देश में गाजियाबाद की हवा सबसे जहरीली, दिल्ली-मेरठ में भी 300 के पार पहुंचा एक्यूआई

245 शहरों के लिए जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि इनमें से जहां महज तीन फीसदी शहरों में हवा साफ है, वहीं 68 फीसदी में हालात चिंताजनक बने हुए हैं
देश में गाजियाबाद की हवा सबसे जहरीली, दिल्ली-मेरठ में भी 300 के पार पहुंचा एक्यूआई
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सारांश
  • गाजियाबाद में 11 दिसंबर 2025 को वायु गुणवत्ता सूचकांक 343 तक पहुंच गया, जो देश में सबसे खराब है।

  • दिल्ली और मेरठ में भी एक्यूआई 300 के पार है। गाजियाबाद की हवा में पीएम2.5 कणों की अधिकता है, जो स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा है।

  • शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां एक्यूआई 12 रिकॉर्ड किया गया है।

  • 11 दिसंबर, 2025 को 245 शहरों के लिए जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि इनमें से जहां महज 3.3 फीसदी शहरों में हवा साफ है।

  • वहीं 28.6 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ 68.1 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं।

विश्लेषण से पता चला है कि 11 दिसंबर 2025 को देश में गाजियाबाद की हवा सबसे ज्यादा खराब है, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई बढ़कर 343 तक पहुंच गया। गौरतलब है कि 10 दिसंबर को गाजियाबाद में एक्यूआई 262 दर्ज किया गया था। मतलब कि कल से वहां प्रदूषण में 81 अंकों का भारी उछाल आया है। इसके साथ ही वहां आज स्थिति खराब से 'बेहद खराब' हो गई है।        

रुझानों में सामने आया है कि गाजियाबाद की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) पूरी तरह हावी हैं। देखा जाए तो वहां फिजाओं में घुला जहर इतना ज्यादा है कि वो लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है।

गाजियाबाद से स्थिति किस कदर खराब है, इसी बात से समझा जा सकता है कि वहां प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित सुरक्षित सीमा से 2,100 फीसदी अधिक है।

दूसरी तरफ देश में शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 12 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर गाजियाबाद की तुलना शिलांग से करें तो वहां स्थिति 28 गुणा खराब है।

गौरतलब है कि कल देश में हल्दिया की हवा सबसे ज्यादा खराब थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 327 तक पहुंच गया था। हालांकि आज 38 अंकों के सुधार के साथ हल्दिया में एक्यूआई घटकर 289 पर पहुंच गया है।

राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल से प्रदूषण में अच्छा-खासा इजाफा हुआ है। इसके साथ ही 48 अंकों के उछाल के साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 307 पर पहुंच गया। इसके साथ ही दिल्ली में एक बार फिर वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' श्रेणी में पहुंच गई। चिंता की बात यह है कि दिल्ली में अभी भी प्रदूषण का स्तर डब्ल्यूएचओ मानकों से 1,900 फीसदी अधिक है।

11 नवंबर को दिल्ली में साल का सबसे प्रदूषित शहर दिन दर्ज किया गया था, जब एक्यूआई बढ़कर 428 तक पहुंच गया था।   

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 11 दिसंबर, 2025 को 245 शहरों के लिए जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि इनमें से जहां महज 3.3 फीसदी शहरों में हवा साफ है।

वहीं 28.6 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ 68.1 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं। मतलब की देश के ज्यादातर शहरों में आज भी हवा चिंताजनक है। बता दें कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 11 फीसदी से अधिक की गिरावट आई है।         

इसी तरह संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में भी कल से करीब 13 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की बात करें तो इनकी संख्या में कल से छह फीसदी से अधिक का उछाल आया है। खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो उनकी गिनती में दो फीसदी से अधिक की गिरावट आई है, जोकि राहत की खबर है।

वहीं दूसरी तरफ देश में बेहद खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में कल से 200 फीसदी का भारी उछाल आया है। फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक 253 रिकॉर्ड किया गया है।  

आंकड़ों से पता चला है कि प्रदूषण के मामले में मेरठ (342) दूसरे जबकि मुजफ्फरनगर (338) तीसरे स्थान पर है। इसी तरह 332 अंकों के साथ बल्लभगढ़ चौथे स्थान पर है। पंचगांव-नोएडा में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 325 और 322 अंकों के साथ पांचवें और छठे पायदान पर हैं।

दिल्ली (307) सातवें स्थान पर हैं। इसी तरह दस सबसे प्रदूषित शहरों में मानेसर (304), ग्रेटर नोएडा (301), जींद (296) भी शामिल हैं। गौरतलब है कि आज देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में उत्तर प्रदेश के पांच (गाजियाबाद, मेरठ, मुजफ्फरनगर, नोएडा, ग्रेटर नोएडा) और हरियाणा के भी चार शहर (बल्लभगढ़, पंचगांव, मानेसर, जींद) शामिल हैं।

विश्लेषण से यह भी पता चला है कि गाजियाबाद, मेरठ, मुजफ्फरनगर, बल्लभगढ़, नोएडा, दिल्ली, मानेसर, ग्रेटर नोएडा, जींद, बागपत, हल्दिया, सोनीपत, गुम्मिडीपूंडी, हावड़ा, विशाखापत्तनम, धारूहेड़ा, गुरुग्राम, कोलकाता, बैरकपुर, कुरुक्षेत्र, चरखी दादरी, फरीदाबाद, कोल्हापुर, हापुड़, भुवनेश्वर, बालासोर, कोल्लम, तालचेर, भिवानी, नाहरलागुन, भिवाड़ी, लखनऊ, आसनसोल, बहादुरगढ़, बद्दी, खुर्जा, करनाल, कटक, पानीपत, बुलंदशहर, तिरुमाला, कैथल, तिरुपुर, ब्यासनगर आदि शहरों की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) हावी हैं।

वहीं श्री गंगानगर, सीकर, नागौर, चूरू आदि शहरों में पीएम10 से स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। इसी तरह कुछ शहरों में कार्बन और ओजोन से स्थिति खराब है।

इन शहरों के विपरीत देश के 3.3 फीसदी यानी महज आठ शहरों में हवा साफ है। इन साफ हवा वाले शहरों में आइजोल, चामराजनगर, चिक्कमगलुरु, दमोह, मदिकेरी, नयागढ़, शिलांग, तिरुनेलवेली आदि शामिल हैं। 

आज देश के जिन 70 शहरों में वायु गुणवत्ता सन्तोषजनक है, उनमें गांधीनगर, गोरखपुर, हुबली, हैदराबाद, जलना, झांसी, कडप्पा, कलबुर्गी, कन्नूर, कानपुर, करौली, काशीपुर, क्योंझर, कोहिमा, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, महाद, मैहर, मालेगांव, मंगुराहा, मिलुपारा, मैसूरु, नागपुर, ऊटी, परभनी, पेरुंदुरई, पीथमपुर, प्रतापगढ़, रायरंगपुर, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, रोहतक, सागर, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, सिरसा, शिवसागर, सोलापुर आदि शामिल हैं।

इन शहरों के उलट आज देश के 118 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है।

इन शहरों में आगरा, अहमदाबाद, अहमदनगर, अजमेर, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अंबाला, अमृतसर, अंगुल, अंकलेश्वर, अररिया, अरियालुर, आरा, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बांसवाड़ा, बारां, बारबिल, बरेली, बारीपदा, बाड़मेर, बेलापुर, बेंगलुरु, बेतिया, भागलपुर, भरतपुर, भीलवाड़ा, भिवंडी, भोपाल, बिहार शरीफ, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बोइसर, बूंदी, बक्सर, बर्नीहाट, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चेन्नई, छपरा, चित्तौड़गढ़, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दौसा, देहरादून, धनबाद, दुर्गापुर, फतेहाबाद, गया, गुवाहाटी, ग्वालियर, हाजीपुर, हनुमानगढ़, हिसार, इंदौर, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जालौर, झालावाड़, झुंझुनू, जोधपुर, कल्याण, करूर, कटिहार, कटनी, खन्ना, किशनगंज, कोटा, लुधियाना, मदुरै, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीखेड़ा, मैंगलोर, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नागांव, नलबाड़ी, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, पलवल, पंचकुला, पटियाला, पटना, पिंपरी-चिंचवाड़, प्रयागराज, पुडुचेरी, पुडुकोट्टई, पुणे, पूर्णिया, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, राजसमंद, रतलाम, राउरकेला, सहरसा, सांगली, सासाराम, सवाई माधोपुर, सिंगरौली, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, टोंक, उदयपुर, उल्हासनगर, वाराणसी, वातवा, विरुधुनगर, वृंदावन शामिल हैं।

आंकड़ों में यह भी सामने आया है कि आज देश के 40 शहरों में वायु गुणवत्ता खराब है। इन शहरों में आसनसोल, बद्दी, बागपत, बहादुरगढ़, बालासोर, बैरकपुर, भिवाड़ी, भिवानी, भुवनेश्वर, बुलंदशहर, ब्यासनगर, चरखी दादरी, चूरू, कटक, धारूहेड़ा, फरीदाबाद, गुम्मिडीपूंडी, गुरुग्राम, हल्दिया, हापुड़, हावड़ा, जींद, कैथल, करनाल, खुर्जा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कुरुक्षेत्र, लखनऊ, नागौर, नाहरलागुन, पानीपत, सीकर, सोनीपत, श्री गंगानगर, तालचेर, तिरुमाला, तिरुपुर, विशाखापत्तनम शामिल हैं।

इसी तरह आज देश के नौ शहरों में वायु गुणवत्ता बेहद खराब है। इन शहरों में बल्लभगढ़, दिल्ली, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, मानेसर, मेरठ, मुजफ्फरनगर, नोएडा, पंचगांव शामिल हैं।  

क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 245 में से महज 8 शहरों में हवा 'बेहतर' है। 70 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 10 दिसंबर 2025 को यह आंकड़ा 80 दर्ज किया गया था।

118 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में आज गाजियाबाद (343) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 350 के करीब पहुंच गया। बता दें कि कल से गाजियाबाद में प्रदूषण के स्तर में 81 अंकों का उछाल आया है। इसके साथ ही गाजियाबाद में वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' श्रेणी में पहुंच गई है।

गौरतलब है कि कल देश में हल्दिया की हवा सबसे ज्यादा खराब थी, जब एक्यूआई बढ़कर 327 तक पहुंच गया था। हालांकि आज हल्दिया की हवा में 38 अंकों का सुधार आया है।

राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल से प्रदूषण में अच्छा खासा इजाफा हुआ है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 307 पर पहुंच गया।

इसी तरफ फरीदाबाद में भी कल से प्रदूषण में इजाफा दर्ज किया गया, जहां 58 अंकों के उछाल के साथ एक्यूआई बढ़कर 253 रिकॉर्ड किया गया। मतलब की फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता आज मध्यम से खराब श्रेणी में पहुंच गई है।

प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में 11 दिसंबर को बल्लभगढ़ चौथे स्थान पर है, वहीं मेरठ (342) दूसरे, जबकि मुजफ्फरनगर (338) तीसरे स्थान पर है। अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 138, गाजियाबाद में 343, गुवाहाटी में 139, गुरूग्राम में 268, नोएडा में 322, ग्रेटर नोएडा में 301 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 105 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 237, चेन्नई में 187, चंडीगढ़ में 176, हैदराबाद में 81, जयपुर में 182और पटना में 171 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन आठ शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, चामराजनगर, चिक्कमगलुरु, दमोह, मदिकेरी, नयागढ़, शिलांग, तिरुनेलवेली शामिल हैं।

वहीं अकोला, अलवर, अमरावती (महाराष्ट्र), अनंतपुर, बठिंडा, भिलाई, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, छाल, चित्तूर, देवास, धारवाड़, धौलपुर, धुले, डिंडीगुल, डूंगरपुर, एलूर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गोरखपुर, हुबली, हैदराबाद, जलना, झांसी, कडप्पा, कलबुर्गी, कन्नूर, कानपुर, करौली, काशीपुर, क्योंझर, कोहिमा, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, महाद, मैहर, मालेगांव, मंगुराहा, मिलुपारा, मैसूरु, नागपुर, ऊटी, परभनी, पेरुंदुरई, पीथमपुर, प्रतापगढ़, रायरंगपुर, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, रोहतक, सागर, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, सिरसा, शिवसागर, सोलापुर, सुआकाती, सूरत, टेन्सा, त्रिशूर, तिरुपति, तुमडीह, वापी, विजयवाड़ा, यादगीर आदि 70 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

कल देश में वायु गुणवत्ता की स्थिति कैसी थी इसकी जानकारी आप डाउन टू अर्थ के एयर क्वालिटी ट्रैकर के पिछले अंक से प्राप्त कर सकते हैं:

पश्चिम बंगाल के हल्दिया में हवा सबसे प्रदूषित, बल्लभगढ़-बालासोर में भी स्थिति बेहद खराब

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