

पंचकुला में वायु गुणवत्ता सूचकांक 403 तक पहुंच गया है, जो गंभीर श्रेणी में आता है। कल से वहां प्रदूषण के स्तर में 125 अंकों का भारी उछाल आया है।
पंचकुला से स्थिति किस कदर खराब है, इसी बात से समझा जा सकता है कि वहां प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित सुरक्षित सीमा से 2,500 फीसदी अधिक है।
दूसरी तरफ देश में शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 10 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर पंचकुला की तुलना शिलांग से करें तो वहां स्थिति 39 गुणा खराब है।
राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो कल से प्रदूषण में 98 अंकों का भारी उछाल आया है। इसके साथ दिल्ली में आज फिर वायु गुणवत्ता 'खराब' से 'बेहद खराब' श्रेणी में पहुंच गई।
26 दिसंबर, 2025 को 235 शहरों के लिए जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि इनमें से जहां महज 4.3 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं 28.5 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ 67.2 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं।
फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक 234 रिकॉर्ड किया गया है।
आंकड़ों से पता चला है कि प्रदूषण के मामले में बद्दी (394) दूसरे जबकि ग्रेटर नोएडा (394) तीसरे स्थान पर है। इसी तरह 382 अंकों के साथ गाजियाबाद चौथे स्थान पर है।
नोएडा-बहादुरगढ़ में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 376 और 371 अंकों के साथ पांचवें और छठे पायदान पर हैं।
बागपत (339) सातवें स्थान पर हैं। इसी तरह दस सबसे प्रदूषित शहरों में दिल्ली (332), मेरठ (330) और हापुड़ (328) भी शामिल हैं।
आज देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में उत्तर प्रदेश के छह शहर (ग्रेटर नोएडा, नोएडा, गाजियाबाद, बागपत, मेरठ, हापुड़) शामिल हैं।
विश्लेषण से पता चला है कि 26 दिसंबर 2025 को देश में पंचकुला की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित रही, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई 403 रिकॉर्ड किया गया। कल पंचकुला में वायु गुणवत्ता सूचकांक 278 दर्ज किया गया था। मतलब कि कल से वहां प्रदूषण के स्तर में 125 अंकों का भारी उछाल आया है।
इसके साथ ही वहां वायु गुणवत्ता 'खराब' से ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गई है। रुझानों में सामने आया है कि पंचकुला की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) पूरी तरह हावी हैं। देखा जाए तो वहां फिजाओं में घुला जहर इतना ज्यादा है कि वो लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है।
पंचकुला से स्थिति किस कदर खराब है, इसी बात से समझा जा सकता है कि वहां प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित सुरक्षित सीमा से 2,500 फीसदी अधिक है।
दूसरी तरफ देश में शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 10 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर पंचकुला की तुलना शिलांग से करें तो वहां स्थिति 39 गुणा खराब है।
कल देश में बालासोर की हवा सबसे खराब थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 338 दर्ज किया गया था। हालांकि आज 11 अंकों के सुधार के साथ बालासोर में वायु गुणवत्ता सूचकांक 327 पर पहुंच गया है। मतलब कि वहां वायु गुणवत्ता अभी भी बेहद खराब बनी हुई है।
राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो कल से प्रदूषण में 98 अंकों का भारी उछाल आया है। इसके साथ दिल्ली में आज फिर वायु गुणवत्ता 'खराब' से 'बेहद खराब' श्रेणी में पहुंच गई। बता दें कि कल दिल्ली में एक्यूआई 234 दर्ज किया गया था, जो आज बढ़कर 332 पर पहुंच गया। गौरतलब है कि इससे पहले 14 नवंबर को दिल्ली में साल का सबसे प्रदूषित दिन दर्ज किया गया था, जब एक्यूआई बढ़कर 461 तक पहुंच गया।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 26 दिसंबर, 2025 को 235 शहरों के लिए जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि इनमें से जहां महज 4.3 फीसदी शहरों में हवा साफ है।
वहीं 28.5 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ 67.2 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं। मतलब की देश के ज्यादातर शहरों में आज भी हवा चिंताजनक है।
बता दें कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में नौ फीसदी की गिरावट आई है। इसी तरफ संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में भी 15 फीसदी से अधिक की गिरावट दर्ज की गई। मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की बात करें तो इनकी संख्या में 3.7 फीसदी की गिरावट आई है।
दूसरी तरफ खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो उनकी गिनती में कल से करीब नौ फीसदी का इजाफा हुआ है। वहीं बेहद खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की बात करें तो उनकी गिनती में कल से 150 फीसदी का इजाफा हुआ है, जोकि चिंता का विषय है।
फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक 234 रिकॉर्ड किया गया है।
आंकड़ों से पता चला है कि प्रदूषण के मामले में बद्दी (394) दूसरे जबकि ग्रेटर नोएडा (394) तीसरे स्थान पर है। इसी तरह 382 अंकों के साथ गाजियाबाद चौथे स्थान पर है। नोएडा-बहादुरगढ़ में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 376 और 371 अंकों के साथ पांचवें और छठे पायदान पर हैं।
बागपत (339) सातवें स्थान पर हैं। इसी तरह दस सबसे प्रदूषित शहरों में दिल्ली (332), मेरठ (330) और हापुड़ (328) भी शामिल हैं। गौरतलब है कि आज देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में उत्तर प्रदेश के छह शहर (ग्रेटर नोएडा, नोएडा, गाजियाबाद, बागपत, मेरठ, हापुड़) शामिल हैं।
विश्लेषण से यह भी पता चला है कि पंचकुला, बद्दी, ग्रेटर नोएडा, नोएडा, बहादुरगढ़, बागपत, दिल्ली, हापुड़, बालासोर, अंगुल, पानीपत, गुरुग्राम, कटक, हल्दिया, धारूहेड़ा, ब्यासनगर, सोनीपत, विशाखापत्तनम, तालचेर, बल्लभगढ़, बारीपदा, जींद, बुलंदशहर, चंडीगढ़, कुरुक्षेत्र, भुवनेश्वर, कोल्लम, मानेसर, अररिया, बैरकपुर, खुर्जा, पिंपरी-चिंचवाड़, राजमहेंद्रवरम, चरखी दादरी, देहरादून, फरीदाबाद, नारनौल, पूर्णिया, पुणे, कटिहार, गुम्मिडीपूंडी, चित्तौड़गढ़, बेतिया, मुजफ्फरनगर, बिहार शरीफ, कोलकाता, मोतिहारी, हाजीपुर, काशीपुर, खन्ना, ग्वालियर, तिरुमाला, बेगूसराय, भोपाल, सिरसा, वातवा, कोटा, उदयपुर, बारबिल, आसनसोल, झालावाड़, समस्तीपुर, पाली, बर्नीहाट, नागांव, कैथल, भिवानी, राजसमंद, पीथमपुर, मुजफ्फरपुर, सिलीगुड़ी, प्रयागराज, मंडीखेड़ा, मुंगेर, सोलापुर आदि शहरों की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) हावी हैं।
वहीं गाजियाबाद, मेरठ, रूपनगर, भिवाड़ी, हावड़ा, चूरू, किशनगंज, आगरा, बीकानेर, हिसार, टोंक, झुंझुनू, श्री गंगानगर, धनबाद, मंडीदीप, सहरसा, उल्हासनगर, जालोर, सिंगरौली, लखनऊ, फतेहाबाद, जैसलमेर, पटियाला, दुर्गापुर, हनुमानगढ़, सीकर, तिरुवनंतपुरम, कल्याण, नागौर, बदलापुर, भिवंडी, नवी मुंबई, गया, जालंधर, जयपुर, अमरावती (आंध्रप्रदेश), छपरा, राउरकेला, मुरादाबाद, नागपुर, नासिक, अहमदाबाद, अंकलेश्वर, सिवान आदि शहरों में पीएम10 से स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।
इसी तरह कुछ शहरों में कार्बन और ओजोन से स्थिति खराब है।
इन शहरों के विपरीत देश के 4.3 फीसदी यानी महज 10 शहरों में हवा साफ है। इन साफ हवा वाले शहरों में आइजोल, चामराजनगर, चिक्कमगलुरु, दमोह, झांसी, नाहरलागुन, शिलांग, शिवमोगा, श्री विजया पुरम आदि शामिल हैं।
आज देश के जिन 67 शहरों में वायु गुणवत्ता सन्तोषजनक है, उनमें बरेली, बठिंडा, बेलगाम, बेंगलुरु, भिलाई, भीलवाड़ा, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, बूंदी, बक्सर, चंद्रपुर, चेन्नई, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दौसा, देवास, एलूर, फिरोजाबाद, गोरखपुर, गुवाहाटी, हुबली, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जलगांव, जलना, कडप्पा, कलबुर्गी, कन्नूर, करौली, करूर, कटनी, कोहिमा, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, मदिकेरी आदि शामिल हैं।
इन शहरों के उलट आज देश के 105 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है।
इन शहरों में अहमदाबाद, अहमदनगर, अजमेर, अलवर, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अंबाला, अमृतसर, अनंतपुर, अंकलेश्वर, आसनसोल, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बारबिल, बाड़मेर, बेगूसराय, बेलापुर, भागलपुर, भरतपुर, भिवंडी, भिवानी, भोपाल, बिहार शरीफ, बोइसर, बर्नीहाट, छाल, छपरा, चित्तूर, दावनगेरे, धनबाद, धौलपुर, धुले, डूंगरपुर, दुर्गापुर, फतेहाबाद, गांधीनगर, गया, ग्वालियर, हाजीपुर, हनुमानगढ़, हिसार, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जालोर, झालावाड़, झुंझुनू, जोधपुर, कैथल, कल्याण, कानपुर, करनाल, काशीपुर, खन्ना, कोल्हापुर, कोलकाता, कोटा, लखनऊ, लुधियाना, मंडीदीप, मंडीखेड़ा, मंगुराहा, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नागांव, नागौर, नागपुर, नलबाड़ी, नासिक, नवी मुंबई, पाली, परभनी, पटियाला, पटना, पीथमपुर, प्रयागराज, रायरंगपुर, राजसमंद, रतलाम, राउरकेला, सहरसा, समस्तीपुर, सांगली, सीकर, सिलीगुड़ी, सिंगरौली, सिरसा, सिवान, सोलापुर, श्री गंगानगर, सूरत, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, तिरुमाला, तिरुपति, टोंक, उदयपुर, उल्हासनगर, वाराणसी, वातवा, विजयवाड़ा, विरार शामिल हैं।
आंकड़ों में यह भी सामने आया है कि आज देश के 37 शहरों में वायु गुणवत्ता खराब है। इन शहरों में आगरा, अररिया, बल्लभगढ़, बारीपदा, बैरकपुर, बेतिया, भिवाड़ी, भुवनेश्वर, बीकानेर, बुलंदशहर, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चरखी दादरी, चित्तौड़गढ़, चूरू, देहरादून, धारूहेड़ा, फरीदाबाद, गुम्मिडीपूंडी, हावड़ा, जींद, कटिहार, खुर्जा, किशनगंज, कोल्लम, कुरुक्षेत्र, मानेसर, मुजफ्फरनगर, नारनौल, पिंपरी-चिंचवाड़, पुणे, पूर्णिया, राजमहेंद्रवरम, रूपनगर, सोनीपत, तालचेर, विशाखापत्तनम शामिल हैं।
इसी तरह आज देश के 15 शहरों में वायु गुणवत्ता बेहद खराब है। इन शहरों में अंगुल, बद्दी, बागपत, बहादुरगढ़, बालासोर, कटक, दिल्ली, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरुग्राम, हल्दिया, हापुड़, मेरठ, नोएडा, पानीपत शामिल हैं। इसी तरह पंचकुला (403) में स्थिति गंभीर बनी हुई है।
क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 235 में से महज 10 शहरों में हवा 'बेहतर' है। 67 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 25 दिसंबर 2025 को यह आंकड़ा 79 दर्ज किया गया था।
105 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में आज पंचकुला (403) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 410 के करीब पहुंच गया। इसके साथ ही पंचकुला में आज वायु गुणवत्ता ‘खराब’ से 'गंभीर' श्रेणी में पहुंच गई है।
गौरतलब है कि कल देश में बालासोर की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित थी। जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 338 तक पहुंच गया था। हालांकि आज 11 अंकों के सुधार के साथ बालासोर में वायु गुणवत्ता सूचकांक 327 पर पहुंच गया। बालासोर में स्थिति अभी भी बेहद खराब बनी हुई है।
राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल से प्रदूषण में भारी इजाफा हुआ आई है। दिल्ली में 98 अंकों के उछाल के साथ एक्यूआई बढ़कर 332 पर पहुंच गया है। मतलब की वायु गुणवत्ता ‘खराब’ से एक बार फिर बेहद खराब हो गई है।
इसी तरह फरीदाबाद में भी कल से प्रदूषण में इजाफा दर्ज किया गया है। आज फरीदाबाद में एक्यूआई 234 रिकॉर्ड किया गया। मतलब की फरीदाबाद में आज भी वायु गुणवत्ता ‘खराब’ बनी हुई है।
प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में 26 दिसंबर को गाजियाबाद चौथे स्थान पर है, वहीं बद्दी (394) दूसरे, जबकि ग्रेटर नोएडा (394) तीसरे स्थान पर है। अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 77, गाजियाबाद में 382, गुवाहाटी में 77, गुरूग्राम में 312, नोएडा में 376, ग्रेटर नोएडा में 394 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 118 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 148, चेन्नई में 97, चंडीगढ़ में 276, हैदराबाद में 93, जयपुर में 128 और पटना में 134 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 10 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, आइजोल, चामराजनगर, चिक्कमगलुरु, दमोह, झांसी, नाहरलागुन, शिलांग, शिवमोगा, श्री विजया पुरम शामिल हैं।
वहीं अकोला, अमरावती (महाराष्ट्र), बागलकोट, बांसवाड़ा, बारां, बरेली, बठिंडा, बेलगाम, बेंगलुरु, भिलाई, भीलवाड़ा, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, बूंदी, बक्सर, चंद्रपुर, चेन्नई, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दौसा, देवास, एलूर, फिरोजाबाद, गोरखपुर, गुवाहाटी, हुबली, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जलगांव, जलना, कडप्पा, कलबुर्गी, कन्नूर, करौली, करूर, कटनी, कोहिमा, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, मदिकेरी, मंडी गोबिंदगढ़, मंगलौर, मिलुपारा, मैसूर, नयागढ़, पलवल, पंपोर, पंचगांव, पेरुंदुरई, प्रतापगढ़, पुडुचेरी, रायपुर, सागर, सतना, सवाई माधोपुर, सिलचर, सिरोही, शिवसागर, श्रीनगर, सुआकाती, टेन्सा, थूथुकुडी, त्रिशूर, तुमडीह, वृंदावन आदि 67 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।
कल देश में वायु गुणवत्ता की स्थिति कैसी थी इसकी जानकारी आप डाउन टू अर्थ के एयर क्वालिटी ट्रैकर के पिछले अंक से प्राप्त कर सकते हैं:
वायु प्रदूषण में टॉप पर ओडिशा का बालासोर, तालचेर-हल्दिया में भी स्थिति 'बेहद खराब'