलीगुड़ी आदि शहरों में पीएम10 से स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। इसी तरह कुछ शहरों में कार्बन और ओजोन से स्थिति खराब है।
इन शहरों के विपरीत देश के 3.3 फीसदी यानी महज आठ शहरों में हवा साफ है। इन साफ हवा वाले शहरों में आइजोल, चामराजनगर, दमोह, गंगटोक, हावेरी, समस्तीपुर, शिलांग, श्री विजयनगर पुरम आदि शामिल हैं।
आज देश के जिन 55 शहरों में वायु गुणवत्ता सन्तोषजनक है, उनमें कन्नूर, करूर, कटिहार, क्योंझर, कोहिमा, कोल्हापुर, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, मदिकेरी, मंगुराहा, मैसूरु, नासिक, पेरुंदुरई, पूर्णिया, ऋषिकेश, रूपनगर, सहरसा, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिरोही, सिरसा, शिवसागर, सोलापुर, सुआकाती, सूरत, टेन्सा, त्रिशूर, तिरुपति, वापी, वातवा, विजयवाड़ा, वृंदावन आदि शामिल हैं।
इन शहरों के उलट आज देश के 124 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है।
इन शहरों में आगरा, अहमदाबाद, अजमेर, अकोला, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अमरावती (महाराष्ट्र), अंकलेश्वर, अररिया, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बांसवाड़ा, बारां, बरेली, बारीपदा, बाड़मेर, बैरकपुर, बेगूसराय, बेंगलुरु, भरतपुर, भीलवाड़ा, भिवंडी, भिवानी, बिहार शरीफ, बिलासपुर, बोइसर, ब्रजराजनगर, बूंदी, बक्सर, बर्नीहाट, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चेन्नई, छाल, चित्तौड़गढ़, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दौसा, देवास, धनबाद, धौलपुर, डूंगरपुर, दुर्गापुर, फरीदाबाद, गांधीनगर, गया, गुवाहाटी, हनुमानगढ़, हिसार, हावड़ा, इंदौर, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जालौर, झालावाड़, झुंझुनू, जोधपुर, कैथल, कल्याण, कानपुर, करौली, करनाल, काशीपुर, खन्ना, किशनगंज, कोलकाता, कुरुक्षेत्र, लखनऊ, लुधियाना, महाद, मैहर, मालेगांव, मंगलौर, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नागांव, नागौर, नाहरलागुन, नलबाड़ी, नांदेड़, नवी मुंबई, पाली, पलवल, पंचगांव, पानीपत, परभनी, पटियाला, पटना, पिंपरी-चिंचवाड़, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुडुचेरी, पुणे, रायपुर, रायरंगपुर, राजगीर, राजसमंद, रतलाम, राउरकेला, सागर, सांगली, सासाराम, सवाई माधोपुर, सिलीगुड़ी, श्री गंगानगर, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, तिरुपुर, तुमडीह, उदयपुर, उल्हासनगर, वाराणसी, विरार, विशाखापत्तनम, यादगीर शामिल हैं।
आंकड़ों में यह भी सामने आया है कि आज देश के 41 शहरों में वायु गुणवत्ता खराब है। इन शहरों में अंगुल, बद्दी, बालासोर, बारबिल, भिवाड़ी, भोपाल, भुवनेश्वर, बीकानेर, बुलंदशहर, ब्यासनगर, चरखी दादरी, छपरा, चित्तूर, चुरू, कटक, देहरादून, फतेहाबाद, गुम्मिडीपूंडी, ग्वालियर, हाजीपुर, हल्दिया, हापुड़, कटनी, खुर्जा, कोल्लम, कोटा, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मानेसर, मेरठ, मुजफ्फरनगर, नागपुर, नारनौल, पंचकुला, पीथमपुर, राजमहेंद्रवरम, सीकर, सिंगरौली, सोनीपत, तिरुमाला, टोंक शामिल हैं।
इसी तरह आज देश के 11 शहरों में वायु गुणवत्ता बेहद खराब है। इन शहरों में अंबाला, बागपत, बहादुरगढ़, बल्लभगढ़, दिल्ली, धारूहेड़ा, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरुग्राम, जींद, नोएडा शामिल हैं। वहीं रोहतक में स्थिति गंभीर बनी हुई है।
क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 240 में से महज आठ शहरों में हवा 'बेहतर' है। 55 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 15 दिसंबर 2025 को यह आंकड़ा 64 दर्ज किया गया था।
124 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में आज रोहतक (421) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 430 के करीब पहुंच गया। बता दें कि कल से रोहतक में प्रदूषण के स्तर में 140 अंकों का उछाल आया है। रोहतक में वायु गुणवत्ता खराब से गंभीर श्रेणी में पहुंच गई है।
गौरतलब है कि कल देश में ग्रेटर नोएडा की हवा सबसे ज्यादा खराब थी, जब एक्यूआई बढ़कर 447 तक पहुंच गया था। हालांकि आज ग्रेटर नोएडा में प्रदूषण के स्तर में 121 अंकों का सुधार आया है। इसके साथ ही वायु गुणवत्ता सूचकांक घटकर गंभीर से बेहद खराब श्रेणी में पहुंच गया है।
राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल से प्रदूषण में गिरावट आई है। इसके साथ ही वायु गुणवत्ता सूचकांक गंभीर से बेहद खराब हो गया है। दिल्ली में 73 अंकों के सुधार के साथ आज वायु गुणवत्ता सूचकांक घटकर 354 पर पहुंच गया।
इसी तरफ फरीदाबाद में कल से प्रदूषण में गिरावट आई है, जहां 29 अंकों के सुधार के साथ एक्यूआई घटकर 182 रिकॉर्ड किया गया। मतलब की फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता आज खराब से मध्यम श्रेणी में पहुंच गई।
गौरतलब है कि पिछले दो-तीन महीनों में जून, जुलाई और अगस्त के दौरान दिल्ली की वायु गुणवत्ता ज्यादातर दिन संतोषजनक रही। वहीं जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।
प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में 16 दिसंबर को धारूहेड़ा चौथे स्थान पर है, वहीं दिल्ली (354) दूसरे, जबकि नोएडा (352) तीसरे स्थान पर है। अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 204, गाजियाबाद में 332, गुवाहाटी में 151, गुरूग्राम में 320, नोएडा में 352, ग्रेटर नोएडा में 326 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 113 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 167, चेन्नई में 121, चंडीगढ़ में 126, हैदराबाद में 100, जयपुर में 189 और पटना में 177 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन आठ शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, चामराजनगर, दमोह, गंगटोक, हावेरी, समस्तीपुर, शिलांग, श्री विजयनगर पुरम शामिल हैं।
वहीं अगरतला, अहमदनगर, अलवर, अमृतसर, अनंतपुर, आरा, बेलापुर, बेलगाम, बेतिया, भागलपुर, भिलाई, धारवाड़, धुले, फिरोजाबाद, गोरखपुर, हुबली, हैदराबाद, झांसी, कडप्पा, कलबुर्गी, कन्नूर, करूर, कटिहार, क्योंझर, कोहिमा, कोल्हापुर, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, मदिकेरी, मंगुराहा, मैसूरु, नासिक, पेरुंदुरई, पूर्णिया, ऋषिकेश, रूपनगर, सहरसा, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिरोही, सिरसा, शिवसागर, सोलापुर, सुआकाती, सूरत, टेन्सा, त्रिशूर, तिरुपति, वापी, वातवा, विजयवाड़ा, वृंदावन आदि 55 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।
कल देश में वायु गुणवत्ता की स्थिति कैसी थी इसकी जानकारी आप डाउन टू अर्थ के एयर क्वालिटी ट्रैकर के पिछले अंक से प्राप्त कर सकते हैं:
दिल्ली-एनसीआर में जारी प्रदूषण का कहर: ग्रेटर नोएडा में 447, दिल्ली में 427 एक्यूआई