
देश के सभी शहरों में आज धौलपुर की हवा सबसे प्रदूषित है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 234 दर्ज किया गया है। वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा तय मानकों के लिहाज से देखें तो राजस्थान के इस शहर में प्रदूषण का स्तर 420 फीसदी अधिक है। इस दौरान धौलपुर की हवा में प्रदूषण के महीन कण पीएम10 हावी रहे।
वहीं केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा 03 जुलाई 2025 को जारी रुझानों के विश्लेषण से पता चला है कि आज देश में शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 6 दर्ज किया गया।
ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर धौलपुर की तुलना शिलांग से करें तो वहां स्थिति 38 गुणा खराब है।
धौलपुर की तरह ही मेघालय के बर्नीहाट में भी स्थिति चिंताजनक है, जो देश का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर है। बता दें कि बर्नीहाट में सूचकांक 148 दर्ज किया गया है। वहीं 124 अंकों के साथ तालचेर तीसरे जबकि ऊटी चौथे स्थान पर है, जहां एक्यूआई 112 दर्ज किया गया। कुछ ऐसी ही स्थिति इंफाल की भी है, जो 111 अंकों के साथ देश का पांचवां सबसे प्रदूषित शहर है। इसी तरह देश में बेतिया (104), ग्रेटर नोएडा (104) और मंडी गोबिंदगढ़ (104) में भी हालात चिंताजनक बने हुए हैं।
आंकड़ों के मुताबिक आज जहां देश में धौलपुर, ग्रेटर नोएडा आदि शहरों की हवा में पीएम10 वहीं बर्नीहाट आदि के हवा में पीएम2.5 हावी है। दूसरी तरफ तालचेर, ऊटी, बेतिया, मंडी गोबिंदगढ़ जैसे शहरों में कार्बन से स्थिति चिंताजनक है।
विश्लेषण से पता चला है कि आज जहां देश के करीब 56 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं करीब चार फीसदी में हालात चिंताजनक हैं, जबकि 40 फीसदी से अधिक शहरों में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है।
आंकड़ों के मुताबिक आगरा सहित देश के जिन 122 शहरों में हवा साफ है, उनमें दुर्गापुर, फिरोजाबाद, गया, गोरखपुर, हल्दिया, हनुमानगढ़, हापुड, हावड़ा, हुबली, इंदौर, जबलपुर, जलना, झालावाड़, झांसी, झुंझुनूं, जोरापोखर, करौली, काशीपुर, किशनगंज, कोल्हापुर, कोलकाता, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, मंगलौर, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मुंगेर आदि शहर शामिल हैं।
अच्छी खबर यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 13 फीसदी का इजाफा हुआ है।
राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल से प्रदूषण में गिरावट आई है। इसके साथ ही दिल्ली में अब भी हवा संतोषजनक बनी हुई है। दिल्ली की तरह ही देश के 87 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है।
इन शहरों में हैदराबाद, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जालौर, जोधपुर, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, कन्नूर, कानपुर, करूर, कटिहार, कटनी, खन्ना, कोहिमा, कोटा, लखनऊ, लुधियाना, मालेगांव, मंडीदीप, मेरठ, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागौर, नलबाड़ी, नोएडा, पाली, पटना, प्रयागराज आदि शामिल हैं।
वहीं साफ हवा वाले शहरों के उलट आज देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में 11 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।
विश्लेषण में यह भी सामने आया है कि आज देश के महज सात शहरों की हवा मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में बेतिया, बर्नीहाट, ग्रेटर नोएडा, इंफाल, मंडी बिंदगढ़, ऊटी, तालचेर शामिल हैं। राहत की खबर यह है कि कल से देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में करीब 42 फीसदी की गिरावट आई है।
क्या कहते हैं आंकड़े
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 218 में से 122 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। 88 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 02 जुलाई 2025 को यह आंकड़ा 99 दर्ज किया गया था।
7 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में धौलपुर (234) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 360 के करीब पहुंच गया। कल भिवंडी में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब सूचकांक 350 रिकॉर्ड किया गया।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 11 अंकों का सुधार आया है। इसके साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक गिरकर 72 पर पहुंच गया। मतलब की दिल्ली में आज भी वायु गुणवत्ता संतोषजनक श्रेणी में बनी हुई है। वहीं आज फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।
गौरतलब है कि पिछले चार महीनों जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।
आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज ऊटी चौथे स्थान पर है, वहीं बर्नीहाट (148) दूसरे, जबकि तालचेर (124) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 80, गाजियाबाद में 71, गुवाहाटी में 57, गुरूग्राम में 54, नोएडा में 86, ग्रेटर नोएडा में 104 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 40 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘बेहतर’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 57, चेन्नई में 82, चंडीगढ़ में 48, हैदराबाद में 59, जयपुर में 62 और पटना में 64 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 122 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आगरा, अहमदनगर, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अमरावती (महाराष्ट्र), अररिया, अरियालूर, आरा, आसनसोल, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बागलकोट, बागपत, बालासोर, बारबिल, बारीपदा, बैरकपुर, बठिंडा, बेलापुर, भरतपुर, भिलाई, भिवंडी, भोपाल, बीदर, बिलासपुर, बिलीपाड़ा, बोईसर, बूंदी, बक्सर, चामराजनगर, चंडीगढ़, छाल, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तौड़गढ़, कुड्डालोर, दमोह, दौसा, दावनगेरे, देहरादून, देवास, धुले, डिंडीगुल, दुर्गापुर, फिरोजाबाद, गया, गोरखपुर, हल्दिया, हनुमानगढ़, हापुड, हावड़ा, हुबली, इंदौर, जबलपुर, जलना, झालावाड़, झांसी, झुंझुनूं, जोरापोखर, करौली, काशीपुर, किशनगंज, कोल्हापुर, कोलकाता, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, मंगलौर, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मुंगेर, मैसूर, नागपुर, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, पालकालाइपेरुर, पंचगांव, पटियाला, पेरुंदुरई, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, पुणे, पूर्णिया, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनाथपुरम, रतलाम, ऋषिकेश, राउरकेला, सांगली, सवाई माधोपुर, शिलांग, शिवमोगा, सीकर, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, सोलापुर, टेन्सा, ठाणे, तंजावुर, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तिरुपति, तिरुपुर, टोंक, तुमिडीह, वाराणसी, वातवा, वेल्लोर, विजयपुरा, विरार, विरुधुनगर शामिल हैं।
वहीं अहमदाबाद, अजमेर, अलवर, अंगुल, अंकलेश्वर, बद्दी, बदलापुर, बांसवाड़ा, बारां, बरेली, बाड़मेर, बेगूसराय, बेंगलुरु, भागलपुर, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, भुवनेश्वर, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, ब्यासनगर, चंद्रपुर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, चित्तूर, चुरू, कोयंबटूर, कटक, दिल्ली, धनबाद, धारवाड़, डूंगरपुर, एलूर, गांधीनगर, गाजियाबाद, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, गुवाहाटी, ग्वालियर, हाजीपुर, होसुर, हैदराबाद, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जालौर, जोधपुर, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, कन्नूर, कानपुर, करूर, कटिहार, कटनी, खन्ना, कोहिमा, कोटा, लखनऊ, लुधियाना, मालेगांव, मंडीदीप, मेरठ, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागौर, नलबाड़ी, नोएडा, पाली, पटना, प्रयागराज, राजसमंद, सागर, सलेम, समस्तीपुर, सिंगरौली, सिवान, श्रीगंगानगर, तिरुवनंतपुरम, तुमकुरु, उदयपुर, उल्हासनगर, वापी, विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम, वृंदावन, यादगीर आदि 88 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।