

रोहतक में वायु प्रदूषण की स्थिति गंभीर हो गई है, जहां एक्यूआई 426 तक पहुंच गया है। यह विश्व स्वास्थ्य संगठन की सुरक्षित सीमा से 2,740 फीसदी अधिक है।
दिल्ली में भी प्रदूषण बढ़कर 373 पर पहुंच गया है।
देश के 243 शहरों में से 75 शहरों में हवा साफ है, जबकि 11 शहरों में वायु गुणवत्ता बेहद खराब है।
दूसरी तरफ आज देश में कुंजेमुरा की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 15 रिकॉर्ड किया गया।
आंकड़ों से पता चला है कि आज प्रदूषण के मामले में धारूहेड़ा (406) दूसरे जबकि चरखी दादरी (392) तीसरे स्थान पर है।
इसी तरह 373 अंकों के साथ दिल्ली चौथे स्थान पर है।
नोएडा-गाजियाबाद में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 372 और 364 अंकों के साथ पांचवें और छठे पायदान पर हैं।
देश में आज प्रदूषण के मामले में रोहतक अव्वल है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 426 पर पहुंच गया है। मतलब की आज वहां की वायु गुणवत्ता 'गंभीर' स्थिति में पहुंच गई है। वहीं कल रोहतक में सूचकांक 268 रिकॉर्ड किया गया था। मतलब की कल से वहां प्रदूषण में 158 अंकों का भारी उछाल आया है।
रुझानों से पता चला है कि आज वहां हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) पूरी तरह हावी हैं। देखा जाए तो वहां फिजाओं में घुला जहर इतना ज्यादा है कि वो लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है।
रोहतक में प्रदूषण से स्थिति किस कदर खराब है, इसी बात से समझा जा सकता है कि वहां प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित सुरक्षित सीमा से 2,740 फीसदी अधिक है। दूसरी तरफ आज देश में कुंजेमुरा की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 15 रिकॉर्ड किया गया।
ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर रोहतक की तुलना कुंजेमुरा से करें तो वहां स्थिति 26 गुणा खराब है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 30 अक्टूबर 2025 को 243 शहरों के लिए जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि इनमें से जहां 30.9 फीसदी शहरों में हवा साफ है।
वहीं करीब 42.4 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ 26.7 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं। मतलब की देश के ज्यादातर शहरों में आज हवा संतोषजनक है। राहत की खबर यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में इजाफा हुआ है।
रुझानों से पता चला है कि आज जहां देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 5.6 फीसदी का इजाफा हुआ है। वहीं दूसरी तरफ सन्तोषजनक हवा वाले शहरों में 13 फीसदी से अधिक की गिरावट आई है। मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में करीब तीन फीसदी का उछाल रिकॉर्ड किया गया है।
वहीं दूसरी तरफ आज देश में खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में छह फीसदी से अधिक की गिरावट आई है, जबकि बेहद खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 120 फीसदी का उछाल आया है।
राजधानी दिल्ली की बात करें तो वहां कल से प्रदूषण में अच्छा खासा इजाफा हुआ है। इसके साथ ही वहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 373 पर पहुंच गया। दिल्ली में हालात अभी भी इस कदर खराब है कि वहां वायु गुणवत्ता डब्ल्यूएचओ मानकों से 2,387 फीसदी अधिक प्रदूषित है।
आज फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक 166 रिकॉर्ड किया गया है।
आंकड़ों से पता चला है कि आज प्रदूषण के मामले में धारूहेड़ा (406) दूसरे जबकि चरखी दादरी (392) तीसरे स्थान पर है। इसी तरह 373 अंकों के साथ दिल्ली चौथे स्थान पर है। नोएडा-गाजियाबाद में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 372 और 364 अंकों के साथ पांचवें और छठे पायदान पर हैं।
देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में आज भिवाड़ी (360) सातवें स्थान पर हैं। इसी तरह दस सबसे प्रदूषित शहरों में आज बागपत (353), जींद (347) और बहादुरगढ़ (344) भी शामिल हैं। गौरतलब है कि आज देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में हरियाणा के पांच शहर (रोहतक, धारूहेड़ा, चरखी दादरी, जींद, और बहादुरगढ़) शामिल हैं।
विश्लेषण से यह भी पता चला है कि आज जहां रोहतक, धारूहेड़ा, चरखी दादरी, दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, भिवाड़ी, बागपत, जींद, बहादुरगढ़, ग्रेटर नोएडा, सोनीपत, बल्लभगढ़, मानेसर, मेरठ, चुरू, झुंझुनूं, हनुमानगढ़, भिवानी, सीकर, गुरूग्राम, बठिंडा, बुलन्दशहर, टोंक, मुजफ्फरनगर, कैथल, कुरूक्षेत्र, जालंधर, खन्ना, दौसा, अलवर, फरीदाबाद, पंचकुला, रूपनगर, लुधियाना, नागौर, पीथमपुर, जयपुर, नारनौल, पटियाला, तुमकुरु, गोरखपुर, धौलपुर, चंडीगढ़, जलगांव, करौली, गुम्मिडिपूंडी, अंकलेश्वर आदि शहरों की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) हावी है।
वहीं पानीपत, श्री गंगानगर, बीकानेर, खुर्जा, हापुड, मंडी गोबिंदगढ़, रतलाम, मुरादाबाद, मंडीदीप, मैहर, अजमेर, जलना, मालेगांव आदि शहरों में पीएम10 से स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।
इसी तरह कुछ शहरों में कार्बन और ओजोन से स्थिति खराब है। इन शहरों के विपरीत आज देश के 30.9 फीसदी यानी 75 शहरों में हवा साफ है।
इन साफ हवा वाले शहरों में देहरादून, डिंडीगुल, दुर्गापुर, गंगटोक, हल्दिया, हावेरी, होसुर, हावड़ा, झांसी, कलबुर्गी, कांचीपुरम, करूर, कटनी, क्योंझर, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कुंजेमुरा, मदुरै, मीरा-भायंदर, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागपट्टिनम, नागपुर, नयागढ़, ऊटी, पालकालाइपेरुर, परभनी, पेरुंदुरई, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनाथपुरम आदि शामिल हैं।
कल से तुलना करें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 5.6 फीसदी का इजाफा हुआ है। दूसरी तरह संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में 13.4 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है।
आज देश के जिन शहरों में वायु गुणवत्ता सन्तोषजनक है, उनमें भोपाल, बिहारशरीफ, बिलासपुर, बूंदी, चेंगलपट्टू, चेन्नई, चित्तूर, कोयंबटूर, देवास, धनबाद, धारवाड़, धुले, डूंगरपुर, एलूर, फिरोजाबाद, गडग, गांधीनगर, गया, गुवाहाटी, ग्वालियर, हाजीपुर, हुबली, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जालौर, झालावाड़, जोधपुर, कडपा, कल्याण, कन्नूर, कानपुर, काशीपुर, किशनगंज, कोहिमा, कोरबा आदि शामिल हैं।
इन शहरों के उलट आज देश के 37 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है।
इन शहरों में अजमेर, अलवर, अंकलेश्वर, बद्दी, चंडीगढ़, दौसा, धौलपुर, फरीदाबाद, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, हापुड, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जलना, कैथल, करौली, खन्ना, खुर्जा, कुरूक्षेत्र, लुधियाना, मैहर, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मुरादाबाद, नागौर, नलबाड़ी, नारनौल, पंचगांव, पंचकुला, पटियाला, पीथमपुर, रतलाम, रूपनगर, तुमकुरु शामिल हैं।
कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में करीब तीन फीसदी का इजाफा हुआ है।
आंकड़ों में यह भी सामने आया है कि आज देश के 15 शहरों में वायु गुणवत्ता खराब है। इन शहरों में बठिंडा, भिवानी, बीकानेर, बुलन्दशहर, चुरू, गुरूग्राम, हनुमानगढ़, झुंझुनूं, मानेसर, मेरठ, मुजफ्फरनगर, पानीपत, सीकर, श्री गंगानगर, टोंक शामिल हैं।
कल से देखें तो देश में खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में छह फीसदी से अधिक की गिरावट आई है।
इसी तरह आज देश के 11 शहरों में वायु गुणवत्ता बेहद खराब है। इन शहरों में बागपत, बहादुरगढ़, बल्लभगढ़, भिवाड़ी, चरखी दादरी, दिल्ली, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, जींद, नोएडा सोनीपत शामिल हैं। कल से तुलना करें तो देश में ‘बेहद खराब’ हवा वाले शहरों की गिनती में 120 फीसदी का इजाफा हुआ है, जोकि बेहद चिंताजनक है।
यह भी सामने आया है कि आज देश में रोहतक (426) और धारूहेड़ा (406) में स्थिति सबसे खराब है, जहां एक्यूआई ‘गंभीर’ स्तर पर पहुंच गया है।
क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 243 में से 75 शहरों (+5.6 फीसदी) में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) है। 103 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 29 अक्टूबर 2025 को यह आंकड़ा 119 दर्ज किया गया था।
37 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में आज रोहतक (426) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 430 के करीब पहुंच गया। कल पंचकुला में वायु गुणवत्ता सूचकांक 334 रिकॉर्ड किया गया था। हालांकि आज 169 अंकों के सुधार के साथ पंचकुला में एक्यूआई घटकर 165 पर पहुंच गया है।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में भारी इजाफा हुआ है। दिल्ली में 94 अंकों के उछाल के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 373 पर पहुंच गया। मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता एक बार फिर खराब से ‘बेहद खराब’ श्रेणी में पहुंच गई है। वहीं आज फरीदाबाद में प्रदूषण का स्तर 166 रिकॉर्ड किया गया था। हालांकि कल से सरकार ने फरीदाबाद से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए थे।
गौरतलब है कि पिछले दो-तीन महीनों में जून, जुलाई और अगस्त के दौरान दिल्ली की वायु गुणवत्ता ज्यादातर दिन संतोषजनक रही। वहीं जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।
प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज दिल्ली चौथे स्थान पर है, वहीं धारूहेड़ा (406) दूसरे, जबकि चरखी दादरी (392) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 87, गाजियाबाद में 364, गुवाहाटी में 80, गुरूग्राम में 248, नोएडा में 372, ग्रेटर नोएडा में 330 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 57 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 76, चेन्नई में 87, चंडीगढ़ में 125, हैदराबाद में 61, जयपुर में 158 और पटना में 70 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 75 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, अमरावती (महाराष्ट्र), अररिया, अरियालूर, आसनसोल, बारबिल, बारीपदा, बैरकपुर, बेतिया, भिलाई, भुवनेश्वर, ब्यासनगर, चामराजनगर, चंद्रपुर, छाल, चिक्कामगलुरु, कुड्डालोर, कटक, दमोह, दावनगेरे, देहरादून, डिंडीगुल, दुर्गापुर, गंगटोक, हल्दिया, हावेरी, होसुर, हावड़ा, झांसी, कलबुर्गी, कांचीपुरम, करूर, कटनी, क्योंझर, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कुंजेमुरा, मदुरै, मीरा-भायंदर, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागपट्टिनम, नागपुर, नयागढ़, ऊटी, पालकालाइपेरुर, परभनी, पेरुंदुरई, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, सहरसा, शिलांग, शिवमोगा, सिंगरौली, सोलापुर, टेन्सा, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, तिरुपुर, तुमिडीह, वाराणसी, वातवा, विजयपुरा, यादगीर शामिल हैं।
वहीं आगरा, अहमदाबाद, अहमदनगर, अकोला, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अमृतसर, अनंतपुर, अंगुल, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बालासोर, बांसवाड़ा, बारां, बरेली, बाड़मेर, बेगूसराय, बेलापुर, बेलगाम, बेंगलुरु, भागलपुर, भरतपुर, भीलवाड़ा, भिवंडी, भोपाल, बिहारशरीफ, बिलासपुर, बूंदी, चेंगलपट्टू, चेन्नई, चित्तूर, कोयंबटूर, देवास, धनबाद, धारवाड़, धुले, डूंगरपुर, एलूर, फिरोजाबाद, गडग, गांधीनगर, गया, गुवाहाटी, ग्वालियर, हाजीपुर, हुबली, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जालौर, झालावाड़, जोधपुर, कडपा, कल्याण, कन्नूर, कानपुर, काशीपुर, किशनगंज, कोहिमा, कोरबा, टा, लखनऊ, महाड, मांडीखेड़ा, मंगलौर, मोतिहारी, मुंबई, मैसूर, नाहरलगुन, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, पाली, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुणे, पूर्णिया, राजसमंद, रानीपेट, राउरकेला, सागर, सांगली, सासाराम, सतना, सवाई माधोपुर, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, सिवान, सूरत, ठाणे, त्रिशूर, उदयपुर, उडुपी, उल्हासनगर, वापी, विजयवाड़ा, विरार, विरुधुनगर, विशाखापत्तनम, वृंदावन आदि 103 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।