देश के बाकी शहरों को पीछे छोड़ मेघालय का बर्नीहाट प्रदूषण के मामले में पहले स्थान पर पहुंच गया है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 281 दर्ज किया गया है। इसी तरह श्री गंगानगर (271) और मंडी गोविंदगढ़ (211) में भी हवा दमघोंटू बनी हुई है।
स्थिति यह है इन शहरों की हवा में घुला जहर लोगों को बीमार बना देने के लिए काफी है। वहीं दूसरी तरफ देश में आइजोल की हवा सबसे स्वच्छ है, जहां एक्यूआई 10 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि बर्नीहाट के प्रदूषण की तुलना आइजोल से करें तो वहां स्थिति 28 गुना खराब है।
दूसरी तरफ ताजा आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली की वायु गुणवत्ता में कल से सुधार आया है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 25 अंकों के सुधार के साथ 113 पर पहुंच गया। इसी तरह पडोसी शहर फरीदाबाद में भी स्थिति कल से बेहतर हुई है, जहां एक्यूआई में 32 अंकों की गिरावट आई है।
हालांकि इन दोनों ही शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम बना हुआ है। दिल्ली-फरीदाबाद की तरह ही देश के 26 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम है।
इन शहरों में अजमेर, अमृतसर, बागपत, बल्लभगढ़, बठिंडा, भिवाड़ी, बीकानेर, बक्सर, चंडीगढ़, चित्तौड़गढ़, दिल्ली, दुर्गापुर, फरीदाबाद, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरुग्राम, गुवाहाटी, खन्ना, खुर्जा, लुधियाना, मुजफ्फरनगर, नंदेसरी, नोएडा, पंचकुला, पिंपरी-चिंचवाड़, समस्तीपुर, सिंगरौली, विशाखापत्तनम शामिल हैं। कल की तुलना में देखें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में तीन फीसदी की गिरावट आई है।
आइजोल की तरह ही देश के 81 अन्य शहरों में भी वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर बना हुआ है। हालांकि कल से इन शहरों की संख्या में मामूली गिरावट आई है।
आंकड़ों के मुताबिक देश में देहरादून, देवास, धौलपुर, फिरोजाबाद, गडग, गंगटोक, गोरखपुर, हल्दिया, हावेरी, हुबली, इंदौर, जबलपुर, जलगांव, कलबुर्गी, कल्याण, करौली, कारवार, किशनगंज, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोप्पल, लातूर, महाद, मंडीदीप, मंडीखेड़ा, मंगलौर, मीरा-भयंदर, मुंबई, मैसूरु, नागपुर, नाहरलागुन, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पानीपत, प्रयागराज, पुणे, रायपुर आदि शहरों में वायु गुणवत्ता बेहतर दर्ज की गई है।
इसी तरह देश के छोटे बड़े 113 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है। हालांकि कल से इन शहरों की संख्या में भी तीन फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखी गई है। इन शहरों में भोपाल, भुवनेश्वर, बिलीपदा, बुलंदशहर, बूंदी, ब्यासनगर, चरखी दादरी, चेन्नई, चित्तूर, चूरू, कटक, दौसा, धारूहेड़ा, धारवाड़, धुले, डूंगरपुर, एलूर, फतेहाबाद, गया, गुम्मिडीपोंडी, ग्वालियर, हाजीपुर, हापुड़, हसन, हिसार, हावड़ा, हैदराबाद, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलना, जालोर, झालावाड़, झांसी, झुंझुनू, जींद, जोधपुर, कडपा, कैथल, कन्नूर, कानपुर, करनाल, काशीपुर, कटिहार, कटनी, कोलार, कोरबा, कोटा, कुरुक्षेत्र, लखनऊ, मालेगांव, मानेसर, मेरठ, मिलुपारा, मुरादाबाद, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नागांव, नागौर, नलबाड़ी, नारनौल, पाली, पलवल, पटियाला, पटना आदि शहर शामिल थे।
कुल मिलकर देखें तो देश में बड़े शहरों की तुलना में छोटे शहरों में स्थिति कहीं ज्यादा खराब है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 11 जुलाई 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 226 में से 82 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 113 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 10 जुलाई 2024 यह आंकड़ा 117 दर्ज किया गया था। 28 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।
दूसरे शहरों की तुलना में बर्नीहाट (281), मंडी गोविंदगढ़ (211) और श्री गंगानगर (271) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 300 के करीब पहुंच गया है। यदि दिल्ली (113) की बात करें तो वहां वायु गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी में बनी हुई है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स में कल से 25 अंको की गिरावट आई है।
दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 142, गाजियाबाद में 128, गुरुग्राम में 106, नोएडा में 101, ग्रेटर नोएडा में 112 पर पहुंच गया है। देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 38 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'बेहतर' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 76, चेन्नई में 69, चंडीगढ़ में 141, हैदराबाद में 54, जयपुर में 78 और पटना में 96 दर्ज किया गया।
इन शहरों की हवा रही सबसे साफ
देश के जिन 82 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला 50, आगरा 44, आइजोल 18, अमरावती 42, अमरावती 37, अरियालुर 36, औरंगाबाद (बिहार) 39, औरंगाबाद (महाराष्ट्र) 46, बदलापुर 49, बागलकोट 46, बरेली 22, बेलापुर 40, भरतपुर 43, भिलाई 30, भीलवाड़ा 49, बिलासपुर 41, बोईसर 31, ब्रजराजनगर 43, चामराजनगर 43, चंद्रपुर 44, छाल 49, चिक्कबल्लापुर 21, चिक्कमगलुरु 42, कुड्डालोर 46, दावनगेरे 26, देहरादून 49, देवास 48, धौलपुर 44, फिरोजाबाद 46, गडग 49, गंगटोक 21, गोरखपुर 50, हल्दिया 46, हावेरी 37, हुबली 46, इंदौर 47, जबलपुर 48, जलगांव 47, कलबुर्गी 43, कल्याण 37, करौली 37, कारवार 21, किशनगंज 41, कोहिमा 39, कोल्हापुर 35, कोलकाता 49, कोप्पल 48, लातूर 37, महाद 47, मंडीदीप 39, मंडीखेड़ा 34, मंगलौर 48, मीरा-भयंदर 35, मुंबई 38, मैसूरु 41, नागपुर 43, नाहरलागुन 17, नांदेड़ 47, नासिक 42, नवी मुंबई 42, नयागढ़ 45, पानीपत 49, प्रयागराज 31, पुणे 48, रायपुर 48, राजसमंद 50, रामनगर 29, रामनाथपुरम 35, ऋषिकेश 44, सांगली 36, शिलांग 36, शिवमोगा 42, सिलचर 47, सिलीगुड़ी 40, शिवसागर 49, ठाणे 37, तिरुवनंतपुरम 40, वापी 49, वाराणसी 42, वातवा 34, विरुधुनगर 28 और यादगीर 28 शामिल रहे।
वहीं अहमदाबाद, अकोला, अलवर, अनंतपुर, अंगुल, आसनसोल, बहादुरगढ़, बालासोर, बांसवाड़ा, बारां, बारबिल, बारीपदा, बाड़मेर, बेलगाम, बेंगलुरु, भागलपुर, भिवंडी, भिवानी, भोपाल, भुवनेश्वर, बिलीपदा, बुलंदशहर, बूंदी, ब्यासनगर, चरखी दादरी, चेन्नई, चित्तूर, चूरू, कटक, दौसा, धारूहेड़ा, धारवाड़, धुले, डूंगरपुर, एलूर, फतेहाबाद, गया, गुम्मिडीपोंडी, ग्वालियर, हाजीपुर, हापुड़, हसन, हिसार, हावड़ा, हैदराबाद, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलना, जालोर, झालावाड़, झांसी, झुंझुनू, जींद, जोधपुर, कडपा, कैथल, कन्नूर, कानपुर, करनाल, काशीपुर, कटिहार, कटनी, कोलार, कोरबा, कोटा, कुरुक्षेत्र, लखनऊ, मालेगांव, मानेसर, मेरठ, मिलुपारा, मुरादाबाद, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नागांव, नागौर, नलबाड़ी, नारनौल, पाली, पलवल, पटियाला, पटना, पीथमपुर, प्रतापगढ़, पूर्णिया, रायचुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, रतलाम, रोहतक, राउरकेला, सागर, सहरसा, सवाई माधोपुर, सीकर, सिरसा, सीवान, सोलापुर, सोनीपत, सुआकाती, तालचेर, थूथुकुडी, तुमकुरु, उदयपुर, उडुपी, उज्जैन, उल्हासनगर, विजयपुरा, विजयवाड़ा, विरार, वृंदावन, यमुना नगर आदि 113 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।