बीकानेर को पीछे छोड़ बिहार का राजगीर प्रदूषण में बना अव्वल, दिल्ली में आया सुधार

दिल्ली की बात करें तो कल से प्रदूषण में गिरावट आई है। इसके साथ ही 39 अंकों के सुधार के साथ दिल्ली में एक्यूआई 158 पर पहुंच गया है
बीकानेर को पीछे छोड़ बिहार का राजगीर प्रदूषण में बना अव्वल, दिल्ली में आया सुधार
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प्रदूषण के मामले में आज देश के सभी शहरों में बिहार के राजगीर की स्थिति सबसे खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 237 तक पहुंच गया है। गौरतलब है कि कल राजस्थान के बीकानेर में प्रदूषण सबसे ज्यादा था, जब वहां एक्यूआई 276 रिकॉर्ड किया गया। हालांकि आज 70 अंकों के सुधार के साथ बीकानेर में सूचकांक 206 पर पहुंच गया है।

वहीं केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा 02 जून 2025 को जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि आज भी देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में छह शहर राजस्थान के हैं। इनमें बीकानेर, जैसलमेर, हनुमानगढ़, चुरू, दौसा और नागौर शामिल हैं।

बता दें कि आज प्रदूषण के मामले में बीकानेर दूसरे स्थान पर है। वहीं 196 अंकों के साथ बद्दी तीसरे जबकि दुर्गापुर (186) चौथे स्थान पर बना हुआ है। इस बीच राहत की बात यह रही कि कल से देश में 'खराब' हवा वाले शहरों की गिनती में कमी आई है और इन शहरों की संख्या छह से घटकर दो रह गई है।

आंकड़ों पर नजर डालें तो जैसलमेर (185) देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में पांचवें स्थान पर है, जबकि हनुमानगढ़ में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जहां एक्यूआई 184 रिकॉर्ड किया गया है। इसी तरह 183 अंकों के साथ चुरू सातवें जबकि दौसा (169) आठवें पायदान पर है।

राजधानी दिल्ली की बात करें तो आंधी तूफान और बारिश के बाद कल से प्रदूषण में गिरावट आई है। इसके साथ ही 39 अंकों के सुधार के साथ दिल्ली में एक्यूआई 158 पर पहुंच गया है। हालांकि दिल्ली के साथ-साथ नागौर भी देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल है।

वहीं इन शहरों के उलट आज देश में एक बार फिर आइजोल की हवा सबसे साफ रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 12 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर राजगीर की तुलना आइजोल से करें तो वहां स्थिति 18 गुणा खराब है। 

रुझानों के विश्लेषण से पता चला है कि आज देश के जहां करीब 16 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं 34 फीसदी में स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। वहीं संतोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या 50 फीसदी से अधिक है।

बता दें कि दिल्ली की तरह ही देश के छोटे बड़े 68 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में बनी हुई है। इन शहरों में भुवनेश्वर, बिलीपाड़ा, बुलन्दशहर, बूंदी, ब्यासनगर, चंडीगढ़, छपरा, चुरू, कटक, दौसा, धनबाद, दुर्गापुर, गाजियाबाद, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, ग्वालियर, हाजीपुर, हल्दिया, हनुमानगढ़, हावड़ा, जयपुर, जैसलमेर, जालौर, झुंझुनूं, जोधपुर, कल्याण, करौली आदि शामिल हैं। कल के मुकाबले देखें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 15 फीसदी का इजाफा हुआ है, जोकि शुभ संकेत नहीं हैं।

आंकड़ों के मुताबिक बेलापुर सहित देश के 33 शहरों की हवा साफ है। इनमें कोल्हापुर, लातूर, मदिकेरी, मैसूर, पालकालाइपेरुर, पुडुकोट्टई, रामनाथपुरम, सलेम, शिलांग, सिलचर, सिलीगुड़ी, शिवसागर, श्री विजया पुरम, सूरत, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुमाला, तिरुपुर आदि शहर शामिल हैं। कल से देखें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब सात फीसदी का इजाफा हुआ है।

बेंगलुरु सहित देश के आज 105 शहरों में वायु गुणवत्ता सन्तोषजनक है। इन शहरों में गांधीनगर, गंगटोक, गया, गुम्मिडिपूंडी, हापुड, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, जलना, झालावाड़, झांसी, कडपा, कन्नूर, कानपुर, काशीपुर, खन्ना, किशनगंज, कोहिमा, कोलकाता, कोरबा, कुंजेमुरा, मदुरै, महाड, मैहर, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मुंगेर आदि शामिल हैं। चिंता की बात यह है कि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में 11 फीसदी की गिरावट आई है।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 209 में से 33 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। 105 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 01 जून 2025 को यह आंकड़ा 118 दर्ज किया गया था।

69 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में राजगीर (237) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 250 के करीब पहुंच गया। कल बीकानेर में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब सूचकांक 276 रिकॉर्ड किया गया।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 39 अंकों की गिरावट आई है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक घटकर 158 पर पहुंच गया। मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता खराब से एक बार फिर मध्यम श्रेणी में पहुंच गई है। वहीं आज फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।

गौरतलब है कि पिछले चार महीनों जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।

आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज दुर्गापुर चौथे स्थान पर है, वहीं बीकानेर (206) दूसरे, जबकि बद्दी (196) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 108, गाजियाबाद में 109, गुवाहाटी में 45, गुरूग्राम में 138, नोएडा में 144, ग्रेटर नोएडा में 104 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 63 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 139, चेन्नई में 67, चंडीगढ़ में 128, हैदराबाद में 63, जयपुर में 116 और पटना में 126 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 33 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, बागलकोट, बेलापुर, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, दावनगेरे, डिंडीगुल, गुवाहाटी, हुबली, जलगांव, कलबुर्गी, कोल्हापुर, लातूर, मदिकेरी, मैसूर, पालकालाइपेरुर, पुडुकोट्टई, रामनाथपुरम, सलेम, शिलांग, सिलचर, सिलीगुड़ी, शिवसागर, श्री विजया पुरम, सूरत, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुमाला, तिरुपुर, विजयपुरा, वृंदावन, यादगीर शामिल हैं।

वहीं आगरा, अहमदनगर, अकोला, अलवर, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अमरावती (महाराष्ट्र), अमृतसर, अनंतपुर, अंकलेश्वर, आरा, औरंगाबाद (बिहार), बदलापुर, बांसवाड़ा, बारां, बरेली, बैरकपुर, बेंगलुरु, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, भिवंडी, भोपाल, बिलासपुर, बोईसर, ब्रजराजनगर, बक्सर, चंद्रपुर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, छाल, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, दमोह, देहरादून, धारवाड़, धौलपुर, धुले, डूंगरपुर, एलूर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गंगटोक, गया, गुम्मिडिपूंडी, हापुड, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, जलना, झालावाड़, झांसी, कडपा, कन्नूर, कानपुर, काशीपुर, खन्ना, किशनगंज, कोहिमा, कोलकाता, कोरबा, कुंजेमुरा, मदुरै, महाड, मैहर, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागपुर, नलबाड़ी, नांदेड़, नंदेसरी, नासिक, नवी मुंबई, पटियाला, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुणे, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, सागर, सहरसा, सांगली, शिवमोगा, सिंगरौली, सोलापुर, ठाणे, थूथुकुडी, तिरुचिरापल्ली, तुमिडीह, उल्हासनगर, वाराणसी, वातवा, विजयवाड़ा, विरार आदि 105 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

प्रदूषण के मामले में आज देश के सभी शहरों में बिहार के राजगीर की स्थिति सबसे खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 237 तक पहुंच गया है। गौरतलब है कि कल राजस्थान के बीकानेर में प्रदूषण सबसे ज्यादा था, जब वहां एक्यूआई 276 रिकॉर्ड किया गया। हालांकि आज 70 अंकों के सुधार के साथ बीकानेर में सूचकांक 206 पर पहुंच गया है।

वहीं केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा 02 जून 2025 को जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि आज भी देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में छह शहर राजस्थान के हैं। इनमें बीकानेर, जैसलमेर, हनुमानगढ़, चुरू, दौसा और नागौर शामिल हैं।

बता दें कि आज प्रदूषण के मामले में बीकानेर दूसरे स्थान पर है। वहीं 196 अंकों के साथ बद्दी तीसरे जबकि दुर्गापुर (186) चौथे स्थान पर बना हुआ है। इस बीच राहत की बात यह रही कि कल से देश में 'खराब' हवा वाले शहरों की गिनती में कमी आई है और इन शहरों की संख्या छह से घटकर दो रह गई है।

आंकड़ों पर नजर डालें तो जैसलमेर (185) देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में पांचवें स्थान पर है, जबकि हनुमानगढ़ में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जहां एक्यूआई 184 रिकॉर्ड किया गया है। इसी तरह 183 अंकों के साथ चुरू सातवें जबकि दौसा (169) आठवें पायदान पर है।

राजधानी दिल्ली की बात करें तो आंधी तूफान और बारिश के बाद कल से प्रदूषण में गिरावट आई है। इसके साथ ही 39 अंकों के सुधार के साथ दिल्ली में एक्यूआई 158 पर पहुंच गया है। हालांकि दिल्ली के साथ-साथ नागौर भी देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल है।

वहीं इन शहरों के उलट आज देश में एक बार फिर आइजोल की हवा सबसे साफ रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 12 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर राजगीर की तुलना आइजोल से करें तो वहां स्थिति 18 गुणा खराब है। 

रुझानों के विश्लेषण से पता चला है कि आज देश के जहां करीब 16 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं 34 फीसदी में स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। वहीं संतोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या 50 फीसदी से अधिक है।

बता दें कि दिल्ली की तरह ही देश के छोटे बड़े 68 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में बनी हुई है। इन शहरों में भुवनेश्वर, बिलीपाड़ा, बुलन्दशहर, बूंदी, ब्यासनगर, चंडीगढ़, छपरा, चुरू, कटक, दौसा, धनबाद, दुर्गापुर, गाजियाबाद, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, ग्वालियर, हाजीपुर, हल्दिया, हनुमानगढ़, हावड़ा, जयपुर, जैसलमेर, जालौर, झुंझुनूं, जोधपुर, कल्याण, करौली आदि शामिल हैं। कल के मुकाबले देखें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 15 फीसदी का इजाफा हुआ है, जोकि शुभ संकेत नहीं हैं।

आंकड़ों के मुताबिक बेलापुर सहित देश के 33 शहरों की हवा साफ है। इनमें कोल्हापुर, लातूर, मदिकेरी, मैसूर, पालकालाइपेरुर, पुडुकोट्टई, रामनाथपुरम, सलेम, शिलांग, सिलचर, सिलीगुड़ी, शिवसागर, श्री विजया पुरम, सूरत, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुमाला, तिरुपुर आदि शहर शामिल हैं। कल से देखें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब सात फीसदी का इजाफा हुआ है।

बेंगलुरु सहित देश के आज 105 शहरों में वायु गुणवत्ता सन्तोषजनक है। इन शहरों में गांधीनगर, गंगटोक, गया, गुम्मिडिपूंडी, हापुड, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, जलना, झालावाड़, झांसी, कडपा, कन्नूर, कानपुर, काशीपुर, खन्ना, किशनगंज, कोहिमा, कोलकाता, कोरबा, कुंजेमुरा, मदुरै, महाड, मैहर, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मुंगेर आदि शामिल हैं। चिंता की बात यह है कि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में 11 फीसदी की गिरावट आई है।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 209 में से 33 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। 105 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 01 जून 2025 को यह आंकड़ा 118 दर्ज किया गया था।

69 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में राजगीर (237) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 250 के करीब पहुंच गया। कल बीकानेर में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब सूचकांक 276 रिकॉर्ड किया गया।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 39 अंकों की गिरावट आई है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक घटकर 158 पर पहुंच गया। मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता खराब से एक बार फिर मध्यम श्रेणी में पहुंच गई है। वहीं आज फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।

गौरतलब है कि पिछले चार महीनों जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।

आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज दुर्गापुर चौथे स्थान पर है, वहीं बीकानेर (206) दूसरे, जबकि बद्दी (196) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 108, गाजियाबाद में 109, गुवाहाटी में 45, गुरूग्राम में 138, नोएडा में 144, ग्रेटर नोएडा में 104 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 63 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 139, चेन्नई में 67, चंडीगढ़ में 128, हैदराबाद में 63, जयपुर में 116 और पटना में 126 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 33 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, बागलकोट, बेलापुर, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, दावनगेरे, डिंडीगुल, गुवाहाटी, हुबली, जलगांव, कलबुर्गी, कोल्हापुर, लातूर, मदिकेरी, मैसूर, पालकालाइपेरुर, पुडुकोट्टई, रामनाथपुरम, सलेम, शिलांग, सिलचर, सिलीगुड़ी, शिवसागर, श्री विजया पुरम, सूरत, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुमाला, तिरुपुर, विजयपुरा, वृंदावन, यादगीर शामिल हैं।

वहीं आगरा, अहमदनगर, अकोला, अलवर, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अमरावती (महाराष्ट्र), अमृतसर, अनंतपुर, अंकलेश्वर, आरा, औरंगाबाद (बिहार), बदलापुर, बांसवाड़ा, बारां, बरेली, बैरकपुर, बेंगलुरु, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, भिवंडी, भोपाल, बिलासपुर, बोईसर, ब्रजराजनगर, बक्सर, चंद्रपुर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, छाल, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, दमोह, देहरादून, धारवाड़, धौलपुर, धुले, डूंगरपुर, एलूर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गंगटोक, गया, गुम्मिडिपूंडी, हापुड, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, जलना, झालावाड़, झांसी, कडपा, कन्नूर, कानपुर, काशीपुर, खन्ना, किशनगंज, कोहिमा, कोलकाता, कोरबा, कुंजेमुरा, मदुरै, महाड, मैहर, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागपुर, नलबाड़ी, नांदेड़, नंदेसरी, नासिक, नवी मुंबई, पटियाला, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुणे, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, सागर, सहरसा, सांगली, शिवमोगा, सिंगरौली, सोलापुर, ठाणे, थूथुकुडी, तिरुचिरापल्ली, तुमिडीह, उल्हासनगर, वाराणसी, वातवा, विजयवाड़ा, विरार आदि 105 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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