

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, देश के 52 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता चिंताजनक है।
बहादुरगढ़, धारूहेड़ा और फतेहाबाद में एक्यूआई 300 के पार है।
दिल्ली में भी स्थिति खराब है, हालांकि कुछ शहरों में सुधार देखा गया है।
शिलांग की हवा सबसे साफ है। दिवाली के बाद प्रदूषण में वृद्धि हुई है, जिससे स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।
प्रदूषण के मामले में हरियाणा का बहादुरगढ़ पहले स्थान पर है, जहां प्रदूषण पूरी तरह हावी है। भले ही कल से वहां प्रदूषण में गिरावट आई है, हालांकि इसके बावजूद वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' बनी हुई है
धारूहेड़ा (312) दूसरे जबकि फतेहाबाद (309) तीसरे स्थान पर है। इसी तरह 297 अंकों के साथ कैथल चौथे स्थान पर है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 24 अक्टूबर 2025 को जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि देश के जहां महज 18 फीसदी शहरों में हवा साफ है।
वहीं करीब 30 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ 52 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं। मतलब की देश के ज्यादातर शहरों में आज हवा चिंताजनक है। राहत की खबर यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में इजाफा हुआ है।
रुझानों से पता चला है कि आज जहां देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 7.1 फीसदी का इजाफा हुआ है। वहीं सन्तोषजनक हवा वाले शहरों में करीब 12 फीसदी की गिरावट आई है। दूसरी तरफ मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में करीब 3.2 फीसदी का इजाफा हुआ है।
अच्छी खबर यह है कि आज देश में खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 9 फीसदी की कमी आई है। वहीं दूसरी तरफ बेहद खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में भी कल से करीब 50 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई, जोकि राहत की खबर है।
देश में मौसम के बदलाव के साथ त्यौहारों की धमक भी हवा पर साफ तौर पर दिखने लगी है। हर साल की तरह इस बार भी दिवाली के मौके पर जमकर हुई आतिशबाजी ने हवा को एक बार फिर जहरीला बना दिया। आज एक बार फिर प्रदूषण के मामले में हरियाणा का बहादुरगढ़ पहले स्थान पर है, जहां प्रदूषण पूरी तरह हावी है। भले ही कल से वहां प्रदूषण में गिरावट आई है, हालांकि इसके बावजूद वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' बनी हुई है।
इस दौरान वहां हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) हावी रहे। देखा जाए तो वहां फिजाओं में घुला जहर इतना अधिक है कि वो लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है।
बहादुरगढ़ में प्रदूषण से स्थिति किस कदर खराब है, इसी बात से समझा जा सकता है कि वहां प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित सुरक्षित सीमा से 2,020 फीसदी अधिक है। गौरतलब है कि कल बहादुरगढ़ में वायु गुणवत्ता का स्तर 325 दर्ज किया गया था। मतलब कि कल से वहां प्रदूषण में सात अंकों का सुधार आया है।
दूसरी तरफ आज देश में शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 9 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर बहादुरगढ़ की तुलना शिलांग से करें तो वहां स्थिति 34 गुणा खराब है।
राजधानी दिल्ली की बात करें तो वहां कल से प्रदूषण में गिरावट आई है। इसके साथ ही वहां वायु गुणवत्ता सूचकांक घटकर 275 पर पहुंच गया। दिल्ली में हालात इस कदर खराब है कि वहां वायु गुणवत्ता डब्ल्यूएचओ मानकों से 1,730 फीसदी अधिक प्रदूषित है।
वहीं दूसरी तरफ फरीदाबाद में कल से प्रदूषण में कोई बदलाव नहीं हुआ है, और स्थिति जस की तस बनी हुई है।
आंकड़ों से पता चला है कि आज प्रदूषण के मामले में धारूहेड़ा (312) दूसरे जबकि फतेहाबाद (309) तीसरे स्थान पर है। इसी तरह 297 अंकों के साथ कैथल चौथे स्थान पर है। मेरठ-मानेसर में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 290 और 280 से अधिक अंकों के साथ पांचवें और छठे पायदान पर हैं।
देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में आज दिल्ली (275) सातवें स्थान पर हैं। इसी तरह दस सबसे प्रदूषित शहरों में आज नंदेसरी (271), गाजियाबाद (269) और करनाल (269) भी शामिल हैं। गौरतलब है कि आज देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में हरियाणा के छह शहर (बहादुरगढ़, धारूहेड़ा, फतेहाबाद, कैथल, मानेसर, करनाल) शामिल हैं।
विश्लेषण से यह भी पता चला है कि आज जहां बहादुरगढ़, धारूहेड़ा, फतेहाबाद, कैथल, मानेसर, दिल्ली, नंदेसरी, गाजियाबाद, करनाल, चरखी दादरी, ग्रेटर नोएडा, हनुमानगढ़, नोएडा, भिवानी, हापुड, जींद, कोटा, रूपनगर, सिंगरौली, भिवाड़ी, बुलन्दशहर, सोनीपत, चित्तौड़गढ़, गुरूग्राम, भरतपुर, बागपत, सिरसा, अम्बाला, ग्वालियर, कुरूक्षेत्र, मंडी गोबिंदगढ़, फरीदाबाद, लुधियाना, सागर, धौलपुर, कानपुर, मुजफ्फरनगर, प्रयागराज, झालावाड़, मंडीदीप, पंचकुला, पीथमपुर, अंगुल, हाजीपुर, बारबिल, लखनऊ, हिसार, जालंधर आदि शहरों की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) हावी है।
मेरठ, मैहर, खुर्जा, बीकानेर, श्री गंगानगर, गोरखपुर, जैसलमेर, दौसा, पटना, क्योंझर, जबलपुर, किशनगंज, आगरा, रतलाम, भोपाल, चुरू, पाली, तालचेर, वृंदावन, जलगांव, बाड़मेर, पटियाला, धनबाद, जालौर, नागौर आदि शहरों में पीएम10 से स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।
इसी तरह कुछ शहरों में कार्बन और ओजोन से स्थिति खराब है। इन शहरों के विपरीत आज देश के 18 फीसदी यानी 45 शहरों में हवा साफ है।
इन साफ हवा वाले शहरों में गडग, गंगटोक, हसन, हुबली, कांचीपुरम, कोल्हापुर, कोप्पल, लातूर, मदिकेरी, मंगलौर, मैसूर, नागपट्टिनम, नांदेड़, नवी मुंबई, नयागढ़, ऊटी, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, रामनगर, रामनाथपुरम, रानीपेट, सांगली, शिलांग, शिवमोगा, सिलचर, शिवसागर, सोलापुर, तंजावुर, तिरुचिरापल्ली, तिरुनेलवेली, वेल्लोर, विजयपुरा आदि शामिल हैं।
कल से तुलना करें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 7.1 फीसदी का इजाफा हुआ है। दूसरी तरह संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में 11.6 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई।
आज देश के जिन शहरों में वायु गुणवत्ता सन्तोषजनक है, उनमें दुर्गापुर, एलूर, फिरोजाबाद, गया, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, हावेरी, होसुर, हैदराबाद, इंदौर, झांसी, जोरापोखर, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, करूर, कटिहार, कोहिमा, कोरबा, कुंजेमुरा, महाड, मालेगांव, मांडीखेड़ा, मंगुराहा, मुंबई, मुजफ्फरपुर, नगांव, नाहरलगुन, नारनौल, नासिक, पंचगांव, परभनी, पेरुंदुरई, पिंपरी-चिंचवाड, पुणे, पूर्णिया, रायपुर, रायरंगपुर, राजगीर, राजसमंद, ऋषिकेश, राउरकेला, सतना, सिलीगुड़ी, सिरोही, सिवान, टेन्सा, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुपुर, तुमकुरु, वापी, वाराणसी आदि शामिल हैं।
इन शहरों के उलट आज देश के 97 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है।
इन शहरों में आगरा, अहमदाबाद, अजमेर, अलवर, अमृतसर, अंगुल, अंकलेश्वर, अररिया, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बालासोर, बांसवाड़ा, बारां, बारबिल, बारीपदा, बाड़मेर, बठिंडा, बेगूसराय, भागलपुर, भीलवाड़ा, भिवंडी, भोपाल, भुवनेश्वर, बिहार शरीफ, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बूंदी, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चेंगलपट्टू, छाल, चुरू, कटक, दौसा, देवास, धनबाद, धौलपुर, धुले, डूंगरपुर, फरीदाबाद, गांधीनगर, गोरखपुर, हाजीपुर, हल्दिया, हिसार, हावड़ा, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, जोधपुर, कानपुर, करौली, काशीपुर, कटनी, क्योंझर, खन्ना, किशनगंज, कोलकाता, लखनऊ, लुधियाना, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मुरादाबाद, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, नागौर, नागपुर, नलबाड़ी, पाली, पलवल, पंचकुला, पटियाला, पटना, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, रतलाम, सागर, सासाराम, सवाई माधोपुर, सीकर, श्री गंगानगर, तालचेर, ठाणे, टोंक, तुमिडीह, उदयपुर, उल्हासनगर, वातवा, वृंदावन, यमुनानगर शामिल हैं।
कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 3.2 फीसदी का इजाफा हुआ है। देश में खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में करीब 8.8 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है, जोकि राहत की खबर है।
आज देश के जिन 31 शहरों में वायु गुणवत्ता खराब है, उनमें अम्बाला, बद्दी, बागपत, भरतपुर, भिवाड़ी, भिवानी, बुलन्दशहर, चरखी दादरी, चित्तौड़गढ़, दिल्ली, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, ग्वालियर, हनुमानगढ़, हापुड, जींद, कैथल, करनाल, खुर्जा, कोटा, कुरूक्षेत्र, मैहर, मानेसर, मेरठ, नंदेसरी, नोएडा, रूपनगर, सिंगरौली, सिरसा, सोनीपत शामिल हैं।
आंकड़ों में यह भी सामने आया है कि आज देश के तीन शहरों में वायु गुणवत्ता बेहद खराब है। इन शहरों में बहादुरगढ़, धारूहेड़ा, फतेहाबाद शामिल हैं। कल से तुलना करें तो देश में बेहद खराब हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 50 फीसदी की गिरावट आई है।
क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 252 में से 45 शहरों (7.1 फीसदी) में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) है। 76 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 23 अक्टूबर 2025 को यह आंकड़ा 86 दर्ज किया गया था।
97 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में बहादुरगढ़ (318) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 320 के करीब पहुंच गया। कल बहादुरगढ़ में वायु गुणवत्ता सूचकांक 325 रिकॉर्ड किया गया था।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में गिरावट आई है। दिल्ली में 30 अंकों के सुधार के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक घटकर 275 पर पहुंच गया है। मतलब की सुधार के बावजूद दिल्ली में वायु गुणवत्ता ‘खराब’ बनी हुई है। वहीं आज फरीदाबाद में प्रदूषण के स्तर में कोई बदलाव नहीं हुआ है और स्थिति जस की तस है।
गौरतलब है कि पिछले दो-तीन महीनों में जून, जुलाई और अगस्त के दौरान दिल्ली की वायु गुणवत्ता ज्यादातर दिन संतोषजनक रही। वहीं जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।
प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज कैथल चौथे स्थान पर है, वहीं धारूहेड़ा (312) दूसरे, जबकि फतेहाबाद (309) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 210, गाजियाबाद में 269, गुवाहाटी में 79, गुरूग्राम में 219, नोएडा में 246, ग्रेटर नोएडा में 262 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 75 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 171, चेन्नई में 61, चंडीगढ़ में 124, हैदराबाद में 58, जयपुर में 166 और पटना में 162 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 45 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, अहमदनगर, अमरावती (आंध्रप्रदेश), चामराजनगर, चंद्रपुर, चिक्कामगलुरु, कुड्डालोर, दावनगेरे, डिंडीगुल, गडग, गंगटोक, हसन, हुबली, कांचीपुरम, कोल्हापुर, कोप्पल, लातूर, मदिकेरी, मंगलौर, मैसूर, नागपट्टिनम, नांदेड़, नवी मुंबई, नयागढ़, ऊटी, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, रामनगर, रामनाथपुरम, रानीपेट, सांगली, शिलांग, शिवमोगा, सिलचर, शिवसागर, सोलापुर, तंजावुर, तिरुचिरापल्ली, तिरुनेलवेली, वेल्लोर, विजयपुरा, विरुधुनगर, विशाखापत्तनम, यादगीर शामिल हैं।
वहीं अकोला, अमरावती (महाराष्ट्र), बदलापुर, बल्लभगढ़, बरेली, बैरकपुर, बेलापुर, बेलगाम, बेंगलुरु, बेतिया, भिलाई, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, बक्सर, चेन्नई, छपरा, कोयंबटूर, दमोह, देहरादून, धारवाड़, दुर्गापुर, एलूर, फिरोजाबाद, गया, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, हावेरी, होसुर, हैदराबाद, इंदौर, झांसी, जोरापोखर, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, करूर, कटिहार, कोहिमा, कोरबा, कुंजेमुरा, महाड, मालेगांव, मांडीखेड़ा, मंगुराहा, मुंबई, मुजफ्फरपुर, नगांव, नाहरलगुन, नारनौल, नासिक, पंचगांव, परभनी, पेरुंदुरई, पिंपरी-चिंचवाड, पुणे, पूर्णिया, रायपुर, रायरंगपुर, राजगीर, राजसमंद, ऋषिकेश, राउरकेला, सतना, सिलीगुड़ी, सिरोही, सिवान, टेन्सा, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुपुर, तुमकुरु, वापी, वाराणसी, विजयवाड़ा, विरार आदि 76 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।