प्रदूषण में अव्वल बीकानेर, दूसरी तरफ आइजोल सहित 31 फीसदी शहरों में साफ है हवा

दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो कल से प्रदूषण में इजाफा हुआ है। इसके साथ ही 12 अंकों के उछाल के साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 141 पर पहुंच गया है
प्रदूषण में अव्वल बीकानेर, दूसरी तरफ आइजोल सहित 31 फीसदी शहरों में साफ है हवा
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आज देश में राजस्थान के बीकानेर शहर की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित है, जहां केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा 24 मई 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक वायु गुणवत्ता सूचकांक 191 दर्ज किया गया है। इस दौरान वहां की हवा में प्रदूषण के महीन कण पीएम10 हावी थे। गौरतलब है कि कल राजस्थान के ही एक शहर चुरू की हवा सबसे खराब थी, जब एक्यूआई 148 दर्ज किया गया था।

वहीं दूसरी तरफ आज पालकालाइपेरुर की हवा सबसे साफ रही, जब एक्यूआई 17 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि पालकालाइपेरुर की तुलना बीकानेर से करें तो वहां स्थिति दस गुणा बेहतर है।

इसी तरह आज देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में बठिंडा (173) दूसरे, जबकि दौसा (168) तीसरे स्थान पर है। वहीं चित्तौड़गढ़, 156 अंकों के साथ चौथे स्थान पर है। कमोबेश ऐसी ही स्थिति कोटा और सवाई माधोपुर की भी है, जहां सूचकांक 150 दर्ज किया गया। यह दोनों शहर पांचवें और छठे स्थान पर हैं। पाली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 148 दर्ज किया गया है, जो देश के सबसे प्रदूषित शहरों में सातवें स्थान पर है।

मेघालय का बर्नीहाट भी 144 अंकों के साथ आठवें, जबकि चुरू नौवें स्थान पर है, जहां एक्यूआई 143 दर्ज किया गया है। इसी तरह गुरूग्राम (143) भी दस सबसे प्रदूषित शहरों में शुमार है।

आंकड़ों पर नजर डालें तो दौसा, चित्तौड़गढ़, सवाई माधोपुर और दिल्ली में ओजोन से स्थिति चिंताजनक है, जबकि बठिंडा, बर्नीहाट, मुजफ्फरनगर, टोंक और वापी की हवा में प्रदूषण के महीन कण पीएम2.5 हावी हैं। इसी तरह पाली, चुरू, गुरूग्राम, बद्दी, सीकर, नागौर, हनुमानगढ़, और झुंझुनूं आदि शहरों में पीएम10 से स्थिति चिन्ताजनक बनी हुई है।

राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो कल से प्रदूषण में इजाफा हुआ है। इसके साथ ही 12 अंकों के उछाल के साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 141 पर पहुंच गया है।

रुझानों से पता चला है कि देश में बालासोर सहित 71 शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में कोल्हापुर, कोलकाता, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, मुंगेर, मैसूर, नगांव, नागपुर, नमक्कल, नांदेड़, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, पिंपरी-चिंचवाड, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, पूर्णिया, रायपुर, रायरंगपुर, रामनगर, सांगली, शिवमोगा, शिवसागर, श्री विजया पुरम आदि शामिल हैं।

अच्छी खबर यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 20 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

देश में दिल्ली-अजमेर सहित 39 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में बीकानेर, बुलन्दशहर, बूंदी, बर्नीहाट, छपरा, चित्तौड़गढ़, चुरू, दौसा, गुरूग्राम, हनुमानगढ़, इंफाल, जयपुर, झुंझुनूं, करौली, खुर्जा, कोटा, लुधियाना, मंडी गोबिंदगढ़, मेरठ, मुजफ्फरनगर, नागौर, नवी मुंबई, नोएडा, पाली आदि शामिल हैं। कल से देखें तो देश में माध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 39 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

अमृतसर सहित देश के 119 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है।

इन शहरों में गंगटोक, गया, गाजियाबाद, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, ग्वालियर, हाजीपुर, हापुड, होसुर, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जलना, जालौर, झालावाड़, झांसी, जोधपुर, जोरापोखर, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, कांचीपुरम, कानपुर, काशीपुर, कटनी, क्योंझर, खन्ना, किशनगंज, कोहिमा, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, लखनऊ, महाड, मैहर, मालेगांव, मंडीदीप शामिल हैं।

वहीं कल से तुलना करें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 14 फीसदी की गिरावट आई है, जोकि चिंता का विषय है।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 229 में से 71 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। 119 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 23 मई 2025 को यह आंकड़ा 138 दर्ज किया गया था।

39 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।दूसरे शहरों की तुलना में बीकानेर (191) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 200 के करीब पहुंच गया। कल चुरू में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब सूचकांक 148 रिकॉर्ड किया गया।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में इजाफा हुआ है। इसके साथ ही 12 अंकों के उछाल के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 141 पर पहुंच गया। मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता खराब से मध्यम श्रेणी में पहुंच गई है। वहीं आज एक बार फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।

गौरतलब है कि पिछले चार महीनों जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।

आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज चित्तौड़गढ़ चौथे स्थान पर है, वहीं बठिंडा (173) दूसरे, जबकि दौसा (168) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 86, गाजियाबाद में 93, गुवाहाटी में 70, गुरूग्राम में 143, नोएडा में 116, ग्रेटर नोएडा में 94 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 91 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 96, चेन्नई में 50, चंडीगढ़ में 94, हैदराबाद में 61, जयपुर में 128 और पटना में 77 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 71 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, अहमदनगर, आइजोल, अकोला, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अमरावती (महाराष्ट्र), अररिया, अरियालूर, आरा, औरंगाबाद (बिहार), बागलकोट, बालासोर, बारबिल, बारीपदा, बैरकपुर, भागलपुर, भिलाई, बिलासपुर, बक्सर, चामराजनगर, चंद्रपुर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, चिकबलपुर, कोयंबटूर, कुड्डालोर, कटक, दावनगेरे, डिंडीगुल, दुर्गापुर, एलूर, हल्दिया, हुबली, कटिहार, कोल्हापुर, कोलकाता, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, मुंगेर, मैसूर, नगांव, नागपुर, नमक्कल, नांदेड़, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, पिंपरी-चिंचवाड, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, पूर्णिया, रायपुर, रायरंगपुर, रामनगर, सांगली, शिवमोगा, शिवसागर, श्री विजया पुरम, सुआकाती, टेन्सा, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, तिरुपुर, वेल्लोर, विजयपुरा, विरुधुनगर, वृंदावन, यादगीर शामिल हैं।

वहीं आगरा, अहमदाबाद, अलवर, अमृतसर, अनंतपुर, अंगुल, अंकलेश्वर, आसनसोल, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बांसवाड़ा, बारां, बरेली, बेगूसराय, बेलापुर, बेंगलुरु, बेतिया, भरतपुर, भीलवाड़ा, भिवंडी, भोपाल, भुवनेश्वर, बिलीपाड़ा, बोईसर, ब्रजराजनगर, ब्यासनगर, चंडीगढ़, छाल, चित्तूर, दमोह, देहरादून, देवास, धारवाड़, धौलपुर, डूंगरपुर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गंगटोक, गया, गाजियाबाद, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, ग्वालियर, हाजीपुर, हापुड, होसुर, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जलना, जालौर, झालावाड़, झांसी, जोधपुर, जोरापोखर, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, कांचीपुरम, कानपुर, काशीपुर, कटनी, क्योंझर, खन्ना, किशनगंज, कोहिमा, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, लखनऊ, महाड, मैहर, मालेगांव, मंडीदीप, मंगलौर, मंगुराहा, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुजफ्फरपुर, नाहरलगुन, नंदेसरी, नासिक, पंचगांव, पटियाला, पटना, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुणे, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, राजसमंद, सागर, सलेम, समस्तीपुर, सासाराम, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिंगरौली, सिरोही, सोलापुर, सूरत, तालचेर, ठाणे, तिरुचिरापल्ली, तुमिडीह, उदयपुर, वाराणसी, वातवा, विजयवाड़ा, विरार आदि 119 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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