सांसों पर संकट: 24 घंटे में 10 फीसद घटे साफ हवा वाले शहर, किशनगंज सबसे प्रदूषित

किशनगंज की हवा डब्ल्यूएचओ मानकों से 1,400 फीसदी अधिक जहरीली, बारिश के बाद दिल्ली की वायु गुणवत्ता में आया मामूली सुधार
फोटो: विकास चौधरी
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  • 19 सितम्बर 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 44 फीसदी शहरों में हवा साफ, लेकिन 24 घंटे में साफ हवा वाले शहरों की संख्या में करीब 10 फीसदी की गिरावट आई।

  • देश के 51 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक, जबकि 5.4 फीसदी में हालात चिंताजनक।

  • किशनगंज देश का सबसे प्रदूषित शहर रहा, जहां एक्यूआई 226 दर्ज किया गया और हवा मानकों से 1,400 फीसदी ज्यादा जहरीली पाई गई।

  • शिलांग सबसे स्वच्छ शहर रहा, जहां एक्यूआई महज 11 था, किशनगंज से 20 गुना बेहतर।

  • दिल्ली में बारिश के बाद मामूली सुधार हुआ और एक्यूआई 107 पर आ गया, लेकिन यह अभी भी डब्ल्यूएचओ सीमा से 138 फीसदी अधिक है।

  • अन्य प्रदूषित शहरों में नंदेसरी (174), कांचीपुरम (124), गाजियाबाद (120), ग्रेटर नोएडा (116), बांसवाड़ा और दिल्ली (107) शामिल रहे।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 19 सितम्बर 2025 को जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि आज देश के जहां 44 फीसदी शहरों में हवा साफ है। चिंता की बात यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 10 फीसदी की गिरावट आई है। 

वहीं 51 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ करीब 5.4 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं। मतलब की देश के ज्यादातर शहरों में आज हवा संतोषजनक है।

कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की संख्या में 9.3 फीसदी की गिरावट आई है, जबकि मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में भी 21.4 फीसदी की कमी दर्ज की गई। दूसरी तरफ संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 17 फीसदी का इजाफा हुआ है।

रुझानों में यह भी सामने आया है कि आज देश में किशनगंज की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 226 दर्ज किया गया। मतलब की वहां वायु गुणवत्ता का स्तर 'खराब' बना हुआ है। वहां फिजाओं में घुला जहर लोगों को बीमार बना देने के लिए काफी है। गौरतलब है कि कल सरकार ने किशनगंज से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए थे।

बता दें कि इस दौरान किशनगंज की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) हावी रहे। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी मानकों के लिहाज से देखें तो किशनगंज में प्रदूषण का स्तर सुरक्षित सीमा से 1,400 फीसदी अधिक है।

वहीं कल देश में कांचीपुरम की हवा सबसे खराब थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 172 दर्ज किया गया था। हालांकि आज वहां वायु गुणवत्ता में 48 अंकों का भारी सुधार आया है। इसके बावजूद वहां वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में बनी हुई हुई है।

दूसरी तरफ आज एक बार फिर देश में शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 11 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर किशनगंज की तुलना शिलांग से करें तो वहां स्थिति 20 गुणा खराब है।

राजधानी दिल्ली की बात करें तो वहां कल से प्रदूषण में गिरावट आई है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक सुधरकर 107 पर पहुंच गया है। बता दें कि दिल्ली में प्रदूषण का स्तर सुरक्षित सीमा से 138 फीसदी अधिक है।

आंकड़ों के मुताबिक आज प्रदूषण के मामले में नंदेसरी (174) दूसरे जबकि कांचीपुरम (124) तीसरे स्थान पर है। इसी तरह 120 अंकों के साथ गाजियाबाद तीसरे पायदान पर है। ग्रेटर नोएडा में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 116 अंकों के साथ आज पांचवें स्थान पर है।  इसी तरह बांसवाड़ा और दिल्ली छठे और सातवें स्थान पर बने हुए हैं, जहां एक्यूआई 107 रिकॉर्ड किया गया। देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों की लिस्ट में आज भिवाड़ी (106), बर्नीहाट (104) और सिवान (104) भी शामिल हैं।

रुझानों में यह भी सामने आया है कि आज जहां किशनगंज, नंदेसरी, ग्रेटर नोएडा, भिवाड़ी, बर्नीहाट आदि की हवा में प्रदूषण के महीन कण यानी पीएम2.5 हावी रहा। वहीं कांचीपुरम, गाजियाबाद, बांसवाड़ा, दिल्ली, पाली, बिलीपाड़ा आदि में पीएम10 से स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।

इन शहरों के विपरीत आज देश के छोटे-बड़े 97 शहरों में हवा साफ है, जिनमें फिरोजाबाद, गंगटोक, गुवाहाटी, हल्दिया, हुबली, इंदौर, जबलपुर, जलना, कलबुर्गी, करूर, काशीपुर, कटनी, खुर्जा, कोल्हापुर, कोरबा, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मंगलौर, मीरा-भायंदर, मुंबई, मुंगेर, नागपट्टिनम, नागपुर, नाहरलगुन, नासिक, नवी मुंबई, पालकालाइपेरुर, पटियाला आदि शामिल हैं।

चिंता की बात यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में नौ फीसदी की गिरावट आई है।

वहीं दूसरी तरफ आज देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 17 फीसदी का इजाफा दर्ज किया गया है। इसके साथ ही देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती बढ़कर 113 पर पहुंच गई।

देश के जिन शहरों में आज वायु गुणवत्ता संतोषजनक है, उनमें हाजीपुर, हनुमानगढ़, हापुड, होसुर, हावड़ा, हैदराबाद, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जालौर, झालावाड़, झांसी, झुंझुनूं, जोधपुर, कडपा, कल्याण, कन्नूर, कानपुर, करौली, कटिहार, क्योंझर, खन्ना, कोहिमा, कोलकाता, कोटा, लखनऊ, लुधियाना, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़ आदि शामिल हैं।

आज देश के जिन शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में दर्ज की गई है, उनमें बांसवाड़ा, भिवाड़ी, बिलीपाड़ा, बर्नीहाट, दिल्ली, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, कांचीपुरम, नंदेसरी, पाली, सिवान शामिल हैं।

क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 222 में से 97 (-9.3 फीसदी) शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) है। 113 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 17 सितम्बर 2025 को यह आंकड़ा 97 दर्ज किया गया था।

11 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में किशनगंज (226) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 230 के करीब पहुंच गया। कल कांचीपुरम में वायु गुणवत्ता सूचकांक 172 रिकॉर्ड किया गया था।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में गिरावट आई है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 7 अंकों के सुधार के साथ घटकर 107 पर पहुंच गया। मलतब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता अभी भी मध्यम श्रेणी में बनी हुई है। वहीं आज फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं। 

गौरतलब है कि पिछले दो-तीन महीनों में जून, जुलाई और अगस्त के दौरान दिल्ली की वायु गुणवत्ता ज्यादातर दिन संतोषजनक रही। वहीं जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।

प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज गाजियाबाद चौथे स्थान पर है, वहीं नंदेसरी (174) दूसरे, जबकि कांचीपुरम (124) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 61, गाजियाबाद में 120, गुवाहाटी में 35, हापुड में 100, नोएडा में 99, ग्रेटर नोएडा में 116 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 38 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘बेहतर‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 58, चेन्नई में 52, चंडीगढ़ में 48, हैदराबाद में 76, जयपुर में 94 और पटना में 93 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 97 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, अकोला, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अमरावती (महाराष्ट्र), अररिया, अरियालूर, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), बदलापुर, बागलकोट, बरेली, बैरकपुर, बठिंडा, बेगूसराय, बेलापुर, बेंगलुरु, भिलाई, भिवंडी, भोपाल, भुवनेश्वर, बिलासपुर, बोईसर, चामराजनगर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, छाल, छपरा, चिक्कामगलुरु, कुड्डालोर, कटक, दमोह, दावनगेरे, देहरादून, देवास, धुले, डिंडीगुल, डूंगरपुर, फिरोजाबाद, गंगटोक, गुवाहाटी, हल्दिया, हुबली, इंदौर, जबलपुर, जलना, कलबुर्गी, करूर, काशीपुर, कटनी, खुर्जा, कोल्हापुर, कोरबा, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मंगलौर, मीरा-भायंदर, मुंबई, मुंगेर, नागपट्टिनम, नागपुर, नाहरलगुन, नासिक, नवी मुंबई, पालकालाइपेरुर, पटियाला, पेरुंदुरई, पिंपरी-चिंचवाड, प्रयागराज, पुडुकोट्टई, पूर्णिया, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, राउरकेला, सलेम, सांगली, शिलांग, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिंगरौली, शिवसागर, सोलापुर, टेन्सा, ठाणे, तंजावुर, थूथुकुडी, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, तिरुपुर, वाराणसी, विजयपुरा, विरार, विरुधुनगर, यादगीर शामिल हैं।

वहीं आगरा, अहमदाबाद, अहमदनगर, अजमेर, अलवर, अमृतसर, अंगुल, अंकलेश्वर, आरा, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बद्दी, बालासोर, बारां, बारबिल, बारीपदा, बाड़मेर, भागलपुर, भरतपुर, भीलवाड़ा, बिहार शरीफ, बीकानेर, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, बूंदी, बक्सर, ब्यासनगर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, चुरू, कोयंबटूर, दौसा, धनबाद, धारवाड़, धौलपुर, दुर्गापुर, एलूर, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, ग्वालियर, हाजीपुर, हनुमानगढ़, हापुड, होसुर, हावड़ा, हैदराबाद, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जालौर, झालावाड़, झांसी, झुंझुनूं, जोधपुर, कडपा, कल्याण, कन्नूर, कानपुर, करौली, कटिहार, क्योंझर, खन्ना, कोहिमा, कोलकाता, कोटा, लखनऊ, लुधियाना, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मेरठ, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागौर, नलबाड़ी, नयागढ़, नोएडा, पंचगांव, पटना, पीथमपुर, प्रतापगढ़, पुणे, रायरंगपुर, राजगीर, राजसमंद, रतलाम, सागर, सासाराम, सतना, सवाई माधोपुर, शिवमोगा, सीकर, सिरोही, श्रीगंगानगर, तिरुवनंतपुरम, तिरुचिरापल्ली, तिरुपति, टोंक, तुमिडीह, उदयपुर, उल्हासनगर, वापी, वातवा, विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम, वृंदावन आदि 113 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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