
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण का सिलसिला अभी थमा नहीं है। आज भी दिल्ली के वायु गुणवत्ता सूचकांक में 52 अंकों का उछाल आया है। इसके साथ ही दिल्ली में एक्यूआई बढ़कर 268 पर पहुंच गया। हालांकि दिल्ली में वायु गुणवत्ता अभी भी 'खराब' बनी हुई है।
फरीदाबाद में भी ऐसा ही कुछ देखने को मिला, जहां 25 अंकों के इजाफे के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 184 पर पहुंच गया।
आंकड़ों के मुताबिक आज देश में अजमेर की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां सूचकांक 295 दर्ज किया गया है। वहीं राहत की बात यह रही कि आज देश के किसी भी शहर में वायु गुणवत्ता का स्तर 'बेहद खराब' नहीं रहा। बता दें कि कल बर्नीहाट में हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित थी, जब एक्यूआई 341 रिकॉर्ड किया गया।
हालांकि अजमेर के बाद प्रदूषण के मामले में समस्तीपुर (293) दूसरे स्थान पर रहा। वहीं 286 अंकों के साथ हाजीपुर प्रदूषण के मामले में तीसरे स्थान पर रहा। पटना-पूर्णिया में भी स्थिति कोई खास अच्छी नहीं रही इन दोनों शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 285 दर्ज किया गया।
वहीं प्रदूषण के मामले में किशनगंज छठे, जबकि दिल्ली सातवें स्थान पर रही। इसके बाद बालासोर आठवे, जबकि नलबाड़ी नौवें स्थान पर रही। वहीं प्रदूषण के मामले में आज गुरूग्राम दसवें स्थान पर रहा, जहां एक्यूआई 244 रिकॉर्ड किया गया है।
दिल्ली-गुरुग्राम की तरह ही देश के 29 शहरों में वायु गुणवत्ता 'खराब' बनी हुई है। इन शहरों में अजमेर, अंगुल, अररिया, बालासोर, बेगूसराय, बुलन्दशहर, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चरखी दादरी, चुरू, कटक, दिल्ली, दुर्गापुर, गोरखपुर, गुरूग्राम, गुवाहाटी, हाजीपुर, हावड़ा, कटिहार, किशनगंज, लखनऊ, मंगुराहा, मुजफ्फरपुर, नलबाड़ी, पटना, पूर्णिया, सहरसा, समस्तीपुर, तालचेर शामिल थे।
कल से देखें तो देश में 'खराब' हवा वाले शहरों की गिनती में कोई बदलाव नहीं आया है, और स्थिति जस की तस बनी हुई है।
वहीं दूसरी तरफ देश में एक बार फिर मदिकेरी की हवा सबसे साफ रही, जहां एक्यूआई 18 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर अजमेर की तुलना मदिकेरी से करें तो वहां स्थिति 16 गुणा ज्यादा खराब है।
मदिकेरी की तरह ही देश के 21 शहरों में हवा साफ बनी हुई है। इन शहरों में अनंतपुर, बागलकोट, बठिंडा, चामराजनगर, छाल, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, गडग, हुबली, कांचीपुरम, कोप्पल, मदिकेरी, मैहर, ऊटी आदि शहर शामिल थे।
चिंता की बात यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की संख्या में करीब पांच फीसदी की गिरावट आई है।
अगरतला सहित देश के 77 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक दर्ज किया गया है। इन शहरों में झांसी, कडपा, कलबुर्गी, कन्नूर, करौली, करूर, क्योंझर, खन्ना, कोहिमा, कोलार, कोल्हापुर, कोल्लम, कोरबा, मदुरै, मंडी गोबिंदगढ़, मंगलौर, मिलुपारा, मैसूर, नागपट्टिनम, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, रतलाम, सलेम, शिवमोगा, सिलचर आदि शहर शामिल हैं। कल से तुलना करें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या में करीब 12 फीसदी का इजाफा हुआ है।
ताजा रुझानों के मुताबिक देश के छोटे बड़े 108 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है।
इन शहरों में अहमदाबाद, अहमदनगर, अकोला, अमृतसर, आरा, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बद्दी, बागपत, बारबिल, बारीपदा, बैरकपुर, बेलापुर, भागलपुर, भरतपुर, भिवाड़ी, भिवंडी, भुवनेश्वर, बिहार शरीफ, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बक्सर, चंद्रपुर, छपरा, चित्तौड़गढ़, कोयंबटूर, दौसा, देहरादून, धनबाद, धौलपुर, डूंगरपुर, फरीदाबाद, गया, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, ग्वालियर, हल्दिया, हनुमानगढ़, हापुड, हसन, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जलना, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, जोधपुर, कल्याण, कानपुर, काशीपुर, कटनी, खुर्जा, कोलकाता, कोटा, कुंजेमुरा, लातूर, लुधियाना, मालेगांव, मंडीदीप, मेरठ, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, नगांव, नागौर, नागपुर, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, नोएडा, पाली, पंचकुला, परभनी, पटियाला, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, पुणे, रायपुर, रायरंगपुर, राजसमंद, रोहतक, राउरकेला, रूपनगर, सागर, सवाई माधोपुर, सीकर, सिलीगुड़ी, सिंगरौली, सिवान, सोलापुर, सुआकाती, टेन्सा, टोंक, तुमकुरु, उदयपुर, उल्हासनगर, वापी, विरार, विरुधुनगर, विशाखापत्तनम शामिल हैं।
कल से देखें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में करीब चार फीसदी की गिरावट आई है।
रुझानों के मुताबिक जहां देश के करीब नौ फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं दूसरी तरफ 58 फीसदी से अधिक शहरों में हालात चिंताजनक हैं, जबकि 33 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 27 जनवरी 2025 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 235 में से महज 21 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 77 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 26 जनवरी 2025 को यह आंकड़ा 69 दर्ज किया गया।
108 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में अजमेर (295) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 300 के करीब पहुंच गया। वहीं कल बर्नीहाट में हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 341 दर्ज किया गया।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 52 अंकों का इजाफा हुआ है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर आज बढ़कर 268 पर पहुंच गया, मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता बिगड़कर ‘खराब’ स्तर पर पहुंच गई है।
गौरतलब है कि दिसंबर 2024 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा जहरीली न हो। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था।
देखा जाए तो देश में प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। प्रदूषण के मामले में आज पटना चौथे स्थान पर है, वहीं समस्तीपुर (293) दूसरे, जबकि हाजीपुर (285) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 184, गाजियाबाद में 162, गुरुग्राम में 244, नोएडा में 168, ग्रेटर नोएडा में 144 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 148 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 205, चेन्नई में 73, चंडीगढ़ में 209, हैदराबाद में 93, जयपुर में 148 और पटना में 285 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 21 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अमरावती, अनंतपुर, बागलकोट, बठिंडा, चामराजनगर, छाल, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, गडग, हुबली, कांचीपुरम, कोप्पल, मदिकेरी, मैहर, ऊटी, पालकालाइपेरुर, रामनाथपुरम, थूथुकुडी, तिरुनेलवेली, वाराणसी, वृंदावन शामिल हैं।
वहीं अगरतला, आगरा, आइजोल, अलवर, अमरावती, अंकलेश्वर, अरियालूर, बदलापुर, बांसवाड़ा, बरेली, बाड़मेर, बेंगलुरु, भिलाई, भीलवाड़ा, भोपाल, बिलासपुर, बोईसर, बूंदी, चेंगलपट्टू, चेन्नई, कुड्डालोर, दमोह, दावनगेरे, देवास, धारवाड़, धुले, डिंडीगुल, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गंगटोक, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, झांसी, कडपा, कलबुर्गी, कन्नूर, करौली, करूर, क्योंझर, खन्ना, कोहिमा, कोलार, कोल्हापुर, कोल्लम, कोरबा, मदुरै, मंडी गोबिंदगढ़, मंगलौर, मिलुपारा, मैसूर, नागपट्टिनम, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, रतलाम, सलेम, शिवमोगा, सिलचर, सिरोही, शिवसागर, श्रीगंगानगर, ठाणे, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुमाला, तिरुपुर, उडुपी, उज्जैन, वातवा, वेल्लोर, विजयवाड़ा, यादगीर आदि 77 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण का सिलसिला अभी थमा नहीं है। आज भी दिल्ली के वायु गुणवत्ता सूचकांक में 52 अंकों का उछाल आया है। इसके साथ ही दिल्ली में एक्यूआई बढ़कर 268 पर पहुंच गया। हालांकि दिल्ली में वायु गुणवत्ता अभी भी 'खराब' बनी हुई है।
फरीदाबाद में भी ऐसा ही कुछ देखने को मिला, जहां 25 अंकों के इजाफे के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 184 पर पहुंच गया।
आंकड़ों के मुताबिक आज देश में अजमेर की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां सूचकांक 295 दर्ज किया गया है। वहीं राहत की बात यह रही कि आज देश के किसी भी शहर में वायु गुणवत्ता का स्तर 'बेहद खराब' नहीं रहा। बता दें कि कल बर्नीहाट में हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित थी, जब एक्यूआई 341 रिकॉर्ड किया गया।
हालांकि अजमेर के बाद प्रदूषण के मामले में समस्तीपुर (293) दूसरे स्थान पर रहा। वहीं 286 अंकों के साथ हाजीपुर प्रदूषण के मामले में तीसरे स्थान पर रहा। पटना-पूर्णिया में भी स्थिति कोई खास अच्छी नहीं रही इन दोनों शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 285 दर्ज किया गया।
वहीं प्रदूषण के मामले में किशनगंज छठे, जबकि दिल्ली सातवें स्थान पर रही। इसके बाद बालासोर आठवे, जबकि नलबाड़ी नौवें स्थान पर रही। वहीं प्रदूषण के मामले में आज गुरूग्राम दसवें स्थान पर रहा, जहां एक्यूआई 244 रिकॉर्ड किया गया है।
दिल्ली-गुरुग्राम की तरह ही देश के 29 शहरों में वायु गुणवत्ता 'खराब' बनी हुई है। इन शहरों में अजमेर, अंगुल, अररिया, बालासोर, बेगूसराय, बुलन्दशहर, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चरखी दादरी, चुरू, कटक, दिल्ली, दुर्गापुर, गोरखपुर, गुरूग्राम, गुवाहाटी, हाजीपुर, हावड़ा, कटिहार, किशनगंज, लखनऊ, मंगुराहा, मुजफ्फरपुर, नलबाड़ी, पटना, पूर्णिया, सहरसा, समस्तीपुर, तालचेर शामिल थे।
कल से देखें तो देश में 'खराब' हवा वाले शहरों की गिनती में कोई बदलाव नहीं आया है, और स्थिति जस की तस बनी हुई है।
वहीं दूसरी तरफ देश में एक बार फिर मदिकेरी की हवा सबसे साफ रही, जहां एक्यूआई 18 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर अजमेर की तुलना मदिकेरी से करें तो वहां स्थिति 16 गुणा ज्यादा खराब है।
मदिकेरी की तरह ही देश के 21 शहरों में हवा साफ बनी हुई है। इन शहरों में अनंतपुर, बागलकोट, बठिंडा, चामराजनगर, छाल, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, गडग, हुबली, कांचीपुरम, कोप्पल, मदिकेरी, मैहर, ऊटी आदि शहर शामिल थे।
चिंता की बात यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की संख्या में करीब पांच फीसदी की गिरावट आई है।
अगरतला सहित देश के 77 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक दर्ज किया गया है। इन शहरों में झांसी, कडपा, कलबुर्गी, कन्नूर, करौली, करूर, क्योंझर, खन्ना, कोहिमा, कोलार, कोल्हापुर, कोल्लम, कोरबा, मदुरै, मंडी गोबिंदगढ़, मंगलौर, मिलुपारा, मैसूर, नागपट्टिनम, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, रतलाम, सलेम, शिवमोगा, सिलचर आदि शहर शामिल हैं। कल से तुलना करें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या में करीब 12 फीसदी का इजाफा हुआ है।
ताजा रुझानों के मुताबिक देश के छोटे बड़े 108 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है।
इन शहरों में अहमदाबाद, अहमदनगर, अकोला, अमृतसर, आरा, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बद्दी, बागपत, बारबिल, बारीपदा, बैरकपुर, बेलापुर, भागलपुर, भरतपुर, भिवाड़ी, भिवंडी, भुवनेश्वर, बिहार शरीफ, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बक्सर, चंद्रपुर, छपरा, चित्तौड़गढ़, कोयंबटूर, दौसा, देहरादून, धनबाद, धौलपुर, डूंगरपुर, फरीदाबाद, गया, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, ग्वालियर, हल्दिया, हनुमानगढ़, हापुड, हसन, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जलना, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, जोधपुर, कल्याण, कानपुर, काशीपुर, कटनी, खुर्जा, कोलकाता, कोटा, कुंजेमुरा, लातूर, लुधियाना, मालेगांव, मंडीदीप, मेरठ, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, नगांव, नागौर, नागपुर, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, नोएडा, पाली, पंचकुला, परभनी, पटियाला, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, पुणे, रायपुर, रायरंगपुर, राजसमंद, रोहतक, राउरकेला, रूपनगर, सागर, सवाई माधोपुर, सीकर, सिलीगुड़ी, सिंगरौली, सिवान, सोलापुर, सुआकाती, टेन्सा, टोंक, तुमकुरु, उदयपुर, उल्हासनगर, वापी, विरार, विरुधुनगर, विशाखापत्तनम शामिल हैं।
कल से देखें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में करीब चार फीसदी की गिरावट आई है।
रुझानों के मुताबिक जहां देश के करीब नौ फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं दूसरी तरफ 58 फीसदी से अधिक शहरों में हालात चिंताजनक हैं, जबकि 33 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 27 जनवरी 2025 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 235 में से महज 21 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 77 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 26 जनवरी 2025 को यह आंकड़ा 69 दर्ज किया गया।
108 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में अजमेर (295) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 300 के करीब पहुंच गया। वहीं कल बर्नीहाट में हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 341 दर्ज किया गया।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 52 अंकों का इजाफा हुआ है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर आज बढ़कर 268 पर पहुंच गया, मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता बिगड़कर ‘खराब’ स्तर पर पहुंच गई है।
गौरतलब है कि दिसंबर 2024 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा जहरीली न हो। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था।
देखा जाए तो देश में प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। प्रदूषण के मामले में आज पटना चौथे स्थान पर है, वहीं समस्तीपुर (293) दूसरे, जबकि हाजीपुर (285) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 184, गाजियाबाद में 162, गुरुग्राम में 244, नोएडा में 168, ग्रेटर नोएडा में 144 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 148 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 205, चेन्नई में 73, चंडीगढ़ में 209, हैदराबाद में 93, जयपुर में 148 और पटना में 285 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 21 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अमरावती, अनंतपुर, बागलकोट, बठिंडा, चामराजनगर, छाल, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, गडग, हुबली, कांचीपुरम, कोप्पल, मदिकेरी, मैहर, ऊटी, पालकालाइपेरुर, रामनाथपुरम, थूथुकुडी, तिरुनेलवेली, वाराणसी, वृंदावन शामिल हैं।
वहीं अगरतला, आगरा, आइजोल, अलवर, अमरावती, अंकलेश्वर, अरियालूर, बदलापुर, बांसवाड़ा, बरेली, बाड़मेर, बेंगलुरु, भिलाई, भीलवाड़ा, भोपाल, बिलासपुर, बोईसर, बूंदी, चेंगलपट्टू, चेन्नई, कुड्डालोर, दमोह, दावनगेरे, देवास, धारवाड़, धुले, डिंडीगुल, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गंगटोक, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, झांसी, कडपा, कलबुर्गी, कन्नूर, करौली, करूर, क्योंझर, खन्ना, कोहिमा, कोलार, कोल्हापुर, कोल्लम, कोरबा, मदुरै, मंडी गोबिंदगढ़, मंगलौर, मिलुपारा, मैसूर, नागपट्टिनम, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, रतलाम, सलेम, शिवमोगा, सिलचर, सिरोही, शिवसागर, श्रीगंगानगर, ठाणे, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुमाला, तिरुपुर, उडुपी, उज्जैन, वातवा, वेल्लोर, विजयवाड़ा, यादगीर आदि 77 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।