लगतार तीसरे दिन प्रदूषण में अव्वल नंदेसरी, मानकों से 1,287 फीसदी अधिक प्रदूषण

विश्लेषण से पता चला है कि आज देश के जहां करीब आधे शहरों की हवा साफ है। वहीं दूसरी छह फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं
लगतार तीसरे दिन प्रदूषण में अव्वल नंदेसरी, मानकों से 1,287 फीसदी अधिक प्रदूषण
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देश में लगातार तीसरे दिन आज प्रदूषण के मामले में गुजरात के नंदेसरी में प्रदूषण सबसे ज्यादा रहा। इस दौरान वहां वायु गुणवत्ता विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा तय मानकों से 1287 फीसदी अधिक खराब थी। हालांकि कल से नंदेसरी की हवा में नौ अंकों का सुधार आया है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा 29 जून 2025 को जारी रुझानों से पता चला है कि नंदेसरी में वायु गुणवत्ता सूचकांक अभी भी 200 के पार बना हुआ है।

इसी तरह प्रदूषण के मामले में मेघालय का बर्नीहाट शहर दूसरे स्थान पर है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 151 दर्ज किया गया। यदि डब्ल्यूएचओ द्वारा तय मानकों के लिहाज से देखें तो वहां स्थिति 900 फीसदी अधिक खराब है।

133 अंकों के साथ लुधियाना तीसरे जबकि थूथुकुडी (127) चौथे स्थान पर है। खुर्जा में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 119 अंकों के साथ पांचवें पायदान पर है। इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में मंडी गोबिंदगढ़ (116), विशाखापत्तनम (116), छपरा (113), इंफाल (112) और सहरसा (109) शामिल हैं।

रुझानों के विश्लेषण से पता चला है कि जहां नंदेसरी, बर्नीहाट, लुधियाना, समस्तीपुर आदि शहरों में प्रदूषण के महीन कणों पीएम2.5 से स्थिति चिंताजनक है। इसी तरह खुर्जा, विशाखापत्तनम, सहरसा, अररिया आदि शहरों में पीएम2.5 हावी है। थूथुकुडी, मंडी गोबिंदगढ़, श्रीगंगानगर में कार्बन से स्थिति बिगड़ी हुई है।

वहीं दूसरी तरफ आज आइजोल-कोयंबटूर की हवा सबसे साफ है। इन दोनों शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक नौ दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर नंदेसरी की तुलना कोयंबटूर से करें तो वहां स्थिति 22 गुणा खराब है।

आइजोल की तरह ही आज देश के 105 अन्य शहरों में हवा साफ बनी हुई है। इन शहरों में देहरादून, धुले, डूंगरपुर, दुर्गापुर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गंगटोक, गोरखपुर, हल्दिया, हनुमानगढ़, हावेरी, हावड़ा, हुबली, इंदौर, जबलपुर, जालौर, झुंझुनूं, जोधपुर, कांचीपुरम, करूर, काशीपुर, कटिहार, क्योंझर, खन्ना, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कुंजेमुरा, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, मंडीदीप, मंगलौर, मुंगेर, मैसूर, नागपुर, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, पंचगांव, पटियाला, प्रतापगढ़ आदि शामिल हैं।

अच्छी खबर यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 13 फीसदी का इजाफा हुआ है।

राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल से प्रदूषण में गिरावट आई है। दिल्ली में 14 अंकों के सुधार के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 83 पर पहुंच गया है। दिल्ली की तरह ही आज देश के 93 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है।

इन शहरों में किशनगंज, कोहिमा, कोरबा, कोटा, लखनऊ, मेरठ, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागौर, नलबाड़ी, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नोएडा, ऊटी, पाली, पटना, पेरुंदुरई, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, पुणे, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राउरकेला, सागर, सवाई माधोपुर, शिवमोगा, सीकर, सिलचर, सिंगरौली, सोलापुर, ठाणे, तिरुचिरापल्ली, तिरुपति, टोंक, उल्हासनगर, वापी आदि शहर शामिल हैं।

चिंता की बात यह है कि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 15 फीसदी की गिरावट आई है।

आज देश में अररिया सहित 12 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में बर्नीहाट, छपरा, इंफाल, खुर्जा, लुधियाना, मंडी गोबिंदगढ़, सहरसा, समस्तीपुर, श्रीगंगानगर, थूथुकुडी, विशाखापत्तनम भी शामिल हैं। कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 33 फीसदी का इजाफा आया है।

विश्लेषण से पता चला है कि आज देश के जहां करीब आधे शहरों की हवा साफ है। वहीं 44 फीसदी में स्थिति संतोषजनक है। दूसरी तरफ देश के छह फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं।

क्या कहते हैं आंकड़े

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 213 में से 106 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। 94 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 28 जून 2025 को यह आंकड़ा 110 दर्ज किया गया था।

12 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में नंदेसरी (208) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 210 के करीब पहुंच गया। कल भी नंदेसरी में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब सूचकांक 217 रिकॉर्ड किया गया।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 14 अंकों की गिरावट आई है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक गिरकर 83 पर पहुंच गया। मतलब की दिल्ली में आज भी वायु गुणवत्ता संतोषजनक श्रेणी में बनी हुई है। वहीं आज फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं। 

गौरतलब है कि पिछले चार महीनों जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।

आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज थूथुकुडी चौथे स्थान पर है, वहीं बर्नीहाट (151) दूसरे, जबकि लुधियाना (133) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 57, गाजियाबाद में 73, गुवाहाटी में 57, गुरूग्राम में 53, नोएडा में 75, ग्रेटर नोएडा में 68 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 55 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 70, चेन्नई में 65, चंडीगढ़ में 48, हैदराबाद में 71, जयपुर में 60 और पटना में 84 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 106 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, आगरा, अहमदाबाद, अहमदनगर, आइजोल, अकोला, अमृतसर, अंकलेश्वर, अरियालूर, आरा, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बागलकोट, बालासोर, बांसवाड़ा, बारां, बारबिल, बारीपदा, बाड़मेर, भागलपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भोपाल, बिलासपुर, बिलीपाड़ा, बोईसर, बूंदी, बक्सर, चामराजनगर, चंडीगढ़, चेंगलपट्टू, छाल, चिकबलपुर, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दमोह, देहरादून, धुले, डूंगरपुर, दुर्गापुर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गंगटोक, गोरखपुर, हल्दिया, हनुमानगढ़, हावेरी, हावड़ा, हुबली, इंदौर, जबलपुर, जालौर, झुंझुनूं, जोधपुर, कांचीपुरम, करूर, काशीपुर, कटिहार, क्योंझर, खन्ना, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कुंजेमुरा, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, मंडीदीप, मंगलौर, मुंगेर, मैसूर, नागपुर, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, पंचगांव, पटियाला, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, पूर्णिया, रायपुर, रामनाथपुरम, रतलाम, ऋषिकेश, सलेम, सांगली, शिलांग, सिरोही, शिवसागर, टेन्सा, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, तिरुपुर, तुमकुरु, तुमिडीह, उदयपुर, वाराणसी, वातवा, वेल्लोर, विजयपुरा, विरार, विरुधुनगर शामिल हैं।

वहीं अजमेर, अलवर, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अमरावती (महाराष्ट्र), अंगुल, बद्दी, बदलापुर, बैरकपुर, बठिंडा, बेंगलुरु, भरतपुर, भिवाड़ी, भिवंडी, भुवनेश्वर, बीकानेर, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, ब्यासनगर, चंद्रपुर, चेन्नई, चित्तूर, चुरू, कटक, दौसा, दिल्ली, देवास, धनबाद, धारवाड़, डिंडीगुल, एलूर, गया, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, गुवाहाटी, ग्वालियर, हाजीपुर, हापुड, हैदराबाद, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जलना, झालावाड़, झांसी, कडपा, कलबुर्गी, कानपुर, कटनी, किशनगंज, कोहिमा, कोरबा, कोटा, लखनऊ, मेरठ, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागौर, नलबाड़ी, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नोएडा, ऊटी, पाली, पटना, पेरुंदुरई, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, पुणे, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राउरकेला, सागर, सवाई माधोपुर, शिवमोगा, सीकर, सिलचर, सिंगरौली, सोलापुर, ठाणे, तिरुचिरापल्ली, तिरुपति, टोंक, उल्हासनगर, वापी, विजयवाड़ा, वृंदावन आदि 94 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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