देश के करीब आधे शहरों में हवा साफ, कांचीपुरम-नंदेसरी में स्थिति सबसे खराब

सीपीसीबी के ताजा आंकड़े दिखाते हैं कि आज देश के 49 फीसदी शहरों में हवा साफ, 97 में संतोषजनक, जबकि 14 में चिंताजनक है। इनमें कांचीपुरम की स्थिति सबसे खराब है, जहां हवा डब्ल्यूएचओ मानकों से 1000 फीसदी अधिक जहरीली है
फोटो: सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई)
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Summary
  • देश की आधी हवा साफ: सीपीसीबी द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक 49 फीसदी शहरों में हवा साफ रही। वहीं 97 शहरों में हवा संतोषजनक दर्ज की गई।

  • चिंताजनक हालात: 14 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में रही।

  • सबसे प्रदूषित शहर: कांचीपुरम (172 एक्यूआई) देश का सबसे प्रदूषित शहर रहा, जहां डब्ल्यूएचओ मानकों से 1,047 फीसदी ज्यादा प्रदूषण दर्ज हुआ।

  • अन्य प्रदूषित शहर: नंदेसरी (154), ग्रेटर नोएडा (138), हावेरी (125), गाजियाबाद (120), दिल्ली-नोएडा (114) प्रमुख रूप से प्रदूषित रहे।

  • साफ हवा वाला शहर: शिलांग की हवा सबसे साफ (एक्यूआई 12) रही।

  • दिल्ली की स्थिति: दिल्ली में प्रदूषण घटकर 114 पर पहुंचा, फिर भी सुरक्षित सीमा से 660 फीसदी अधिक।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 17 सितम्बर 2025 को जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि आज देश के जहां 49 फीसदी शहरों में हवा साफ है। अच्छी खबर यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में आठ फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

वहीं 44.5 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ करीब 6.4 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं। मतलब की देश के ज्यादातर शहरों में आज हवा साफ है।

हालांकि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की संख्या में 7.6 फीसदी का इजाफा हुआ है, जबकि मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में कोई बदलाव नहीं हुआ है और स्थिति जस की तस बनी हुई है। दूसरी तरफ संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 19 फीसदी की गिरावट आई है।

रुझानों में यह भी सामने आया है कि आज देश में कांचीपुरम की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 172 दर्ज किया गया। गौरतलब है कि कल से कांचीपुरम में प्रदूषण के स्तर में 6 अंकों का उछाल आया है। हालांकि वहां वायु गुणवत्ता अभी भी मध्यम श्रेणी में बनी हुई है।

मतलब कि वहां फिजाओं में घुला जहर लोगों को बीमार बना देने के लिए काफी है। बता दें कि इस दौरान कांचीपुरम की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) हावी रहे। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी मानकों के लिहाज से देखें तो कांचीपुरम में प्रदूषण का स्तर सुरक्षित सीमा से 1,047 फीसदी अधिक है।

वहीं कल देश में ग्रेटर नोएडा की हवा सबसे खराब थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 212 दर्ज किया गया था। हालांकि आज वहां वायु गुणवत्ता में 74 अंकों का भारी सुधार आया है। इसके साथ ही ग्रेटर नोएडा में वायु गुणवत्ता 'खराब' से मध्यम श्रेणी में पहुंच गई है।

दूसरी तरफ आज एक बार फिर देश में शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 12 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर कांचीपुरम की तुलना शिलांग से करें तो वहां स्थिति 13 गुणा खराब है।

राजधानी दिल्ली की बात करें तो वहां कल से प्रदूषण में गिरावट आई है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक सुधारकर 114 पर पहुंच गया है। बता दें कि दिल्ली में प्रदूषण का स्तर सुरक्षित सीमा से 660 फीसदी अधिक है।

आंकड़ों के मुताबिक आज प्रदूषण के मामले में नंदेसरी (154) दूसरे जबकि ग्रेटर नोएडा (138) तीसरे स्थान पर है। इसी तरह 125 अंकों के साथ हावेरी चौथे जबकि गाजियाबाद (120) पांचवें पायदान पर है। दिल्ली-नोएडा में भी एक्यूआई 114 रिकॉर्ड किया गया। वहीं बद्दी, 109 अंकों के साथ प्रदूषित शहरों में आठवें स्थान पर है। इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में आज गुरूग्राम (107) और विशाखापत्तनम (105) भी शामिल हैं।

विश्लेषण में यह भी सामने आया है कि आज जहां कांचीपुरम, नंदेसरी, दिल्ली, भिवाड़ी आदि में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) हावी हैं। वहीं ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, नोएडा, बद्दी, गुरूग्राम, विशाखापत्तनम आदि में पीएम10 से स्थिति खराब है। इसी तरह कुछ शहरों में जहां ओजोन जबकि कुछ में कार्बन हावी है।

इन शहरों के उलट आज देश में 107 शहरों की हवा साफ है। इन शहरों में प्रयागराज, पुडुकोट्टई, पुणे, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, सांगली, शिलांग, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिंगरौली, शिवसागर, सोलापुर, सूरत, टेन्सा, ठाणे, तंजावुर, थूथुकुडी, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, तिरुपुर, वाराणसी आदि शामिल हैं।

अच्छी खबर यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में आठ फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है। वहीं दूसरी तरफ संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 19 फीसदी की गिरावट आई है।

आज देश के 97 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है। इन शहरों में कोहिमा, कोटा, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मेरठ, मिलुपारा, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, नागौर, नवी मुंबई, पाली, पंचगांव, पटना, पीथमपुर, प्रतापगढ़, राजसमंद, रतलाम, रूपनगर, सासाराम, सतना, सवाई माधोपुर, सीकर, सिरोही, श्रीगंगानगर, सुआकाती, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुपति आदि शामिल हैं।

इन शहरों के विपरीत आज देश के 14 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में बद्दी, भिवाड़ी, दिल्ली, एलूर, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, हावेरी, जयपुर, कांचीपुरम, नंदेसरी, नोएडा, तालचेर, विशाखापत्तनम शामिल हैं।

कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में कोई बदलाव नहीं हुआ है।

क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 218 में से 107 (+8.1 फीसदी) शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) है। 97 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 16 सितम्बर 2025 को यह आंकड़ा 119 दर्ज किया गया था।

14 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में कांचीपुरम (172) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 180 के करीब पहुंच गया। कल ग्रेटर नोएडा में वायु गुणवत्ता सूचकांक 212 रिकॉर्ड किया गया था।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में गिरावट आई है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 7 अंकों के सुधार के साथ घटकर 114 पर पहुंच गया। मलतब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता अभी भी मध्यम श्रेणी में बनी हुई है। वहीं आज फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं। 

गौरतलब है कि पिछले दो-तीन महीनों में जून, जुलाई और अगस्त के दौरान दिल्ली की वायु गुणवत्ता ज्यादातर दिन संतोषजनक रही। वहीं जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।

प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज हावेरी चौथे स्थान पर है, वहीं नंदेसरी (154) दूसरे, जबकि ग्रेटर नोएडा (138) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 61, गाजियाबाद में 120, गुवाहाटी में 39, गुरूग्राम में 107, नोएडा में 114, ग्रेटर नोएडा में 138 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 44 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘बेहतर‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 50, चेन्नई में 62, चंडीगढ़ में 52, हैदराबाद में 77, जयपुर में 102 और पटना में 68 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 107 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, अहमदनगर, अकोला, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अमरावती (महाराष्ट्र), अमृतसर, अंगुल, आसनसोल, बदलापुर, बागलकोट, बालासोर, बरेली, बैरकपुर, बठिंडा, बेलापुर, भिलाई, भोपाल, भुवनेश्वर, बिलासपुर, बोईसर, ब्रजराजनगर, बूंदी, चामराजनगर, चंद्रपुर, चेंगलपट्टू, छाल, छपरा, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कुड्डालोर, कटक, दमोह, दावनगेरे, देहरादून, धारवाड़, धौलपुर, डिंडीगुल, दुर्गापुर, फिरोजाबाद, गंगटोक, गया, गुवाहाटी, हाजीपुर, हल्दिया, हसन, हुबली, इंदौर, जलना, कलबुर्गी, कारवार, काशीपुर, खुर्जा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोरबा, लातूर, लखनऊ, लुधियाना, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मंगलौर, मंगुराहा, मीरा-भायंदर, मुंबई, मुजफ्फरपुर, नागपट्टिनम, नागपुर, नाहरलगुन, नांदेड़, नासिक, नयागढ़, ऊटी, पालकालाइपेरुर, परभनी, पेरुंदुरई, पिंपरी-चिंचवाड, प्रयागराज, पुडुकोट्टई, पुणे, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, सांगली, शिलांग, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिंगरौली, शिवसागर, सोलापुर, सूरत, टेन्सा, ठाणे, तंजावुर, थूथुकुडी, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, तिरुपुर, वाराणसी, विजयपुरा, विरुधुनगर, वृंदावन, यादगीर शामिल हैं।

वहीं आगरा, अहमदाबाद, अजमेर, अलवर, अंकलेश्वर, अररिया, अरियालूर, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बांसवाड़ा, बारां, बारबिल, बारीपदा, बाड़मेर, बेंगलुरु, बेतिया, भागलपुर, भरतपुर, भीलवाड़ा, बिहार शरीफ, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बुलन्दशहर, बक्सर, चंडीगढ़, चेन्नई, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, चुरू, कोयंबटूर, दौसा, देवास, धनबाद, डूंगरपुर, गांधीनगर, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, ग्वालियर, हनुमानगढ़, हापुड, होसुर, हावड़ा, हैदराबाद, जबलपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जालौर, झालावाड़, झांसी, झुंझुनूं, जोधपुर, कडपा, कल्याण, कानपुर, करौली, कटिहार, कटनी, क्योंझर, खन्ना, कोहिमा, कोटा, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मेरठ, मिलुपारा, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, नागौर, नवी मुंबई, पाली, पंचगांव, पटना, पीथमपुर, प्रतापगढ़, राजसमंद, रतलाम, रूपनगर, सासाराम, सतना, सवाई माधोपुर, सीकर, सिरोही, श्रीगंगानगर, सुआकाती, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुपति, टोंक, तुमिडीह, उदयपुर, उल्हासनगर, वापी, वातवा, विजयवाड़ा, विरार आदि 97 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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